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वैलेंटाइन्स डे से पहले कर सकते हैं मुगल गार्डन की सैर, जानिए कैसे मिलेगा प्रवेश ?

नई दिल्ली। वैलेंटाइन्स डे से पहले आप मुगल गार्डन का सैर कर सकेंगें। राष्ट्रपति सचिवालय के बयान के मुताबिक 13 फरवरी से 21 मार्च तक राष्ट्रपति भवन,  नई दिल्ली के मुगल गार्डन को आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। गार्डन शनिवार और रविवार को भी खुला रहेगा (सरकारी छुट्टियों को छोड़कर)। प्रवेश केवल अग्रिम ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से होगा।

मुगल गार्डन आम जनता के लिए सात घंटे – सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहेगा। प्रवेश के लिए पंजीकरण निशुल्क है, जिसे ऑनलाइन किया जाना है। एक मोबाइल नंबर से केवल एक ही बुकिंग की जा सकती है। जिन लोगों ने ऑनलाइन बुकिंग की है, उन्हें पहचान पत्र साथ रखना होगा।

सुरक्षा के मद्देनजर पानी, दूध की बोतलें, ब्रीफकेस, हैंडबैग, लेडीज पर्स, कैमरा, रेडियो, छाता और अन्य आपत्तिजनक वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाया गया है।

 

राष्ट्रपति भवन में कल से शुरू होगा चेंज ऑफ गार्ड समारोह, जानिए कैसे मिलेगी समारोह देखने की अनुमति ?

नई दिल्ली।  राष्ट्रपति भवन के फोर कोर्ट में रस्मी गार्डों की अदला-बदली (चेंज ऑफ गार्ड) समारोह कल से एक बार फिर शुरू हो रहा है। कोरोना महामारी के कारण पिछले साल मार्च में इसे स्थगित कर दिया गया था। राष्ट्रपति भवन ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि मार्च-2020 में कोरोना के कारण बंद की गई चेंज ऑफ गार्ड सेरेमनी 6 फरवरी से फिर से शुरू होगी। यह प्रत्येक शनिवार (सार्वजनिक अवकाश छोड़कर) को सुबह 9:40 बजे से 10:40 बजे तक जनता के लिए खुली रहेगी। यह व्यवस्था 14  मार्च तक लागू रहेगी। प्रत्येक शनिवार को अधिकतम 100 लोगों को ऑनलाइन बुकिंग के आधार पर समारोह देखने की अनुमति दी जाएगी।

इसके बाद 15 मार्च से इसके समय में परिवर्तन किया जाएगा और 13 नवंबर तक सुबह 7:40 बजे से 8:40 बजे तक होगी। वहीं सर्दियों में फिर इसके समय में बदलाव होगा और 14 नवम्बर से 13 मार्च 2022 तक यह सुबह 9:40 बजे से 10:40 बजे तक आयोजित की जाया करेगी।

राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में आयोजित होने वाला चेंज ऑफ गार्ड समारोह जनता के लिए खुला है। इस सेरेमनी को देखने का अनुरोध राष्ट्रपति भवन की आधिकारिक वेबसाइट पर दिए लिंक के माध्यम से ऑनलाइन किया जा सकता है। प्रत्येक शनिवार को अधिकतम 100 लोगों को पूर्व बुकिंग के साथ समारोह देखने की अनुमति दी जाएगी। वैध फोटो पहचान पत्र दिखाकर समारोह को निशुल्क देखा जा सकता है।

राष्ट्रपति ने संसद के दोनों सदनों को किया संबोधित, कहा-तिरंगे का अपमान दुर्भाग्यपूर्ण

नई दिल्ली।  राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शुक्रवार को बजट सत्र शुरु होने के साथ संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित किया। इस दौरान राष्ट्रपति ने पिछले दिनों हुए तिरंगे और गणतंत्र दिवस के अपमान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। साथ ही लोगों से गंभीरता से कानून का पालन करने को कहा।

राष्ट्रपति ने कहा कि कोरोना महामारी के समय सरकार के सटीक फैसलों से लाखों लोगों की जान बची। राष्ट्रपति ने भारत द्वारा दुनिया के सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाने पर गर्व जताया। साथ ही कहा कि भारत ने मानवता के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए अनेक देशों को कोरोना टीकों की लाखों खुराकें उपलब्ध करवाई।

राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले 6 साल में सरकार ने कृषि को आधुनिक बनाने के लिए काफी प्रयास किए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को लागत से डेढ़ गुना MSP देने का फैसला भी किया। राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने व्यापक विचार विमर्श के बाद तीन कृषि कानूनों को पारित किया है, जिसका लाभ किसानों को मिल रहा है। कृषि सुधारों को अनेक दलों ने समय-समय पर अपना समर्थन भी दिया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने व्यापक विचार विमर्श के बाद  कृषि कानूनों को पारित किया है जिसका किसानों को लाभ मिल रहा है। इसके अलावा राष्ट्रपति ने तिरंगे के अपमान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सभी से कानून को गंभीरती से पालन करन को कहा।

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ने कहा- बढ़ते प्रभाव का सूचक है सुरक्षा परिषद में भारत का प्रवेश

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देशवासियों को संबोधित किया। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय त्योहारों को  सभी देशवासी, राष्ट्र-प्रेम की भावना से मनाते हैं। 26 जनवरी का राष्ट्रीय पर्व हम पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाते हुए  अपने राष्ट्रीय ध्वज तथा संविधान के प्रति सम्मान व आस्था व्यक्त करते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि संविधान की उद्देशिका में रेखांकित न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता के जीवन-मूल्य हम सबके लिए आदर्श हैं। ऐसे में यह उम्मीद की है कि केवल शासन ही नहीं, बल्कि हम सभी सामान्य नागरिक भी इन आदर्शों का पालन करें।

उन्होंने कहा कि समता, हमारे गणतंत्र के महान यज्ञ का बीज-मंत्र है। सामाजिक समता का आदर्श प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा सुनिश्चित करता है, जिसमें हमारे ग्रामवासी, महिलाएं, अनुसूचित जाति व जनजाति सहित अपेक्षाकृत कमजोर वर्गों के लोग, दिव्यांग-जन और वयो-वृद्ध, सभी शामिल हैं। इस लिए मैं आज फिर इस बात को दोहराऊंगा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन और विचारों पर मनन करना, हमारी दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए। हमें हर संभव प्रयास करना है कि समाज का एक भी सदस्य दुखी या अभाव-ग्रस्त न रहे।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि जिस असाधारण समर्थन के साथ, इस वर्ष, भारत ने अस्थायी सदस्य के रूप में सुरक्षा-परिषद में प्रवेश किया है वह, भारत के बढ़ते प्रभाव का सूचक है। विश्व-स्तर पर, राजनेताओं के साथ, हमारे संबंधों की गहराई कई गुना बढ़ी है।