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72वें गणतंत्र के जश्न में डूबा देश, राजपथ पर हुआ भारत की संस्कृति और रक्षा ताकतों का प्रदर्शन

नई दिल्ली। आज 72वां गणतंत्र दिवस है। पूरा देश गणतंत्र के जश्न में डूबा है। दिल्ली के राजपथ पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने झंडा फहराकर राष्ट्रगान की धुन के बीच 21 तोपों की सलामी लेकर समारोह का शुभारंभ किया। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर पीएम मोदी के साथ देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद रहे।

बता दें कि आजादी के बाद भारत में 26 जनवरी 1950 को सविधान लागू हुआ था। संविधान की स्थापना दिवस के रूप में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। इस दिन को हर साल बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। हालांकि कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में कई बदलाव किए गए हैं।

गणतंत्र दिवस के अवसर पर ऐतिहासिक विजय चौक पर देश की आन-बान-शान का शानदार नजारा देखने को मिला। राजपथ पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य नेताओं के साथ भव्य परेड देखा।

राजपथ पर उत्तर प्रदेश की झांकी में राम मंदिर की झलक देखने को मिली। झांकी की थीम अयोध्या-उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत है।

राजपथ पर भारत की संस्कृति के रंगों और रक्षा क्षेत्र की ताकत का प्रदर्शन किया गया। अत्याधुनिक हथियारों, मिसाइलों, लड़ाकू विमानों व जहाजों और भारतीय सैनिकों के दस्तों ने किसी भी चुनौती से निपटने की देश की ताकत का अहसास कराया। सबसे अंत में रोमांच से भर देने वाले युद्धक विमानों को राजपथ के उपर से हैरतअंगेज कारनामों के साथ उड़ान भरते दिखाई दिए।

गणतंत्र दिवस : आईटीबीपी का विशेष डॉग स्क्वॉड कर रहा है राजपथ की रखवाली

नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस में चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के लिए आईटीबीपी को तैनात किया गया है। दिल्ली पुलिस के साथ भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल का के-9 दस्ता इंडिया गेट और राजपथ के साथ सभी सम्बंधित क्षेत्रों की कड़ी निगरानी कर रहा है।

बता दें कि पिछले कई वर्षों से आईटीबीपी के ये विशेष रूप से प्रशिक्षित श्वान दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर कई बड़े आयोजनों में एंटी सबोटाज के लिए प्रयुक्त किये जाते रहे हैं और इनकी विश्वसनीयता अद्वितीय रही है।

आईटीबीपी दिल्ली पुलिस को कई मौकों पर अपने के-9 डॉग्स की सेवाएं उपलब्ध कराती रही है और यह सभी बलों में सबसे ज्यादा के-9 श्वान सेवाएं प्रदान करने वाला बल है। पूर्व में भी कई विशेष मौकों जैसे विदेशी राजनयिकों और राष्ट्राध्यक्षों की दिल्ली यात्रा के समय इन श्वानों को सुरक्षा कर्तव्यों में नियुक्त किया गया है।