सुप्रीम कोर्ट ने कहा- सीधे सर्वोच्च अदालत नहीं आ सकते घर खरीदार

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक रियल एस्टेट परियोजना के संबंध में किसी घर खरीदार द्वारा अनुच्छेद 32 के तहत राहत की मांग पर सुनवाई नहीं की जा सकती। इस बारे में अन्य प्रावधान हैं, जिनका इस्तेमाल घर खरीदार कर सकते हैं।

संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर रिट याचिकाओं पर तमाम सहूलियत दे चुकी अदालत के इस फैसले से रियल एस्टेट क्षेत्र को बड़ी राहत मिली है।जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ बुलंदशहर में एक रिहायशी रियल एस्टेट परियोजना के संबंध में एक घर खरीदार की याचिका पर विचार कर रही थी। इसमें प्राथमिक राहत मांगी गई थी कि बिल्डर के साथ सभी समझौतों को रद्द किया जाए। खरीदारों को धन वापस दिलवाया जाए और वैकल्पिक तौर पर यह सुनिश्चित करवाया जाए कि निर्माण कार्य पूरा हो ताकि घर उचित समय पर खरीदारों को मिले।

इन राहतों के अलावा, याचिकाकर्ता ने सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व जज के नेतृत्व में एक समिति के गठन की मांग की, जो वर्तमान मामले में डेवलपर की परियोजनाओं की निगरानी और संचालन करे। याचिकाकर्ता ने फॉरेंसिक ऑडिट, सीबीआई जांच और अन्य प्राधिकारियों जैसे कि गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय और प्रवर्तन निदेशालय से भी जांच की मांग की। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आर्थिक मंदी और अब महामारी के कारण रियल एस्टेट सेक्टर को धक्का लगा है।

 

 

 

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