DESK: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा काफी सुर्खियों में है। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर कर्नाटक भाजपा नेता प्रीति गांधी ट्रोल हो रही हैं। दरअसल भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी की एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें वे अभिनेत्री पूनम कौर का हाथ थामे नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए प्रीति गांधी ने तंज कसते हुए लिखा कि, अपने परदादा के पदचिह्नों पर चलते हुए। उनकी इस पोस्ट के बाद कांग्रेस पार्टी से जुड़े कई नेताओं ने उन पर निशाना साधा।
सोशल मीडिया यूजर्स ने भी भाजपा नेता प्रीति गांधी को खूब खरी-खोटी सुनाई। खुद पूनम कौर ने भी इस तस्वीर को लेकर उन्हें करारा जवाब दिया। पूनम कौर ने लिका कि मैं गिरने वाली थी तभी राहुल गांधी ने मुझे बचा लिया। बता दें कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई थी। यात्रा का तेलंगाना चरण आरंभ करने से पहले राहुल ने केरल, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में पदयात्रा की थी। तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस ने यात्रा के समन्वय के लिए 10 विशेष समितियों का गठन किया है।
Congress Bharat Jodo Yatra: कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को 50 दिन पूरे हो चुके हैं. राहुल गांधी लगातार भारत जोड़ो यात्रा से जुड़े हुए हैं. इन दिनों यात्रा तेलंगाना में है. राहुल ने रविवार को तेलंगाना में यात्रा की शुरुआत गोलापल्ली जिले से की. इस दौरान राहुल गांधी ने बच्चों के साथ दौड़ लगाई जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में कांग्रेस कार्यकर्ता भी दौड़ लगाते हुए नजर आ रहे हैं.
वीडियो में देखा जा सकता है कि राहुल पहले बच्चों के साथ कुछ बातचीत करते हैं और फिर अचानक से दौड़ना शुरू कर देते हैं. साथ में उनकी सुरक्षा में लगे कर्मी भी दौड़ने लगते हैं. इसके बाद राहुल थोड़ी देर रुकते हैं और फिर से दौड़ना शुरू कर देते हैं. इस वीडियो को भारत जोड़ो यात्रा के ट्विटर हैंडल से ट्वीट भी किया गया है.
आदिवासियों के साथ डांस भी करते दिखे राहुल: इससे पहले शनिवार को उन्होंने महबूबनगर जिले में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान आदिवासी कलाकारों के एक समूह के साथ हाथ मिलाया. एक सींग वाली आदिवासी टोपी पहने, पार्टी के सांसद आदिवासियों के साथ पारंपरिक डांस करने में शामिल हुए, जिससे पार्टी नेताओं और यात्रा में अन्य प्रतिभागियों का उत्साह बढ़ा. बता दें कि तेलंगाना में आज राहुल गांधी की भारत जोड़ा यात्रा का पांचवा दिन है.
भारत जोड़ो यात्रा: कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा पर बीते रविवार ब्रेक लग गया था. सांसद राहुल गांधी को कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की ताजपोशी के लिए दिल्ली जाना पड़ा था. जिसके कारण तीन दिन तक भारत जोड़ो यात्रा रुकी रही. हालांकि, 27 अक्टूबर को भारत जोड़ो यात्रा फिर से शुरु हो गई थी. यात्रा 7 सितंबर 2022 को कन्याकुमारी से शुरू हुई थी जो अगले साल कश्मीर में जाकर खत्म होगी.
