ताजमहल पर स्वास्तिक विवाद संत मत्स्येन्द्र गोस्वामी का वीडियो वायरल, शौचालय के पास मंदिरों की फोटो गैलरी पर किया था हंगामा।
दुनिया के सातवें अजूबे ताजमहल को लेकर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं...
आगरा : अयोध्या के जगतगुरु परमहंसाचार्य के बाद अब उरई जालौन के संत मत्स्येंद्र गोस्वामी भी इस विवाद में सामने आ गए हैं। रविवार को ताजमहल के अंदर फोटो गैलरी में मुगलिया इमारतों को साफ सुथरी जगह और मंदिरों की तस्वीरों को शौचालय के पास लगाने का आरोप लगाया था। सोमवार को उन्होंने ताजमहल की पच्चीकारी का वीडियो वायरल कर उसे स्वास्तिक का निशान बताते हुए विवाद खड़ा कर दिया।
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जानकारी के मुताबिक उरई के जालौन के रहने वाले संत मत्स्येन्द्र गोस्वामी रविवार को आगरा में ताजमहल देखने आए थे। इस दौरान रॉयल गेट के पश्चिमी कॉरिडोर में लगी फ़ोटो गैलरी का अबलोकन करते समय उन्होंने मथुरा वृन्दावन के मंदिरों की तस्वीरों को शौचालय के निकट लगा देख कर आपत्ति जता दी। इसके बाद उन्होंने पुरातत्व विभाग के कर्मचारियों को आंदोलन की धमकी दी और तस्वीरों का सम्मान न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी। पुरात्व विभाग के कर्मचारियों ने उनकी भावनाओं का सम्मान करने का आश्वासन दिया और उन्हें वापस भेज दिया।
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सोमवार को संत मत्स्येन्द्र गोस्वामी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो और पोस्ट किया और रॉयल गेट पर बनी पच्चीकारी में स्वास्तिक बना होने का दावा करते हुए। इस निशान के आधार पर ताजमहल को राजा महाराजाओं का स्थान और भगवान का वास होने वाली जगह बताया है।
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इतिहासकार इस मामले को धार्मिक न मान कर सिर्फ भ्रमित करने वाला बता रहे हैं। इतिहासकार राज किशोर के अनुसार लाल पत्थर से रेल गेट, आगरा किला समेत तमाम स्मारकों का निर्माण हुआ है।पच्चीकारी में हिन्दू चित्र जैसी कोई जानकारी उन्हें नहीं हैं।