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बाबा दरबार से गंगधार तक विस्तारित श्रीकाशी विश्वनाथ धाम कारिडोर 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जनता को समर्पित करेंगे

वाराणसी में बाबा दरबार से गंगधार तक विस्तारित श्रीकाशी विश्वनाथ धाम कारिडोर 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जनता को समर्पित करेंगे। इसे ध्यान में रखते हुए 10 दिसंबर तक संपूर्ण कार्य पूरा कर लिया जाना है। इस खास मौके पर बाबा दरबार की साज-सज्जा के लिए श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के पट  एक दिसंबर को बंद रहेगा। अगले दिन दो दिसंबर को सुबह छह बजे श्रद्धालुओं के लिए पट खुलेंगे।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र बनारस में तीन दिन प्रवास करेंगे। पीएम 13 दिसंबर को ड्रीम प्रोजेक्ट श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करेंगे। अगले दिन 14 दिसंबर को बरेका प्रेक्षागृह में महापौर सम्मेलन को संबोधित करेंगे तो शहंशाहपुर में नवनिर्मित बायो गैस प्लांट परिसर में जीरो बजट खेती पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में भागीदारी करेंगे। 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री सम्मेलन में होंगे। इस दौरान स्वर्वेद महामंदिर उमरहा में विहंगम योग संत समाज के 98वें वार्षिकोत्सव में भी शामिल हो सकते हैं।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन दिवसीय प्रवास में बरेका अतिथि गृह में ही ठहरेंगे। इसे देखते हुए अतिथि गृह नए सिरे से सजाया-संवारा जा रहा है। हालांकि प्रोटोकाल जारी होने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि प्रधानमंत्री बनारस में किन कार्यक्रमों में शामिल होंगे, लेकिन प्रशासन अपने स्तर पर तैयारी में पूरी तरह जुटा है। इसमें श्रीकाशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण के अगले दिन देश भर से जुटे 200 महापौर का सम्मेलन, सीएम समिट, जीरो बजट खेती पर संगोष्ठी खास है। महापौर सम्मेलन में पीएम ‘अपने-अपने शहरों में ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण की दिशा में बढ़ाए गए कदम’ पर चर्चा करेंगे। प्रधानमंत्री ने अपने पहले कार्यकाल में ही ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण को लेकर हृदय योजना लागू की थी। इसके तहत बनारस में भी बहुत से कार्य हुए हैं।

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कानून वापसी का एलान करते हुए भी प्रधानमंत्री ने उनकी खासियतों पर जोर देकर कहा कि प्रदर्शनकारी उनके फायदों को नहीं देख सके

गुरु नानक जयंती के अवसर पर तमाम लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर यही उम्मीदे लगाए बैठे होंगे कि वह किसी न किसी गुरुद्वारे अवश्य जाएंगे। पंजाब में आसन्न विधानसभा चुनावों को देखते हुए उनके अमृतसर जाने की संभावना भी जताई जा रही थी। मोदी का व्यक्तित्व जिस प्रकार आश्चर्यचकित करने वाला है उससे ऐसी अटकलें भी लगाई जा रही थीं कि वह फिर से खोले गए करतारपुर कारिडोर गुरुद्वारा दरबार साहिब भी जा सकते हैं। ऐसे अनुमानों के बीच जब यह घोषणा हुई कि प्रधानमंत्री सुबह नौ बजे राष्ट्र के नाम संबोधन देंगे तो हर कोई हैरत में पड़ गया।गुरु पर्व से जुड़े शुरुआती संबोधन के बाद जब प्रधानमंत्री खेती और किसानों के हित में अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का ब्योरा देने लगे, तो अंदाजा लगाना मुश्किल हो गया कि वह किस दिशा में जा रहे? उन्होंने कृषि कानूनों की पृष्ठभूमि को समझाना शुरू किया। विशेषज्ञों की राय और छोटे एवं सीमांत किसानों के प्रति फिक्र जताने के साथ ही उन्होंने उस बड़े तबके को धन्यवाद दिया, जिसने इन सुधारों का समर्थन किया। फिर वह किसानों के विरोध-प्रदर्शन वाले बिंदु पर आए। उन्होंने जोर देकर कहा कि कुछ राज्यों के किसानों का एक छोटा वर्ग ही इन सुधारों का विरोध करने पर अड़ा था। उन्होंने प्रदर्शनकारी किसानों से सरकार की वार्ता के प्रयासों का उल्लेख किया कि वह गतिरोध का हल निकालने के लिए किस प्रकार सक्रिय थी। ऐसे संभावित स्वीकार्य हल में कानूनों को निलंबित करने का प्रस्ताव भी था। स्पष्ट है कि वह प्रदर्शनकारी किसानों के अड़ियल और अतार्किक रवैये की ओर संकेत कर रहे थे। आखिर में जब उन्होंने एलान किया कि कुछ असंगत प्रदर्शनकारी समूहों की इच्छा को देखते सरकार इन कानूनों को निरस्त कर रही है, तो इस घोषणा ने सभी को चकित कर दिया। लोगों को भरोसा ही नहीं हो रहा था।

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पीएम की अप्रत्याशित घोषणा के बाद सरकार समर्थकों और विरोधियों, दोनों को कुछ नहीं सूझ रहा था। यहां तक कि सरकार के इस रुख से खुश होने वाले भी यह नहीं समझ सके कि मजबूत फैसले लेने और अपने रुख पर अडिग रहने वाली सरकार यकायक कैसे झुक गई? जबकि पिछले कुछ महीनों से यही लग रहा था किसान संगठनों का विरोध-प्रदर्शन निस्तेज हो रहा है। इससे जुड़े अहम किरदार निढाल दिखने लगे थे। संयुक्त किसान मोर्चा के विभिन्न धड़ों में भी दरारें पड़ने लगी थीं। किसानों द्वारा सड़कों की घेराबंदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट का धैर्य भी जवाब देने लगा था। ऐसे में यह दलील उतनी गले नहीं उतरती कि सरकार महज प्रदर्शनकारियों के दबाव में आकर इन कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर हुई। नि:संदेह इसके पीछे चुनावी परिदृश्य भी है। पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कुछ समय बाद चुनाव होने हैं। वहां कृषि कानूनों का कुछ असर दिख सकता था। पंजाब में तो यह बड़ा मुद्दा बन गया था। वहीं उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से और उत्तराखंड के तराई इलाके में भी यह मुद्दा प्रभावित करता। वैसे इतना बड़ा फैसला केवल चुनावी फायदे को देखकर नहीं लिया गया होगा, जिस पर नरेन्द्र मोदी ने अपनी भारी राजनीतिक पूंजी दांव पर लगा रखी थी। ऐसे में इसके और बड़े निहितार्थ रहे होंगे, जिन्होंने सरकार को इतना बड़ा यू-टर्न लेने पर बाध्य कर दियाएक अनुमान तो यही है कि राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सरकार की चिंता बढ़ रही थी। कैप्टन अमरिंदर सिंह प्रदर्शनकारियों के बीच खालिस्तानी और पाकिस्तानी तत्वों की बढ़ती पैठ को लेकर लगातार आगाह करते आ रहे थे। इससे पंजाब में तीन दशक पहले जैसी अशांति एवं अस्थिरता का खतरा बढ़ रहा था। ऐसे तत्वों का तराई इलाके में भी प्रभाव है, जहां सिखों की बड़ी आबादी रहती है। पाकिस्तान में बदलते घटनाक्रम को देखते हुए सरकार यह जोखिम नहीं ले सकती थी। ऐसे में यह कदम इन तत्वों को मात देने और शिरोमणि अकाली दल, भाजपा और अमरिंदर सिंह के नए राजनीतिक धड़े के बीच गठजोड़ की राह खोलने वाला एक दांव हो सकता है, ताकि पंजाब में राष्ट्रवादी ताकतों को मजबूती दी जा सके। इसका समांतर लाभ आम आदमी पार्टी के प्रभाव को कम करने के रूप में भी मिलेगा, जिस पर भाजपा कांग्रेस से भी कम एतबार करती है।यह दावे के साथ नहीं कहा जा सकता कि भाजपा को इसका कितना चुनावी लाभ मिलेगा, क्योंकि चुनाव में कई और पहलू भूमिका निभाते हैं।

