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कैंपिरगाज : झण्डा रोहण के बाद बुजुर्गों को अंग वस्त्र देकर किया सम्मानित

गोरखपुर। कैंपिरगाज विकास खंड के गांव राखुखोर के पंचाय़त भवन में ग्राम प्रधान पति राजेश पाण्डेय के नेतृत्व में आज गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगा फहराया गया। झण्डा रोहण के बाद प्रधान पति राजेश पाण्डेय ने गांव के बुजुर्गों और सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को अंग वस्त्र , रामचरितमानस और छड़ी देकर सम्मानित किया।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि मैं हमेशा अपने गांव के बड़े बुजुर्गों और गरीबों के लिए तन, मन, धन से समर्पित रहता हूं। इनके सम्मान के लिए मैं हर लड़ाई लड़ने को हमेशा तैयार रहता हूं। उन्होंने कहा कि मैं चाहे प्रधान रहूं या ना रहूं लेकिन मैं अपने गांव के और अपने क्षेत्र के विकास के लिए हमेशा समर्पित रहूंगा।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वार्ड नंबर 16 से भावी जिला पंचायत सदस्य मुकुट मिश्रा रहे। मुकुट मिश्री ने कहा कि मैं इस क्षेत्र के विकास के लिए सदैव तत्पर रहता हूं और अगर मुझे इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला तो मैं इसके विकास के लिए पूर्ण रूप से समर्पित रहूंगा। कार्यक्रम का संचालन हरि सिंह ने किया।

कार्यक्रम में गांव के  सभी बुजुर्ग , रामजी पाण्डेय रेलवे के सभी सेवानिवृत्त रिटायर्ड कर्मी और अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।

रिपोर्ट- सचिन यादव

गणतंत्र दिवस की अनसुनी दास्तां, सुनकर आप भी हो जायेंगे हैरान!

भारत आज अपना 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, लेकिन गणतंत्र दिवस को 26 जनवरी के ही दिन क्यों मनाते हैं? आज ही के दिन क्यों लागू किया गया था संविधान? ऐसे तमाम सवालों के जवाब इस कार्यक्रम में दिए गए हैं। तो पूरा कार्यक्रम जरुर देखें और पसंद आए तो दूसरों को भी शेयर करें।

https://youtu.be/mB3jMGm_sn0

हरिद्वार :  बहादराबाद पतंजलि योग पीठ में बाबा रामदेव ने फहराया 108 फिट का तिरंगा

हरिद्वार। बहादराबाद स्थित पतंजलि योग पीठ में आज योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने 72वे गणतंत्र दिवस के मौके 108 फिट का तिरंगा फहराया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में योग गुरु बाबा रामदेव के अनुयायी पतंजलि का स्टाफ और स्कूली छात्र छात्राएं सभी धर्मों के धर्म गुरु मौजूद रहे।

इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। वहीं,कार्यक्रम को दौरान अपने संबोधन में बाबा रामदेव ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा। रामदेव ने कहा कि ममता बनर्जी अगर बंगाल में अपनी सत्ता बचाना चाहती हैं तो वह राम और कृष्ण को भी उतना महत्व दें जितना वह इस्लाम को देती हैं। बाबा रामदेव ने किसान और सरकार के बीच चल रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए भगवान से प्रार्थना करते हुए सरकार से इस गतिरोध को खत्म करने का आह्वान किया। इसके अलाव बाबा रामदेव ने कहा कि अपनी संस्कृति और सभ्यता को बचाने के लिए योग गुरु अब शिक्षा क्षेत्र में भी क्रांति लाएंगे।

 

राजपथ पर दुनिया देखेगी भारत की ताकत, जब आसमान में फर्राटे भरेगा राफेल

नई दिल्ली। देश पूरे उमंग और उत्साह के साथ आज 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस अवसर पर राजपथ पर ऐतिहासिक परेड निकलेगी, जिसमें पूरी दुनिया भारत की सांस्कृतिक विरासत और सैन्य ताकत की झलक देखेगी। इस बार का परेड कई मायनों में खास होने वाला है। राफेल लड़ाकू विमान इसका मुख्य आकर्षण होगा। गणतंत्र दिवस समारोह के मद्देनजर दिल्ली में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पूरी राजधानी अभेद्य किले में तब्दील हो गई है। जमीन से लेकर आसमान तक कड़ा पहरा है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस व पैरा मिलिट्री तैनात है। सोमवार रात 12 बजे से ही दिल्ली की सभी  सीमाएं सील कर दी गई हैं। इंट्री उन्हें ही मिलेगी, जिन्हें अति आवश्यक काम होगा।

