राहुल गांधी बने नेता प्रतिपक्ष, अब संसद में पीएम से करेंगे दो-दो हाथ
18वी लोकसभा के लिए नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी कांग्रेस नेता राहुल गांधी संभालेंगे, पार्टी महासचिव के सी वेणुगोपाल ने ये जानकारी दी.
18वी लोकसभा के लिए नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी कांग्रेस नेता राहुल गांधी संभालेंगे। INDIA गठबंधन के सभी घटक दलों की सयुंक्त सहमती के बाद ये मंगलवार देर रात ये फैसला लिया गया कि संसद में 10 साल से नेता प्रतिपक्ष की जो जगह खाली है उसे जगह को राहुल गांधी पूरा करेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे के आवार पर हुई इंडी गठबंधन के सभी घटक दलों के परामर्श के बाद पार्टी महासचिव के सी वेणुगोपाल ने ये जानकारी दी। राहुल गांधी का लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने से उनके ओहदे में काफी इजाफा होगा, क्योंकि ये पहली बार होगा कि राहुल अपने दो दशक के से ज्यादा के राजनैतिक करियर में किसी संवैधानिक पद को संभालेंगे।
विपक्ष के नेता के रूप में राहुल गांधी को एक कैबिनेट के मंत्री के स्तर की सुविधा और सुरक्षा सरकार की ओर से प्राप्त होगी। भारतीय लोकतंत्र में कई ऐसे पद हैं, जो बेहद शक्तिशाली माने जाते हैं. इनमें नेता प्रतिपक्ष का पद भी शामिल है. शायद यही कारण है कि राहुल गांधी इसके लिए तैयार हुए है.
अब राहुल गांधी विपक्ष के नेता के साथ सरकार के कई फैंसलों में भी हिस्सेदारी रख सकेंगे क्योंकि नेता प्रतिपक्ष विपक्ष की जिम्मेदारी निभाने के साथ ही कई संयुक्त संसदीय पैनलों और चयन समितियों का भी हिस्सा होता है. इनमें CBI के डायरेक्टर, सेंट्रल विजिलेंस कमिश्नर, भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति, मुख्य सूचना आयुक्त, लोकायुक्त और NHRC के अध्यक्ष और सदस्यों को चुनने वाली समितियां शामिल हैं. विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल गांधी का इन फैसलों में सीधी दखल होगी. इन कमेटियो के फैसलों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही अब नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की सहमति सरकार को लेना भी जरूरी होगी.
वर्षों से राहुल गांधी ईडी, सीबीआई और ऐसी ही दूसरी एजेंसियों को लेकर सरकार को लगातार घेरते रहे हैं. लेकिन अब राहुल गांधी इन एजेंसियों के शीर्ष पदों पर नियुक्ति में उनकी भी अहम भागीदारी का हिस्सा रहेंगे।
सरकार के कामों पर कड़ी नजर
नेता प्रतिपक्ष के रूप में कांग्रेस नेता राहुल गांधी केंद्रीय लेखा समिति के भी चीफ होंगे. ऐसे में अब वो सरकार के आर्थिक फैसलों पर बारीक नजर रखेंगे और उनकी समीक्षा भी कर सकेंगे. आपको बतादें कि लेखा समिति ही सरकारी खर्च की जांच करती है, ऐसे में राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष के साथ ही यह जिम्मेदारी भी अपने आप मिलने जा रही है.