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राजस्थान : भारतीय सेना ने श्रीगंगानगर के लोगों को समर्पित किया 50 बेड का कोविड केंद्र

नई दिल्ली। भारतीय सेना के सुदर्शन चक्र डिविजन ने कोविड-19 महामारी प्रसार के खिलाफ चल रही लड़ाई के रूप में राजस्थान  के श्रीगंगानगर के जन सेवा हॉस्पिटल का विस्तार करके 50 बेड का कोविड-19 सुविधा शुरू की है।  जिले में कोविड-19 के बढ़ते हुए मामले को देखते हुए यह कोविड-19 सुविधा भारतीय सेना द्वारा आज श्रीगंगानगर के नागरिकों को समर्पित की गई है।

यह लेवल 2 सुविधा श्रीगंगानगर और आसपास के क्षेत्रों के नागरिकों को आक्सीजन सहित कोविड-19 के इलाज की सुविधा प्रदान करेगी। भारतीय सेना के डाक्टरों और पैरा मेडिकल स्टॉफ ने रिकार्ड समय में जिला प्रशासन और जन सेवा हॉस्पिटल की सहायता से यह सुविधा स्थापित की है।  भारतीय सेना महामारी से लड़ने के लिए समर्पित मेडिकल स्टॉफ, उपकरण और एम्बुलेंस भी मुहैय्या कराएगी।

इस सुविधा का उद्घाटन 21 मई 2021 को जाकिर हुसैन, डीएम, श्रीगंगानगर द्वारा किया गया।  भारतीय सेना ने राज्य को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में हर सम्भव सहायता का आश्वासन दिया है।

 

 

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हुए कोरोना संक्रमित, खुद ट्वीट कर दी जानकारी  

नई दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसकी जानकारी उन्होंने खुद अपने ट्विटर हैंडल के जरिए दी है। मुख्यमंत्री गहलोत ने ट्वीट कर लिखा कि कोविड टेस्ट करवाने पर आज मेरी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। मुझे किसी तरह के लक्षण नहीं हैं और मैं ठीक महसूस कर रहा हूं। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मैं आइसोलेशन में रहकर ही कार्य जारी रखूंगा।

बता दें कि एक दिन पहले ही सीएम गहलोत की पत्नी सुनीता गहलोत कोरोना संक्रमित हो गई थीं, जिसके बाद सीएम अशोक गहलोत होम आइसोलेशन में चले गए थे।

 

कोटा के किसान का कमाल, खोजी आम की नई किस्म,  बारहों महीने आता है फल

राजस्थान। कोटा के रहने वाले किसान श्रीकृष्ण सुमन (55 वर्ष) ने आम की एक ऐसी नई किस्म विकसित की है, जिसमें नियमित तौर पर पूरे साल सदाबहार नाम का आम पैदा होता है। आम की यह किस्म आम के फल में होने वाली ज्यादातर प्रमुख बीमारियों और आमतौर पर होने वाली गड़बड़ियों से मुक्त है।

इसका फल स्वाद में ज्यादा मीठा, लंगड़ा आम जैसा होता है और नाटा पेड़ होने के चलते किचन गार्डन में लगाने के लिए उपयुक्त है। इसका पेड़ काफी घना होता है और इसे कुछ साल तक गमले में भी लगाया जा सकता है। इसके अलावा इसका गूदा गहरे नारंगी रंग का और स्वाद में मीठा होता है। इसके गूदे में बहुत कम फाइबर होता है जो इसे अन्य किस्मों से अलग करत है। पोषक तत्वों से भरपूर आम स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।

आम की इस नई किस्म का विकास करने वाले गरीब किसान श्रीकृष्ण ने कक्षा दो तक पढ़ाई करने के बाद स्कूल छोड़ दिया था और अपना पारिवारिक पेशा माली का काम शुरू कर दिया था। उनकी दिलचस्पी फूलों और फलों के बागान के प्रबंधन करने में थी जबकि उनका परिवार सिर्फ गेहूं और धान की खेती करता था। उन्होंने यह जान लिया था कि गेहूं और धान की अच्छी फसल लेने के लिए कुछ बाहरी तत्वों जैसे बारिश, पशुओं के हमले से रोकथाम और इसी तरह की चीजों पर निर्भर रहना होगा और इससे सीमित लाभ ही मिलेगा।

उन्होंने परिवार की आमदनी बढ़ाने के लिए फूलों की खेती शुरू की। सबसे पहले उन्होंने विभिन्न किस्म के गुलाबों की खेती की और उन्हें बाजार में बेचा। इसके साथ ही उन्होंने आम के पेड़ लगाना भी शुरू किया।

