बांग्लादेशियों के लिऐ फ्री एंट्री !भारत में बनाएंगे मिनी बांग्लादेश ?
बांग्लादेश और बांग्लादेशी लोगों की भारत में एंट्री को लेकर बीजेपी बनाम टीएमसी फिर से शुरु हो गया है.बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ पर ममता बनर्जी का लचीला पर देश के लिए खतरा है
बांग्लादेश और बांग्लादेशी लोगों की भारत में एंट्री को लेकर बीजेपी बनाम टीएमसी फिर से शुरु हो गया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि अगर बंगाल के लोग उनसे शरण मांगेगे तो वो उसकी इजाजत दें देंगी, वहीं बीजेपी का कहना है कि बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ पर ममता बनर्जी का लचीला पर देश के लिए खतरा है. क्या है पूरा मामला आइए बताते हैं.
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बांग्लादेशी शरणार्थियों को लेकर बयान दिया, जिसे लेकर बीजेपी उन पर हावी हो गई है. बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने ममता के बयान पर ऐतराज जाहिर किया है. साथ ही रविशंकर प्रसाद ने कहा कि एक तरफ ममता बनर्जी बांग्लादेशी शरणार्थियों की मदद करने की बात करती है तो दूसरी तरफ वो CAA के तहत परेशान किए जा रहे हिंदुओं, सिखों, पारसियों और ईसाइयों को शरण देने से इनकार कर करती हैं. बीजेपी नेता का कहना है कि ये दोगला पन हुआ. आइए अब आपको बताते हैं कि ये पूरा मामला क्यों उठा है, दरअसल, शहीदी दिवस कार्यक्रम के दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि बांग्लादेश से कोई शरणार्थी हमारे दरवाजे पर दस्तक देगा तो हम उसे शरण जरूर देंगे.
ममता ने इसके लिए UN resolutions का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि कोई भी पड़ोसी मुल्क शरणार्थियों की रिस्पेक्ट करेगा. ममता का कहना था कि अगर हिंसा से बचने के लिए बांग्लादेश के नागरीक भारत के दरवाजे पर आते हैं तो हम उन्हें शरण देंगे. अगर लोग मजबूर होकर बंगाल आएंगे तो उन्हें जगह दी जाएगी और रहने दिया जाएगा. ममता बनर्जी ने कहा, मैं बाग्लादेश के बारे में ज्यादा कुछ नहीं बोलूंगी, क्योंकि वो एक दूसरा देश है. केंद्र सरकार इस पर अपनी बात रखेगी.
ममता बनर्जी के इसी मदद वाले बयान पर बीजेपी हमलावर हुई है. बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद का कहना है कि ममता बनर्जी का दिल बांग्लादेशियों के लिए तो दुखता है लेकिन जब CAA की बात हो या फिर अल्पसंख्यक हिंदू, सिख, पारसी और बौद्ध की बात हो उन्हें बंगाल में जगह नहीं दी जाएगी.
रविशंकर का कहना है कि, ममता दीदी की ये घोषणा गैरजिम्मेदाराना है. रविशंकर ने सवाल पूछा कि क्या ममता बनर्जी बंगाल की डेमोग्राफी बदलना चाहती है. बंगाल के 9 जिलों की डेमोग्राफिक स्थिति चेंज हो चुकी है. NIA की जांच में सामने आया है कि जो आरोपी किसी बड़ी घटना में शामिल होते हैं उनको एजेंसियां बंगाल में पाती हैं. इसके साथ ही उन्होंने इंडिया गठबंधन को भी लपेट लिया. उन्होंने कहा कि ये गठबंधन देश की एकता और अखंडता को तोड़ने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि बार-बार ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और राहुल गांधी संविधान की बात करते हैं, लेकिन किसी और देश से आए लोगों को प्रदेश में शरण देना, नागरिकता देना ये राज्य सरकार का अधिकार नहीं है, ये अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार का है. एक मुख्यमंत्री सीधा घोषणा करे कि वो बांग्लादेश से आए लोगों को बंगाल में बसने देंगी, इसका मतलब क्या है? क्या आप भारत की एकता को तोड़ना चाहती हैं?
अब बारी आपकी है आप क्या कहेंगे, बांग्लादेशियों को भारत में शरण देनी चाहिए या नहीं. इस सवाल का जवाब हमें कमेंट करके जरूर दें.