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उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कुछ सत्ता विरोधी रुझान जरूर है। इसके बावजूद फिलहाल योगी सरकार आगे दिख रही है, लेकिन इससे इन्कार नहीं कि अखिलेश यादव ने माहौल बनाना शुरू कर दिया है, जो और गति पकड़ सकता है। वहीं उत्तराखंड में भाजपा अपनी ही समस्याओं से घिरी है। पंजाब को लेकर अकाली दल और अमरिंदर का मेल भी संदेह से परे नहीं है। इसलिए इन सन्निहित नकारात्मक पहलुओं को देखते हुए इसे एक ‘चुनावी मास्टरस्ट्रोक’ के रूप में चित्रित करना भी इसका सरलीकरण होगा। फिलहाल सबसे बड़ी चिंता यही है कि इसका असर मोदी सरकार के शेष कार्यकाल की कार्यक्षमता पर पड़ सकता है। इससे विपक्ष को लगेगा कि सरकार पर निरंतर दबाव बनाकर उसे झुकाया जा सकता है। हालिया उपचुनावों के मिश्रित नतीजों के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतों में एकाएक कटौती से विपक्ष को पहले ही इसका स्वाद लग गया है। चूंकि अगले दो वर्षों में कई राज्यों के विधानसभा चुनाव होने हैं, तो इससे बड़े सुधारों को आगे बढ़ाने की सरकारी क्षमता सीमित हो जाएगी। इसके अलावा नागरिकता संशोधन कानून, अनुच्छेद 370 और श्रम कानूनों जैसे उसके अन्य कदमों पर भी पेच फंस सकता है। बाहरी मोर्चे पर पहले से ही तनाव बढ़ा हुआ है। देश कोविड से लगे झटके के बाद अभी पूरी तरह उबर नहीं पाया है। उसकी तीसरी लहर की आशंका को भी खारिज नहीं किया जा सकता। ऐसे में सरकार के फ्रंटफुट पर खेलने की क्षमता प्रभावित होगी।दिलचस्प है कि कानून वापसी का एलान करते हुए भी प्रधानमंत्री ने उनकी खासियतों पर जोर देकर कहा कि प्रदर्शनकारी उनके फायदों को नहीं देख सके। उन्होंने यह भी कहा कि इन कानूनों को जल्दबाजी में लागू नहीं किया जा सकता यानी अगले आम चुनाव से पहले तो बिल्कुल नहीं। इसका सबसे बड़ा नुकसान देश में कृषि सुधारों के भविष्य को भुगतना होगा।

कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन को शह देने में जुटे विपक्ष की रणनीति को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक झटके में मात दे दी

कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन को शह देने में जुटे विपक्ष की रणनीति को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक झटके में मात दे दी। आंदोलन ने बेशक पूरे प्रदेश को अपनी जद में न लिया हो, लेकिन राज्य के पश्चिम और तराई क्षेत्र की लगभग 125 सीटों पर चुनावी दंगल तगड़ा होने की आशंका जरूर थी। अंतत: किसानों की मांग पर बड़ा दिल दिखाते हुए सरकार ने जो यू-टर्न लिया है, वह विपक्ष के हाथ से किसानों का मुद्दा छीनकर उल्टे पांव लौटा सकता है।कुछ माह बाद ही विधान सभा का चुनाव होने जा रहा है। सत्ताधारी भाजपा के सामने सरकार बचाने तो लगातार चुनावों में हार देख रही सपा, बसपा और कांग्रेस के सामने अस्तित्व बचाने का संकट है। ऐसे में इन विरोधी दलों ने कानून व्यवस्था से लेकर महंगाई तक तमाम मुद्दों को सिक्के की तरह उछालकर देखा, लेकिन उससे जनता को उम्मीदों के मुताबिक शायद वह न जोड़ सके। इधर, केंद्र सरकार द्वारा करीब एक वर्ष पहले लागू किए तीन कृषि कानूनों का ही एकमात्र मुद्दा ऐसा रहा, जिस पर समूचे विपक्ष की आस जा टिकी। दिल्ली-यूपी की सीमा पर लगभग एक वर्ष से चल रहे आंदोलन के बहाने सभी दलों ने भाजपा सरकार को घेरने की कोशिश की। सभी ने इन्हें काला कानून बताते हुए आंदोलन का समर्थन किया।

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भले ही आंदोलनकारियों ने विपक्षी दलों को अपना मंच साझा नहीं करने दिया, लेकिन इन पार्टियों के रणनीतिकारों ने इस मुद्दे पर ही चुनावी बिसात बिछाना ज्यादा मुफीद समझा। कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने किसान पंचायतें कीं तो समाजवादी पार्टी ने किसान पटेल यात्रा प्रदेश में निकाली। बसपा प्रमुख मायावती भी कृषि कानूनों को वापस लिए जाने मांग दोहराती रहीं। राजनीति के जानकार मानते हैं कि इन कानूनों के विरुद्ध प्रदेश में आंदोलन तमाम प्रयासों के बाद भी विस्तार नहीं ले सका, लेकिन पश्चिम और तराई क्षेत्र में भाजपा के लिए राह कठिन जरूर लगने लगी थी। मेरठ, मुजफ्फरनगर, हापुड़, मुरादाबाद, सहारनपुर, बागपत, शामली, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी आदि जिलों की लगभग 125 सीटों पर विपक्षी दलों को भाजपा के खिलाफ माहौल बनाने का मौका दे दिया। ज्यों-ज्यों चुनाव तेजी पकड़ता, वैसे-वैसे यह पार्टियां कृषि कानूनों पर चर्चा के सहारे कानून व्यवस्था, महंगाई आदि की चर्चा कर माहौल खराब कर सकते थे। अब कानूनों को वापस लेने से चुनाव में यह मुद्दा ही नहीं रहेगा।केंद्र सरकार के इस फैसले ने भाजपा संगठन को भी सुकून दिया है। अभी तक विधान सभा चुनाव की रणनीति में पश्चिमी उत्तर प्रदेश को लेकर खास सतर्कता बरती जा रही थी। पार्टी किसानों का मन टटोल रही थी। खास तौर पर पश्चिम और तराई क्षेत्र के नेताओं के मन में संकोच था कि किसानों के बीच जाने पर कहीं इस मुद्दे का सामना न करना पड़े। मौजूदा विधायक और चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे नेताओं ने अब ठंडी सांस ली होगी।

लखनऊ में शुक्रवार से तीन दिवसीय 56वें डीजीपी सम्मेलन का शुभारंभ गृह मंत्री अमित शाह ने किया

देश की आंतरिक सुरक्षा को मुस्तैद करने के लिए बड़े जतन कर रही नरेन्द्र मोदी सरकार अब आतंकवाद से लेकर साइबर अपराध पर अंकुश लगाने की बड़ी तैयारी में है। इसको लेकर लखनऊ में शुक्रवार से तीन दिवसीय 56वें डीजीपी सम्मेलन का शुभारंभ गृह मंत्री अमित शाह ने किया। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 20 व 21 नवंबर को शामिल होंगे। गृह मंत्री तथा सहकारिता मंत्री अमित शाह दिन में करीब दो बजे विशेष विमान से लखनऊ के चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट, अमौसी पर पहुंचे। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा के साथ कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, ब्रजेश पाठक तथा आशुतोष टंडन ने उनका स्वागत किया। गृह मंत्री अमित शाह इसके बाद गोमतीनगर विस्तार में सिगनेचर बिल्डिंग में पहुंचे। वहां पर उन्होंने डीजीपी सम्मेलन का उद्घाटन किया।  गृह मंत्री अमित शाह ने संयुक्त प्रारूप में आयोजित सम्मेलन का शुभारंभ किया। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के डीजीपी, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुख लखनऊ में डीजीपी मुख्यालय, गोमतीनगर में होने वाले इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। इसके साथ ही शेष आमंत्रित पुलिस अधिकारी आइबी/राज्य आइबी मुख्यालयों में 37 विभिन्न स्थानों से वर्चुअल माध्यम से सम्मेलन में भागीदारी करेंगे। सम्मेलन में अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, आइबी व सीबीआइ के निदेशक तीनों दिन भागीदारी करेंगे। सम्मेलन का मुख्य आयोजन डीजीपी मुख्यालय के नौवें तल पर हो रहा है। कार्यक्रम में 68 लोग अतिथि के रूप में मौजूद हैं।