DESK: राहुल गांधी इन दिनों कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक की भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं। यात्रा इन दिनों भारतीय जनता पार्टी शासित कर्नाटक से होकर गुजर रही है। आज उनकी मां और कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी भी इसमें शामिल हुईं। यात्रा के दौरान राहुल की कई तस्वीरें हाल के दिनों में वायरल हुई हैं। आज जो फोटो सोशल मीडिया में घूम रही है, उसमें वह बीच सड़क पर अपनी मां के जूतों के फीते को बांधते नजर आ रहे हैं।
सोनिया गांधी ने मांड्या जिले के डाक बंगला इलाके से पदयात्रा आरंभ की। वह पहली बार ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल हुईं। सोनिया का कर्नाटक विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले मांड्या में पदयात्रा करना इस मायने में भी महत्वपूर्ण है कि यह देवगौड़ा परिवार के दबदबे वाला क्षेत्र माना जाता है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, “यह ऐतिहासिक क्षण है कि सोनिया गांधी जी इस यात्रा में शामिल हुई हैं। इससे पार्टी कर्नाटक में और मजबूत होगी।”
राहुल गांधी और कांग्रेस के कई अन्य नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने गत सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत की थी। इन दिनों यात्रा कर्नाटक में है। यात्रा का समापन अगले साल की शुरुआत में कश्मीर में होगा। इस यात्रा के तहत कुल 3,570 किलोमीटर की
कांग्रेस ने राहुल समेत उन 119 नेताओं को ‘भारत यात्री’ नाम दिया है, जो पदयात्रा करते हुए कश्मीर तक जाएंगे। ये लोग 3,570 किलोमीटर की निर्धारित दूरी तय करेंगे। कांग्रेस का मानना है कि यह यात्रा पार्टी के लिए संजीवनी का काम करेगी।
DESK: कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी आज 6 अक्टूबर को एक्टिव दिखीं. भारत जोड़ो यात्रा के 29वें कर्नाटक के मंड्या में राहुल गांधी के साथ सोनिया गांधी भी शामिल हुईं. हालांकि सोनिया कुछ देर ही यात्रा में पैदल चलीं, फिर वह लौट गईं. लंबे समय बाद सोनिया पार्टी के किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग लिया. स्वास्थ्य कारणों के चलते वह पिछले कुछ चुनावों में प्रचार भी नहीं कर सकी थी.
कनार्टक दौरे पर हैं सोनिया गांधी: दरअसल, सोनिया गांधी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान और पार्टी के लिए नए अध्यक्ष चुने जाने से पहले कनार्टक दौरे पर हैं. बीते दिन (5 अक्टूबर) उन्होंने देश में मनाए जा रहे दशहरा के अवसर पर बेगुर गांव के प्रसिद्ध भीमन्नकोल्ली मंदिर में पूजा अर्चना की थी. कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे भी आज पदयात्रा में नजर आएंगे.
कब शुरू हुई थी भारत जोड़ो यात्रा ? राहुल गांधी और कांग्रेस के कई अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं ने 7 सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की शुरुआत की थी. यात्रा का समापन अगले साल की शुरुआत में कश्मीर में होगा. इस यात्रा में कुल 3570 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी. माना जा रहा है कि यात्रा कांग्रेस पार्टी को पहले से ज्यादा मजबूत बनाने के साथ ही महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ आवाज उठाने के लिए की जा रही है.
