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पूजा करने गई 50 साल की महिला के साथ गैंगरेप, खून से लथपथ शव को छोड़कर फरार हुए आरोपी

बदायूं। उत्तर प्रदेश में हैवानो की एक बार फिर हैवानियत सामने आई है। एक ओर जहां सरकार महिला की सुरक्षा को लेकर दावे करती है तो वहीं दूसरी ओर ये सभी दावे खोखले साबित होते दिखाई दे रहे हैं। ये कहना गलत नही होगा कि मानवता शर्मशार हुई है। हैवानो ने इस बार 50 साल की महिला को अपने हवस का शिकार बनाया और जब महिला ने विरोध किया तो अपराधियो ने ऐसी हैवानियत दिखाई कि आप सोच भी नही सकते।

दरअसल, पहले तो हैवानो ने बारी-बारी से बलात्कार किया। उसके बाद दरिंदों ने महिला के प्राइवेट पार्ट में रॉड डाल दिया, जिससे उसका आंतरिक हिस्सा तक फट गया। जब खून से लथपथ महिला ने दम तोड़ दिया तो दरिंदो ने महिला को उसी हालत में छोड़कर फरार हो गए। वहीं मामले की जानकारी जब पुलिस को मिली तो पुलिस ने मामले को दबाते हुए पूरे गैंगरेप प्रकरण को झूठा बता दिया। उन्नाव, हाथरस और अब बंदायू शायद जो कोई सुने तो दांतो के तले उंगली दबा ले।

उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में हुई निर्भया गैंगरेप जैसी हैवानियत ने एक बार फिर कानून के रखवाले और पुलिस की सख्ती को बेनकाब कर दिया है। साफ पता चलता है कि यूपी में दरिंदो के आगे पुलिस नतमस्तक है। आप सोच रहे होगें की हम ऐसा क्यों कह रहे हैं?

क्या है पूरा मामला?

बता दें, बंदायू में 50 साल की महिला से गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई। हत्या की वारदात को सुनकर आपकी रुह कांप उठेगी। दरिंदों ने महिला के प्राइवेट पार्ट में रॉड जैसी चीज भी डालने की कोशिश की। महिला के शरीर के अन्य हिस्सों में गम्भीर चोटें आई हैं। जिन्हें देख कर अब ये साफ हो गया है कि महिला के साथ गैंगरेप हुआ है। गैंगरेप के बाद हत्या ने जहां एक तरफ झकखोर कर रख दिया। वहीं पुलिस ने मामले को दबाते हुए खुद ही फैसला सुना दिया। पुलिस की माने तो महिला की हत्या गैंगरेप के बाद नहीं बल्कि कुएं में गिरने के बाद हुई है।

वहीं पुलिस की इन दकियानूसी बातें सुनने के बाद गुस्साएं परिजनों ने सड़क पर मोर्चा खोल दिया। लेकिन इतना सब होने के बाद भी पुलिस की आंख नहीं खुली। मामले का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो बड़े अधिकारियों की नींद खुली। थाना इंचार्ज को मामले की जांच होने तक के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं मृतक महिला के परिजनों की माने तो उन्होंने उघैती थाना में पूरे मामले की जानकारी दी थी, लेकिन थाना इंचार्ज ने मामले को दबाने की कोशिश की।

पुलिस की लापरवाही आई सामने

मामले ने तूल पकड़ा तो अधिकारियों ने घरवालों की तहरीर पर 3 आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप व हत्या का मुकदमा दर्ज किया। बता दें कि घटना बीते 2 जनवरी को हुई थी। लेकिन पुलिस की लापरवाही के चलते 4 जनवरी को शव का पोस्टमॉर्टम न करवाकर 5 जनवरी को 48 घंटे बाद कराया गया। ऐसे में सवाल उठता है कि पुलिस ने गैंगरेप के बाद हत्या जैसी बड़ी वारदात में इतनी लापरवाही क्यों बरती?

गौरतलब है कि गैंगरेप के बाद हत्या के मामले में लापरवाही बरतने व घटना को दबाने के मामले में थानाध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप सिंह को एसएसपी संकल्प शर्मा ने निलंबित कर दिया है। वहीं पुलिस ने मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, बाकि फरार चल रहे दोनो आरोपियों की तलाश में पुलिस जुटी हुई है।

 

पहले किया दुष्कर्म फिर काटा गला, जब जी नहीं भरा तो काट दिया गुप्तांग

झारखंड। रांची में एक युवती की सिरकटी लाश मिलने से हड़कंप मच गया। मामला ओरमांझी थाना इलाके के जिराबार जंगल का है। महिला का शव नग्न अवस्था में मिला है और सिर की तलाश जारी है। पुलिस की टीम लगातार जांच में जुटी हुई है। इलाके में सर्च ऑपरेशन भी जारी है, खोजी श्वानों की भी मदद ली जा रही है।

बता दें की महिला के सिर का अभी तक पता नहीं चला है। जहां पुलिस के हाथ घटना क दो दिन बाद भी खाली है तो वहीं वहीं इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीतिक पार्टियां अपनी सियासी रोटियां सेंकने की कोशिश कर रही हैं। आज इसी मुद्दे पर खास चर्चा देखिए पल्लवी रविंद्र सिंह के साथ

https://youtu.be/8rMStvBvCac

पड़ोस में रहने वाले युवक ने 14 साल की मासूम को बनाया हवस का शिकार, पुलिस ने दर्ज किया केस

