Fatty Liver: फिट रहना है तो करें ये जरूर काम… जानिए मसल्स की सेहत का राज
मसल्स कमजोर होना शुरु हो जाती हैं...
Healthy : भोजन को पचाने में लिवर की अहम भूमिका होती है. लिवर जरा भी डिस्टर्ब हो जाए तो खाना पचने में दिक्कत आने लगती है. लिवर में दिक्कत आने से बॉडी में अन्य कई परेशानियां होने लगती है. लिवर में कमी होने पर पीलिया हो जाता है. पीलिया के कई लक्षण होते है. लेकिन आज हम लिवर के फंक्शन से जुड़ी बात करेंगे. कैसे लिवर के फैटी होने या सही ढंग से काम न करने पर इसका मसल्स पर प्रभाव पड़ता है.
फैटी लिवर से हो सकती है मायस्थेनिया ग्रेविस: गैर अल्कोहल फैटली लिवर रोग लंबे समय फैट के निर्माण से होती है. इसमें लिवर पर फैट जमा होने लगता है. लिवर का कुछ आकार भी बढ़ जाता है. नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर का शराब पीने से कोई संबंध नहीं माना जाता है. जंक फूड और खराब खानपान, खराब लाइफ स्टाइल इस रोग का जनक है. इस बीमारी के लंबे समय तक रहने पर व्यक्ति को मायस्थेनिया ग्रेेविस बीमारी होने का खतरा रहता है. इस बीमारी में व्यक्ति की मसल्स तेजी से कमजोर हो जाती हैं. इसमें नसों और मांसपेशियों के बीच कनेक्शन नहीं रह पाता है.
अन्य लक्षण भी दिख सकते हैं: मायस्थेनिया ग्रेविस के अलावा फैटी लिवर के मामले में अन्य लक्षण भी दिख सकते हैं. इसमें पेट के ऊपरी दाएं हिस्से में हल्का दर्द, बिना कारण वजन का घटना, भूख न लगना, शौच सही ढंग से न जा पाना आदि शामिल हैं.
इस वजह से हो सकता है फैटी लिवर: मोटापा होने पर, डायबिटीज टाइप 2 होने से, अंडरएक्टिव थायराइड, उच्च कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप, धूम्रपान, 50 साल से अधिक उम्र होने पर इसके होने का खतरा अधिक रहता है.
हो सकती है लिवर सिरोसिस की बीमारी: लंबे समय तक नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर रहने पर स्थिति बिगड़ सकती है. यह बीमारी बाद में लिवर सिरोसिस पैदा कर देती है. लिवर सिरोसिस में त्वचा का पीला होना, आंखों के सफेद भाग का पीला होना, त्वचा में खुजली, पैर या पेट में सूजन शामिल है. अतिरिक्त वजन कम कर, हेल्दी डाइट लेकर, रेग्यूलर एक्सरसाइज कर, स्मोकिंग छोडकर, शराब का सेवन कम कर इसे नियंत्रित किया जा सकता है.