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आजमगढ़ से समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने प्रदेश में किसी भी सीट से विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरने का मना बनाया !

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विधानसभा चुनाव 2022 में किसी भी सीट से लड़ने की घोषणा के बाद अखिलेश यादव भी मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। आजमगढ़ से समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने प्रदेश में किसी भी सीट से विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरने का मना बनाया है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विधानसभा चुनाव 2022 में लड़ने का संकेत देने के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी अपना मन बदल लिया है। अखिलेश यादव ने कहा है कि यदि पार्टी चाहेगी तो वह चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। माना जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ के चुनावी मैदान मे उतरने के ऐलान की वजह से अखिलेश यादव भी लड़ेंगे। आजमगढ़ से सांसद अखिलेश यादव ने पिछले दिनों चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। अखिलेश यादव से एक टीवी इंटरव्यू में पूछा गया कि योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि वह चुनाव लड़ेंगे तो क्या आप भी 2022 के विधानसभा चुनाव में खुद लड़ेंगे। जवाब में अखिलेश ने कहा कि मैं कितने चुनाव लड़ चुका हूं। बड़े-बड़े चुनाव लड़े हैं। समाजवादी पार्टी तय करेगी और हमारे लोग तय करेंगे तो चुनाव लड़ेंगे। प्रदेश में किस सीट से चुनाव लड़ने की योजना पर अखिलेश यादव ने कहा कि जो भी क्षेत्र समाजवादी पार्टी तय कर देगी, जिस क्षेत्र के लोग बुलाएंगे, वहीं से लड़ जाऊंगा।

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इससे पहले पिछले बीते वर्ष सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने साफ कहा था कि वह खुद विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। अखिलेश ने कहा था, मैं उत्तर प्रदेश का आगामी विधानसभा चुनाव खुद नहीं लड़ूंगा। उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कहा कि उनकी पार्टी यूपी विधानसभा चुनाव में जहां से कहेगी, वहां से चुनाव लड़ लेंगे। अखिलेश ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण मेरे भी सपने में आते हैं और कल भी आए थे रोज आते हैं और कहते हैं कि समाजवादी सरकार बनने जा रही है। हमारी पार्टी जहां से कहेगी वहां से हम चुनाव लड़ेंगे। अखिलेश यादव ने इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि अगर बेटा परीक्षा में पास ना हो रहा है तो कई बार मां, बाप, चाचा भी जाते हैं नकल कराकर पास कराने, ऐसे भी बाबा मुख्यमंत्री फेल हो गए हैं। जब बाबा मुख्यमंत्री चुनाव लड़ने जाएंगे, तब उस क्षेत्र के लोग पूछेंगे कि रोजगार क्यों नहीं मिला। किसान की आय दोगुनी कब होगी और व्यापारी भी यही सवाल पूछेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधान परिषद के सदस्य हैं, लेकिन इस बार वह विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। योगी आदित्यनाथ ने पत्रकारों से औपचारिक बातचीत में कहा कि मेरे चुनाव लड़ने पर कोई संशय नहीं हैं। लेकिन मैं चुनाव कहां से लडूंगा इस बात का फैसला पार्टी नेतृत्व करेगा। पार्टी जहां से कहेगी, मैं वहां से चुनाव लडूंगा।

जिन्ना की चर्चा पर घिरे सपा प्रमुख अखिलेश यादव-सरदार पटेल के साथ जिन्ना का गुणगान करना दुर्भाग्यपूर्ण है-भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को हरदोई की एक जनसभा में संबोधन के दौरान महात्मा गांधी, सरदार पटेल और जवाहरलाल नेहरू के साथ मोहम्मद अली जिन्ना का नाम भी जोड़ दिया, इससे उत्तर प्रदेश की सियासत में बहस शुरू हो गई है। अखिलेश ने जनसभा में मोहम्मद अली जिन्ना को आजादी का नायक बताया। कहा कि भारत की आजादी के लिए उन्होंने योगदान किया था। भारतीय जनता पार्टी ने उनके इस बयान की तीखी आलोचना की है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने आरोप लगाया कि जिन्ना का महिमामंडन कर सपा प्रमुख देश तोड़ने वाली मानसिकता को बढ़ावा दे रहे हैं। अखिलेश यादव ने जिन्ना का नाम सरदार पटेल के साथ लेकर देश की एकता और अखंडता की सोच रखने वाले करोड़ों देशवासियों का अपमान किया है।