रामपुर के कोतवाली मिलक क्षेत्र में दिल को झकझोर कर देने वाली घटना सामने आई है। एक 14 साल की मासूम को उसी के पड़ोस में रहने वाले युवक ने अपनी हवस का शिकार बना लिया। मामला जब परिजनों तक पहुंची तो वह भी सुनकर चौंक गए। जिसके बाद उन्होंने पुलिस में तहरीर दी। पुलिस ने देर न करते हुए आरोपी को फौरन गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ पॉस्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी।

साहिब अली ने राहुल बन हिंदू लड़की का किया रेप, फिर बनाया धर्म परिवर्तन का दबाव

नई दिल्ली। सरिता विहार निवासी एक हिंदू लड़की के यौन शोषण का मामला सामने आया है। पीड़िता का आरोप है कि साहिब अली नाम के लड़के ने अपनी पहचान छिपाकर उस पर शादी का दबाव बनाकर उसके साथ रेप किया। पीड़िता ने सरिता विहार थाने में मामले की शिकायत दर्ज कराई है। पीड़िता ने साहिब के परिजनों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 21 दिसंबर को थाने में दायर अपनी शिकायत में पीड़िता ने बताया कि साहिब उसके घर में किराएदार था और उसने वहाँ अपनी पहचान राहुल बताई थी। तभी दोनों के बीच  गहरी दोस्ती हो गई। पीड़िता ने बताया कि दोस्ती होने के बाद राहुल ने उसके सामने शादी का प्रस्ताव रखा और कुछ दिन बाद ही वह उसे अपने माता, पिता, भाई, बहन और जीजा के पास अली विहार  ले जाकर उसके साथ जबरन दुष्कर्म कर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने लगा।
पीड़िता का आरोप है कि साहिब अली उर्फ ​​राहुल के पिता हाजीसुन्नला ने भी उसे आपत्तिजनक तरीके से छुकर उसके साथ दुरव्यवहार करने की कोशिश की। पुलिस ने युवती का मेडिकल कराकर संबंधित धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।

16 दिसंबर 2012 की वो मनहूस रात, निर्भया की मां के हौसले बुलंद

16 दिसंबर 2012 की रात देश के लिए किसी मनहूस रात से कम नहीं थी। आज इस कांड को पूरे 8 साल हो चुके है, मगर हमारे जहन से आज भी वो दिल्ली की दर्दनाक तस्वीरें उतरी नहीं है । हर मां बाप की आंखों में खौफ के आंसू आज भी है। दिल्ली की दौड़ती सड़कों पर इस घिनौनी हरकत के बाद भी हर दिन बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामलों के आंकड़े बढ़ते ही जा रहे है। देश की ना जाने कितनी बेटियों ने अपनी जान गवाई है और बार बार प्रशासन को याद दिलाना पड़ा है कि बस अब और नहीं । मगर 2012 हो या 2020 हाल कुछ बदले नहीं है आज भी बच्चियां अपनी इज्जत का बलिदान दे रही है।

आज निर्भया की मां आशा देवी ने अपनी बलात्कारियों के खिलाफ शुरू की अपनी मुहिम के लिए कहा कि मेरी बेटी को इंसाफ मिल गया है और चार दोषियों को फांसी हुई। 2012 के बाद मैं आठ साल तक लड़ी। हम आगे भी दूसरी बच्चियों के इंसाफ के लिए लड़ते रहेंगे। जो हर साल हम प्रोग्राम करते थे इस साल कोरोना की वजह से नहीं कर पाएंगे लेकिन ऑनलाइन प्रोग्राम करेंगे।

आगे उन्होंने कहा कि किसी के भी मन में कानून का खौफ नहीं है। कानूनों में जो भी कमियां हैं उसे सरकार और कानून जल्द दूर करे। जब हमारा सिस्टम और सरकार जिम्मेदारी से काम करेगा तभी अपराध रुकेंगे। निर्भया केस का फैसला बेशक हो गया लेकिन इससे देश में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में कमी नहीं आई है।

 इतना ही नहीं निर्भया के पिता ने हादसे की याद में एनजीओ सेव द चिल्ड्रन तथा युवा की ओर से शुरू की गई ऑनलाइन पेटिशन में शामिल होते हुए कहा कि लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। उन्होंने ये भी कहा की इस से पहले मुझे बोलते हुए नहीं सुना होगा। आज मैं समझता हूं मेरी आवाज सुनना आपके लिए जरूरी है। मेरा नाम बद्रीनाथ सिंह है। उस हादसे के बाद मुझे निर्भया के पिता के रूप में ही जाना गया। और आगे भी मुझे जीवन भर इसी पहचान से जाना जाएगा

आगे निर्भया के पिता ने कहा कि आठ साल पहले जब मेरी बेटी मुझसे छीन ली गई तो महिलाओं की अगुवाई में लोग सड़कों पर उतरे और इंसाफ के लिए मेरे परिवार की लड़ाई को अपनी लड़ाई बना लिया। मैंने सोचा था यह केस हमारे देश को हमेशा के लिए बदल देगा लेकिन आज भी समाचार देखता हूं तो हर दिन किसी न किसी बेटी से दरिंदगी की खबर होती है। निर्भया के बाद भी कुछ नहीं बदला है।