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कांग्रेस हिंदू महासभा ने सोनिया को लिखा पत्र, कहा- कांग्रेस का नाम बदलकर करें ‘गोडसेवादी कांग्रेस’

नई दिल्ली। हिंदू महासभा से पार्षद रहे बाबूलाल चौरसिया के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर मध्य प्रदेश में राजनीति तेज हो गई है। इस संबंध में हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. जयवीर भारद्वाज ने कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से अपनी पार्टी का नाम बदलकर ‘गोडसेवादी कांग्रेस’ करने की मांग की है। इसके लिए हिंदू महासभा की ग्वालियर इकाई शहर से राष्ट्रीय राजधानी तक ‘गोडसे यात्रा’ निकालेगी।

भारद्वाज ने बताया कि गोडसे यात्रा 14 मार्च से शुरू होगी। हमारे एक नेता को तोड़कर, कांग्रेस ने साबित कर दिया है कि वे ‘गोडसेवादी’ विचारधारा का स्वागत करते हैं और ‘गोडसेवादी कांग्रेस’ बनाना चाहते हैं। इस संदेश को प्रसारित करने के लिए हम यात्रा निकालेंगे। हम सोनिया गांधी से पार्टी का नाम बदलने का अनुरोध करेंगे। इसके लिए हमने सोनिया गांधी और कमलनाथ को एक पत्र लिखकर कांग्रेस का नाम ‘गोडसेवादी कांग्रेस’ करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि गोडसे ने विभाजन के लिए प्रतिशोध में महात्मा गांधी की हत्या की जिसमें 10 लाख हिंदू मारे गए थे और लगभग 2 लाख हिंदू विस्थापित हो गए थे।

जयवीर भारद्वाज ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने चौरसिया को खरीद लिया है क्योंकि वह अलग खत्म होने की कगार पर है। हिंदू महासभा ने चौरसिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया था और बाद में उन्हें निष्कासित कर दिया। हिसम का कहना है कि 2014 से महासभा के पार्षद चौरसिया घर-घर जाकर नाथूराम गोडसे की विचारधारा का प्रचार कर रहे हैं। इन्हें कांग्रेस में शामिल करके मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने गोडसे के प्रति आस्था व्यक्त की है।

गौरतलब है कि वर्ष 2017 में ग्वालियर के पूर्व पार्षद बाबूलाल चौरसिया तब चर्चा में आए थे, जब वे नाथूराम गोडसे की मूर्ति स्थापना के पूजा कार्यक्रम में शामिल हुए थे। 24 फरवरी 2021 को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की उपस्थिति में वो कांग्रेस में शामिल हुए। महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को ‘राष्ट्रवादी’ और ‘देशभक्त’ के रूप में पेश किया जाने के लिए कांग्रेस हिंदू महासभा की मुखर आलोचक रही है।

नेशनल हेराल्ड केस में बढ़ी मां-बेटे की मुश्किलें, दिल्ली HC ने नोटिस भेजकर मांगा जवाब

नई दिल्ली। सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने नेशनल हेराल्ड केस में नोटिस जारी कर कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत अन्य से जवाब मांगा है। ने याचिका पर सोनिया-राहुल के अलावा ऑस्कर फर्नाडिस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और यंग इंडिया को नोटिस जारी कर 12 अप्रैल तक जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।

दरअसल, निचली अदालत में अतिरिक्त दस्तावेज और सुबूतों को पेश करने की अनुमति देने की मांग करते हुए राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने याचिका दायर की है। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की पीठ ने याचिका पर सोनिया-राहुल के अलावा ऑस्कर फर्नाडिस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और यंग इंडिया को नोटिस जारी कर 12 अप्रैल तक जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। बता दें कि इस पूरे मामले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता स्व. मोती लाल वोहरा के खिलाफ कार्रवाई उनके निधन के बाद समाप्त हो गई है।

स्वामी ने अधिवक्ता सत्य सबरवाल के माध्यम से याचिका दायर कर अतिरिक्त दस्तावेज व सुबूतों को पेश करने की अनुमति देने से इनकार करने के निचली अदालत के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। स्वामी ने एक निजी आपराधिक शिकायत में सोनिया गांधी और अन्य लोगों पर धन की हेराफेरी करने का आरोप लगाया है। आरोप है कि यंग इंडियन (वाईआई) प्राइवेट लिमिटेड ने एसोसिएटेड पत्रिकाओं के 90.25 करोड़ रुपये की वसूली का अधिकार प्राप्त किया, जबकि इस अधिकार को पाने के लिए सिर्फ 50 लाख रुपये का भुगतान किया गया था। यंग इंडियन कंपनी गांधी परिवार की होने की बात कही गई है। हालांकि, कंपनी ने अदालत में सभी आरोप खारिज किए हैं।

क्या है पूरा मामला?

भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर अदालत की कार्यवाही में देरी करने का आरोप लगाया है। पिछली सुनवाई में कांग्रेस नेताओं ने सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा कोर्ट में दायर आवेदन का विरोध करते हुए कहा था कि यह उचित प्रावधानों के तहत दायर नहीं किया है। यह पूरी तरह अस्पष्ट है। इसे जानबूझकर देरी करने के इरादे से दायर किया गया है। ऐसे में इसे रद किया जाना चाहिए। उधर, पिछली सुनवाई में अतिरिक्त चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सचिन गुप्ता के समक्ष सोनिया व राहुल के वकील ने कहा, मौजूदा अर्जी पूरी तरह से अस्पष्ट व केस में देरी करने वाली प्रकृति के होने के नाते खारिज की जानी चाहिए।

कांग्रेस में एक के बाद एक पदाधिकारी दे रहे हैं इस्तीफा, अब कौन बचायेगा कांग्रेस की लाज?

2019 के लोकसभा चुनाव में गांधी परिवार की लाज बचाने वाले, सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में कांग्रेस में बड़ी बगावत सामनें आई है। कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रदेश सचिव और पूर्व जिला प्रभारी और मौजूदा पीसीसी सदस्य शिव कुमार पाण्डेय समेत 35 पदाधिकारियों ने सांसद सोनिया गांधी को इस्तीफा वाला पत्र भेजा है। इन सभी ने पार्टी की नई कार्यकारिणी से असंतुष्ट होने के साथ-साथ, कई कार्यकर्ताओं के किनारे किए जाने पर आपत्ति जताई है।

बता दें कि अटल जयंती पर अमेठी आई केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बयान दिया था कि 2024 में रायबरेली में भी बीजेपी का कमल खिलेगा। वहीं, उसके ठीक 13वें दिन कांग्रेस में इस तरह की बगावत ने राजनैतिक सरगर्मियां बढ़ा दी हैं।

https://youtu.be/FeBf4jwjjQI