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पश्चिम बंगाल : बढ़ती जा रही हैं ममता बनर्जी की मुश्किलें, अब जितेंद्र तिवारी ने भी दे दिया इस्तीफा

पश्चिम बंगाल। राज्य में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस को एक और झटका लगा है। शुभेंदु अधिकारी के पार्टी छोड़ते ही आसनसोल नगर निगम के चेयरमैन जितेंद्र तिवारी ने भी इस्तीफा दे दिया। बता दें कि शुक्रवार को जितेंद्र तिवारी की टीएमसी प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ अहम बैठक होने वाली थी, हालांकि इससे पहले ही उन्होंने आसनसोल नगर निगम के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया।

बता दें कि बीते रविवार को जितेंद्र तिवारी ने शहरी विकास मंत्री हकीम को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार राजनीतिक वजहों से आसनसोल नगर निगम को केंद्र की तरफ से मिले 2000 करोड़ रुपये के फंड का इस्तेमाल नहीं करने दे रही है। यह फंड स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जारी किया गया था। तिवारी का यह भी आरोप है कि इस मुद्दे पर वह पहले भी कम से कम पांच बार हकीम को चिट्ठी लिख चुके हैं लेकिन रविवार को लिखी चिट्ठी किसी ने जानबूझकर लीक कर दी। पत्र लिखे जाने के बाद जितेंद्र तिवारी को ममता बनर्जी ने भी फोन किया था। शुक्रवार को उनकी ममता बनर्जी के साथ बैठक होनी थी, लेकिन उसके पहले ही उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया।

अब बेजुबानों के खून से पैसा कमाएगा कंगाल पाकिस्तान, हुबारॉ पक्षियों के शिकार की दी अनुमति

आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहा पाकिस्तान अब बेजुबानों के खून से पैसा कमाने में जुट गया है। इमरान सरकार ने कतर के शेख तमीम बिन हमद अल-थानी और उनके परिवार के 14 अन्‍य सदस्यों को हुबारॉ पक्षियों के शिकार की अनुमति दे दी है, जबकि हुबारा पक्षियों की तेजी से कम हो रही तादाद के चलते न केवल दुनियाभर में इसका शिकार वर्जित है।

दरअसल, इमरान सरकार ने कतर के शेख तमीम बिन हमद अल-थानी और उनके परिवार के 14 अन्य लोगों को हुबारॉ पक्षियों के शिकार की अनुमति दी है। बता दें कि प्रधानमंत्री इमरान खान जब सत्ता से बाहर थे तो उस वक्त उन्होंने पक्षियों के शिकार का विरोध किया था। लेकिन आज कंगाल इमरान खान खुद बेजुबान पक्षियों का सौदा करने में जुटे हैं। इमरान सरकार को उम्मीद है कि इससे उन्हें करोड़ों रुपये का लाभ होगा। पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में जहां आधिकारिक फाइलों के पास होने में कई दिन लग जाते हैं, वहीं इमरान सरकार ने कतर के शेख परिवार को मात्र 5 दिन में ही शिकार करने की अनुमति दे दी है। सरकार ने कतर के शेख तमीम बिन हमद अल-थानी और उनके परिवार के 14 लोगों को बलूचिस्तान और पंजाब प्रांत शिकार की अनुमति दी है। वहीं इस महीने की शुरूआत में सरकार ने सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और उनके शाही परिवार के दो सदस्यों को भी शिकार की अनुमति दी थी। जबकि पाकिस्तान के किसी नागरिक को इस पक्षी के शिकार की अनुमति नहीं है।

बता दें कि पाकियों स्तान में हुबारॉ पक्षिके शिकार की अनुमति के लिए परमिट लेना पड़ता है। इस परमिट के लिए प्रति सदस्य एक लाख अमेरिकी डॉलर (करीब 73.5 लाख रुपये) की फीस है। इसके अलावा साथ ले जाने के लिए प्रति बाज 1000 डॉलर यानी करीब 73 हजार रुपये लगते हैं। पिछले साल बलूचिस्तान प्रांत को शिकार से करीब 2 अरब रुपये की कमाई हुई थी। हुबारा पक्षी मध्य एशिया के ठंडे क्षेत्र में रहते हैं। मगर इस समय वहां बहुत ज्यादा ठंड बढ़ जाने की वजह से ये पक्षी पाकिस्तान के बलूचिस्तान और पंजाब प्रांत में शरण लेने आते हैं। शिकार की वजह से इन पक्षियों की संख्या बहुत तेजी से कम होती जा रही है। इसके बावजूद इसे अभी संरक्षित पक्षियों की श्रेणी में नहीं रखा गया है, लेकिन वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत पाकिस्तानियों को इसके शिकार की अनुमति नहीं है।

