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हंगामें की भेंट चढ़ा बजट सत्र के दूसरे चरण का दूसरा दिन, महंगाई पर हुई बहस

नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण का दूसरा दिन हंगामे के भेट चढ़ गया। विपक्षी सांसदों ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर हंगामा किया। इसके बाद दोनों सदनों की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। बता दें कि संसद का कामकाज मंगलवार से सामान्य समय पर शुरू हो गया है, जैसे कोरोना काल से पहले होता था। दोनों सदनों की कार्यवाही पहले की तरह निर्धारित समय सुबह 11 बजे से और शाम छह बजे तक चलेगी। कोरोना महामारी के कारण पिछले साल मानसून सत्र से राज्यसभा की कार्यवाही सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक चल रही थी। वहीं शाम 4 बजे से रात्रि 9 बजे तक लोकसभा की कार्यवाही चल रही थी। सोमवार, आठ मार्च से बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू हुआ। इस दौरान पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की महंगाई को लेकर खूब हंगामा हुआ।

दूसरे दिन भी उठा महंगाई का मुद्दा

बजट सत्र के दूसरे चरण के दूसरे दिन भी पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की महंगाई को लेकर सरकार को घेरते हुए विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों में भारी हंगामा किया। संसद के दोनों सदनों में कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस देकर विपक्ष ने पेट्रोलियम उत्पादों पर लगातार बढ़ाए गए टैक्स में कमी के साथ बहस की मांग करते हुए सदन को ठप कराया। दोनों सदनों की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई। विपक्ष के हंगामे के बाद दोनों कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही शुरू होने पर विपक्ष का हंगामा जारी रहा और दोनों सदनों की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई। इसके बाद दो बजे दोनों सदनों की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।

आज से सामान्य समयानुसार कार्यवाही

राज्यसभा में पीठासीन अध्यक्ष वंदना चव्हाण ने सोमवार को सभापति एम. वेंकैया नायडू के लिखित संदेश के हवाले से बताया कि मंगलवार से संसद की कार्यवाही सुबह 11 बजे शाम छह बजे तक चलेगी। बाद में, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी घोषणा की कि मंगलवार से सामान्य समयानुसार सुबह 11 बजे से सदन की कार्यवाही शुरू होगी। बजट सत्र का पहला चरण 29 जनवरी को राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के संबोधन के साथ शुरू हुआ और 29 फरवरी को संपन्न हुआ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को केंद्रीय बजट संसद में पेश किया था।

समय से पहले खत्म होगा बजट सत्र!

पांच राज्यों के चुनाव के मद्देनजर बजट सत्र को समय से पहले ही समाप्त किए जाने के प्रबल आसार हैं। तृणमूल कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों ने चुनाव के मद्देनजर बजट सत्र को स्थगित करने का आग्रह किया है। 8 मार्च को शुरू हुआ बजट सत्र का दूसरा चरण 8 अप्रैल को समाप्त होने वाला है, लेकिन चुनाव के कारण होली से पहले इसके समापन की संभावना है।

राज्‍यसभा में प्रधानमंत्री ने राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर धन्‍यवाद प्रस्‍ताव का दिया जवाब

नई दिल्ली।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर सोमवार को राज्‍यसभा में धन्‍यवाद प्रस्‍ताव का जवाब दिया। इस दौरान उन्‍होंने दिल्‍ली की सीमाओं पर जमे आंदोलनकारी किसानों को फिर से बातचीत का न्‍योता दिया है। पीएम मोदी ने खालिस्‍तानी साजिश पर कहा कि देश हर सिख के लिए गर्व करता है। उन्‍हें गुमराह करने से कभी देश का भला नहीं होगा।

पीएम मोदी ने कहा कि हम ये न भूलें कि कुछ लोग हमारे खासकर पंजाब के सिख भाइयों के दिमाग में गलत चीजें भरने में लगे हैं। ये देश हर सिख के लिए गर्व करता है। उनका जितना हम आदर करें, उतना कम है। मेरा भाग्‍य रहा है कि मुझे पंजाब की रोटी खाने का अवसर मिला है।  पीएम ने कहा कि हमारे कृषि मंत्री लगातार किसानों से बातचीत कर रहे हैं। अभी तक कोई तनाव पैदा नहीं हुआ है।

एक-दूसरे की बात को समझने का, समझाने का प्रयास चल रहा है। हम आंदोलन करने वालों से प्रार्थना करते हैं कि आंदोलन करना आपका हक है। लेकिन इस प्रकार से बुजुर्ग लोग वहां बैठे हैं, ये ठीक नहीं है आप उनको ले जाइए। आप आंदोलन को खत्‍म कीजिए। आगे बढ़ने के लिए मिल-बैठकर चर्चा करेंगे। मैं सदन के माध्‍यम से भी निमंत्रण देता हूं।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का एक कथन पढ़ा जिसमें उन्‍होंने कृषि से जुड़े एक बड़े बाजार की वकालत की थी। मोदी ने कहा कि मजा ये है जो लोग पॉलिटिकल बयानबाजी करते हैं, उछल-उछल कर  उनकी सरकारों ने भी अपने-अपने राज्‍यों में थोड़ा-बहुत तो किया ही है। किसी ने कानूनों की मंशा पर सवाल नहीं उठाए हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि याद कीजिए, यहां इसी सदन का भाषण मैं दो-तीन साल पहले का मैं सुन रहा था। मोबाइल कहां हैं, लोग डिजिटल ट्रांजेक्‍शंस कैसे करेंगे। आज हर महीने यूपीआई से चार लाख करोड़ के ट्रांजेक्‍शंस हो रहे हैं। जल हो, नभ हो, अंतरिक्ष हो। भारत हर क्षेत्र में अपनी क्षमता के साथ खड़ा है।