DESK. भारत जोड़ो यात्रा कर रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को महात्मा गांधी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी और कहा कि सत्ता में बैठे लोगों के लिए महात्मा गांधी की विरासत को ‘‘हथियाना’’ आसान है, लेकिन उनके पदचिह्नों पर चलना मुश्किल है। राहुल ने एक खादी ग्रामोद्योग केंद्र का दौरा करने के बाद कहा कि महात्मा गांधी की हत्या करने वाली विचारधारा ने पिछले आठ वर्षों में असमानता, विभाजन और कड़ी मेहनत से हासिल की गई आजादी का क्षरण किया है। महात्मा गांधी ने 1927 में इस केंद्र का दौरा किया था।
राहुल ने कहा कि कांग्रेस की यात्रा भय, घृणा और विभाजन की राजनीति के खिलाफ भारतीय लोगों की शांत और दृढ़ आवाज है। उन्होंने कहा, ‘‘सत्ता में बैठे लोगों के लिए गांधी जी की विरासत को हथियाना आसान है लेकिन उनके पदचिह्नों पर चलना कहीं ज्यादा मुश्किल है।’’ कांग्रेस नेता ने एक प्रार्थना सभा में भी भाग लिया और खादी ग्रामोद्योग केंद्र में महिला बुनकरों से बातचीत की।
DESK : दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय दफ्तर में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से पूछताछ जारी है। इसी बीच कार्यालय के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं का प्रदर्शन तेज हो गया है। खबर है कि पार्टी के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन में टायरों में आग लगा दी। वहीं, बड़ी संख्या में कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए सड़क पर धरने पर बैठ गए हैं। उस दौरान नेताओं और पुलिस के बीच झड़प की खबरें भी सामने आईं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस कार्रवाई से नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ED कार्यालय से कुछ दूरी पर ही टायरों में आग लगा दी थी। घटना की खबर लगते ही दिल्ली पुलिस के जवान मौके पर पहुंचे और आग बुझाने की कोशिशें जारी हैं। खास बात है कि जांच एजेंसी नेशनल हेराल्ड अखबार से जुडे़ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के दौरान तीन दिनों से हंगामा जारी है।
आगजनी के अलावा कांग्रेस नेता लगातार बैरिकेड्स को धक्का मारते हुए आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, इससे पहले खबरें आई थी कि अधीर रंजन चौधरी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, अजय माकन समेत कई बड़े नेता सड़क पर धरने पर बैठ गए हैं। इससे पहले सुबह भी पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस नेताओं को हिरासत में लिया था।
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पुलिस के अधिकारियों का जिक्र करते हुए चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा कि ये सब याद रखा जाएगा। वह ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी में पुलिस कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं।
DESK : भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने असम को पाकिस्तान के साथ रहने के लिए छोड़ दिया था, लेकिन गांधीजी के समर्थन से, गोपीनाथ बोरदोलोई को असम को भारत माता के साथ रखने के लिए संघर्ष करना पड़ा। तब जाकर आज असम भारत का हिस्सा बन सका। यह कहना है असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का।
भारत और असम को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयानों पर पलटवार करते हुए असम के मुख्यमंत्री ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि राहुल गांधी का यह बयान कि ‘यूपी, महाराष्ट्र, असम, तमिलनाडु ने भारत के साथ शांति स्थापित की’ गलत है। उन्होंने कहा कि सच्चाई तोयह है कि गांधीजी के समर्थन से, गोपीनाथ बोरदोलोई को असम को भारत माता के साथ रखने के लिए संघर्ष करना पड़ा क्योंकि नेहरू ने हमें कैबिनेट मिशन योजना के अनुसार पाकिस्तान के साथ रहने के लिए छोड़ दिया था। अपने तथ्यों को ठीक करें, श्रीमान गांधी। नकली बुद्धिवाद की ऊंचाई पर न जाएं।
राहुल गांधी ने असम के बारे में कहा था कि भारत पहले से विकसित नहीं था। हमारा देश नीचे से ऊपर की ओर उभरा है, क्योंकि यूपी, महाराष्ट्र, असम, तमिलनाडु सभी एक साथ आए और बातचीत की एवं शांति बनाई। शांति बनाए रखने के लिए राज्यों के इस संघ से बातचीत की आवश्यकता थी। बातचीत का साधन उभरा। संविधान ने लोगों को वोटिंग का अधिकार दिया। देश में चुनाव प्रणाली, लोकतांत्रिक प्रणाली, चुनाव आयोग, आईआईटी, आईआईएम पर जोर दिया गया।
असम में मदरसे बंद करने को सही बताते हुए कहा कि आधुनिक शिक्षा से ही समाज की तरक्की होगी। कहा कि मदरसा शब्द को ही खत्म कर देना चाहिए। ये ही समस्या की जड़ है। इससे शिक्षा में भेद है। हाई कोर्ट ने उनके फैसले को सही बताया और समाज ने भी स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि लोगों को अपनी मातृ भाषा के साथ हिंदी भी पढ़नी चाहिए। असम के लोगों का अधिकार है कि वह उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में रोजगार के लिए जाएं, इसके लिए आवश्यकता है कि मातृभाषा के साथ हिंदी भी पढ़ें।
DESK. राजद्रोह कानून पर रोक लगाने को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिना केंद्र सरकार का नाम लिए कटाक्ष किया. उन्होंने राजद्रोह कानून पर रोक से संबंधित खबर को शेयर करते हुए ट्वीट किया, सच बोलना देशभक्ति है, देशद्रोह नहीं. सच कहना देश प्रेम है, देशद्रोह नहीं. सच सुनना राजधर्म है, सच कुचलना राजहठ है. डरो मत! सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून के इस्तेमाल पर बुधवार को रोक लगा दी. कोर्ट के इस फैसले के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा.