बरेली किसान सम्मेलन में विपक्ष पर जमकर बरसे सीएम योगी, कहा- विपक्ष को किसानों की तरक्की पसंद नहीं

बरेली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज बरेली में किसान सम्मेलन को संबोधित किया। सीएम योगी ने कहा कि विपक्ष अपना राजनीति चमकाने के लिए किसानों को गुमराह कर रहा है, लेकिन हम किसानों के हक पर किसी को भी डाका नहीं डालने देंगे। विपक्ष को किसानों की तरक्की पसंद नहीं है। इस दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर की पूर्व सरकारों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का पूरा बजट चार परिवार हजम कर जाते थे। वहां की जनता को इसका लाभ नहीं मिल पाता था। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद की जड़ें समाप्त हो सकें, इसके लिए धारा 370 समाप्त होनी आवश्यक थी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को कृषि कानूनों के फायदे बताने के साथ ही 111 परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम अपने किसानों के लिए यहां हैं, 6 साल में देश की तस्वीर बदल गई है, दुनिया भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रहा है। हमारे किसानों ने कोरोना समय के दौरान काम किया, जब दुनिया परेशान थी तब किसानों ने खेतों मे काम किया, लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी के विरोधी किसानों को गुमराह करने में जुटे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है।

सीएम योगी ने कहा कि भाजपा की सरकार ने भगवान राम के मंदिर का निर्माण शुरू किया है, जन्म से अंतिम यात्रा तक राम का ही नाम चलता है। राम मंदिर जन भावनाओं से जुड़ा हुआ मुद्दा था, भाजपा ने सैकड़ों साल पुराने इस मुद्दे को हल किया है, मगर कुछ लोगों को राम मंदिर बनना पसंद नहीं आ रहा है और वो लोगों के भड़काने में जुटे हैं।

उत्तर प्रदेश : पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति का बेटा अनिल गिरफ्तार, जालसाजी के मामले में पुलिस ने दबोचा

लखनऊ। सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति के बेटे अनिल प्रजापति को पुलिस ने बृहस्पतिवार को दोपहर को गिरफ्तार कर लिया।  अनिल के खिलाफ जालसाजी समेत कई मामलों में गोमतीनगर विस्तार थाने में मुकदमा दर्ज था।

राजधानी पुलिस काफी समय से अनिल की तलाश कर रही थी, जिसे गुरुवार दोपहर में दबोच लिया गया। गोमती नगर विस्तार थाने में पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के बेटे अनिल प्रजापति के खिलाफ जालसाजी समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज थी। गायत्री के पूर्व परिचित व उनकी कंपनी में काम करने वाले ब्रिज भवन चौबे ने गोमती नगर विस्तार थाने में पूर्व मंत्री व उनके बेटे समेत अन्य पर एफआईआर दर्ज कराई थी। अनिल प्रजापति कोर्ट में पेशी पर आए अपने पिता से मिलने आया था।

ISRO ने फिर रचा नया इतिहास, कम्युनिकेशन सैटेलाइट सीएमएस-01 को किया लांच

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)  तकनीक के क्षेत्र में हर रोज नए आयाम छू रहा है। इसरो ने  एक बार फिर नया इतिहास रचा है। मोबाइल फोन से लेकर टीवी तक के सिग्नलों के स्तर को सुधारने के लिए इसरों ने आज यानी बृहस्पतिवार शाम को कम्युनिकेशन सैटेलाइट सीएमएस-01 को पीएसएलवी सी50 रॉकेट से लॉन्च किया। इस सैटेलाइट को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लांच पैड से रवाना किया गया। इसरो के अध्यक्ष डॉ. के सिवन ने जानकारी दी कि PSLV-C50 पूर्वनिर्धारित कक्षा में सफलतापूर्वक पहुंच गया है।

