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आधी रात दिल्ली पहुंचे महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे : शिवसेना सांसदों के बगावत पर होगी चर्चा…

DESK : शिवसेना संसदीय दल में आसन्न विभाजन के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में है जहां वह उद्धव ठाकरे गुट की ओर से 16 विधायकों के खिलाफ दायर की गई अयोग्यता संबंधी याचिका पर कानूनी रणनीति पर विचार करेंगे।

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वह रात में मुंबई से विमान के जरिए इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर पहुंचे। हालांकि मुख्यमंत्री कार्यालय ने उनके एक दिवसीय दौरे का कोई कारण नहीं बताया है। शिवसेना के ये 16 विधायक शिंदे गुट में शामिल हैं जिन्हें अयोग्य घोषित करने की मांग करते हुए ठाकरे गुट ने याचिका दायर की है। इस याचिका पर बुधवार को उच्चतम न्यायालय में सुनवाई होनी है। शिंदे यहां पार्टी के अपने खेमे में आए सांसदों से भी मुलाकात कर सकते हैं।

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इससे एक दिन पहले उन्हें ‘‘राष्ट्रीय कार्यकारिणी” की बैठक में ‘‘प्रमुख नेता” चुना गया था। शिवसेना के, शिंदे गुट में आए सांसदों से मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा,‘‘मैं यकीनन सांसदों से मुलकात करूंगा। 14 ही क्यों लोकसभा में हमारे 18 सदस्य हैं।” दिल्ली की यात्रा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा वह उद्धव ठाकरे गुट की ओर से 16 विधायकों के खिलाफ दायर की गई अयोग्यता संबंधी याचिका पर कानूनी टीम के साथ विचार विमर्श करने के लिए आए हैं।

शिंदे अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण के मुद्दे पर भी कानूनी टीम से विचार विमर्श करेंगे। इस मामले पर भी उच्चतम न्यायालय में सुनवाई होनी है। शिंदे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ महाराष्ट्र सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।” माना जा रहा है कि शिवसेना का यह गुट लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला से मंगलवार को मुलाकात कर उन्हें निचले सदन में अलग दल के तौर पर मान्यता देने का अनुरोध कर सकता है।

Evening Bulletin | Raebareli - पैरों को बनाया हथियार ! पैरों से कर रहा है सारे काम | Aaryaa News

टकराव की सियासत-उद्धव सरकार द्वारा केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र में सियासी टकराव और बढ़ता दिखाई दे, ताज्जुब नहीं होना

उद्धव सरकार द्वारा केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र में सियासी टकराव और बढ़ता दिखाई दे, तो ताज्जुब नहीं होना चाहिए। राणे को जमानत मिलने के तुरंत बाद उनके विधायक पुत्र नितेश राणे ने प्रकाश झा की फिल्म राजनीति का एक दृश्य ट्वीट कर इसके संकेत दे दिए हैं। इस दृश्य में अभिनेता मनोज वाजपेयी कहते दिखाई देते हैं कि – ‘करारा जवाब मिलेगा’।

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नारायण राणे की राजनीतिक पैदाइश एवं परवरिश दोनों शिवसेना में हुई। इसलिए उन्होंने शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे के नजदीक रहते हुए उन्हीं की आक्रामक शैली में राजनीति करने के गुर सीखे। दूसरी ओर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे स्वयं भले सौम्य दिखते हों, लेकिन उनके इर्द-गिर्द राणे जैसी ही आक्रामकता वाले शिवसैनिकों की भरमार है। स्वयं उद्धव में भी यह आक्रामकता शिवसेना की दशहरा रैली जैसे कुछ अवसरों पर दिखाई दे जाती है। यह आक्रामता भारत की सामान्य राजनीतिक संस्कृति से थोड़ा भिन्न है।प्रधानमंत्री एवं अमित शाह को अफजल खान कहना, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को उन्हीं के चप्पलों से पीटने की बात कहना शिवसेना की इसी शैली का हिस्सा माना जाता है। संभवतः शिवसेना की इसी शैली से निपटने के लिए भाजपा नारायण राणे को न सिर्फ पार्टी में लाई है, बल्कि उन्हें केंद्रीय मंत्री भी बनाया है।

