DESK: सोनिया गांधी को सर गंगा राम अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. यह जानकारी दी. इससे पहले 6 जनवरी को अस्पताल की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि सोनिया गांधी की सेहत में सुधार हो रहा है.
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को वायरल श्वसन संक्रमण के कारण 4 जनवरी को गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल में भर्ती कराने के समय सोनिया गांधी की पुत्री प्रियंका गांधी वाद्रा भी उनके साथ थीं.
अस्पताल के प्रबंधन बोर्ड के प्रमुख डॉक्टर अजय स्वरूप ने एक बयान में कहा था, “सोनिया गांधी जी को हमारे अस्पताल में भर्ती कराया गया. वह ‘चेस्ट मेडिसीन’ विभाग में डॉक्टर अरूप बसु और उनकी टीम की निगरानी में भर्ती हैं.” उन्होंने बताया था कि सोनिया गांधी के वायरल श्वसन संक्रमण का उपचार किया जा रहा है.
सोनिया गांधी की तबीयत 3 जनवरी से खराब थी जिस कारण राहुल गांधी और प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के प्रवेश करने पर सात किलोमीटर चलने के बाद मंगलवार शाम दिल्ली लौट आए थे.
DESK: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस फिलहाल नेताओं के दल छोड़ने और पार्टी के अंदर जारी कथित झगड़ों का सामना कर रही है। कहा जा रहा है कि ऐसे में राज्य में तीन बार के विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू का नाम मुख्यमंत्री पद के चेहरे के तौर पर उभर रहा है। हालांकि, अभी तक इसे लेकर कांग्रेस की तरफ से कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन सुक्खू फिलहाल टूटती कांग्रेस के चुनाव समिति के प्रमुख की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
खबरें हैं कि कांग्रेस राज्य की 20 सीटों पर सहमति बनाने में संघर्ष कर रही है। इनमें शिमला (शहरी), धर्मशाला, सुलाह, नूरपुर और शाहपुर, पछाड़, मंडी, भारमौर शामिल हैं। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि बुधवार को सोनिया के दिल्ली लौटने के बाद केंद्रीय चुनाव समिति लंबित सीटों पर बड़ा फैसला ले सकती है। कांग्रेस की चुनाव समिति 14 अक्टूबर को लंबित क्षेत्रों पर उम्मीदवारों के नामों को लेकर बैठक कर सकती है।
तैयारियों में भाजपा निकली आगे
एक ओर जहां कांग्रेस राज्य में प्रियंका गांधी वाड्रा की 14 सितंबर को होने वाली रैली का इंतजार कर रही है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मैदान में उतरकर भारतीय जनता पार्टी को तैयारियों में बढ़त दिलाते नजर आ रहे हैं। पीएम मोदी ने 5 अक्टूबर को बिलासपुर में जनसभा की थी। वह 13 अक्टूबर को चंबा में जनसभा को संबोधित करने वाले हैं।
गुटबाजी की खबरों के बीच प्रदेश कांग्रेस नेताओं के दल-बदलने से भी परेशान नजर आ रही है। सितंबर के अंत में ही पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हर्ष महाजन ने कांग्रेस को अलविदा कहने का फैसला कर लिया। उनका कहना था कि पार्टी को अकेले ही आगे बढ़ाने वाले वीरभद्र के निधन के बाद कांग्रेस जर्जर हो गई है, जिसके पास न तो नेतृत्व है और न ही विश्वसनियता है।
इससे पहले वरिष्ठ नेता और 5 बार के विधायक राम लाल ठाकुर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष का पद छोड़चुके हैं। उनसे पहले पवन काजल और लखविंदर राणा ने भाजपा का रुख किया था। साथ ही पूर्व टेलीकॉम मंत्री सुखराम के पोते आश्रय शर्मा भी कांग्रेस छोड़ चुके हैं।
DESK : कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में दावेदारी पेश कर रहे वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे प्रचार में व्यस्त हैं। गुरुवार को उन्होंने साफ कर दिया है कि वह मौजूदा अध्यक्ष सोनिया गांधी के रिमोट कंट्रोल के रूप में काम नहीं करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा है कि अगर वह जीतते हैं, तो नियंत्रण उनके पास होगा। शनिवार को उम्मीदवारों के पास नामांकन वापस लेने का अंतिम मौका है।
थरूर को लेकर उन्होंने कहा, ‘मैं किसी को चुनाव लड़ने से कैसे रोक सकता हूं? मैं ऐसी चीजों में भरोसा नहीं करता और मैं इस काम के लिए यहां नहीं हूं। यह एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है। जब मेरी पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक मुझसे चुनाव लड़ने की अपील कर रहे हैं, तो क्या मुझे भागना चाहिए?’
