खेत में खड़े किसान हों या सीमाओं पर अपने हक के लिए लड़ रहे किसान हो सभी सरकार से खफा है। जहां एक ओर किसान केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर संघर्ष कर रहे है, वहीं दूसरी तरफ खेतों में खड़े किसान अपनी दिन की दो रोटी के लिए तरस रहें है। इसी बीच सरकार राजनीती की रणनीतियाँ बनाने में व्यस्त है।
बता दें हर बार बारिश के वक्त किसानों की फसल भीगकर बर्बाद हो जाती है। इस बार भी बारिश में 15% फसल भीग कर बर्बाद हो गई। हालांकि किसान बारिश से भीगी फसल को सुखाने में जुटे है। मगर बारिश में भीगनें से फसल की गुणवत्ता गिरने से फसल सहीं दामों पर बीक नहीं पाती।
नरेला अनाज मंडी की कार्य व्यवस्था संचालित करने और सभी जरूरतों को पूरा कराने के लिये नाम के लिए नरेला एपीएमसी है। मगर असल में कोई कार्य नहीं हो रहा है। सरकार को किसानों की समस्याओं का समाधान करने की जरुरत है।