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया. कोर्ट ने देशद्रोह कानून पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया है. अब किसी के खिलाफ केंद्र या राज्य सरकारों की ओर से देशद्रोह का मामला दर्ज नहीं कराया जा सकेगा. साथ ही पुलिस अब ऐसे कोई भी नया मामला दर्ज नहीं करेगी. हालाँकि यह रोक फ़िलहाल सीमित अवधि के लिए है.
भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अगुवाई वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने मामले की सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि देशद्रोह कानून पर तब तक रोक रहे, जब तक इसका पुनरीक्षण हो. कोर्ट ने कहा है कि राजद्रोह की धारा 124-A में कोई नया केस नहीं दर्ज हो. सुप्रीम कोर्ट ने सभी मामलों पर रोक लगा दी है. राजद्रोह में बंद लोग बेल के लिए कोर्ट जा सकते हैं. कोर्ट ने कहा है कि नई एफआईर होती है तो वह कोर्ट जा सकते हैं. इसका निपटारा जल्द से जल्द कोर्ट करें. चीफ जस्टीस ने कहा है कि केंद्र सरकार कानून पर पुनर्विचार करेगी .
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से बुधवार तक यह बताने को कहा कि क्या भविष्य में देशद्रोह के मामलों के रजिस्ट्रेशन को तब तक के लिए स्थगित रखा जा सकता है जब तक कि वह देशद्रोह कानून के संबंध में पुनर्विचार की प्रक्रिया पूरी नहीं कर लेता. इससे पहले एक ताजा हलफनामे में केंद्र ने सोमवार को बताया था कि उसने धारा 124 ए के प्रावधानों की फिर से जांच करने और पुनर्विचार करने का फैसला किया है. साथ ही केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया था कि जब तक सरकार द्वारा मामले की जांच नहीं की जाती, तब तक मामले को नहीं उठाया जाए.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, TMC सांसद महुआ मोइत्रा समेत पांच पक्षों की तरफ से देशद्रोह कानून को चुनौती देने वाली याचिका दायर की गई थी. मामले में याचिकाकर्ताओं का कहना है कि आज के समय में इस कानून की जरूरत नहीं है. 1870 में बने यानी 152 साल पुराने राजद्रोह कानून यानी IPC की धारा 124-ए केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में जवाब दायर किया. इसके बाद कोर्ट ने केंद्र को इस कानून के प्रावधानों पर फिर से विचार करने की अनुमति दे दी.
अब इस मामले में जुलाई के तीसरे हफ्ते में सुनवाई होगी. अगर उस समय केंद्र सरकार की ओर से पुनरीक्षण पर प्रक्रिया पूरी की गई तब जाकर कोर्ट आगे का अंतिम निर्णय देगा. फिलहाल बड़ा निर्णय देते हुए कोर्ट ने देशद्रोह का मामला दर्ज करने पर रोक लगाया है. साथ ही जो लोग इस मामले में जेल में हैं वे भी अदालत में जमानत के लिए याचिका दे सकते हैं.
भारत में कानून द्वारा स्थापित सरकार के खिलाफ नफरत, अवमानना, असंतोष फैलाने को अपराध माना जाता है. आरोपी को सजा के तौर पर आजीवन कारावास दिया जा सकता है.