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उत्तर प्रदेश में पहली बार आयोजित हो रहे पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) और पुलिस महानिरीक्षकों (आइजी) के 56वें वार्षिक सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 20 और 21 नवंबर को भागीदारी करेंगे। प्रधानमंत्री के साथ देश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी साइबर अपराध, आतंकवाद विरोधी चुनौतियों, वामपंथी उग्रवाद, मादक पदार्थों की तस्करी की रोकथाम के नई तरीकों से लेकर जेल सुधार और पुलिस आधुनिकीकरण से जुड़े अन्य मुद्दों पर मंथन करेंगे। इसके साथ ही सम्मेलन में देश की आंतरिक सुरक्षा पर सिलसिलेवार चर्चा होगी।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 से डीजीपी सम्मेलन में गहरी रुचि ली है। वह इस सम्मेलन के सभी सत्रों में भाग लेकर स्वतंत्र और अनौपचारिक चर्चाओं को प्रोत्साहित करते रहे हैं। जिससे शीर्ष पुलिस अधिकारियों को देश को प्रभावित करने वाली प्रमुख नीतियों और आंतरिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर सीधे प्रधानमंत्री को जानकारी देने का बड़ा अवसर मिलता है। लखनऊ में पहली बार हो रहे सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अतिथि गुरुवार शाम से ही पहुंच गए थे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार रात करीब 8:45 बजे झांसी से लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचेंगे और राजभवन जाएंगे। 20 नवंबर की सुबह नौ बजे प्रधानमंत्री राजभवन से सड़क मार्ग से डीजीपी मुख्यालय पहुंचकर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। शाम सात बजे प्रधानमंत्री डीजीपी मुख्यालय से वापस राजभवन जाएंगे और रात आठ बजे वापस डीजीपी मुख्यालय पहुंचेंगे और रात्रिभोज में शामिल होंगे। 20 नवंबर की रात भी प्रधानमंत्री राजभवन में ठहरेंगे और 21 नवंबर की सुबह करीब 9:20 बजे डीजीपी मुख्यालय पहुंचकर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इसके बाद शाम करीब 4:10 बजे प्रधानमंत्री डीजीपी मुख्यालय से अमौसी एयरपोर्ट जाएंगे और वहां से दिल्ली रवाना होंगे।वर्ष 2014 से इस वार्षिक सम्मेलन का आयोजन दिल्ली के बाहर आरंभ किया गया है। पहले यह सम्मेलन परंपरागत रूप से दिल्ली में ही आयोजित होता था। बीते वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते डीजीपी सम्मेलन का वर्चुअल आयोजन हुआ था। इससे पूर्व वर्ष 2014 में गुवाहाटी, वर्ष 2015 में कच्छ, वर्ष 2016 में राष्ट्रीय पुलिस अकादमी हैदराबाद, वर्ष 2017 में बीएसएफ अकादमी टेकनपुर, वर्ष 2018 में केवडिय़ा और वर्ष 2019 में आइआइएसईआर, पुणे में डीजीपी सम्मेलन आयोजित हो चुका है।

परिवारवादियों की सरकारों ने दशकों तक यूपी के गांवों को प्यासा रखा-पीएम मोदी

उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीर भूमि महोबा में 3,240 करोड़ रुपये की अर्जुन सहायक परियोजना, भावनी बांध परियोजना, रतौली बांध परियोजना, मसगांव-चिल्ली स्प्रिंकलर परियोजना का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि परिवारवादियों की सरकारों ने दशकों तक यूपी के अधिकतर गांवों को प्यासा रखा है। परिवारवादियों की सरकारें किसानों को सिर्फ अभाव में रखना चाहती थीं। वो किसानों के नाम से घोषणाएं करते थे, लेकिन किसान तक पाई भी नहीं पहुंचती थी। जबकि पीएम किसान सम्मान निधि से हमने अब तक 1 लाख 62 हजार करोड़ रुपये सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजे हैं।

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पीएम मोदी ने आगे कहा कि हम बुंदेलखंड से पलायन को रोकने के लिए इस क्षेत्र को रोजगार में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और यूपी डिफेंस कारिडोर भी इसका एक बहुत बड़ा प्रमाण है। हमारी सरकार ने बीज से लेकर बाजार तक हर स्तर पर किसानों के हित में कदम उठाए हैं। बीते 7 वर्षों में 1,600 से अधिक अच्छी क्वालिटी के बीज तैयार किए गए हैं। जिनमें से अनेक बीज कम पानी में अधिक पैदावार देते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संबोधन की शुरुआत में कहा कि जौन महोबा की धरा में अल्हा ऊदल और वीर चंदेलों की वीरता कण कण में समाई है, वा महोबा के वासियों को हमाओ कोटि-कोट प्रणाम पहुंचे। कहा, जनजाति सप्ताह मनाया जा रहा है, इस समय में आल्हा ऊदल की भूमि पर आना मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है। गुलामी के उस दौर में भारत में एक नई चेतना जगाने वाले गुरुनानक देव का प्रकाशपर्व है, देश और दुनियों के लोगों को गुरुपर्व की अनेक अनेक शुभकामनाएं देता हूं। आज ही भारत की वीर बेटी और बुंदेलखंड की शाम वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की जयंती भी है। यहां से मैं झांसी जाऊंगा, जहां डिफेंस का बड़ा कार्यक्रम चल रहा है।

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प्रधानमंत्री ने कहा, बीते सालों में हम कैसे कमरों में बंद भारत सरकार को देश के कोने कोने में लाए हैं, महोबा इसका साक्षात उदाहरण है। कुछ महीने पहले यहां से पूरे देश के लिए उज्जवाला योजना के दूसरे चरण की शुरुआत की गई। मुझे याद है कुछ साल पहले मैंने महोबा से ही देश की करोड़ों मुस्लिम बहनों को वादा किया था कि मैं मुस्लिम बहनों को तीन तलाक से मुक्ति दिलाकर रहूंगा, महोबा में किया वादा अब पूरा हो चुका है। भाइयो बहनों और किसान भाइयों को बहुत बड़ी सौगात सौंपने आया हूं। आज अर्जुन सहायक परियोजना, रतौली बांध, भावनी बांध और रतौली चिल्ली स्प्रिंकलर परियोजना का लोकार्पण करने का मौका मिला है। तीन हजार करोड़ की लागत से बनी इन परियोजनाओं से हमीरपुर, महोबा, बांदा और ललितपुर के लाखों लोगों को फायदा हो। इससे पीने के शुद्धा पानी भी मिलेगा, पीढ़ियों का इंतजार अब समाप्त होने जा रहा है। आपका प्यार मेरे लिए बहुत कुछ है। गुरुनानक देव जी ने कहा है कि पानी को हमेशा प्राथमिकता देनी चाहिये क्योंकि पानी से ही जीवन मिलता है। महोबा का क्षेत्र तो सैंकड़ों वर्ष पहले जल संरक्षण और प्रबंधन का उत्तम माडल हुआ करता था

