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12 ज्योतिर्लिंगों में से सोमनाथ मंदिर क्यों है खास? जानिए इससे जुड़ी खास बातें…

हिंदू धर्म में मुख्य12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे पहला ज्योतिर्लिंग सोमनाथ मंदिर में है. जानिए सोमनाथ का अनसुलझा रहस्य...

DESK : भारत के पश्चिमी छोर पर गुजरात में स्थित ऐतिहासिक शिव मन्दिर जो की हिन्दुओं के चुनिन्दा मन्दिरों में से एक है। इसे आज भी भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में सर्वप्रथम ज्योतिर्लिंग के रूप में माना जाता है. इस मन्दिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण स्वयं चन्द्रदेव ने किया था, जिसका उल्लेख ऋग्वेद में किया गया है।

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यह मन्दिर हिन्दू धर्म के उत्थान-पतन के इतिहास का प्रतीक माना है। वैभवशाली होने के कारण इस मंदिर को इतिहास में कोई बार तोड़ा तथा पुनर्निर्मित किया गया है। वर्तमान भवन के पुनर्निर्माण का आरम्भ भारत की स्वतन्त्रता के पश्चात् लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने करवाया था. और पहली दिसम्बर 1955 को भारत के राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद जी ने इसे राष्ट्र को समर्पित कर दिया था। सोमनाथ मन्दिर विश्व प्रसिद्ध धार्मिक व पर्यटन स्थल है। मन्दिर के प्रांगण में रात को करीब एक घण्टे का लाइट शो चलता है, जिसमें सोमनाथ मन्दिर के इतिहास का बड़ा ही सुन्दर वर्णन किया है।

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लोककथाओं के अनुसार इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण ने अपना देहत्याग किया था। इस कारण इस मंदिर की महत्त्व और बढ़ गई. इसके अलावा यहाँ तीन नदियों का महासंगम होता है। जिसमे सरस्वती,कपिला और हिरण का त्रिवेणी स्नान का विशेष महत्त्व है.

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वही अगर बात करे मंदिर के अद्भुत निर्माण की तो मंदिर अपने शिल्पकला और गौरवशाली इतिहास के लिए बेहद प्रसिद्ध है. तो वही हमे देखने को मिलता है की मंदिर के शिखर पर सुंदर नक्काशी की गई है.जो कि मंदिर के निर्मिण से ही देखने को मिल है. तो वही 1209 ई. में गुजरात के राजा कुमारपाल सोलंकी द्वारा निर्मित किया गयाु ये मंदिर. जिसके अंदर मां पार्वती, भगवान श्री गणेश तथा नन्दी की मूर्तियों के साथ-साथ एक सुंदर शिवलिंग भी है. वही कहा जाता है की इस शिवलिंग को राज कुमार पाल सोलंकी गुजरात के सौराष्ट्र से लाए थे.

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वही मंदिर की मान्यता है की जब राजा दक्ष के अभिशाप से मुक्त होकर चन्द्रदेव आये तो उन्होंने महादेव और माता पार्वती कोइस स्थान पर निवास करने के लिए उनसे आराधना की थी. तो वही भगवान शिव ने अपने प्रिय भक्त चन्द्रदेव की आराधना को स्वीकार कर लिया था और वे ज्योतर्लिंग के रूप में माता पार्वती के साथ वहां रहने लगे थे. इसके बाद पावन प्रभास क्षेत्र में चन्द्रदेव यानी कि सोमराज ने यहां भगवान शिव के इस भव्य सोमनाथ मंदिर का निर्माण करवाया. इसकी महिमा और प्रसिद्धि पूरी विश्व में फैली हुई है.

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वही लोगो की इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव के इस प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से ही भक्तों के सारे दुख-दर्द दूर हो जाते हैं एवं सोमनाथ भगवान की पूजा-आराधना से भक्तों के क्षय अथवा कोढ़ रोग ठीक हो जाते हैं. और वही यहाँ आते ही भक्तों का मन मोह लेते है.इसकी महिमा इतनी है की भक्त यहाँ आ कर यही के हो जाते है।

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