भाजपा पर निशाना
बातचीत के दौरान खड़गे ने भाजपा पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘कितनी पार प्रधानमंत्री ने (पार्टी अध्यक्ष) के चुनाव कराए? सभी अध्यक्ष सहमति से चुने जाते हैं और वे अब उपदेश देने की कोशिश कर रहे हैं? भाजपा का रिमोट कंट्रोल कहां है? जब मैं अध्यक्ष बनूंगा, तो रिमोट कंट्रोल मेरे पास रहेगा।
सोनिया की तारीफ: इस दौरान वरिष्ठ नेता ने सोनिया की भी जमकर तारीफ की। खड़गे ने कहा कि उन्होंने खुद पद लेने या बेटे पर विचा के बजाए मशहूर अर्थशास्त्री को देश का प्रधानमंत्री बना दिया। उन्होंने कहा कि वह उस परिवार से आती हैं, जिसने इस देश के लिए अपने सदस्यों की कुर्बानी दी है। खड़गे ने कहा, ‘मैं चुनाव में अपनी पार्टी की विचारधारा, गांधी, नेहरू की विचारधारा को बचाने और सरदार पटेल की तरफ से किए गए एकता के आह्वान को मजबूत करने के लिए चुनाव में उतरा हूं।
DESK: राहुल गांधी इन दिनों कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक की भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं। यात्रा इन दिनों भारतीय जनता पार्टी शासित कर्नाटक से होकर गुजर रही है। आज उनकी मां और कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी भी इसमें शामिल हुईं। यात्रा के दौरान राहुल की कई तस्वीरें हाल के दिनों में वायरल हुई हैं। आज जो फोटो सोशल मीडिया में घूम रही है, उसमें वह बीच सड़क पर अपनी मां के जूतों के फीते को बांधते नजर आ रहे हैं।
सोनिया गांधी ने मांड्या जिले के डाक बंगला इलाके से पदयात्रा आरंभ की। वह पहली बार ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल हुईं। सोनिया का कर्नाटक विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले मांड्या में पदयात्रा करना इस मायने में भी महत्वपूर्ण है कि यह देवगौड़ा परिवार के दबदबे वाला क्षेत्र माना जाता है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, “यह ऐतिहासिक क्षण है कि सोनिया गांधी जी इस यात्रा में शामिल हुई हैं। इससे पार्टी कर्नाटक में और मजबूत होगी।”
राहुल गांधी और कांग्रेस के कई अन्य नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने गत सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत की थी। इन दिनों यात्रा कर्नाटक में है। यात्रा का समापन अगले साल की शुरुआत में कश्मीर में होगा। इस यात्रा के तहत कुल 3,570 किलोमीटर की
कांग्रेस ने राहुल समेत उन 119 नेताओं को ‘भारत यात्री’ नाम दिया है, जो पदयात्रा करते हुए कश्मीर तक जाएंगे। ये लोग 3,570 किलोमीटर की निर्धारित दूरी तय करेंगे। कांग्रेस का मानना है कि यह यात्रा पार्टी के लिए संजीवनी का काम करेगी।
DESK: कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी आज 6 अक्टूबर को एक्टिव दिखीं. भारत जोड़ो यात्रा के 29वें कर्नाटक के मंड्या में राहुल गांधी के साथ सोनिया गांधी भी शामिल हुईं. हालांकि सोनिया कुछ देर ही यात्रा में पैदल चलीं, फिर वह लौट गईं. लंबे समय बाद सोनिया पार्टी के किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग लिया. स्वास्थ्य कारणों के चलते वह पिछले कुछ चुनावों में प्रचार भी नहीं कर सकी थी.