वर्ष 2000 में उन्होंने अपने बागान में आम के एक ऐसे पेड़ को देखा जिसके बढ़ने की दर बहुत तेज थी, जिसकी पत्तियां गहरे हरे रंग की थी। उन्होंने देखा कि इस पेड़ में पूरे साल बौर आते हैं। यह देखने के बाद उन्होंने आम के पेड़ की पांच कलमें तैयार की। इस किस्म को विकसित करने में उन्हें करीब 15 साल का समय लगा और इस बीच उन्होंने कलम से बने इस पौधों का संरक्षण और विकास किया। उन्होंने पाया कि कलम लगाने के बाद पेड़ में दूसरे ही साल से फल लगने शुरु हो गए।

इस नई किस्म को नेशनल इन्वोशन फाउंडेशन (एनआईएफ) इंडिया ने भी मान्यता दी। एनआईएफ भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत एक स्वायत्तसाशी संस्थान है। एनआईएफ ने आईसीएआर- राष्ट्रीय बागबानी संस्थान इंडियन इंस्ट्रीट्यूट ऑफ हार्टिकल्चरल रिसर्च (आईआईएचआर), बैंगलौर को भी इस किस्म का स्थल पर जाकर मूल्यांकन करने की सुविधा दी। इसके अलावा राजस्थान के जयपुर के जोबनर स्थित एसकेएन एग्रीकल्चर्ल यूनिवर्सिटी ने इसकी फील्ड टेस्टिंग भी की। अब इस किस्म का, पौधा किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण अधिनियम तथा आईसीएआर- नेशनल ब्यूरो ऑफ प्लांट जेनेटिक रिसोर्सेज (एनवीपीजीआर) नई दिल्ली के तहत पंजीकरण कराने की प्रक्रिया चल रही है। एनआईएफ ने नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन स्थित मुगल गार्डेन में इस सदाबहार आम की किस्म का पौधा कराने में भी सहायता की है। इस सदाबहार किस्म के आम का विकास करने के लिए श्रीकृष्ण सुमन को एनआईएफ का नौवां राष्ट्रीय तृणमूल नवप्रवर्तन एवं विशिष्ट पारंपरिक ज्ञान पुरस्कार (नेशनल ग्रासरूट इनोवेशन एंड ट्रेडिशनल नॉलेज अवार्ड) दिया गया है और इसे कई अन्य मंचों पर भी मान्यता दी गई है। अलग-अलग चैनलों के माध्यमों से एनआईएफ किसानों, किसान नेटवर्कों, सरकारी संगठनों, राज्यों के कृषि विभागों और स्वयंसेवी संगठनों तक आम की इस नई किस्म के बारे में जानकारी पहुंचाने का प्रयास कर रहा है।

श्रीकृष्ण सुमन को 2017 से 2020  तक देशभर से और अन्य देशों से भी सदाबहार आम के पौधों के 8,000 हजार से ज्यादा ऑर्डर मिल चुके हैं। वह 2018 से 2020 तक आंध्रप्रदेश, गोवा, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरल, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और चंडीगढ़ को 6,000 से ज्यादा पौधों की आपूर्ति कर चुके हैं। 500 से ज्यादा पौधे राजस्थान और मध्यप्रदेश के कृषि विज्ञान केंद्रों और अनुसंधान संस्थानों में वे खुद लगा चुके हैं। इसके अलावा राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और गुजरात के विभिन्न अनुसंधान संस्थानों को भी 400 से ज्याद कलमें भेज चुके हैं।

 

राजस्थान : अजमेर में गहलोत सरकार के खिलाफ BJP कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन

अजमेर। राजस्थान के अजमेर जिले में शनिवार को भाजपा कार्यकर्ताओं ने गहलोत सरकर के खिलाफ प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की। भाजपाइयों ने जिला कलेक्टर को राज्यपाल के नाम का ज्ञापन सौंपकर राज्य की गहलोत सरकार पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।

प्रदर्शन कर रहे भाजपाइयों ने कहा कि गहलोत सरकार दो साल में ही जनता का विश्वास खो चुकी है। सत्ताधारी दल के विधायकों में गुटबाजी और असंतोष, अविश्वास के कारण गहलोत सरकार दो हिस्सों में बंटी है। जिससे प्रदेश का विकास छोड़कर एक दूसरे को नीचा दिखाने में जुटे हैं।

 

राजस्थान : गहलोत सरकार का बड़ा फैसला, RTPCR टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट के बिना राज्य में नहीं मिलेगा प्रवेश

केरल और महाराष्ट्र के बाद अब राजस्थान में भी बिना कोरोना जांच के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। अगर आप केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और गुजरात में रहते हैं या इन छह राज्यों से लोग राजस्थान जा रहे हैं, तो उन्हें इस सूबे में प्रवेश करने से पहले कोरोना टेस्ट कराना होगा। आरटीपीसीआर टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट दिखाने के बाद ही आप राजस्थान में प्रवेश कर सकते हैं।