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राणे को किसी भी तरह का सम्मान देना शिवसेना को कतई पसंद नहीं आता। 2014 से 2019 तक चली फडणवीस सरकार में कुछ महीने बाद ही शिवसेना शामिल हो गई थी। भाजपा से राणे की नजदीकियां भी उसी दौर में शुरू हो गई थीं। फडणवीस उन्हीं दिनों राणे को अपने मंत्रिमंडल में शामिल करना चाहते थे। लेकिन शिवसेना के दबाव के कारण वह ऐसा नहीं कर सकेयह सच है कि शिवसेना-भाजपा गठबंधन के दौर में समूचा कोकण शिवसेना के ही हिस्से में था। इसलिए भाजपा वहां अपना जनाधार कभी बढ़ा ही नहीं पाई। यह भी सही है कि कोकण में शिवसेना की मजबूती का बड़ा कारण नारायण राणे ही थे। चूंकि कोकण मूल के लोगों की बड़ी आबादी मुंबई में बसती है। इसलिए मुंबई महानगरपालिका पर भी शिवसेना की इस मजबूती का असर दिखता है।

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भाजपा नारायण राणे को महत्त्व देकर कोकण और मुंबई के इसी जनाधार में सेंध लगाना चाहती है।क्योंकि अगले छह माह में ही मुंबई महानगरपालिका के चुनाव होने हैं। कोकण और मुंबई में अपनी मजबूती के कारण ही शिवसेना 32 साल से मुंबई महानगरपालिका पर राज करती आ रही है। मुंबई मनपा के पिछले चुनाव में भाजपा लंबी छलांग लगाने के बावजूद शिवसेना से दो सीट पीछे रह गई थी। इस बार भाजपा नारायण राणे के सहारे थोड़ा और लंबी छलांग लगाकर शिवसेना से उसका यह गढ़ छीनना चाहती है। इस लड़ाई में निर्विवाद रूप से राणे ही उसके सेनापति होंगेमंगलवार रात महाड कोर्ट ने उन्हें ऐसी भाषा (मुख्यमंत्री को थप्पड़ मारनेवाली) दुबारा इस्तेमाल न करने की चेतावनी भले दी हो, लेकिन गिरफ्तारी से तिलमिलाए राणे का ऐसी भाषा से परहेज कर पाना संभव नहीं लगता। कोकण एवं मुंबई में उनके समर्थक भी उनकी गिरफ्तारी से खार खाए हुए हैं।दूसरी ओर राणे की गिरफ्तारी ने शिवसैनिकों का मनोबल भी बढ़ा दिया है। इस घटना ने उन्हें राज्य में अपनी सरकार होने का अहसास कराया है। जाहिर है, दोनों पक्ष अपनी आक्रामकता दिखाने का कोई अवसर अब हाथ से जाने नहीं देंगे

रत्नागिरी कोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज-केंद्रीय मंत्री नारायण राणे गिरफ्तार

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के उद्धव ठाकरे पर आपत्तिजनक बयान के बाद महाराष्ट्र में सियासत तेज हो गई है। राणे ने भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान उद्धव ठाकरे को थप्पड़ मारने की बात कही थी। समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार, नारायण राणे के खिलाफ कई जगह एफआईआर दर्ज हुई, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इससे पहले रत्नागिरी कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।बाम्बे हाईकोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिली है। इस बीच नासिक पुलिस आयुक्त दीपक पांडे ने कहा कि रत्नागिरी पुलिस अधीक्षक से अनुरोध किया गया है कि केंद्रीय मंत्री(नारायण राणे) को वे गिरफ़्तार कर लें। हमारी टीम अगले 1-2 घंटे में वहां (रत्नागिरी) पहुंचेगी। फिर उन्हें केंद्रीय मंत्री को सौंप दिया जाए।