 

 

राज्यसभा में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गिनाए कृषि कानूनों के फायदे  

नई दिल्ली। राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर 15 घंटे तक चली मैराथन बहस खत्म हो गई। तीन दिन तक चली चर्चा के केंद्र में देश के किसान रहे। जिसमें विपक्ष ने कृषि कानूनों को वापस लेने की बात की तो सत्ता पक्ष ने सिलसिलेवार तरीके से विपक्ष की आशांकाओं को खारिज कर दिया। सत्तापक्ष की तरफ से मोर्चा कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संभाला और कहा कि कृषि कानून में खराबी कहां है।

कृषि मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार किसानों के हित के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार किसानों की हर शंका को दूर करने के लिए तैयार है।  कृषि मंत्री ने सदन में विपक्ष पर चुटकी ली और कहा कि विरोध सब कर रहे हैं लेकिन कोई बता नहीं पा रहा कि आखिर खामी क्या है।

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान अनेक विपक्षी पार्टियों ने किसानों के लिये अपनी प्रतिबद्दता दिखाने की कोशिश की।  चर्चा में सभी दलों का प्रतिनिधित्व हो सके, इसके लिये आसन ने पूरा ख्याल रखा,  इसलिए सदन की कार्यवाही को आधे घण्टे के लिए बढ़ाया गया। जिस तरह से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में चर्चा हुई है, उम्मीद है आगे भी विपक्ष इसी तरह सत्ता पक्ष के साथ सहयोग करेगा।

 

 

राज्यसभा में विपक्ष पर क्यों बरसे केंद्रीय कृषि मंत्री, जानिए पूरी खबर ?

नई दिल्ली। राज्यसभा में शुक्रवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलते हुए विपक्षी पार्टियों पर जमकर निशाना साधा। कृषि मंत्री ने कहा कि खेती पानी से होती है, लेकिन कांग्रेस पार्टी सिर्फ खून की खेती करना चाहती है।

नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि विपक्ष सरकार को किसान आंदोलन के मुद्दे पर घेर रहा है और तीनों नए कानूनों को काला कानून बता रहा है। लेकिन इन कानूनों में ‘काला’ क्या है,  कोई ये भी तो बताए। उन्होंने कहा कि नए एक्ट के तहत किसान अपने सामान को कहीं भी बेच सकेगा। अगर APMC के बाहर कोई ट्रेड होता है, तो किसी तरह का टैक्स नहीं लगेगा।

कृषि मंत्री ने कहा कि मैं प्रतिपक्ष का धन्यवाद करना चाहूंगा कि उन्होंने किसान आंदोलन पर चिंता की और आंदोलन के लिए सरकार को जो कोसना आवश्यक था उसमें भी कोई कमी नहीं की। मैं किसान यूनियन से दो महीने तक पूछता रहा कि इस कानून में काला क्या है ?

इसी बीच राज्यसभा में जब किसान आंदोलन और कृषि कानून को लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बोल रहे थे तो हरियाणा से कांग्रेस के सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने उनपर झूठ बोलने का आरोप लगाया। कुछ देर तक तो कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, सांसद दीपेंद्र भाई..दीपेंद्र भाई का संबोधन कर उन्हें शांत रहने का आग्रह करते रहे और आखिर में नाराज होकर कहा कि कान खोलकर सुनो और अगली बार जब कृषि पर बहस हो तो पढ़कर आना।

राज्यसभा में दिग्विजय सिंह की किस बात पर ठहाकों से गूंजने लगा सदन, जानिए पूरी खबर ?

नई दिल्ली। राज्यसभा में बृहस्पतिवार को कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच एक गजब जुगलबंदी देखने को मिली। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मोदी सरकार का पक्ष रख कांग्रेस को घेरा, मगर जब दिग्विजय सिंह की बोलने की बारी आई तो उनकी बातें ऐसी थीं कि पूरा सदन ही ठहाकों से गूंजने लगा।

बता दें कि आज  राज्यसभा में जब बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने सबसे पहले कहा, ‘सभापति महोदय! मैं आपके माध्यम से सिंधिया जी को बधाई देना चाहता हूं, जितने अच्छे ढंग से वे यूपीए सरकार में सरकार का पक्ष रखते थे उतने ही अच्छे ढंग से आज उन्होंने भाजपा का पक्ष रखा है। आपको बधाई हो, वाह जी महाराज वाह, वाह जी महाराज वाह!’

दिग्विजय सिंह की इस बात पर मुस्कुराते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हाथ जोड़ लिए और दिग्जविजय सिंह की बात खत्म होने पर कहा, ‘सब आपका ही आशीर्वाद है।  इसके बाद राज्यसभा में ठहाके गूंजने लगे। इतना ही नहीं, खुद दिग्विजय सिंह भी मुस्कुराने लगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया की यह बात सुन दिग्विजय सिंह ने तुरंत कहा- ‘हमेशा रहेगा, आप जिस पार्टी में रहें, आगे भी जो हो, हमारा आशीर्वाद आपके साथ था, है और रहेगा।

बते दें कि राज्यसभा में आज यानी बृहस्पतिवार को विपक्षी दलों ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन पर सरकार पर जमकर हमला बोला। विपक्षी पार्टियों ने किसानों के आंदोलन से निपटने के तरीकों पर सवाल उठाया। हालांकि, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मोदी सरकार का पक्ष रख कांग्रेस को घेरा, मगर जब दिग्विजय सिंह की बोलने की बारी आई तो उनकी बातें ऐसी थीं कि पूरा सदन ही ठहाकों से गूंजने लगा।