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भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि जिन्ना और जवाहरलाल नेहरू की महत्वाकांक्षा के कारण ही देश का बंटवारा हुआ। सरदार पटेल के साथ जिन्ना का गुणगान करना दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रदेश में सत्ता पाने की बेताबी में अखिलेश राष्ट्रीय हितों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। तुष्टिकरण को बढ़ावा देकर समाज को खंडित करने की कोशिश कर रहे हैं। स्वतंत्र देव ने कहा कि जनता सरदार पटेल को नीचा दिखाने की कोशिश को बर्दाश्त नहीं करेगी। राष्ट्रवादियों का अपमान करने वालों को वर्ष 2022 में जनता सबक सिखाएगी। स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि अखिलेश यादव देशद्रोहियों और देश तोड़ने वालों के साथ खड़े हैं। भारत को अखंडता के सूत्र में बांधने वाले सरदार बल्लभ भाई पटेल से देश को तोड़ने वाले जिन्ना की तुलना देश व राष्ट्रीयता का अपमान है। कहा कि सपा हमेशा से ही आंतकियों और देशद्रोहियों को सरपरस्त रही है। सपा मुखिया ने सत्ता में रहते हुए देश को असुरक्षित करने की साजिश करने वाले आंतकियों के मुकदमे वापस लेने का प्रयास किया था। जिस आजम खां ने भारत माता के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया था वह सपा की आंखों के तारे हैं और सरकार में उन्हें हमेशा अहम पदों पर बनाए रखा गया था।

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पूर्व विधायक कांग्रेस के नेता दिग्गज हरेन्द्र मलिक समाजवादी पार्टी में शामिल

उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कुनबा बढ़ाओ अभियान में लगी समाजवादी पार्टी ने शुक्रवार को कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। लखनऊ में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की मौजूदगी में कांग्रेस के नेताओं के साथ अन्य पार्टी के नेता भी समाजवादी पार्टी में शामिल हुए। कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सदस्य हरेन्द्र मलिक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बड़े नेता है। वह आज पुत्र शामली से पूर्व विधायक पंकज मलिक के साथ अखिलेश यादव के समक्ष समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। इनके साथ ही श्रावस्ती से बहुजन समाज पार्टी से विधायक रहे रामसागर अकेला को भी अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता दिलाई। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इन सभी को पार्टी दफ्तर पर सदस्यता ग्रहण कराई। इस अवसर पर अखिलेश यादव ने कहा कि सपा में शामिल सभी लोगों का स्वागत है।

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किसान उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से परेशान है। किसान अपनी मेहनत की फसल जलाने को मजबूर है मुजफ्फरनगर के काजीखेड़ा के रहने वाले पूर्व राज्यसभा सदस्य हरेन्द्र मलिक ने 1976-77 में डीएवी कॉलेज से छात्र राजनीति शुरू की। इसके बाद 1978 में संजय गांधी और इंदिरा गांधी के साथ आंदोलन में शामिल होकर जेल गए। वह 1982 में बीडीसी बने और 1985 में खतौली विधानसभा सीट से चुनाव जीते। इसके बाद तीन बार तक बघरा विधानसभा सीट से विधायक रहे । वह 1996 में विधानसभा और 2002 में समाजवादी पार्टी से लोकसभा का चुनाव हारे। 2002 में हरेन्द्र मलिक इनेलो में शामिल होकर उसके कोटे से राज्यसभा पहुंच गए। 2004 में कांग्रेस में शामिल होकर बेटे पंकज मलिक को बघरा से उप चुनाव लड़वाया। 2012 के विधानसभा चुनाव में पंकज मलिक शामली विधानसभा सीट से कांग्रेस से विधायक रहे। 