राज्य की गहलोत सरकार के अनुसार, केरल और महाराष्ट्र से राजस्थान आने वाले लोगों की तरह अब पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और गुजरात से प्रदेश में आने वालों के लिए भी 72 घंटे पहले कोरोना वायरस के आरटीपीसीआर टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य होगा। पड़ोसी राज्यों में कोविड-19 का संक्रमण फिर से बढ़ने के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है।

 

जमीन के नीचे खोदी 26 फीट लंबी सुरंग, फिर लोहे की संदूक को काट उड़ा ले गए चांदी

राजस्थान। जयपुर पुलिस ने वैशालीनगर इलाके में चांदी चोरी के सनसनीखेज मामले का खुलासा करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि मामले के मुख्य आरोपी सहित दो लोग अब भी फरार हैं।

इस मामले में मुख्य आरोपी पीड़ित का जानकार निकला जो एक सर्राफा व्यापारी है। पुलिस के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि चोरी के इस सनसनीखेज मामले में चोरों ने जमीन के 10 फीट नीचे 26 फीट लंबी सुरंग खोद कर घर के बेसमेंट में दबाकर रखे लोहे के संदूक को काटा और चांदी ले उड़े।

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अजयपाल लांबा ने बताया कि मामले का मुख्य आरोपी शेखर अग्रवाल पीड़ित का जानकार है, जिसने पारिवारिक संबंधों और विश्वास का फ़ायदा उठाया तथा आयकर विभाग के छापे का भय दिखाकर परिवादी और उसके परिवारजनों से चांदी में करोड़ों रुपये का निवेश करवा दिया।

उन्होंने बताया कि उसने खुद ही चांदी की सिल्लियां लाकर दी और उसे बेसमेंट में लोहे के बक्से में रखकर दबवा दिया। उन्होंने बताया कि बाद में उसने पीड़ित के घर के पीछे का मकान 97 लाख रुपये में खरीदा और काम करवाने के बहाने उसकी दीवारों को कवर कर दिया और जमीन के नीचे से सुरंग खोद चांदी चुराकर बाजार में बेच दिया।

Rajasthan Budget 2021 :जानिए गहलोत सरकार के बजट की 10 बड़ी घोषणाएं  

राजस्थान। राज्य की अशोक गहलोत सरकार ने आज विधानसभा में अपने कार्यकाल का तीसरा बजट पेश किया। इस बार पेपरलेस बजट पेश किया गया। विधायकों को भी ब्रीफकेस के साथ में टैब दिया गया है, जिससे वे हार्ड कॉपी के स्थान पर डिजिटल कॉपी का उपयोग कर सकें।

इस दौरान सीएम अशोक गहलोत ने 2 घंटे 46 मिनट का बजट भाषण दिया। सीएम गहलोत का यह अब तक का सबसे लंबा बजट भाषण बताया जा रहा है। अपने भाषण सीएम गहलोत ने राजस्थान के लोगों के लिए बड़ी सौगातों की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार हमेशा किसान हितैषी रही है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार अपने आगामी बजट में किसानों सहित समाज के सभी वर्गों की खुशहाली और कल्याण का ध्यान रखेगी। उन्होंने राज्य के कई जिलों में मंडियां स्थापित करने की घोषणा की है। वहीं एक कृषि महाविद्यालय स्थापित करने का ऐलान भी किया गया है। पशुपालकों के लिए भी कई घोषणाएं हुई हैं।

मुख्यमंत्री गहलोत ने बजट में कई नई घोषणाएं की, जिनमें राज्य के 25 जिला मुख्यालयों पर चरणबद्ध तरीके से नर्सिंग महाविद्यालय स्थापित करना शामिल है। उन्होंने कहा कि 2021- 22 में राज्य सरकार की सोच है कि सभी तबकों को साथ लेकर प्रदेशवासियों के जीवन को खुशहाल बनाया जाए।

इसके अलावा सीएम गहलोत ने कहा कि शराबबंदी को लेकर जनता की भावना का खयाल रखते हुए अभियान चलाया जाएगा। ये अभियान पूर्व विधायक गुलशन छाबड़ा की स्मृतियों के साथ चलाया जाएगा। नैतिक, धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण को ध्यान रखते हुए प्रदेश में स्वर्गीय श्री गुलशन छाबड़ा जन जागरण अभियान चलाया जाएगा। इस हेतु आगामी वित्तीय वर्ष में पांच करोड़ का प्रावधान किया जाएगा।

