पंजाब में सीएम भगवंत मान के एक साल पूरे हो गये हैं. साथ ही सीएम ने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार की उपलब्धियां का गुण-गान किया. इस दौरान सीएम भगवंत मान ने संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव से पूर्व हमने हमने जनता से वादे नहीं किए थे, हमने गारंटियां दी थीं, अब पूरी भी कर रहे हैं. सीएम मान ने कहा कि पंजाबियों द्वारा बनाई सरकार का एक साल पूरा हो गया है.
सीएम भगवंत मान ने कहा कि पंजाब के लोगों ने हमें प्रचंड जीत दी. हम तेज स्पीड से काम कर रहे हैं. हमने जगह जगह मोहल्ला क्लिनिक खोले हैं. अब पंजाब में शिक्षा की दिशा में बेहतर काम हो रहा है. प्रदेश में किसान खुश हैं. सीएम ने कहा कि हम किसानों से पूछकर नीतियां बना रहे हैं.
सीएम भगवंतमान ने कहा कि हमारी सरकार के फैसले सीएम आवास में नहीं होते, हम फैसले बंद एसी कमरों में नहीं करते. सीएम ने कहा कि हमारे यहां फैसले जनता के बीच जाकर होते हैं. इसी लिए प्रदेश की जनता खुश है.
संगरूर: नाबालिक लड़की के साथ स्कूल में ही पढ़ाने वाले अध्यापक ने किया बलात्कार. दोषी अध्यापक की गिरफ्तारी ना करने के दोष को लेकर परिवार वालों और किसान यूनियन ने पुलिस स्टेशन को घेर कर धरने पर बैठ गए है.
सरकारी स्कूल में पढ़ती थी 17 साल की पीड़ित नाबालिग 3 नवंबर को परिवार ने करवाई के लिए पुलिस को शिकायत की तो वही इंसाफ ना मिलने को लेकर पुलिस स्टेशन के सामने मोर्चा पर बैठ गए और जब तक इंसाफ नहीं मिलेगा तब तक नहीं उठेंगे।
आपको बता दें कि संगरूर के सरकारी कन्या स्कूल में स्कूल में ही पढ़ाने वाले एक अध्यापक की तरफ से 17 साल की नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार करने का मामला सामने आया है परिवार ने दोष लगाते हुए कहा कि 28 अक्टूबर को अध्यापक की तरफ से हमारी नाबालिग बेटी को अपने गाड़ी में बिठा कर किसी अनजान जगह ले जाकर जबर जलाकर बलात्कार किया गया है जिसको लेकर हमारी तरफ से मेडिकल करवाकर 3 नवंबर 2022 को दोषी अध्यापक के खिलाफ सिटी पुलिस स्टेशन संगरूर में एफ आई आर दर्ज करवा दी गई थी पर हमारी तरफ से इंसाफ को लेकर लगातार पुलिस स्टेशन के चक्कर लगाए जा रहे हैं पर दोषी अध्यापक आजाद घूम रहा है.
परिवार और किसान यूनियन नेता ने इल्जाम लगाते हुए कहा कि जब तक दोषी अध्यापक को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा तब तक हमारी तरफ से पुलिस स्टेशन के बाहर का मोर्चा ऐसे ही चलेगा और इंसाफ को लेकर हम लगातार प्रदर्शन करते रहेंगे, और वही जब इस मुद्दे पर पुलिस स्टेशन सिटी संगरूर के एस एच ओ के साथ बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि हमारी तरफ से कार्रवाई हो रही है परिवार के बयान ले लिए थे और दोषी को पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी हो रही है जल्द ही दोषी अध्यापक को सलाखों के पीछे होगा।
DESK: पंजाब में कथित ‘जबरन वसूली’ के मामले में घिरे आम आदमी पार्टी सरकार में मंत्री फौजा सिंह सरारी को लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जवाब दिया है। मंत्री के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पूछे गए सवाल में मान ने कहा कि उन्हें ‘दिवाली मनाने दीजिए।’ हाल ही में एक ऑडियो क्लिप में कथित तौर पर सरारी को जबरन वसूली की योजना बनाते सुना जा रहा है।
पंजाब में सरकार संभालने के बाद उन्होंने पहली बार पत्रकारों से चर्चा की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दौरान अनौपचारिक बातचीत में जब सरारी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘आप दिवाली मनाते हैं औ उन्हें भी दिवाली मनाने दीजिए।’ 29 सितंबर को मान ने कहा था कि उन्होंने सरारी को नोटिस जारी कर दिया है। इसके बाद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। इधर, विपक्ष ने मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि आप मंत्री के खिलाफ कार्रवाई के मूड में नहीं है। सरकार में एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, ‘सत्तारूढ़ पार्टी विपक्ष को यह संदेश देना चाहती है कि उसका अभियान सरकार को दबाव में आने पर मजबूर नहीं कर सकता। साथ ही सरारी की ऑडियो क्लिप से कोई खास मतलब नहीं था। वह केवल बातचीत थी। वे कहीं भी जबरन वसूली के लिए नहीं गए थे।’
रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि सरकार गुजरात में चुनाव पर ध्यान लगा रही है। वह यहां कोई मामलों को सुलझाने में एनर्जी खराब नहीं करना चाहती। उन्होंने कहा, ‘कैबिनेट इसी तरह जारी रहेगी। हम देखेंगे कि चुनाव के बाद क्या होता है। शायद वे तब कैबिनेट में फेरबदल कर दें। फिलहाल, सरकार का उन्हें बाहर करने का कोई प्लान नहीं है।’
इधर, विपक्ष भी मामले को लेकर शांत बैठने के मूड में नहीं है। कांग्रेस ने सरारी पर कार्रवाई नहीं करने पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की बात कही है। शुक्रवार को पार्टी शहीद भगत सिंह के गांव खटकर कलां में मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए धरना देंगे।
सरारी इसे फर्जी बता रहे हैं। उन्होंने कहा था कि इसे एडिट किया गया और गलत तरीके से पेश किया या है। खबर है कि क्लिप 11 सितंबर को लीक हो गई थी। कथित रूप से उनके ही OSD तरसीम लाल कपूर ने इसे लीक किया था। कहा जा रहा है कि वह अपने रिश्तेदार को बचाने में मदद नहीं करने के चलते मंत्री से दुखी थे।
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर पंजाब सरकार ने राज्य 30 अप्रैल तक के लिए नाइट कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया है। यह कर्फ्यू रात को 9 बजे सुबह 5 बजे तक प्रदेश के सभी जिलों में लागू होगा।
बता दें कि इससे पहले नाइट कर्फ्यू प्रदेश के 12 जिलों में 10 अप्रैल तक लागू था, लेकिन अब इसे पूरे प्रदेश में लगाने का ऐलान किया गया है। बुधवार को सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कोरोना केसों की समीक्षा को लेकर बैठक हुई, जिसके बाद यह फैसला लिया गया। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पहले ही संकेत दिए थे और कहा था कि यदि लोग नहीं माने तो फिर 8 अप्रैल से सख्ती लागू की जा सकती है।
प्रदेश सरकार ने राजनीतिक आयोजनों पर पूरी तरह से रोक लगाने का आदेश दिया है। इसके अलावा किसी आउटडोर इवेंट में अधिकतम 100 लोग और इंडोर आयोजन में 50 लोग ही शामिल हो सकेंगे।
नई दिल्ली। माफिया डॉन और यूपी के मऊ से बसपा विधायक मुख्तार अंसारी कोजल्द ही पंजाब से उत्तर प्रदेश की जेल में शिफ्ट किया जाएगा। मुख्तार को यूपी की बांदा जेल में शिफ्ट करने की तारीख तय हो गई है। ऐसे में अब जल्द ही उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में मुख्तार का कैद देखने को मिलेगा।
वहीं, पंजाब के अपर मुख्य सचिव गृह ने यूपी के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी को पत्र लिखकर मुख्तार की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंता जताई है। चिट्ठी के अनुसार मुख़्तार अंसारी की कस्टडी हस्तांतरण होते ही उसे यूपी की बांदा जेल भेज दिया जाएगा। पंजाब सरकार ने यूपी सरकार से 8 अप्रैल से पहले मुख्तार अंसारी को यूपी पुलिस के हवाले करने की बात कही है। हालांकि चिट्ठी में मुख्तार की 12 अप्रैल को पंजाब में एक मामले को लेकर होने वाली सुनवाई का भी जिक्र किया गया है। लेकिन ये सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होगी।
बता दें कि मुख्तार अंसारी काफी दिनों से पंजाब की जेल में बंद है और उसके यूपी जेल में शिफ्ट करने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक का सहारा लिया गया है। इसकी वजह ये थी कि यूपी जेल में उसे लाने के लिए योगी और कैप्टन सरकार के बीच तकरार चल रही थी। खबर है कि 8 अप्रैल से पहले मुख्तार को यूपी की बांदा जेल में शिफ्ट किया जा सकता है।
नई दिल्ली। गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को मोहाली की एक अदालत से तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने मुख्तार की चिकित्सकीय जांच के लिए मेडिकल बोर्ड के गठन को लेकर जेल अधिकारियों को निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका खारिज कर दी है।
इतना ही नहीं मोहाली कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 12 अप्रैल के दिन उत्तर प्रदेश की जेल से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रंगदारी के एक मामले में पेश होने के लिए कहा है। मुख्तार अंसारी पंजाब में रंगदारी के एक मामले के आरोप में जेल में बंद है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से मुख्तार अंसारी को दो हफ्ते में पंजाब से उत्तर प्रदेश की जेल में शिफ्ट करने का फैसला सुनाया गया था जिसके बाद से ही सियासी हलचल तेज हो गई थी। पंजाब सरकार द्वारा मुख्तार अंसारी को संरक्षण देने की बात कहकर यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। जहां सुप्रीम कोर्ट ने फैसला यूपी सरकार के पक्ष में दिया और दो हफ्ते में बाहुबली मुख्तार को यूपी की जेल में शिफ्ट करने का फैसला सुना दिया।