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की विशेषता सिर्फ यही नहीं है कि यह नौ जनपदों को जोड़ेगा बल्कि यह एक्सप्रेसवे लखनऊ को उन शहरों से भी जोड़ेगा जहां विकास की असीम संभावनाएं हैं : नरेन्‍द्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को उत्तर प्रदेश के साथ देश को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के रूप में नायाब दिया। उन्होंने 341 किलोमीटर लम्बे पूर्वांचल एक्सप्रेस का उद्घाटन किया। तोहफा देंगे। इससे पीएम मोदी सुलतानपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर सुपर हरक्युलिस सी-130 जे विमान से उतरे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने यहां पर उनका स्वागत किया। पीएम मोदी ने पूर्वांचल एक्सप्रेस का लोकार्पण करने के बाद जनसभा को भी संबोधित किया। उन्होंने संबोधन पूर्वी भाषा से शुरू कर वहां पर बड़ी संख्या में मौजूद लोगों का अभिवादन किया। पीएम मोदी ने कहा कि जौने धरती पर हनुमान जी कालनेमी के बध कि किए रहे उ धरती के लोगन के हम पांव लागित है। उन्होंने कहा कि 341 किलोमीटर लम्बाई वाला पूर्वांचल एक्सप्रेसवे राष्ट्र को समर्पित है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक्सप्रेसवे यूपी की शान है, यह यूपी का कमाल है, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को यूपी की जनता को समर्पित करते हुए अपने आप को धन्य महसूस कर रहा हूं। 1857 के लड़ाई मा इहां के लोग अंग्रेजन के छठी के दूध याद देवाई दे रहें। ये धरती के कण-कण मा स्वतंत्रता संग्राम के खुशबू बा। कोइरिपुर के युद्ध भला के भुलाई सकत हये। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के सौगात मिलत बा, जेके आप सब बहुत दिन से ओगरत रहिन। आप सभई के बहुत-बहुत बधाई।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी कुछ ही देर में हमारे फाइटर प्लेन इस पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर लैंड करेंगे। प्लेनों की गर्जना उनके कानों तक पहुंचेगी, जो सुरक्षा से खिलवाड़ करते रहे हैं। जितनी जरूरी देश की समृद्धि है उतनी ही जरूरी देश की सुरक्षा भी है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की विशेषता सिर्फ यही नहीं है कि यह नौ जनपदों को जोड़ेगा बल्कि यह एक्सप्रेसवे लखनऊ को उन शहरों से भी जोड़ेगा जहां विकास की असीम संभावनाएं हैं। यह भी एक सच्चाई है कि उत्तर प्रदेश जैसे विशाल प्रदेश में एक शहर दूसरे शहर से दूर रहता था। पूर्वांचल के लोगों के लिए तो लखनऊ पहुंचना भी महाभारत जीतने जैसा होता था। पहले की सरकारों ने यूपी को ऐसा बना दिया था कि यहां राह नहीं होती थी, यहां राहजनी होती थी। जिस तरह से यूपी में विकास हो रहा है उससे साफ है कि यूपी का भाग्य बदलना शुरू हो गया है। पहले कितनी बिजली कटौती होती थी, कौन भूल सकता है कि यूपी में कानून व्यवस्था की क्या हालत थी, यहां मेडिकल सुविधा की क्या व्यवस्था थी। मुझे मालूम था कि जिस तरह से योगी आदित्यनाथ की सरकार आने से पहले वाली सरकारों ने विकास में भेदभाव किया, अपने परिवार का लाभ किया, ऐसे लोगों को यूपी के लोग रास्ते से  हटा देंगे।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मैं देख रहा हूं कि कुछ लोग अपना आपा खो रहे हैं, विचलित हो रहे हैं, यह सब वही लोग हैं लोग अपने समय में सफल नहीं हुए तो योगी आदित्यनाथ जी की सफलता देख कर परेशान हैं। सब अपने परिवार के विकास में लगे रहे। कभी प्रदेश व देश को अपना परिवार नहीं समझा। पीएम मोदी ने कहा कि सुल्तानपुर के सपूत श्रीपति मिश्रा जी के साथ भी तो यही हुआ था, परिवारवादी लोगों ने उनका अपमान किया था, जिसे यूपी के लोग कभी नहीं भुला सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज तो प्रदेश में विकास हो रहा है तो इसका सबसे अधिक लाभ हमारी बहनों-बेटियों को मिल रहा है। घर, बिजली पानी, शौचालय, रसोइ गैस मिलने से उनको सबसे बड़ी परेशानी से छुटकारा मिला है। अगर कोई अपना घर बनाता है तो मिट्टी की जांच करता है, अन्य पहलुओं को देखता है। पहले की सरकारों ने यहां बिना कनेक्टिविटी की जानकारी किए ही बस वादे कर दिए जिससे विकास कोसों दूर रहा। पिछले मुख्यमंत्रियों के लिए विकास वहीं तक सीमित था जहां उनका घर था। लेकिन आज जितना पश्चिम का सम्मान है, उतनी ही पूर्वांचल के लिए भी प्राथमिकता है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे आज यूपी की इस खाई को पाट रहा है, यूपी को जोड़ रहा है। यूपी में अब कोई जातिवाद नहीं, कोई क्षेत्रवाद नहीं, सबका साथ सबका विकास के मंत्र के साथ योगी जी की सरकार काम कर रही है। भाजपा सरकार में जिस तरह से उत्तर प्रदेश को एक्सप्रेसप्रदेश बनाया जा रहा है, वह आजादी के बाद पहली बार हो रहा है।

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पीएम मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जिस तरह से राजनीति हुई, जिस तरह से लंबे समय तक सरकारें चलीं, उन्होंने यूपी के सर्वांगीण विकास पर ध्यान ही नहीं दिया। यूपी का यह क्षेत्र तो माफियावाद और यहां के लोगों को गरीबी के हवाले कर दिया गया था। जिस तरह से यूपी में विकास हो रहा है उससे साफ है कि यूपी का भाग्य बदलना शुरू हो गया है। पहले कितनी बिजली कटौती होती थी, कौन भूल सकता है कि यूपी में कानून व्यवस्था की क्या हालत थी, यहां मेडिकल सुविधा की क्या व्यवस्था थी। मुझे मालूम था कि जिस तरह से योगी आदित्यनाथ जी की सरकार आने से पहले वाली सरकारों ने विकास में भेदभाव किया, अपने परिवार का लाभ किया, ऐसे लोगों को यूपी के लोग रास्ते से हटा देंगे। यहां की पूर्व की सरकारों को मुझे देख कर हैरानी होती थी कि आखिर यूपी को किस बात की सजा दी जा रही है।  यह एक्सप्रेसवे यूपी के विकास का एक्सप्रेसवे है, यह एक्सप्रेसवे यूपी के प्रगति का एक्सप्रेसवे है, यह एक्सप्रेसवे यूपी की मजबूत होती अर्थव्यवस्था का एक्सप्रेसवे है। उन्होंने कहा कि तीन वर्ष पहले जब मैंने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया था तब मैंने नहीं सोचा कि इस एक्सप्रेसवे पर ही मैं विमान से उतरूंगा भी। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के उद्घाटन समारोह के बाद भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों के एक्सप्रेसवे पर निर्मित 3.2 किमी लंबी हवाई पट्टी पर एयर शो ने लोगों का मन मोह लिया। यहां पर सुखोई, मिराज, जगुआर सहित वायुसेना के कई विमानों ने अपना करतब दिखाया। सुल्तानपुर जिले में एक्सप्रेसवे आपात स्थिति में भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों की लैंडिंग और टेक आफ करने में सक्षम होगी।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएम मोदी का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल के विकास को एक नई गति प्रदान करने के लिए दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उत्तर प्रदेश की जनता की ओर से स्वागत करता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे सिर्फ आवागमन का माध्यम नहीं बल्कि पूर्वी उत्तर प्रदेश को विकास की एक नई जीवन रेखा के रूप में स्थापित करने वाला होगा। उन्होंने कहा कि आज तो पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का उद्घाटन हो रहा है तो बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का कार्य में भी तेजी चल रहा है। इसके साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश को पूर्वी उत्तर प्रदेश से जोडऩे के लिए गंगा एक्सप्रेस वे का काम भी तेजी से चल रहा है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सुलतानपुर के सुलतानपुर जिले के अरवल कीरी करवत में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर सुपर हरक्यूलिस विमान से पहुंचे। उनके आगमन से पहले कार्यक्रम स्थल पर नई दिल्ली से एसपीजी दस्ते के अधिकारी पहुंचे थे यहां पर प्रधानमंत्री को देखने और उनका संबोधन सुनने के लिए लोगों का हूजूम उमड़ा है। पीएम मोदी की सभा के बाद यहां पूर्वांचल एकसप्रेस वे पर बनी एयर स्ट्रिप पर भारतीय वायुसेना के फाइटर प्लेन के रोमांचकारी करतब भी दिखाएंगे। कार्यक्रम स्थल के आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग वहां एकत्र हो रहे हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को जोडऩे वाली सड़कों पर लोगों के साथ वाहनों का हुजूम लगा है।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वायुसेना के सबसे बड़े जहाज से लैंड करते ही एक ग्रामीण बोला इससे पहले कभी कोई प्रधानमंत्री सेना के सबसे बड़े जहाज से खेतों किनारे की सड़क पर कभी नही उतरा। मोदी तो इतिहास बना दिस है। पीएम मोदी की सभा के बाद यहां पूर्वांचल एकसप्रेस वे पर बनी एयर स्ट्रिप पर भारतीय वायुसेना के फाइटर प्लेन के रोमांचकारी करतब भी दिखाएंगे। कार्यक्रम स्थल के आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग वहां एकत्र हो रहे हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को जोडऩे वाली सड़कों पर लोगों के साथ वाहनों का हुजूम लगा है। पीएम मोदी इससे पहले 2014 में सुलतानपुर में आए थे। पीएम नरेन्द्र मोदी ने ही आजमगढ़ ही जुलाई 2018 में इसका शिलान्यास किया था। यह उत्तर प्रदेश का सबसे लम्बा एक्सप्रेस वे है।