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राणे के बयान आपत्ति जताते हुए शिवसेना कई जगह तोड़फोड़ की। नासिक स्थित भाजपा के दफ्तर पर नारे लगाते हुए पत्थर फेंके गए। वहीं नारायण राणे के आवास के पास शिवसेना, भाजपा कार्यकर्ता और पुलिस के बीच झड़प हो गई।अगर कोई राज्य सरकार केंद्रीय मंत्री को गिरफ्तार करती है तो संसद का सत्र चल रहा हो या नहीं चल रहा हो तो ऐसे में मंत्री जिस सदन का सदस्य हो उसके अध्यक्ष को इस बारे में सूचना देनी होती है।महाराष्ट्र में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के खिलाफ शिवसेना के कार्यकर्ताओं का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। राणे पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को ‘कान के नीचे रख देने की’ उनकी टिप्पणी को लेकर मामला दर्ज किया गया। वहीं, भाजपा नेता नारायण राणे ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के खिलाफ की टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ दर्ज हुई प्राथमिकी को रद करने के लिए बाम्बे हाईकोर्ट का रुख किया था।

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समाचार एजेंसी के अनुसार, युवा सेना की शिकायत के बाद मंगलवार को पुणे शहर के चतुरशृंगी पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 153 और 505 के तहत मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, इस FIR के बारे में राणे को कोई जानकारी नहीं। इस बात का दावा उन्होंने खुद किया है।मामले दर्ज होने की बात पर उन्होंने कहा, ‘मुझे इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मैं कोई आम आदमी नहीं हूं। मैंने कोई अपराध नहीं किया है। 15 अगस्त के बारे में कोई नहीं जानता तो क्या यह अपराध नहीं है? मैंने कहा था कि मैं थप्पड़ मार दूंगा – ये शब्द थे और यह कोई अपराध नहीं है।’वहीं, शिवसेना कार्यकर्ता केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेकर दिए बयान के खिलाफ मुंबई में उनके आवास की तरफ विरोध मार्च निकाल रहे हैं। इस दौरान शिवसेना कार्यकर्ताओं, भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प भी हो गई।

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शिवसेना कार्यकर्ताओं के एक समूह ने नासिक में भाजपा पार्टी कार्यालय पर पथराव किया और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के खिलाफ नारेबाजी की।नासिक पुलिस आयुक्त, दीपक पांडे ने बताया, ‘शिवसेना नासिक प्रमुख ने कल रात शिकायत दर्ज की कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बयान (महाराष्ट्र के सीएम के खिलाफ) ने उन्हें आहत किया है, इससे कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए नासिक साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।’ पांडे ने आगे कहा कि यह एक गंभीर मामला है। केंद्रीय मंत्री को पकड़ने के लिए यहां से एक टीम भेजी गई है। वह जिस भी जगह पर होंगे, उन्हें कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा। हम कोर्ट के फैसले का पालन करेंगे

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राणे ने सोमवार को रायगढ़ जिले में भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा को संबोधित करते हुए विवाद खड़ा कर दिया। भाजपा नेता, जिन्हें हाल ही में नरेंद्र मोदी कैबिनेट में शामिल किया गया था और शिवसेना के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ठाकरे 15 अगस्त को राज्य के लोगों के लिए अपने संबोधन के दौरान स्वतंत्रता के वर्ष को भूल गए थे और अगर वह मौके पर मौजूद होते, तो उनके कान के नीचे रख देते।राणे ने कहा था, ‘यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को आजादी का साल नहीं पता। वह अपने भाषण के दौरान स्वतंत्रता के वर्षों के बारे में पूछने के लिए पीछे झुक गए। मैं वहां होता तो (उसे) एक जोरदार तमाचा मार देता।’ राणे ने कहा कि ठाकरे को उस दिन भाषण के दौरान बीच में ही अपने सहयोगियों के साथ आजादी का साल देखना था।राणे की टिप्पणी के बाद सत्तारूढ़ शिवसेना की तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली, जिसके कार्यकर्ताओं ने मुंबई और अन्य स्थानों पर कई पोस्टर लगाए, उन्हें ‘मुर्गी चोर’ बताया। इसके पीछे पांच दशक पहले चेंबूर में उनके द्वारा चलाई गई मुर्गी की दुकान का संदर्भ था, वो भी बाल ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ कार्यकाल चलाते वक्त।