कनार्टक दौरे पर हैं सोनिया गांधी: दरअसल, सोनिया गांधी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान और पार्टी के लिए नए अध्यक्ष चुने जाने से पहले कनार्टक दौरे पर हैं. बीते दिन (5 अक्टूबर) उन्होंने देश में मनाए जा रहे दशहरा के अवसर पर बेगुर गांव के प्रसिद्ध भीमन्नकोल्ली मंदिर में पूजा अर्चना की थी. कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे भी आज पदयात्रा में नजर आएंगे.
कब शुरू हुई थी भारत जोड़ो यात्रा ? राहुल गांधी और कांग्रेस के कई अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं ने 7 सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की शुरुआत की थी. यात्रा का समापन अगले साल की शुरुआत में कश्मीर में होगा. इस यात्रा में कुल 3570 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी. माना जा रहा है कि यात्रा कांग्रेस पार्टी को पहले से ज्यादा मजबूत बनाने के साथ ही महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ आवाज उठाने के लिए की जा रही है.
AARYAA NEWS DESK: राजस्थान के सीएम बदला जाएगा या फिर गहलोत की कुर्सी को बरकरार रख जाये। 4 दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से अशोक गहलोत और सचिन पायलट की मुलाकात के बाद से ही इस फैसले का इंतजार किया जा रहा है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी शुक्रवार को कहा था कि 1-2 दिन में मुख्यमंत्री पर फैसला हो जाएगा। हालांकि, अब तक पार्टी की ओर से ना तो कोई फैसला आया है और ना ही कोई संकेत दिया गया है।
अशोक गहलोत ने इशारों ही इशारो में साफ कर दिया कि सचिन पायलट उन्हें अपने उत्तराधिकारी के रूप में मंजूर नहीं हैं। तो वही गहलोत ने अपने तेवर में ये साफ कर दिया की अधिकतर विधायक उनके साथ हैं। उन्होंने कहा, ”नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति किए जाने पर 80 से 90 फीसदी विधायक पाला बदल लेते हैं, वे नए नेता के साथ हो जाते हैं, मैं इसे गलत भी नहीं मानता, लेकिन राजस्थान में ऐसा नहीं हुआ।”गहलोत ने सचिन पायलट का नाम लिए बिना कहा, ”जब नए मुख्यमंत्री के आने की संभावना थी तो क्या कारण था कि उनके नाम से ही विधायक बुरी तरह से भड़क गए.
गहलोत को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा था। इससे राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन और पायलट को नया मुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलों के बीच गहलोत के वफादार कई विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। हालांकि, गहलोत ने बाद में घोषणा की थी कि वह कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे। अटकलें हैं कि पार्टी हाईकमान गहलोत से नाराज है और उन्हें सीएम पद से भी हटाना चाहती है।
DESK : चुनावी दौर में भी कांग्रेस का अगला प्रमुख कौन होगा, इस पर फिलहाल कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिख रहे हैं और पार्टी ऊहापोह की स्थिति में है. दरअसल, पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद राहुल गांधी ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और इसके बाद से सोनिया गांधी पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रही हैं, लेकिन अब सोनिया गांधी समेत कांग्रेस के ज्यादातर नेताओं की राय है कि 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए राहुल गांधी को अध्यक्ष पद संभालना चाहिए, हालांकि राहुल गांधी की तरफ से इस पर ‘हां’ का इंतजार है.
