साल के आखिरी महीने का आखिरी ‘मन की बात’ कार्यक्रम, साल की विदाई पर पीएम मोदी ने कहीं ये बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 72वें संस्करण के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं। ये साल 2020 का आखिरी मन की बात कार्यक्रम है। कयास लगाया जा रहा है कि किसान आंदोलन के बीच पीएम मोदी अपने संबोधन के जरिए एक बार फिर कृषि कानूनों से जुड़े मुद्दों पर बात कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि चार दिन बाद नया साल शुरू होने वाला है। अगले साल अगली मन की बात होगी। उन्होने कहा कि देश में नया सामर्थ्य पैदा हुआ है। इस नई सामर्थ्य का नाम आत्मनिर्भरता है। देश में बने खिलौनों की मांग बढ़ रही है।

पीएम मोदी ने कहा कि मुझे कई देशवासियों के पत्र मिले हैं। अधिकतर पत्रों में लोगों ने देश के सामर्थ्य, देशवासियों की सामूहिक शक्ति की भरपूर प्रशंसा की है। जब जनता कर्फ्यू जैसा अभिनव प्रयोग, पूरे विश्व के लिए प्रेरणा बना, जब ताली-थाली बजाकर देश ने हमारे कोरोना वॉरियर्स का सम्मान किया था, एकजुटता दिखाई थी उसे भी कई लोगों ने याद किया है।

कोरोना वायरस के कारण साल 2020 काफी उथल-पुथल भरा रहा। ऐसे में पीएम ने ट्वीट कर लिखा, ‘बीते हुए साल को आप कैसे देखते हैं? 2021 में क्या देखना चाहेंगे? यह 27 दिसंबर को साल 2020 के आखिरी मन की बात में शेयर करें। MyGov, NaMo App पर लिखें या फिर अपना संदेश 1800-11-7800 पर रिकॉर्ड करें.’ मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी विभिन्न मुद्दों के बारे में बात करते हैं। मन की बात में पीएम मोदी के संबोधन को डीडी, ऑल इंडिया रेडियो, नमो मोबाइल ऐप के जरिए सुना जा सकता है।

पिछले कार्यक्रम में कृषि कानूनों पर भी रखी थी बात

पीएम मोदी ने पिछले मन की बात कार्यक्रम में कृषि कानूनों को लेकर बात की थी। उन्होंने कहा था कि भारत में खेती और उससे जुड़ी चीजों के साथ नए आयाम जुड़ रहे हैं। बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं। उन्होंने कहा था कि मेरा नौजवानों, खासकर कृषि की पढ़ाई कर रहे लाखों छात्रों से आग्रह है कि वे अपने आसपास के गांवों में जाकर किसानों को आधुनिक कृषि के बारे में और हाल में हुए कृषि सुधारों के बारे में जागरुक करें।

 

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