गणतंत्र दिवस पर सशस्त्र बलों की झांकी के अलावा, 17 झांकियां विभिन्न राज्यों की होंगी। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों की नौ झांकियां और अर्धसैनिक बलों और रक्षा मंत्रालय की छह झांकियां होंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जाएंगे और वहां शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद वह राजपथ जाएंगे और परेड का गवाह बनेंगे। परंपरा के अनुसार झंडा फहराने के बाद राष्ट्रगान होगा और 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। फिर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सलामी लेंगे। इसके बाद परेड की शुरुआत होगी। बता दें कि इस बार परेड में कोई मुख्य अतिथि नहीं होगा। कोरोना महामारी के कारण ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने अपनी यात्रा रद कर दी है। इससे पहले 1952, 1953 और 1966 में भी गणतंत्र दिवस परेड के लिए कोई मुख्य अतिथि नहीं था।

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ने कहा- बढ़ते प्रभाव का सूचक है सुरक्षा परिषद में भारत का प्रवेश

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देशवासियों को संबोधित किया। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय त्योहारों को  सभी देशवासी, राष्ट्र-प्रेम की भावना से मनाते हैं। 26 जनवरी का राष्ट्रीय पर्व हम पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाते हुए  अपने राष्ट्रीय ध्वज तथा संविधान के प्रति सम्मान व आस्था व्यक्त करते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि संविधान की उद्देशिका में रेखांकित न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता के जीवन-मूल्य हम सबके लिए आदर्श हैं। ऐसे में यह उम्मीद की है कि केवल शासन ही नहीं, बल्कि हम सभी सामान्य नागरिक भी इन आदर्शों का पालन करें।

उन्होंने कहा कि समता, हमारे गणतंत्र के महान यज्ञ का बीज-मंत्र है। सामाजिक समता का आदर्श प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा सुनिश्चित करता है, जिसमें हमारे ग्रामवासी, महिलाएं, अनुसूचित जाति व जनजाति सहित अपेक्षाकृत कमजोर वर्गों के लोग, दिव्यांग-जन और वयो-वृद्ध, सभी शामिल हैं। इस लिए मैं आज फिर इस बात को दोहराऊंगा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन और विचारों पर मनन करना, हमारी दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए। हमें हर संभव प्रयास करना है कि समाज का एक भी सदस्य दुखी या अभाव-ग्रस्त न रहे।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि जिस असाधारण समर्थन के साथ, इस वर्ष, भारत ने अस्थायी सदस्य के रूप में सुरक्षा-परिषद में प्रवेश किया है वह, भारत के बढ़ते प्रभाव का सूचक है। विश्व-स्तर पर, राजनेताओं के साथ, हमारे संबंधों की गहराई कई गुना बढ़ी है।

 

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे राष्ट्र को संबोधित, यहां देखें सीधा प्रसारण और समय;

नई दिल्ली। हमेशा की तरह इस बार भी गणतंत्र दिवस से ठीक एक दिन पहले यानी आज शाम 7 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राष्ट्र को संबोधित करेंगे। इस बार देश 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। राष्ट्रपति का संबोधन दूरदर्शन के सभी चैनलों और ऑल इंडिया रोडिया पर हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में प्रसारण किया जायेगा। इतना ही नहीं दूरदर्शन के क्षेत्रीय चैनलों पर क्षेत्रीय भाषाओं में रात 9.30 बजे राष्ट्रपति का संबोधन टेलीकास्ट किया जायेगा। बता दें कि कोरोना महामारी के चलते इस बार गणतंत्र दिवस का आयोजन अलग तरह से किया जायेगा।

गौरतलब है कि 71वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ने संवैधानिक आदर्शों और महात्मा गांधी की शिक्षाओं के साथ देश की सेना की भी प्रशंसा की। उन्होंने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) के प्रति अपना समर्थन भी दिया और कहा, ‘सरकार की प्रत्येक नीति राष्ट्र-प्रथम के तहत आती हैं। GST के आने के साथ, एक देश, एक कर, एक बाजार’ के हमारे दृष्टिकोण को हमने महसूस किया है।’

सेना के लिए उन्होंने कहा, ‘देश की सेनाओं, अर्धसैनिक बलों और आंतरिक सुरक्षा बलों की मैं मुक्त-कंठ से प्रशंसा करता हूं। देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने में उनका बलिदान, अद्वितीय साहस और अनुशासन की अमर गाथाएं पेश करता है।’ उन्होंने किसानों, शिक्षकों व डॉक्टरों के योगदान का भी जिक्र किया।