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शिवसेना के रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग के सांसद विनायक राउत ने कहा कि राणे ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व को खुश करने के लिए राणे शिवसेना और उसके नेताओं पर हमले करते रहे हैं। मोदी के नेतृत्व वाले मंत्रालय में शामिल होने के बाद उन्होंने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है। मोदी को उन्हें बाहर का रास्ता दिखाना चाहिएबता दें कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की अगुवाई में महाराष्ट्र विकास अघाड़ी की सरकार चल रही है। इसमें एनसीपी और कांग्रेस का भी साथ है। वहीं, भाजपा कोरोना व अन्य मुद्दों को लेकर उद्धव ठाकरे सरकार पर हमलावर है।

महाराष्ट्र : पूर्व सीपी परमबीर सिंह के आरोपों के बाद सियासत गर्म, BJP के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से की मुलाकात

नई दिल्ली। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह की चिट्ठी में राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए वसूली के आरोपों के बाद महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल आ गया है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को राजभवन पहुंचकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को पूरी घटना की जानकारी दी और कहा कि अगर इस मामले में मुख्यमंत्री ने चुप्पी साधी है तो संवैधानिक प्रमुख होते हुए राज्यपाल को अपनी जिम्मेदारी संभालनी चाहिए और सीएम से पूछना चाहिए कि पूरे मामले पर क्या कार्रवाई की गई है।

इस दौरान फडणवीस ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वसूली रैकेट पर कांग्रेस भी चुप है, क्योंकि उसे उसका हिस्सा मिलेगा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार अब महावसूली सरकार बन गई है।

हालांकि कांग्रेस आरोपों से इंकार कर रही है लेकिन मामले की सीबीईआई जांच की मांग तूल पकड़ रही है। इस बीच अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है । आरोप लगाने वाले पूर्व सीपी परमबीर सिंह ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने ये मामला सुना।

जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस ह्रषिकेश रॉय की बेंच ने कहा कि मामले में लगाए जा रहे आरोप प्रत्यारोप बेहद गंभीर हैं। हालांकि कोर्ट ने मामले में सुनवाई से इंकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि बेहतर होगा कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह अपनी याचिका बंबई उच्च न्यायालय में दायर करें। अदालत ने टिप्पणी की कि परमबीर सिंह ने याचिका में जिन निर्देशों की मांग की है उन सभी मामलों में बंबई उच्च न्यायालय सुनवाई कर सकता है। परमबीर सिंह ने दो साल का तय कार्यकाल पूरा होने से पहले अपने ट्रांसफर को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन बताया। इस पर कोर्ट ने टिप्पणी की कि लगभग सभी राज्यों में पुलिस सुधार पर अमल के कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होता है। लेकिन राजनैतिक संकट पैदा होने पर ही अदालत में इस मामले को उठाया जाता है। अपनी याचिका में परमबीर सिंह ने अपने तबादले को रद्द करने और गृहमंत्री अनिल देशमुख के घर की सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने की मांग की गई थी।

बाद में परमबीर सिंह की ओर से  बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सुनवाई की मांग की गई है।

उधर, राज्य में जारी सियासी भूचाल के बीच बुधवार को उद्धव मंत्रिमंडल की बैठक हुई। माना जा रहा है कि इसमें अनिल देशमुख के मामले पर भी चर्चा हुई।
तमाम आरोप प्रत्यारोपों और कानूनी दांव-पेंच अपनी जगह हैं लेकिन जिस तरह से महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री पर आरोप लगे हैं उससे गठबंधन सरकार की साख पर सवाल तो उठ ही रहे हैं।

 

शिवसेना ने भाजपा पर निशाना साधते हुए राम मंदिर पर कसा तंज,कहा राम मंदिर के लिए चंदा इकट्ठा करने के बजाय पेट्रोल और डीजल के दाम नीचे लाए सरकार

शिवसेना ने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा कि पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी से यह सुनिश्चित होगा कि भगवान राम के भक्तों को खाना मिले । शिवसेना ने ईंधन के बढ़ते दामों पर बॉलीवुड कलाकारों की चुप्पी पर सवाल उठाया।

शिवसेना ने पेट्रोल-डीजल के आसमान छूते दामों को लेकर को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है। महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ पार्टी शिवसेना ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के लिए चंदा इकट्ठा करने के बजाय सरकार को देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम करने के लिए कदम उठाने चाहिए, ताकि आम जनता को राहत मिल सके।