एनडीटीवी ने अपने सूत्रों के हवाले से बताया कि राहुल गांधी को इस बात के लिए काफी प्रेरित किया गया कि वे कांग्रेस अध्यक्ष पद की भूमिका स्वीकार कर लें, लेकिन कोई भी कोशिश सफल नहीं हो सकी. 2019 के आम चुनाव में हार के बाद इस्तीफा देने के बाद से पार्टी सदस्यों की अपील को ठुकराते हुए, राहुल अपनी अनिच्छा पर अडिग रहे हैं.
सोनिया गांधी ने भी अपने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए फिर से पार्टी अध्यक्ष की कुर्सी संभालने से इनकार कर दिया है. सूत्रों ने कहा कि सोनियां गांधी के इस फैसले ने सभी का ध्यान अब प्रियंका गांधी वाड्रा पर केंद्रित कर दिया है क्योंकि 136 साल पुराने संगठन के अधिकांश सदस्य अभी भी यही चाहते हैं कि पार्टी की अगुवाई गांधी परिवार का ही कोई सदस्य करे, लेकिन इस साल के उत्तर प्रदेश चुनावों में प्रियंका का रिकॉर्ड बेहद खराब रहा और यह कई लोगों के दिमाग में है.
आम सहमति के अभाव में रविवार से शुरू होने वाले कांग्रेस के अध्यक्ष चुनाव के कार्यक्रम पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं. पार्टी ने आधिकारिक तौर पर अध्यक्ष पद को लेकर बने गतिरोध पर अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है. कांग्रेस के दिग्गज नेता भक्त चरण दास ने एनडीटीवी से कहा, ‘हां, उन्होंने (राहुल गांधी) कहा है कि उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है, लेकिन हम उन पर काम कर रहे हैं और उनसे पदभार संभालने का अनुरोध कर रहे हैं. उन्हें हमें बताना होगा कि अगर वे पद नहीं संभालेंगे, तो फिर इस कुर्सी पर कौन बैठेगा.
desk : प्रवर्तन निदेशालय ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है. पार्टी नेताओं ने ये जानकारी दी है. कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि ये नोटिस नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर जारी किया गया है. जिसके बाद अब सोनिया और राहुल 8 जून को ईडी अधिकारियों के सामने पूछताछ के लिए पेश हो सकते हैं.
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि, 2015 में ED ने ये केस बंद कर दिया था. सत्तारूढ़ पार्टी को पसंद नहीं आया तो ED के अधिकारियों को हटाया, नए लोगों की बिठाया और अब सोनिया गांधी और राहुल गांधी को समन भेज रहे हैं. कुछ दिन पहले नोटिस जारी किया गया. लेकिन हम पुरजोर तरीके से इसका सामना करेंगे. सोनिया 8 जून को पूछताछ के लिए जाएंगीं, अगर राहुल जी फ्री रहे तो वो भी जा सकते हैं, नहीं तो समय मांगा जा सकता है. कानूनी तौर पर हर जवाब दिया जाएगा.
DESK. कांग्रेस के तीन दिवसीय चिंतन शिविर का रविवार को समापन होगा. पिछले दो दिनों से राजस्थान के उदयपुर में चल रहे चिंतन शिविर के अंतिम दिन पार्टी से जुड़े कई बड़े फैसले हो सकते हैं. इसमें इस वर्ष विभिन्न राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव सहित लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर रणनीति बनाई जा सकती है. साथ ही कांग्रेस के नए अध्यक्ष के नाम पर भी समापन सत्र में बड़ी घोषणा होने की उम्मीद है. कांग्रेस चिंतन शिविर की कार्यवाही शाम 4:15 बजे समाप्त होगी.