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पूर्वांचल के लिए मंगलवार की सुबह मंगल संदेश लेकर आ गई है। तुलनात्मक रूप से पिछड़े रहे पूरब के इस अंचल के उम्मीदों की नई भोर हो गई है। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के रूप में प्रदेश तथा देश की प्रगति का जो नया पथ तैयार किया है, उसके लोकार्पण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को दिन में करीब डेढ़ बजे सुलतानपुर यहां पहुंचे। इस एक्सप्रेस वे से इस अंचल के प्रदेश के छोटे-छोटे जिलों की दिल्ली से दूरी घट जाएगी। योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश में अवस्थापना सुविधाओं पर जोर देते हुए प्रदेश में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे और गंगा एक्सप्रेस वे बनाने की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने जुलाई, 2018 में आजमगढ़ में पूर्वांचल एक्सप्रेसव की आधारशिला रखी। लखनऊ से गाजीपुर तक 340.824 किलोमीटर के एक्सप्रेस वे पर मंगलवार से वाहन फर्राटा भरेंगे।

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उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि एक्सप्रेस वे के दोनों किनारों पर औद्योगिक गलियारे बनाए जाएंगे। यहां विभिन्न प्रकार के उद्योग स्थापित होंगे। लाजिस्टिक सुविधा बेहतर होने से स्थानीय कारोबारियों, छोटे व्यापारियों आदि को भी लाभ होगा। पूर्वांचल के छोटे-छोटे जिलों से अब लखनऊ और दिल्ली की दूरी घट गई है। दस घंटे का सफर महज साढ़े तीन से चार घंटे में तय किया जा सकेगा। इस पूर्वांचल एकसप्रेसवे का लाभ बिहार के सीमावर्ती जिलों को भी सीधे मिल सकेगा। यूपीडा के सीईओ अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि एक्सप्रेस वे पर जो भी पुलिस चौकियां बनाई जाएं, उनके साथ हैलीपैड भी बनाए जाएं।उन्होंने बताया कि यहां फ्यूल पंप के साथ सीएनजी पंप और इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन भी स्थापित किए जाएंगे। 

रानी कमलापति रेलवे स्टेशन’ का किया उद्घाटन, पीएम मोदी ने कहा- बड़े लक्ष्यों पर काम कर रहा भारत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भोपाल में पुनर्विकसित ‘रानी कमलापति रेलवे स्टेशन’ का उद्घाटन किया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने मध्य प्रदेश में भारतीय रेलवे की कई परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन भोपाल और मध्य प्रदेश के साथ साथ पूरे देश के लिए गौरवपूर्ण इतिहास और वैभवशाली भविष्य के संगम का दिन है। भारतीय रेल का भविष्य कितना आधुनिक और उज्जवल है, इसका प्रतिबिंब भोपाल के इस आधुनिक स्टेशन पर जो भी आएगा, उसे दिखाई देगा।

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भोपाल के इस रेलवे स्टेशन का सिर्फ कायाकल्प ही नहीं हुआ है बल्कि रानी कमलापति जी का नाम इससे जुड़ने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है। रेलवे स्टेशन के पूरे ईको सिस्टम को इसी प्रकार ट्रांसफार्म करने के लिए आज देश के 175 से अधिक रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प किया जा रहा है। आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ आज भारत आने वाले वर्षों के लिए खुद को तैयार कर रहा है और बड़े लक्ष्यों पर काम कर रहा है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब हम मास्टर प्लान को आधार बनाकर चलेंगे तो देश के संसाधनों का भी सही उपयोग होगा। पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान के तहत सरकार अलग अलग मंत्रालयों को एक प्लेटफॉर्म पर ला रही है। बीते सात वर्षों में हर वर्ष औसतन 2,500 किमी ट्रैक कमीशन किया गया है जबकि उससे पहले के वर्षों में ये 1,500 किमी के आस-पास ही होता था। पहले की तुलना में इन वर्षों में रेलवे ट्रैक के बिजलीकरण की रफ्तार पांच गुना से अधिक हुई है। पीएम मोदी ने कांग्रेस की अगुवाई वाली तत्‍कालीन यूपीए सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पहले रेलवे को टूरिज्म के लिए यदि उपयोग किया भी गया तो उसको एक प्रीमियम क्लब तक ही सीमित रखा गया। पहली बार सामान्य मानवी को उचित राशि पर पर्यटन और तीर्थाटन का दिव्य अनुभव दिया जा रहा है। सरकार की ओर से रामायण सर्किट ट्रेन की शुरुआत ऐसा ही एक अभिनव प्रयास है।

जानें किन मुद्दों को उठाएगा भारत,जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने इटली पहुंचे पीएम मोदी

जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी इटली के रोम पहुंच गए हैं। वह इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी के निमंत्रण पर 30-31 अक्टूबर तक होने वाले 16वें जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार देर रात इटली और ब्रिटेन की पांच दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए। वह इटली में 29 से 31 अक्टूबर तक रहेंगे। रोम में वह दुनिया में आर्थिक तौर पर सबसे समृद्ध शीर्ष 20 देशों के संगठन जी-20 के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक को संबोधित करेंगे। इसके बाद मोदी ब्रिटेन के शहर ग्लासगो जाएंगे जहां एक से दो नवंबर को जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के तत्वावधान में आयोजित बैठक काप-26 में हिस्सा लेंगे।अगले पांच दिनों के दौरान पीएम कई बहुराष्ट्रीय समारोहों व आयोजनों में हिस्सा लेने के साथ ही वेटिकन में पोप फ्रांसिस, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, इटली के पीएम मोरियो द्रागी, ब्रिटेन के पीएम बोरिस जानसन, आस्ट्रेलिया के पीएम स्काट मारीसन सहित कई राष्ट्र प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगेविदेश यात्रा पर रवाना होने से पहले जारी बयान में पीएम मोदी ने कहा कि जी-20 की बैठक में सदस्य देशों के नेताओं के साथ कोरोना महामारी के बाद आर्थिक व स्वास्थ्य रिकवरी पर चर्चा होगी। विश्व की मौजूदा व्यवस्था के साथ ही महामारी के बाद जी-20 देश किस तरह से फिर से वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं, इस पर भी चर्चा होगी। कोरोना काल के बाद इस समूह के देशों के प्रमुखों की यह पहली आमने-सामने की बैठक होगी।

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विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला ने गुरुवार को बताया कि भारत जी-20 शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के साथ सीमा पार आतंकवाद, आतंकी फंडिंग और आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों से संबंधित मुद्दों को उठाएगा। उन्‍होंने कहा कि मौजूदा वक्‍त में आतंकी फंडिंग और आतंकवाद की गतिविधियों का दुनिया पर प्रभाव पड़ रहा है जिसकी ओर भारत वैश्विक नेताओं का ध्‍यान आकर्षित कर सकता है। दौरे पर रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि एक-दो नवंबर, 2021 को काप-26 की बैठक में दुनिया के 120 देशों के प्रमुखों के साथ पर्यावरण सुरक्षा के अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। वह पर्यावरण सुरक्षा के लिए भारत सरकार की तरफ से उठाये जाने वाले तमाम कदमों की जानकारी देंगे। विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने बताया कि जी-20 शिखर सम्मेलन में वैश्विक स्वास्थ्य ढांचा और आर्थिक सुधार जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होगी। सम्‍मेलन से कोविड-19 महामारी से मुकाबले समेत दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों को लेकर ठोस नतीजे निकल सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि जी-20 का मंच भारत के लिए दुनिया की महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं के साथ सम्पर्क करने का महत्वपूर्ण मंच है।