शिवसेना ने ईंधन के बढ़ते दामों पर बॉलीवुड कलाकारों की चुप्पी पर सवाल उठाया। शिवसेना ने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा कि पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी से यह सुनिश्चित होगा कि भगवान राम के भक्तों को खाना मिले। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम देखने के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया गया है. मंदिर निर्माण के लिये चंदा इकट्ठा करने का अभियान चल रहा है।

महाराष्ट्र : उद्धव सरकार  ने विपक्ष के इन नेताओं की सुरक्षा में की कटौती, हमलावर हुई बीजेपी  

महाराष्ट्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच विवाद शुरू हो गया है। उद्धव सरकार ने विपक्ष के नेताओं की सुरक्षा में कटौती कर दी है। हालिया आदेश के बाद सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे रामदास आठवले चद्रकांत पाटिल सहित कई अन्य नेताओं की सुराक्षा में कटौती की गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार  महाराष्ट्र सरकार ने सुरक्षा की नियमित समीक्षा के बाद यह कदम उठाया गया है। नई व्यवस्था के तहत फडणवीस की सुरक्षा Z+ से घटाकर  Y+ कर दी गई है। फडणवीस के सुरक्षा काफिले से एक बुलेट प्रूफ वाहन को हटा लिया गया है। फडणवीस की पत्नी अमृता के सुरक्षा कवर को भी Y+ से घटाकर X कर दिया गया है।

इसी तरह MNS पार्टी के अध्यक्ष राज ठाकरे की Z+ सुरक्षा को हटा दिया गया है और इसके अलावा उनके काफिले से बुलेटप्रुफ वाहन को भी हटाने की बात कही गई है। इसके साथ ही BJP प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल, पूर्व सीएम और BJP सांसद नारायण राणे की Y+ सुरक्षा को भी घटा दिया गया है। वहीं, प्रवीण दरेकर और प्रसाद लाड जैसे BJP के नेताओं की भी सुरक्षा व्यवस्था घटा दी गई है।

महाराष्ट्र : कांग्रेस नेता ने सोनिया गांधी को लिखा पत्र, कहा- महाअघाड़ी गठबंधन सरकार में कांग्रेस को किया जा रहा है दरकिनार

महाराष्ट्र। महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर से तेज़ हो गई है। महाराष्ट्र के महाअघाड़ी गठबंधन सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। सरकार में एक बार फिर फूट की खबरे सामने आ रही है। इस बार कांग्रेस नेता ने अपने सहयोगी पार्टी शिवसेना और एनसीपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मुंबई रीजनल कांग्रेस कमेटी के महासचिव विश्वबंधु राय ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर बड़ी बात कही है।

पत्र में विश्वबंधु राय ने लिखा है कि महाराष्ट्र की सत्ताधारी ‘महा विकास अघाड़ी’ सरकार में कांग्रेस को लगातार दरकिनार किया जा रहा है। मुंबई कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष रहे संजय निरुपम के करीबी माने जाने वाले नेता ने लिखा कि महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को अब जब 1 वर्ष पूरे हो गए हैं, तो ऐसा लगता है कि जहाँ शिवसेना और NCP सरकार को चला रही है और कॉन्ग्रेस बस उनकी साथी है। उन्होंने लिखा कि कॉन्ग्रेस के कोटे के मंत्रियों को संगठन को जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं दिया जा रहा है।

इसके अलावा विश्वबंधु ने लिखा है कि पार्टी के आम कार्यकर्ताओं को तो पता तक नहीं है कि हमारे मंत्रियों के पास कौन से विभाग हैं। हमारे बाकी दोनों गठबंधन साथी एक साजिश के तहत रणनीति बना कर कार्य कर रहे हैं और अपने-अपने दलों को मजबूत कर रहे हैं। हम ऐसा करने में विफल रहे हैं।

इतना ही नहीं पत्र में उन्होंने ये भी लिखा है कि 2019 के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी द्वारा किए गए चुनावी वादों पर कोई काम नहीं किया जा रहा है। पार्टी से पलायन को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने आवश्यक हैं।