चिंतन शिविर के अंतिम दिन कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का भाषण होगा, जिसमें राहुल गांधी पार्टी की वर्तमान स्थिति और देश के ज्वलंत मुद्दों को लेकर अपनी बात रखेंगे. राहुल गांधी के भाषण के बाद राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासराचिंतन शिविर में आए प्रतिनिधियों और तमाम नेताओं के लिए धन्यवाद भाषण देंगे और शिविर में आने के लिए सभी का आभार व्यक्त करेंगे. इसमें सबसे अहम घोषणा कांग्रेस अध्यक्ष के नाम से जुडी होगी. लम्बे समय से कांग्रेस में कोई पूर्णकालिक अध्यक्ष नहीं है. ऐसे में राहुल गांधी अगर सहमती जताते हैं तो वे फिर से इस पद पर आ सकते हैं. उनके अतिरिक्त इस बार गांधी परिवार से बाहर के किसी व्यक्ति को भी यह पद सौपें जाने की चर्चा है.
कांग्रेस चिंतन शिविर की कार्यवाही सुबह 11 बजे वर्किंग कमेटी की बैठक के साथ शुरू होगी. सोनिया गांधी सहित कांग्रेस वर्किंग कमेटी के तमाम सदस्य इस बैठक में शामिल होंगे, जहां 6 समितियों राजनीतिक, सोशल जस्टिस, इकोनामी, संगठन, किसान- कृषि और यूथ एंपावरमेंट के सदस्यों की ओर से 3 दिन तक चले मंथन और चर्चा के बाद तैयार किए गए प्रस्तावों पर वर्किंग कमेटी की बैठक में मुहर लगेगी और उसके बाद ही मंथन का निचोड़ सामने आएगा. उसके बाद पार्टी के शीर्ष नेताओं की ओर से 6 समितियों के प्रस्तावों की जानकारी मीडिया को दी जाएगी.
नई दिल्ली। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने पंजाब के मोगा जिले में खालिस्तानी आतंकवादियों द्वारा कथित रूप से पैसे की जबरन उगाही करने और धमकी देने के मामले में पंजाब और उत्तर प्रदेश के नौ ठिकानों पर बृहस्पतिवार को तलाशी ली। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। एनआईए अधिकारी ने बताया कि तलाशी की कार्रवाई पंजाब में बरनाला, मोगा, फिरोजपुर और उत्तर प्रदेश के मेरठ व मुजफ्फरनगर जिले में की गई। उन्होंने बताया कि इस संबंध में मई में मोगा जिले में भारतीय दंड संहिता, एनडीपीएस अधिनियम, सशस्त्र कानून और गैरकानूनी गतिविधि (निषेध) अधिनियम की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
जांच अधिकारी ने बताया कि यह प्राथमिकी पंजाब पुलिस को मिली जानकारी के आधार पर दर्ज की गई जिसके मुताबिक मोगा के अर्शदीप सिंह, बरनाला के चरणजीत सिंह और फिरोजपुर के रमणदीप सिंह- सभी इस समय विदेश में हैं- गिरोह बनाकर लोगों को धमकी देने और जबरन उगाही में शामिल थे।
एनआईए ने मामले की जांच अपने हाथ में लेने के साथ दोबारा प्राथमिकी दर्ज की। अधिकारी ने बताया कि तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है उनके कब्जे से हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है।न्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपी ने पंजाब के तीन कारोबारियों की कथित तौर पर हत्या की है और अन्य शिकार की भी पहचान की थी। अधिकारी के मुताबिक तलाशी के दौरान कारतूस के खाली खोखें, पॉलिथीन के एक बैग में 122 ग्राम मादक पदार्थ, सीडी, मोबाइल फोन, सिम कार्ड सहित डिजिटल उपकरण और अपराध में संलिप्तता का संकेत करने वाले कई दस्तावेज मिले।
एनआईए अधिकारी के मुताबिक भगोड़े अर्शदीप- हरदीप सिंह का करीबी सहयोगी जिसे भारत सरकार ने आतंकवादी घोषित किया है और वह खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) का सरगना है- ने पंजाब और उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर और शूटर को शामिल कर आतंकवादी गिरोह बनाया।