नई दिल्ली। पंजाब जेल में बंद उत्तर प्रदेश के कुख्यात डॉन मुख्तार अंसारी पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अब मुख्तार अंसारी को पंजाब से वापस उत्तर प्रदेश लौटना होगा। कोर्ट ने माफिया डॉन को वापस उत्तर प्रदेश भेजने का आदेश दिया है। कोर्ट ने दो हफ्ते में मुख्तार अंसारी को वापस उत्तर प्रदेश भेजने को कहा है
फिलहाल बाहुबली नेता पंजाब की रोपड़ जेल में बंद है। अब प्रयागराज की विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट यह तय करेगी कि अंसारी को बांदा की जेल में रखा जाएगा या फिर किसी अन्य जेल में। जस्टिस अशोक भूषण और आर सुभाष रेड्डी की पीठ ने निर्देश दिया कि अंसारी को दो हफ्ते के अंदर यूपी को सौंपा जाए।
बता दें कि मऊ सदर सीट से विधायक अंसारी यूपी की एक जेल में बंद था और उसके केस का ट्रायल चल रहा था। इसी बीच पंजाब पुलिस ने जबरन वसूली और आपराधिक धमकी की शिकायत मिलने पर उसके खिलाफ प्रोडक्शन वारंट हासिल किया और उसे पंजाब ले गई। बता दें कि गैंगस्टर को लेकर यूपी और पंजाब सरकारों के बीच जंग छिड़ी हुई थी।
नई दिल्ली। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि इस्लामाबाद प्रायोजित आतंकवाद दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य होने में सबसे बड़ी बाधा है। पाकिस्तान पहले उस पर रोक लगाए फिर शांति को लेकर बातचीत करे।
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि सीमा पार से भारत में घुसपैठ अभी भी हो रही है। भारतीय सैनिक हर दिन सीमाओं पर मारे जा रहे हैं। पाकिस्तान हर दूसरे दिन ड्रोन के माध्यम से पंजाब में हथियार और हेरोइन उतार रहे हैं। मेरे राज्य में परेशानी पैदा करने का प्रयास जारी है। यह सब पहले बंद होना चाहिए, तभी हम शांति की बात कर सकते हैं।
Infiltration into India is still happening, Indian soldiers being killed at borders every day. They’re (Pak) dropping arms & heroin into Punjab via drones. Efforts to create trouble in my state continue to take place. This should stop first, only then we can talk peace: Punjab CM
पाकिस्तान पर भरोसा करने के मामले पर, मुख्यमंत्री ने एडीसी के तौर पर 1964 के खुद के अनुभव को साझा किया। जब वो पश्चिमी कमांड में जीओसी-इन-सी के एडीसी थे। उन्होंने कहा कि हम पश्चिमी सीमा से गोलीबारी और उनकी ओर से समस्या पैदा किए जाने की दैनिक रिपोर्ट प्राप्त करते थे, जैसा कि हमें अभी भी यह रिपोर्ट प्राप्त होती हैं। अमरिंदर सिंह ने कहा कि नई दिल्ली ने नहीं, बल्कि इस्लामाबाद ने दोनों देशों के बीच शांति के मार्ग पर रोक लगाई है।
Terming Islamabad-sponsored terrorism as the biggest hurdle to normalizing relations b/w the two nations, Punjab CM Capt Amarinder Singh said Pakistan Chief of Army Staff, General Qamar Javed Bajwa, should back his rhetoric on peace with India with solid action: Punjab CMO
लुधियाना।कोरोना की चुनौतियों के बीच कच्चे माल की बढ़ रही कीमतों ने प्रिंटिंग इंडस्ट्री की दशा बिगाड़ दी है। कागज, प्लेट्स, केमिकल, स्याही एवं अन्य कच्चे माल की कीमतों में लगातार उछाल आ रहा है। आल इंडिया फेडरेशन आफ मास्टर प्रिंटर्स ने इस महंगाई पर चिंता जताई है।
फेडरेशन का तर्क है कि इनपुट कास्ट बढ़ने का असर उत्पाद पर आ रहा है और बाजार में सुस्ती के कारण उस अनुपात में रेट नहीं बढ़ पा रहे हैं, नतीजतन इंडस्ट्री के मार्जेन पर दबाव आ रहा है। ऐसे में प्रिंटिंग इंडस्ट्री के लिए भी 20 फीसद रेट बढ़ाना लाजमी हो गया है। देश में करीब 2.50 लाख प्रिंटिंग इकाइयां हैं। यह इंडस्ट्री सरकारी क्षेत्र, शिक्षा एवं औद्योगिक क्षेत्र की प्रिंटिंग संबंधी तमाम जरूरतों को पूरा करती है।
फेडरेशन के प्रधान प्रो. कमल मोहन चोपड़ा का तर्क है कि 85 फीसद से अधिक प्रिंटर्स माइक्रो सेक्टर में स्थापित हैं। संसाधनों की कमी के चलते वे बाजार के झटकों को सहने में असमर्थ हैं। पिछले साल कोविड के कारण इंडस्ट्री के आस्तित्व पर संकट आया। अब शिक्षण संस्थान खुलने के कारण कुछ कारोबार चलने लगा था कि कच्चे माल की महंगाई ने नाक में दम कर दिया।