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इस दौरे के बारे में विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने बताया कि ग्लासगो में पीएम मोदी ब्रिटिश पीएम जानसन की अध्यक्षता में कुछ चयनित शीर्ष नेताओं की विशेष बैठक में हिस्सा लेंगे। बाद में वह ब्रिटेन व आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्रियों और दूसरे शीर्ष नेताओं के साथ मिलकर वन सन, वन व‌र्ल्ड, वन ग्रिड (ओएसओडब्लूओजी) लांच करेंगे।’वन सन, वन व‌र्ल्ड, वन ग्रिड’ अंतरराष्ट्रीय सोलर एलायंस के तहत होगा। इसका मकसद दुनिया में सोलर एनर्जी से चलने वाले सभी ग्रिड को एक साथ जोड़ना है। यह बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना होगी। पीएम मोदी छोटे द्वीप देशों में ढांचागत सुविधाओं को बेहतर बनाने को लेकर एक खास अभियान को भी लांच करेंगे। जी-20 देशों की बैठक के बाद जारी होने वाले संयुक्त बयान को दुनिया के भावी आर्थिक एजेंडे के तौर पर देखा जा रहा है। भारत आज अपारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के तहत सबसे ज्यादा बिजली क्षमता स्थापित करने वाला देश बन गया है। भारत एक नये तरह का रिकार्ड बना रहा है। असलियत में भारत इस समूह का इकलौता देश है, जो पर्यावरण सुरक्षा से जुड़े लक्ष्यों को समय रहते हासिल कर रहा है। पिछले छह से सात वर्षों में भारत ने विंड, सोलर व दूसरे स्त्रोतों से बनने वाली बिजली की क्षमता में 250 प्रतिशत का इजाफा किया है। वहीं इटली में भारतीय राजदूत डॉ नीना मल्होत्रा ने बताया कि पदभार ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह पहली रोम यात्रा होगी। यही नहीं लगभग 12 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की रोम की यह पहली यात्रा होगी। उन्‍होंने कहा कि भारत-इटली के बीच संबंधों को पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़ावा मिला है। इस साल जनवरी-जुलाई के बीच द्विपक्षीय व्यापार में लगभग 36 फीसद की वृद्धि देखी गई है। कोरोना के बावजूद भारत में इटली द्वारा निवेश में वृद्धि हुई है। भारत में लगभग 700 कंपनियां इटली की हैं। साथ ही 100 से अधिक भारतीय कंपनियां इटली में मौजूद हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से संसद तक का सफर तय करने के बाद पीछे मुड़कर आज तक नहीं देखा,हर दौरे में संसदीय क्षेत्र को दिया शानदार तोहफा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से संसद तक का सफर तय करने के बाद पीछे मुड़कर आज तक नहीं देखा। कदम दर कदम काशी से उनका सफर और भी शानदार होता गया। उन्‍होंने काशी से मिले स्‍नेह को भर भरपूर रिटर्न गिफ्ट देकर नेह की डोर कभी कमजोर नहीं होने दी। उनका वाराणसी का हर दौरा किसी न किसी रूप में खास रहा है। चुनावी दौरे में पीएम ने कोई लोकार्पण और शिलान्‍यास तो नहीं किया लेकिन चुनावी दौरे के अलावा पीएम के कई दौरे ऐसे रहे जिसमें उन्‍होंने अपनी काशी को योजनाओं की वह सौगात दी जिसका इंतजार काशी वासियों को लंबे समय से था। जानिए कुछ पीएम के प्रमुख काशी दौरे जो चर्चा में रहे

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जयापुर ग्राम को “आदर्श ग्राम” बनाने हेतु गोद लिया एवं जनसभा की। 50 करोड़ की लागत से ट्रेड फैसिलिटेशन सेंटर एवं शिल्प म्यूज़ियम का शिलान्यास। 30-50 करोड़ की लागत से 14 टेक्सटाइल्स सेंटर खोलकर वहां बुनियादी सुविधाओं का विकास करने की घोषणा। बंद सहकारी बैंकों को 2375 करोड़ की सहायता देने की घोषणा। “संसदीय जनसम्पर्क कार्यालय” में की जनसुनवाई। केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय की तरफ से प्रथम “इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर टीचर्स एजुकेशन” का उद्घाटन। कैंपस कनेक्ट (वाई-फाई) का उद्घाटन। 500 करोड़ की “महामना राष्ट्रीय शिक्षक एवं शिक्षण मिशन’ का प्रारम्भ। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की तरफ से आयोजित कार्यक्रम “संस्कृति” का उद्घाटन। काशी के कलाकारों को सम्मानित किया। डीरेका में आधुनिक तकनीकी से तैयार डब्लूडीपी 4D रेल इंजन को हरी झंडी एवं 213 करोड़ से बने डीरेका वर्कशॉप का शुभारम्भ।

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 पर्सनल सेक्टर की घोषणा। 2022 तक देश भर में 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की घोषणा। 60 हज़ार करोड़ की “इंटीग्रेटेड पावर डेवलमेंट स्कीम” का शुभारम्भ; 572 करोड़ की बनारस की योजना में चौक एवं कजजाकपुरा सब स्टेशन का शिलान्यास। 165करोड़ की लागत से बने बीएचयू “ट्रामा सेंटर” का लोकार्पण। काशी के उपनगर रामनगर के डाकघर में “रेल आरक्षण केंद्र’ का उदघाटन। 629.24 करोड़ में बनारस से बाबतपुर मार्ग के उन्नयन का शिलान्यास। 261 करोड़ में बनारस के लिए “रिंग रोड” का शिलान्यास। पूर्वांचल की सड़कों हेतु 11 हज़ार करोड़ की घोषणा। जापान के प्रधानमंत्री के साथ वाराणसी आगमन। जापान ने “बुलेट ट्रैन” के लिए १२ अरब डॉलर का क़र्ज़ सस्ते दर पर देने की घोषणा। जापान के सहयोग से वाराणसी में “कन्वेंशन सेंटर” खोलने की घोषणा। सायंकाल दोनों प्रधानमंत्री द्वारा संयुक्त रूप से माँ गंगा पूजन एवं आरती का अवलोकन

9296 दिव्यांगों को सहायक उपकरण वितरण। दिव्यांगों हेतु विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा। “महामना एक्सप्रेस’ को हरी झंडी।

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय “शताब्दी वर्ष – दीक्षांत समारोह’ में सहभागिता एवं उपाधि वितरण

संत रविदास मंदिर में कार्यक्रम।डीरेका में प्रबुद्धजनों के साथ “काशी के विकास’ से सम्बंधित विषयों पर चर्चा। डीरेका मैदान में 1000 ई-रिक्शा वितरण, ज्ञान-प्रवाह में हस्तशिल्प एवं काष्ठशिल्प कृतियों का अवलोकन। अस्सी घाट पर नाविकों को सौर-उर्ज़ा से संचालित 11 ई-बोट का वितरण एवं काशीवासियों को अतुलनीय सम्बोधन। 

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पेट्रोलियम : सिटी गैस परियोजना का शिलान्यास। रेलवे : डीरेका विस्तारीकरण योजना का लोकार्पण। वाराणसी-इलाहाबाद रेल मार्ग दोहरीकरण का शिलान्यास। डुअल इंजन का लोकार्पण। डाक विभाग : सृजित वाराणसी डाक परिक्षेत्र की घोषणा। काशी पर आधारित डाक टिकट। बिजली : 765/400 केवी जीआइएस वाराणसी विद्युत उपकेंद्र का लोकार्पण। उद्यान विभाग : राजातालाब में पेरिशेबल कार्गो सेंटर का शिलान्यास, एसी सब्जी भंडार डिपो। सुकन्या खाताधारकों को प्रधानमंत्री द्वारा पासबुक वितरण।

बीएचयू में महामना पं. मदन मोहन मालवीय कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (580 करोड़) और शताब्दी सुपर स्पेशियलिटी सेंटर (200 करोड़) की आधारशिला। डीरेका से 150 बेड के ईएसआई के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल (150 करोड़) और बीआरएस हेल्थ एवं रिसर्च सेंटर (399) का शिलान्यास किया। लालपुर स्थित वस्त्र मंत्रालय के ट्रेड फैसिलिटी सेंटर में व्यापार सुविधा केंद्र और शिल्प संग्रहालय (280 करोड़) के प्रथम चरण का उद्घाटन। कबीर नगर कॉलोनी में आईपीडीएस के तहत भूमिगत तारों से बिजली आपूर्ति और हैरिटेज पोल (571 करोड़) का जायजा भी लिया।