पंजाब कांग्रेस में जारी अंतर्कलह को खत्म करने की कोशिशों के बीच राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। इससे पहले 22 जून को, अमरिंदर सिंह ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एआईसीसी पैनल से मुलाकात की थी, लेकिन वह पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी या राहुल गांधी से मिले बिना ही चंडीगढ़ लौट गए थे।
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने 2015 में सिख ग्रंथों की बेअदबी और उसके बाद प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी की जांच पूरी करने में कथित देरी जैसे मुद्दों पर मुख्यमंत्री तके सामने मोर्चा खोल दिया है। अप्रैल में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा कोटकपूरा फायरिंग मामले की जांच को रद्द किए जाने के बाद से ही सिद्धू ने अमरिंदर सिंह की आलोचना शुरू कर दी। वहीं, सीएम अमरिंदर ने उनकी नाराजगी को ‘पूर्ण अनुशासनहीनता’ बताया है।
केंद्रीय नेतृत्व अगले साल राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी में जारी गुटबाजी को खत्म करने का रास्ता तलाश रही
है। इसके लिए सोनिया गांधी ने एक पैनल का गठन किया था, जिसने अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू सहित पार्टी के विधायकों के साथ बातचीत की थी। सिद्धू ने पिछले हफ्ते नई दिल्ली में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा था। पंजाब कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी राष्ट्रीय राजधानी में चार दिनों तक राहुल गांधी के साथ बैठकें की थीं।
एआइसीसी पैनल में मल्लिकार्जुन खड़गे जेपी अग्रवाल और हरीश रावत शामिल हैं। हाल ही में सिद्धू की राहुल और प्रियंका के साथ बैठक के बाद पार्टी नेता हरीश रावत ने उम्मीद जताई थी कि पार्टी की पंजाब इकाई से संबंधित मुद्दों को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। अगले साल होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव को कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यह उन कुछ राज्यों में से एक है जहां पार्टी अभी भी सत्ता में है।
देश में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच टीकाकरण अभियान तेजी से चलाया जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि देश में अब तक कोविड-19 रोधी वैक्सीन की 34 करोड़ से अधिक डोज लोगों को दी जा चुकी है। राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में 18-44 आयु वर्ग के 9,41,03,985 लोगों ने टीके की पहली जबकि 22,73,477 लोगों ने दूसरी खुराक ले ली है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक शुक्रवार सुबह सात बजे तक कोविड-19 रोधी वैक्सीन की 34,00,76,232 खुराक दी जा चुकी है। यही नहीं 42 लाख से अधिक (42,64,123) खुराक बीते 24 घंटे में ही दी गई है। टीकाकरण अभियान के 167वें दिन यानी पहली जुलाई को 32,80,998 लोगों ने वैक्सीन की पहली जबकि 9,83,125 लोगों ने टीके की दूसरी खुराक ली।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बतया कि अगले तीन दिन में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड-19 रोधी टीकों की 44.9 लाख डोज दी जाएंगी। अभी तक केंद्र सरकार ने कोविड रोधी वैक्सीन की 33.63 करोड़ से अधिक खुराक मुफ्त या प्रत्यक्ष राज्य खरीद श्रेणी के जरिए प्रदान की है। मंत्रालय का कहना है कि सरकार पूरे देश में कोविड-19 की रोकथाम के लिए टीकाकरण अभियान की गति को तेज करने और इसका दायरा बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
टीकाकरण अभियान का नया चरण 21 जून से शुरू हुआ था। सरकार की ओर से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में टीकों की उपलब्धता बढ़ाकर, बेहतर योजना बना एवं वैक्सीन आपूर्ति श्रृंखला को सुव्यवस्थित कर टीकाकरण अभियान में तेजी लाने की कोशिश की गई है। सरकार ने कोविड-19 के मामले अधिक सामने आने के चलते केरल, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मणिपुर में केंद्रीय टीम भेजी हैं।