बेटे की मौत से दुखी परिवार के 4 लोगों ने फांसी लगाकर की आत्महत्या

राजस्थान। सीकर जिले के उद्योग नगर थाना क्षेत्र में बेटे की मौत से अवसाद में चल रहे एक ही परिवार के चार सदस्यों ने कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

सीकर के पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि करीब पांच माह पूर्व अपने बेटे की मौत से अवसाद में चल रहे पुरोहितजी की ढाणी निवासी हनुमान प्रसाद (45) ने अपनी पत्नी तारा (40) और दो पुत्रियों पूजा (22), अनु (20) के साथ घर में फांसी लगाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। उन्होंने बताया कि बेटे की मौत के बाद से ही पूरा परिवार अवसाद में था।

उन्होंने बताया कि हनुमान प्रसाद के घर में एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें प्रसाद ने लिखा है कि,” बेटे की मौत के बाद से ही हमें जीने का मन नहीं है, हम जीना नहीं चाहते है.. हमारा सहारा सब कुछ वही था।

उन्होंने बताया शवों को पोस्टमार्टम के लिये राजकीय चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया गया है। सोमवार सुबह पोस्टमार्टम करवाया जायेगा। पुलिस ने बताया कि करीब पांच माह हनुमान प्रसाद के जवान बेटे का दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी और तभी से पूरा परिवार अवसाद में था।

बेटे की मौत के गम से दुखी परिवार , 4 लोगों ने लगाई फांसी

राजस्थान के सीकर जिले के उद्योग नगर थाना क्षेत्र में बेटे की मौत से अवसाद में चल रहे एक ही परिवार के चार सदस्यों ने रविवार को कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

सीकर के पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि करीब पांच माह पूर्व अपने बेटे की मौत से अवसाद में चल रहे पुरोहितजी की ढाणी निवासी हनुमान प्रसाद (45) ने रविवार को अपनी पत्नी तारा (40) और दो पुत्रियों पूजा (22), अनु (20) के साथ घर में फांसी लगाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। उन्होंने बताया कि बेटे की मौत के बाद से ही पूरा परिवार अवसाद में था।

उन्होंने बताया कि हनुमान प्रसाद के घर में एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें प्रसाद ने लिखा है कि,” बेटे की मौत के बाद से ही हमें जीने का मन नहीं है, हम जीना नहीं चाहते है.. हमारा सहारा सब कुछ वही था। उन्होंने बताया शवों को पोस्टमार्टम के लिये राजकीय चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया गया है। सोमवार सुबह पोस्टमार्टम करवाया जायेगा। पुलिस ने बताया कि करीब पांच माह हनुमान प्रसाद के जवान बेटे का दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी और तभी से पूरा परिवार अवसाद में था।

राजस्थान : पैदल मार्च में ऊंट, हाथी-घोड़े, ट्रैक्टर और बाइक पर मार्च करते दिखे कांग्रेस नेता

राजस्थान। कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस ने शनिवार को राजस्थान के सभी जिला मुख्यालयों पर पैदल मार्च निकाला। कांग्रेस नेताओं ने पैदल मार्च निकालकर कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए केंद्र सरकार से इन्हे वापस लेने की मांग की। जिला मुख्यालयों पर प्रभारी मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पैदल मार्च में शामिल हुए। जयपुर में निकाले गए पैदल मार्च में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को शामिल होना था, लेकिन दोनों नहीं पहुंचे। इस कारण यहां पैदल मार्च की अगुवाई परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और विधानसभा में मुख्य सचेतक महेश जोशी ने की।

बताया जा रहा है कि NITI आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक के कारण सीएम नहीं आ सके। वहीं, डोटासरा सीकर दौरे पर हैं। राज्य कांग्रेस के आह्वान पर प्रत्येक जिला मुख्यालय में पार्टी द्वारा एक समान मार्च का आयोजन किया गया।

मार्च में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हाथ में कांग्रेस के झंडे और तख्तियां थामे हुए थे। इन पर कृषि कानून की वापसी के नारे लिखे थे। यह मार्च चांदपोल बाजार से छोटी चौपड़, त्रिपोलिया गेट, बाडी चौपड़, रामगंज चौपड़ , सूरजपोल अनाज मंडी से गलता गेट तक पहुंचा।
इस सदौराम मंत्री खाचरियावास ने कहा कि किसान आंदोलन में अब तक 200 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है। दो दर्जन से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है। सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद, भाजपा की मोदी सरकार इस कानून को देश के किसानों पर थोपना चाहती है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने पेट्रोल और डीजल महंगा करके, गैस सिलेंडर पर सब्सिडी खत्म करके, गैस सिलेंडर 200 रुपये बढ़ाकर देश की जनता की पीठ में खंजर घोंपा है।