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प्रधान मंत्री मोदी ने वाराणसी में हस्तशिल्प के लिए एक व्यापार सुविधा केंद्र दीनदयाल हस्तकला संकुल का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने वाराणसी-वडोदरा महामना एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई, कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी।

 फ्रांस के राष्‍ट्रपति इमैनुअल मैक्रां के साथ वाराणसी और मीरजापुर दौरा।

 प्रधानमंत्री ने 449.29 करोड़ की इन योजनाओं का लोकार्पण किया

4.35 करोड़ की लागत से राजातालाब में बनकर तैयार हुआ पेरिशेबल कार्गो केंद्र।

 27.89 करोड़ की लागत से निर्मित ह्रदय योजना अंतर्गत 24 सड़कों का निर्माण एवं सुधार कार्य।

 50 करोड़ की लागत से निर्मित वाराणसी शहर गैस वितरण प्रणाली।

 26.50 करोड़ की लागत से निर्मित ह्रदय योजना के अन्तरगत पोल एवं लाईट प्रोजेक्ट।

 2.97 करोड़ की लागत से निर्मित बासनी ग्राम पेयजल पाइप परियोजना।

 1.72 करोड़ की लागत से निर्मित बरजी ग्राम पेयजल पीप परियोजना।

 0.91 करोड़ की लागत से निर्मित बंतरी ग्राम पाइप लाइन परियोजना।

 2.61 करोड़ की लागत से निर्मित आयर ग्राम पेयजल पाईप परियोजना।

 5.52 करोड़ की लागत से निर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गजोखर।

 2.00 करोड़ की लागत से निर्मित अमृत योजनान्तर्गत नगर के 07 पार्कों का सुन्दरीकरण कार्य।

 6.98 करोड़ की लागत से निर्मित स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत नगरीय स्वच्छता को सुदृण करने हेतु वाहनों एवं उपकरणों की व्यवस्था।

1.73 करोड़ की लागत से निर्मित वाराणसी नगर निगम मुख्यालय पर सोलर प्लान्ट का अधिष्ठापन।

 1.54 करोड़ की लागत से निर्मित ह्रदय योजना अंतर्गत दुर्गाकुंड कुरुक्षेत्र से अस्सी तक हेरिटेज कार्य।

 7.92 करोड़ की लागत से ह्रदय योजना अंतर्गत पिपलानी कटरा, कबीरचौरा में हेरिटेज वाक्।

 2.56 करोड़ की लागत से निर्मित ह्रदय योजना अंतर्गत टाउनहाल का री-डेवलेपमेंट।

 वाराणसी शहर के परिधिगत 13 ग्राम पंचायतों का कूड़ा संग्राह एवं उठान कार्य के लिए 2.56 करोड़ की लागत से कार्यन्वयन हेतु प्रतीकात्मक व्यय।

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 3.32 करोड़ के कार्यन्वयन हेतु पूंजीगत व्यय।

 45 करोड़ की लागत से टाटा कंसल्टेंसी सर्विस के महमूरगंज स्थित बीपीओ का लोकार्पण।

 250 करोड़ की लागत से वाराणसी – बलिया के लिए एम्ईएमयू ट्रेन का शुभारम्भ किया।

प्रधानमंत्री ने निम्न योजनाओं का किया शिलान्यास

 97.04 करोड़ की लागत से पंचकोसी परिक्रमा मार्ग ( चितईपुर , भीमचंडी, जंसा, रामेश्वरम, हरहुआ, शिवपुर और कपिलधारा ) सड़क निर्माण एवं सुन्दरीकरण कार्य।

 29.86 करोड़ की लागत से भिखारीपुर तिराहे से अमरा चौराहे तक संपर्क मार्ग चौडीकरण एवं सुदृणीकरण।

 10.30 करोड़ की लागत से नमामि गंगे योजनांतर्गत 26 घाटों का जीर्णोद्वार।

 19.91 करोड़ की लागत से स्मार्ट सिटी मिशन के अनतर्गत वाराणसी नगर के 8 चौराहों का उच्चीकरण एवं विकास कार्य।

 10. 58 करोड़ की लागत से स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत कान्हा उपवन का निर्माण।

 5.92 करोड़ की लागत से समारत सिटी मिशन के अंतर्गत वाराणसी शहर के 4 पार्कों का सुन्दरीकरण।

 20.90 करोड़ की लागत से अवस्थापना एवं 14 वां वित्त आयोग के अंतर्गत शहरी अवस्थापना ( सड़क, गली, जल निकासी, पार्क, ,स्कूल, वरुणापुल पर जाली ) सम्बन्धी 69 कार्य।

  83.66 करोड़ की लागत से स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत एवीडी क्षेत्र में प्रमुख सड़कों एवं 8 जंक्शन का सुधार कार्य।

 13.48 करोड़ की लागत से स्मार्ट मिशन के अनातारागत वाराणसी के 8 चौराहों का उच्चीकरण एवं विकास कार्य (फेज़ – 2 )

 9.34 करोड़ की लागत से जायका अंतर्गत जीआईएस एवं एमआईएस का विकास कार्य।

 0.67 करोड़ की लागत से स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत वाराणसी नगर के 5 ओवरहेड टैंक के सुन्दरीकरण का कार्य तथा 186 करोड़ की लागत से अन्तराष्ट्रीय सहयोग ( जापान द्वारा) से बन रहे कन्वेंशन सेंटर ‘रुद्राक्ष’ का शिलान्यास किया।

 मल्‍टी मॉडल टर्मिनल का लोकार्पण। पीएम ने लगभग 2,500 करोड़ रुपये के अन्‍य कार्यों का भी उद्घाटन किया, जिसमें एयरपोर्ट के लिए 34 किलोमीटर की सड़क और वाराणसी रिंग रोड परियोजना का पहला चरण शामिल है।

 काशी महाकाल एक्‍सप्रेस को हरी झंडी, पड़ाव में पं. दीन दयाल एक्‍सप्रेस की प्रतिमा का अनावरण।  कुल 1200 करोड़ की परियोजना। चौकाघाटा-लहरतारा फ्लाइओवर सहित 16 सड़कों का लोकार्पण। 430 बेड का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल। जंगमबाड़ी मठ में पीएम। 

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 वाराणसी प्रयागराज सिक्‍सलेन रोड। सारनाथ साउंड एंड लाइट शो।

शिलान्यास की सूची में शामिल मुख्य परियोजनाएं

केंद्रीय पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एवं टेक्नीकल इंस्टीट्यूट (सिपेट) का स्किलिंग एंड टेक्निकल सपोर्ट सेंटर (सीएसटीसी) महगांव में – 48.14 करोड़

आइटीआइ महगांव – 14.16 करोड़

राजघाट प्राथमिक विद्यालय आदमपुर जोन – 2.77 करोड़

सिस वरुणा में वाटर सप्लाई परियोजना – 108.53 करोड़

ट्रांस वरुणा में वाटर सप्लाई परियोजना – 19.49 करोड़-वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भेलूपुर सोलर पावर – 17.24 करोड़

सिस वरुणा में पेयजल संचालन पर कार्य – 7.41 करोड़

कोनिया घाट क्षेत्र में सीवर लाइन बिछाने से जुड़ी परियोजना – 15.03 करोड़

नगर के घाट पर पंपिंग स्टेशन, सीवेज पंपिंग आदि – 9.64 करोड़

कोनिया पंपिंग स्टेशन पर 0.8 मेगावाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट-5.89 करोड़

मुकीमगंज व मछोदरी क्षेत्र में सीवर लाइन परियोजना – 2.83 करोड़

लहरतारा चौकाघाट फ्लाईओवर के नीचे अरबन प्लेस मेकिंग – 8.50 करोड़

करखियांव औद्योगिक क्षेत्र में मैंगो एवं वेजिटेबल इंटीग्रेटेड पैक हाउस का निर्माण – 15.78 करोड़

पुलिस लाइन में ट्रांजिट हास्टल, आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन सेक्टर इकाई का कार्यालय भवन – 26.70 करोड़

रायफल एवं पिस्टल शूटिंग रेंज का निर्माण – 5.04 करोड़

47 ग्रामीण संपर्क मार्ग कुल लंबाई 152 किलोमीटर का निर्माण, चौड़ीकरण – 111.26 करोड़

जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत हर घर नल योजना- 428.54 करोड़।