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले राजनीति दल के प्रति आस्था के साथ नेताओं का रंग भी बदल रहा

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले राजनीति दल के प्रति आस्था के साथ नेताओं का रंग भी बदल रहा है। लखनऊ में शनिवार को समाजवादी पार्टी के राज्य मुख्यालय में माफिया डान और बहुजन समाज पार्टी के विधायक मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी अपने बेटे के साथ पार्टी की सदस्यता ले ली है। इसके साथ ही अम्बिका चौधरी ने भी बेटे बलिया के जिला पंचायत अध्यक्ष आनंद चौधरी से साथ घर वापसी की। मुलायम सिंह यादव तथा अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे अम्बिका चौधरी लोकसभा चुनाव के दौरान बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए थे। अब वह फिर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं।

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मऊ से बहुजन समाज पार्टी के दबंग विधायक मुख्तार अंसारी के भाई पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी आज अपने बेटे मुन्नू अंसारी के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। सिबगातुल्लाह अंसारी भी बेटे के साथ साइकिल पर सवार हो गए हैं। सिबगतुल्लाह अंसारी के बीच के भाई अफजाल अंसारी गाजीपुर से बहुजन समाज पार्टी से सांसद हैं, जबकि छोटे भाई माफिया मुख्तार अंसारी मउ से बसपा से विधायक हैं। सिबगतुल्लाह अंसारी के साथ साथ भारी संख्या में उनके समर्थक भी आज समाजवादी पार्टी के कार्यालय में पहुंचेसिबगतुल्लाह अंसारी के साथ उनके बेटे मन्नू अंसारी ने अखिलेश यादव ने पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी की मौजूदगी में समाजवादी पार्टी की सदस्यता दिलाई। मुहम्मदाबाद विधानसभा से दो बार विधायक रहे चुके मुख्तार के बड़े भाई सिबगतुल्लाह 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की अलका राय से हारे थे। कौमी एकता दल का गठन करने वाले सिबगतुल्लाह अब समाजवादी पार्टी का दामन थाम रहे हैं। ऐसे में लगभग तय है कि उन्हेंं या उनके बेट को 2022 के विधानसभा चुनाव में टिकट देगी

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अंसारी परिवार पहले भी सपा का हिस्सा रह चुका है। इस परिवार ने कौमी एकता दल नाम से राजनैतिक पार्टी भी बनाई थी। 2017 के विधानसभा चुनाव के पहले भी अंसारी परिवार ने कौमी एकता दल का विलय सपा में कर दिया था। अखिलेश यादव के विरोध पर पूरे परिवार को बाहर होना पड़ा था। जिसके बाद बसपा ने उन्हेंं गले लगाया था। इसके साथ ही मऊ की सदर सीट से मुख्तार अंसारी, घोसी सीट से मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी व गाजीपुर की मोहम्मदाबाद से सिबगतुल्लाह अंसारी को बसपा ने टिकट दिया। मुख्तार के अलावा जीत किसी को भी नसीब नहीं हुई। इसके अलावा 2019 के लोकसभा चुनाव में भी महागठबंधन की ओर से बसपा ने अफजाल अंसारी को गाजीपुर से टिकट दिया था और वो जीते भी।

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समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे अंबिका चौधरी ने भी करीब पांच साल बाद पार्टी में वापसी की। इसकी पटकथा महीनों पहले तय हो गई थी, जब इनके बेटे को समाजवादी ने जिला पंचायत अध्यक्ष का टिकट दिया था। अम्बिका चौधरी प्रदेश की मुलायम और अखिलेश सरकार में मंत्री रह चुके है। इसके अलावा फेफना विधान सभा सीट से चार बार विधायक रहे चुके हैं। अम्बिका चौधरी 1993 से लगातार विधायक रहे। 2017 में बसपा से चुनाव लड़े लेकिन हार गए, हाल के जिला पंचायत चुनाव में उनके बेटे ने आनंद चौधरी ने बसपा से टिकट मिलने के बाद समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली और जिला पंचायत अध्यक्ष बनेअम्बिका चौधरी 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सपा छोड़कर बसपा में शामिल हुए थे। करीब पांच साल बाद पार्टी में वापसी की। कुछ महीने पहले बसपा से इस्तीफा देते हुए उन्होंने मायावती को लिखा था कि 2019 लोकसभा चुनाव में उन्हें छोटा या बड़ा कोई दायित्व नहीं सौंपा गया। इसके कारण वह पार्टी में खुद को उपेक्षित और अनुपयोगी महसूस कर रहे थे। अम्बिका चौधरी सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं

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समाजवादी पार्टी के दफ्तर में शनिवार को सदस्यता कार्यक्रम में एक भावनात्मक माहौल बन गया। पूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी समाजवादी पार्टी में वापसी के दौरान काफी भावना में बह गए। अम्बिका चौधरी को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पार्टी में शामिल कराया। इसी दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव की भावनात्मक बातों से अम्बिका चौधरी खुद को संभाल नही पाए और मंच पर अखिलेश यादव के सामने ही रो पड़े। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि अम्बिका चौधरी बहुत भावुक हो गए हैं। जो कहना चाह रहे थे वो भी नही कह पा रहे है। इससे तो लगता है कि वह कितने कष्ट से समाजवादी पार्टी को छोड़कर गए होंगे। उन्होंने कहा कि आज मुझे इसका एहसास हुआ है। अब मेरी कोशिश रहेगी नेताजी से जुड़े हुए सभी लोगों को एक साथ लाया जाए। न जाने क्यों बहुत मजबूत रिश्ते आसानी से टूट जाते हैं लेकिन अब फिर से सब सही हो रहा है। राजनीति में तो उतार-चढ़ाव आते हैं लेकिन सही समय पर जो साथ थे वही साथी है। बलिया के लोगों की सबसे बड़ी पहचान उनकी बात की है। लखनऊ में भी आज जेपीआइसी बिल्डिंग बलिया के लोगों की पहचान है,सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी को सपा में शामिल करते हुए कहा कि नेताजी के जितने भी पुराने साथी हैं उन्हें समाजवादी पार्टी से फिर जोड़ा जाएगा। ज्वाइन करने के मौके पर अम्बिका चौधरी भावुक हुए, उन्होंने कहा आज का दिन उनके लिए पुनर्जन्म की तरह है।

समाजवादी पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव नहीं पहुंचे-पूर्व सीएम कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि

उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम कल्याण सिंह के निधन के बाद सूबे की राजनीति गरमा गई है। उनके अंतिम दर्शन के लिए लखनऊ, अलीगढ़ और फिर बुलंदशहर में जन सैलाब उमड़ा, बसपा की अध्यक्ष मायावती भी पहुंचीं, लेकिन समाजवादी पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव नहीं पहुंचे। इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी अब समाजवादी पार्टी पर हमलावर हो गई है। इसको लेकर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज ने अखिलेश यादव को निशाने पर लिया है।भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने मंगलवार को सवाल उठाते हुए ट्वीट किया कि ‘अखिलेश यादव जी अपने आवास से मात्र एक किलोमीटर दूर माल एवेन्यू में स्व कल्याण सिंह जी ‘बाबूजी’ को श्रद्धांजलि देने नहीं आ सके। कहीं मुस्लिम वोट बैंक के मोह ने उन्हें पिछड़ों के सबसे बड़े नेता को श्रद्धांजलि देने से तो नहीं रोक लिया?

