Bihar: बिहार की गद्दी पर कौन बैठेगा, किसके सिर सजेगा मुख्यमंत्री का ताज, क्या एक बार फिर नीतीश बाबू जीतेंगे या बिहार की जनता तेजस्वी के हाथ में सौंपे अपने भविष्य की कमान या होगा कोई नया चेहरा और नया नाम. इन सब सवालों में उलझी बिहार की राजनीति में बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है, रूपौली सीट पर हुए उपचुनाव के रिजल्ट के बाद कई तरह के कयाल लगाए जा रहे हैं. राजनीति के जानकार मान रहे है कि जनता अब पुराने चेहरों से ऊब चुकी है और नए विकल्पों की तलाश में है. लोकसभा चुनाव के बाद बिहार में हुए विधानसभा उपचुनाव के नतीजे बताते हैं कि जनता नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के नेतृत्व से खुश नहीं है.
बिहार के लोकसभा चुनाव का रिजल्ट देखिए NDA को 9 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा. दूसरी तरफ इंडी गठबंधन को उम्मीद के हिसाब से बढ़त नहीं मिली. यानी विधानसभा चुनावों में पब्लिक किसी भी पार्टी के बहकावे में नहीं आने वाली है और राज्य के विकास के लिए नए चेहरों को मौका देने के लिए तैयार है. 2024 के लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 में से 39 सीटें जीतने वाले NDA को इस बार सिर्फ 30 सीटों से संतोष करना पड़ा. कई सीटों पर तो NDA उम्मीदवार मामूली अंतर से जीते.
दूसरी तरफ, इंडी अलायंस को भी जनता ने कोई खास पसंद नहीं किया. 2019 में एक भी सीट पर जीत दर्जना करने वाली RJD को इस बार सिर्फ 4 सीटें मिली. कांग्रेस को 3 और लेफ्ट को 2 सीट से संतोष करना पड़ा . लोकसभा चुनाव के नतीजों से साफ है कि बिहार की जनता ने एनडीए और महागठबंधन दोनों पर ही कम भरोसा जताया है. पूर्णिया लोकसभा सीट पर तो जनता ने नीतीश-तेजस्वी की तमाम कोशिशों को नकारते हुए निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव को अपना सांसद चुना.
तेजस्वी यादव ने पूर्णिया सीट पर अपनी पार्टी के उम्मीदवार बीमा भारती के लिए जमकर प्रचार किया था. उन्होंने यहां तक कह दिया था कि आप एनडीए के प्रत्याशी को चुन लीजिए लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी को वोट नहीं दीजिएगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी पूर्णिया में अपनी पार्टी के उम्मीदवार के लिए चुनावी सभाएं की थीं. लेकिन पूर्णिया की जनता ने नीतीश और तेजस्वी को नकारते हुए पप्पू यादव पर भरोसा जताया.
लोकसभा चुनाव के बाद नीतीश-तेजस्वी को अगला झटका रुपौली विधानसभा उपचुनाव में देखने को मिला, जहां JDU और RJD, दोनों के उम्मीदवारों को निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह ने करारी शिकस्त दी. पूर्णिया लोकसभा और रुपौली विधानसभा उपचुनाव के नतीजे बताते हैं कि बिहार की जनता अब एक नया विकल्प तलाश रही है. राज्य की कई लोकसभा सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने एनडीए और महागठबंधन के उम्मीदवारों को कड़ी टक्कर दी. काराकाट से निर्दलीय उम्मीदवार और भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह ने इंडी अलायंस और एनडीए, दोनों के उम्मीदवारों को कड़ी टक्कर दी. जहानाबाद में भी बसपा उम्मीदवार ने एनडीए और महागठबंधन के उम्मीदवारों को कड़ी टक्कर दी.
इन नतीजों से साफ है कि बिहार की जनता अब नीतीश कुमार की ‘सुशासन बाबू’ वाली छवि और तेजस्वी यादव की ‘युवा नेता’ वाली छवि से ऊब चुकी है. जनता को अगर कोई नया विकल्प मिलता है तो वह उसे ही चुनने के लिए तैयार है. अब बिहार की जनता के लिए ये नया विकल्प कौन होगा, अगर आपको कोई नाम सुझता है तो हमें बताएं नहीं तो हमारे चैनल को सबसकाइब करें और आने वाले वीडियो में जाने इस सवाल का जवाब.