इन प्रमुख योजनाओं का होगा लोकार्पण

– रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर-186 करोड़

– मल्टीलेबल पार्किंग-19.55 करोड़

– पुरानी सीवर लाइन का सीआइपीपी लाइनिंग जीर्णोद्धार-21.09 करोड़

 सीवर जीर्णोद्धार कार्य-8.12 करोड़

चार पार्कों का सौंदर्यीकरण-4.45 करोड़

 बीएचयू में 100 बेड एमसीएच विंग-45.50 करोड़

 दीनदयाल अस्पताल पांडेयपुर में 50 बेड महिला अस्‍पताल-17.39 करोड़

 बीएचयू में रीजनल इंस्टीट्यूट ऑप्‍थैल्मोलॉजी-29.63 करोड़श्री लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय रामनगर आवास-11.97 करोड़

 14 अस्पतालों तथा स्वास्थ्य केंद्रों में पीएसए ऑक्सीजन जनरेशन-11 करोड़

बीएचयू में 80 टीचर रेजिडेंशियल फ्लैट-46.71 करोड़

 मछोदरी स्मार्ट सीनियर सेकेंडरी स्कूल व स्किल डेवलपमेंट सेंटर-14.21 करोड़

 चार स्कूल एवं कालेज में तीन महिला छात्रवास, क्लास व लैब-5.79 करोड़

गंगा नदी में पर्यटन विकास के लिए दो रो पैक्‍स का संचालन-22 करोड़

 राजघाट से अस्सी तक जलयान का संचालन-10.72 करोड़

 84 घाटों पर सूचना पट्ट का स्थापन कार्य-5.08 करोड़

रामेश्वर में विश्राम स्थल-8 करोड़

 पंचकोस परिक्रमा मार्ग 33.91 किमी. व चौड़ीकरण-62.04 करोड़

 वाराणसी-गाजीपुर मार्ग थ्री लेन उपरिगामी सेतु-50.17 करोड़

श्यामा प्रसाद रूर्बन मिशन अंतर्गत दो पेयजल परियोजना-7.72 करोड़

 विश्व बैंक सहायतित नीर निर्मल परियोजना-दो अंतर्गत 11 पेयजल परियोजना-61 करोड़।

भगवान महात्मा बुद्ध की क्रीड़ा स्थली सिद्धार्थनगर में तैयार प्रदेश के नौ मेडिकल कालेजों का करेंगे लोकार्पण- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सोमवार को उत्तर प्रदेश के अपने करीब छह घंटे के दौरे पर हजारों करोड़ का तोहफा देंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को भगवान महात्मा बुद्ध की क्रीड़ा स्थली सिद्धार्थनगर में 2239 करोड़ की लागत से तैयार प्रदेश के नौ मेडिकल कालेजों का लोकार्पण करेंगे। इसके बाद अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 5,189 करोड़ रुपए की लागत से तैयार विकास की 28 परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे। वाराणसी में पीएम मोदी प्रधानमंत्री आत्मानिर्भर स्वस्थ भारत योजना का शुभारंभ भी करेंगे।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सिद्धार्थनगर के बीएसए मैदान में कार्यक्रम स्थल पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तथा सीएम योगी आदित्यनाथ से साथ पहुंचे हैं। यहां वह सिद्धार्थनगर समेत प्रदेश के नौ मेडिकल कालेजों का लोकार्पण करेंगे। इसके साथ बीएसए मैदान पर जनसभा को भी संबोधित करेंगे।

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इससे पहले डुमरियगंज से सांसद भाजपा नेता जगदंबिका पाल ने विषय प्रवेश कराया और सरकार की उपलब्धियां गिनाई। संचालक आगंतुकों का अभिवादन करते हुए जय श्रीराम का जय घोष की और ऐतिहासिक क्षण में सभी से शामिल होने की अपील कर रही है।सिद्धार्थनगर जिला सोमवार को पूरी तरह से मोदी मय दिख रहा है। इस कार्यक्रम को लेकर लोगों ने रविवार से भी अपनी तैयारी पूरी कर ली थी। आज तो सुबह सात बजे से कार्यक्रम लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। लोग सात-सात किलोमीटर दूर से पैदल चलकर कार्यक्रम में पहुंचे। कार्यक्रम में मुस्लिम महिलाओं की भी भारी भीड़ देखी गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जनसभा को लेकर लोगों का उत्साह चरम पर है। मुख्यालय से करीब सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित धेन्सा क्षेत्र की सोनमती सुबह सात बजे अपने छह माह के बच्चे को गोद में लेकर पैदल ही निकल पड़ी। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम सुबह पहुंचने पर ही बैठने की जगह मिल सकेगी। उन्होंने बताया अभी तक मोदी को सिर्फ टीवी पर मोबाइल पर देखा है। आज पहली बार उन्हें सामने से देखूंगी। यह स्थिति सिर्फ सोनमती की ही नहीं, बल्कि कपिया के विक्रम, पारा के महदेवा की भी रही। महदेवा के सुरेन्द्र सुबह आठ बजे साइकिल से कार्यक्रम स्थल के लिये निकल पड़े। स्थिति यह रही कि सुबह साढ़े आठ बजते-बजते सनई से कार्यक्रम स्थल तक, नौगढ़ से कार्यक्रम स्थल तक अपार भीड़ हो गई। वीआईपी को भी इसके चलते अपने वाहन आगे बढ़ाने में भारी मशक्कत करनी पड़ी।

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इस दौरान भीड़ का जोश देखते ही बन रहा था। मुख्यालय के चारो तरफ भीड़ आगे बढ़ते हुए मोदी-योगी का नारा लगाते हुये दिखे। यहां तक उनके कार्यक्रम में पहुंचते ही पंडाल मोदी-योगी के जयकारे से गूंज उठी। इस दौरान कई युवा चेहरे पर मोदी मुखौटा लगाए कार्यक्रम में हैं।देवरिया के महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज देवरिया के उद्घाटन की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। स्क्रीन से लाइव प्रसारण भी शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री के वर्चुअल लोकार्पण की कमान डीएम आशुतोष निरंजन ने संभाली है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुद्ध की धरा से माधव प्रसाद त्रिपाठी चिकित्सा महाविद्यालय का लोकार्पण और प्रदेश के आठ अन्य राज्य स्वशासी मेडिकल कालेजों का वर्चुअल लोकार्पण करेंगे। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत बने इन मेडिकल कालेजों की लागत 2239 करोड़ रुपये है। केन्द्रीय स्वास्थ्य, परिवार एवं कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया के साथ आ रहे प्रधानमंत्री यहां पर बीएसए मैदान में जनसभा को भी संबोधित करेंगे। इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी होंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विशेष विमान से सोमवार की सुबह गोरखपुर पहुंचेंगे। जहां पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनका स्वागत करेंगे। इसके बाद वहां से हेलीकाप्टर से सुबह 10:30 बजे सिद्धार्थनगर आएंगे। सभी नौ मेडिकल कालेजों का थ्री-डी माडल, प्लान और कालेज के छायाचित्रों की प्रदर्शनी देखकर सभा को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री यहां पर देवरिया, एटा, फतेहपुर, हरदोई, गाजीपुर, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, जौनपुर के नवनिर्मित मेडिकल कालेजों का शुभारंभ करने के बाद जनसभा को भी संबोधित करेंगे।

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प्रधानमंत्रर नरेन्द्र मोदी इसके बाद सिद्धार्थनगर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ वाराणसी रवाना होंगे। सिद्धार्थनगर से वह दोपहर करीब एक बजे तक तक आराजीलाइन ब्लाक के मेहंदीगंज आएंगे। यहां पर जनसभा को संबोधित करने से पहले वाराणसी को को रिंग रोड फेज दो, दो सेतु, दो पार्किंग, बायो सीएनजी प्लांट, ई-नाम मंडी, वरुणा चैनेलाइजेशन समेत पूर्ण हो चुकी कुल 5189.06 करोड़ की 28 परियोजनाओं की सौगात देंगे। प्रधानमंत्री वर्ष 2021-2022 के बजट में प्रविधानित 64,128 करोड़ की राष्ट्रीय स्तर की ‘आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत’ योजना को यहां पर लांच करेंगे। इससे देशभर में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार होगा। इससे जो ‘जहां बीमार वहीं उपचार’ की सोच को साकार होगी। यहां करीब दो घंटे के प्रवास में पीएम नरेन्द्र मोदी एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे

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