समाजवादी पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव नहीं पहुंचे-पूर्व सीएम कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि

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उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर कहा कि ‘अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कल्याण सिंह को अंतिम विदा देने के लिए नहीं आकर पिछड़े वर्ग की बात करने का नैतिक अधिकार आपने खो दिया। आपकी ओर से पिछड़े वर्ग की बात करना केवल ढोंग है।’भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि ‘बाबूजी के निधन के बाद तीन दिन तक उनके अंतिम दर्शन चले, लेकिन अखिलेश यादव कहीं दिखाई नहीं दिए। वह पिछड़ों की राजनीति करते हैं और पिछड़ों का सबसे बड़ा नेता चला गया। इनके बाप की कई बार उन्होंने लाज बचाई। सपा का कई बार सहयोग भी किया। सरकार में भी सहभागिता रखी।

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पिछड़ों के सबसे बड़े नेता ‘बाबूजी’ की अंतिम यात्रा में न जाकर, पिछड़ों की राजनीति करने वाले अखिलेश यादव व मुलायम सिंह यादव ने तुष्टीकरण के आधार पर नैतिकता को इस तरह तार-तार किया जो बहुत निंदनीय और चिंता का विषय है।’सपा ने दी यह सफाई-समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि भाजपा कल्याण सिंह की मृत्यु पर भी राजनीति कर रही है। मृत्यु पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, राजनीति के लिए बहुत सारे मुद्दे होते हैं। जहां तक अखिलेश यादव के न पहुंचने का प्रश्न है तो वह उस दिन लखनऊ से बाहर थे। विधान भवन में जब कल्याण सिंह का पार्थिव शरीर आया था तब पार्टी की ओर से नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने श्रद्धांजलि अर्पित की थी। साथ ही कल्याण सिंह के निधन पर तत्काल अखिलेश जी ने भी शोक संदेश जारी किया था।

बहराइच : BJP विधायक के पति ने थामा सपा का दामन, साइकिल पर हुए सवार

बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिल में पूर्व विधायक व भारतीय जनता पार्टी के नेता ने आज भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया।

बता दें कि दिलीप वर्मा जो कि पूर्व में समाजवादी पार्टी के विधायक रह चुके हैं उन्होंने समाजवादी छोड़कर भाजपा ज्वाइन कर ली थी, जिसके बाद उन्होंने आज फिर भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर सपा का दामन थाम लिया है। बताते चलें कि पूर्व विधायक दिलीप वर्मा की पत्नी माधुरी वर्मा वर्तमान समय में भारतीय जनता पार्टी से नानपारा विधायक हैं। अब ऐसे में सवाल ये उठता है की पत्नी भारतीय जनता पार्टी की विधायक हैं तो आखिर पति को क्यों भारतीय जनता पार्टी को त्याग देकर समाजवादी पार्टी का दामन थामना पड़ा।

दिलीप वर्मा ने दल बल के साथ बहराइच समाजवादी पार्टी कार्यालय पर पहुंचकर समाजवादी पार्टी ज्वाइन की। इस मौके पर समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष समेत कई अन्य मौजूद रहे।

रिपोर्ट- रफीक उल्ला खान

सैफई परिवार में BJP ने की सेंधमारी,  मुलायम सिंह यादव की भतीजी संध्या यादव को दिया टिकट

मैनपुरी। बीजेपी ने जिला पंचायत सदस्य की प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। जिसमें मुलायम सिंह यादव की भतीजी को बीजेपी ने वार्ड नंबर-18 से जिला पंचायत सदस्य का प्रत्याशी बनाया है। बीजेपी की सूची में संध्या यादव का नाम आते ही एक बार फिर से मुलायम कुनबे में आपसी फूट दिखाई दे रही है।

संध्या यादव को भाजपा ने जिला पंचायत घिरोर तृतीय के वार्ड 18 से टिकट दिया है। बता दें कि संध्या यादव सपा के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव की सगी बहन और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की चचेरी बहन हैं।

आपको बता दें कि संध्या यादव 2015 में मैनपुरी की जिला पंचायत अध्यक्ष बनी थीं। जुलाई 2017 में समाजवादी पार्टी (सपा) ने ही उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव प्रस्ताव पेश कर दिया। इसके पीछे संध्या यादव के पति अनुजेश प्रताप यादव की ओर से फिरोजाबाद में बीजेपी का समर्थन करने की वजह बताई जा रही है।

पत्रकारों की पिटाई का मामला : अखिलेश यादव समेत 21 सपा कार्यकर्ताओं पर FIR

लखनऊ। मुरादाबाद के पाकबाड़ा थाने में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत 21 सपाइयों के खिलाफ बंधक बनाकर मारपीट करने का केस दर्ज कराया गया है। आरोप है कि गुरुवार को हुई प्रेसवार्ता में उनके उकसाने पर ही सुरक्षाकर्मियों और सपा कार्यकर्ताओं ने पत्रकारों के साथ मारपीट की।

वहीं, मामले में अखिलेश यादव ने इसे भाजपा की हताशा बताते हुए अपने आधाकारिक ट्वीटर हैंडल पर लिखा- ” उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने मेरे खिलाफ जो FIR  दर्ज कराई है। जनहित में उसकी प्रति प्रदेश के हर नागरिक के सूचनार्थ यहां प्रकाशित कर रहे हैं। अगर आवश्यकता पड़ी तो राजधानी लखनऊ में होर्डिंग भी लगवा देंगे। ये एफआइआर हारती हुई भाजपा की हताशा का प्रतीक है।”

सपा सांसद आजम खां पर बढ़ता जा रहा है कानून का शिकंजा, 11 और मुकदमों में दाखिल हुई चार्जशीट  

सपा सांसद और अखिलेश के बेहद करीबी आजम खान की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। डूंगरपुर से जुड़े 11 मामलों में पुलिस ने शुक्रवार को उनके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। आजम खान पर तोड़फोड़ करवाने और लूट का आरोप है। बता दें कि आजम खान 1 साल से सीतापुर जेल में बंद हैं। आजम खान पर गंज थाने में 11 मामले दर्ज हैं।

बता दें कि बीते वर्ष जुलाई महीने में डूंगरपुर प्रकरण में आजम खां के करीबियों के खिलाफ 11 मुकदमे दर्ज किए गए थे। इनमें पुलिस ने जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया उनसे पूछताछ की गई। पूछताछ के बाद पुलिस का दावा है कि गिरफ्तार आरोपियों ने बयान दिए हैं कि उन्होंने आजम खां के इशारे पर इन अपराधों को अंजाम दिया है। घरों में तोड़फोड़ और लूटपाट भी उनके कहने पर ही की। इसी आधार पर पुलिस ने आजम खां को भी इन 11 मुकदमों में आरोपी बनाया है। पुलिस ने आजम खान के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी के तहत कार्रवाई की है। मामले में पुलिस ने शुक्रवार को चार्जशीट दाखिल कर दी है।

 

बहराइच : महंगाई के विरोध में सड़क पर सपा, किया प्रदर्शन

बहराइच। जिले में आज समाजवादी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर महगाई के विरोध में प्रदर्शन किया। इस दौरान सपाइयों ने सिटी मजिस्ट्रेट को राष्ट्रपति के नाम का संबोधित ज्ञापन भी सौंपा।

इस दौरान सपा के जिलाध्यक्ष राम हर्ष यादव ने कहा कि महंगाई दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इससे लोगों के परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलाव उन्होंने उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर भी प्रदेश सरकार को खरी खोटी सुनाई।

इसके अलावा प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की पूजीवादी सरकारों ने देश के मुट्ठी भर लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य कालाबाजारी और जमाखोरी की छूट दे दिया है। वस्तुओं के दामों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। तेल कंपनियों को डीजल पेट्रोल तथा रसोई गैस के दाम बढ़ाने की छुट दे दी गई है। देश में डीजल ₹85 तथा पेट्रोल की कीमत ₹100 तक पहुंच गई है। रसोई गैस के सिलेंडर के दाम पिछले एक महीने में चार बार बढाए गए।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि रसोई गैस के दामों में भारी वृद्धि तथा सरसो के तेल की कीमतों ने तो रिकॉर्ड तोड़ दिया है। महंगाई बढ़ने के कारण देश की गरीब जनता व मध्यम वर्ग त्राहि-त्राहि कर रहा है। लेकिन सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है।

रिपोर्ट- रफीक उल्ला खान