इसरो के अध्यक्ष डॉ के सिवन ने बताया कि PSLV-C50 पूर्वनिर्धारित कक्षा में CMS01 संचार उपग्रह को सफलतापूर्वक इजेंक्ट किया है। यह उपग्रह अच्छी तरह से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के बीच इसरो की टीम ने इस उपग्रह के लिए खुद को सुरक्षित रखते हुए बहुत कड़ी मेहनत की है।

बता दें कि सीएमएस-01 सैटेलाइट की से टेलीकम्युनिकेशन सेवाओं में सुधार होगा। इसकी मदद से टीवी चैनलों की पिक्चर क्वालिटी सुधरने के साथ ही सरकार को आपदा प्रबंधन के दौरान मदद मिलेगी। यह सैटेलाइट 2011 में लांच की गई जीसैट-2 टेलीकम्युनिकेशन सैटेलाइट की जगह लेगी। सीएमएस-01 अगले सात साल तक सेवाएं देगी।

 

बीजेपी चीफ की सुरक्षा में लापरवाही का मामला : बंगाल के तीन आईपीएस अधिकारियों की केंद्र में हुई तैनाती

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय बंगाल के तीन आईपीएस अधिकारियों पर बड़ा फैसला लेते में हुए उन्हें केंद्र में तैनात कर दिया है।

बता दें कि पश्चिम बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट मिलने के बाद उनकी सुऱक्षा में लापरवाही बरतने के लिए बंगाल के डीजीपी और मुख्य सचिव को तलब किया था। लेकिन ये अधिकारी इसका जवाब देने के लिए हाजिर नहीं हुए। इसके बाद गृह मंत्रालय ने सख्त कदम उठाते हुए इन तीन अधिकारियों को दिल्ली बुला लिया। इसके बाद ममता का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। इस बार ममता बनर्जी ने इन अधिकारियों को दिल्ली भेजना से साफ मना कर दिया। अंततः केंद्र सरकार की ओर से इन 3 आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ एक और कदम उठाया गया। जिसके बाद इन अधिकारियों के पास कोई रास्ता ही नहीं बचा है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जेपी नड्डा के सुरक्षा के मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में बंगाल के तीन आईपीएस अधिकारियों को केंद्र में तैनात करने का आदेश जारी कर चुका है। यह आदेश IPS कैडर नियम 6(1) के तहत जारी किया गया है। अब इसको लेकर एक बार फिर सीएम ममता बनर्जी केंद्र सरकार पर भड़क गई हैं। ममता बनर्जी को केंद्र सरकार के द्वारा भेजे गए पत्र में लिखा गया है कि इन तीनों अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से कार्य मुक्त कर दिया जाए।

ममता सरकार ने जिन तीन अधिकारियों को केंद्र के बुलावे पर भेजने से मना कर दिया था उसके नाम हैं राजीव मिश्र, प्रवीण कुमार त्रिपाठी और भोलानाथ पांडे। अब इनके खिलाफ ही ये कार्रवाई की गई है। गृह मंत्रालय की तरफ से पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि अगर इन तीन अधिकारियों को प्रदेश सरकार ने तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त नहीं किया तो यह IPS कैडर नियम 6(1) का उल्लंघन होगा।

मध्य प्रदेश के किसान सम्मेलनों को कल संबोधित करेंगे पीएम मोदी, 23 हजार ग्राम पंचायतों में होगा प्रसारण

मध्य प्रदेश। पीएम मोदी कल यानी 18 दिसंबर को मध्य प्रदेश में होने वाले किसान सम्मेलनों को संबोधित करेंगे। सीएमओ मध्य प्रदेश ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। सीएमो ने ट्वीट कर बताया कि प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दोपहर 2 बजे किसान सम्मेलनों को संबोधित करेंगे।

बता दें कि पीएम मोदी के संबोधन को प्रसारण प्रदेश की 23 हजार ग्राम पंचायतों मे किया जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रायसेन में मौजूद रहेंगे। इसके अलावा जिला मुख्यालयों में शिवराज सरकार के मंत्री और विधायक मौजूद रहेंगे। बता दें कि इस मौके पर राज्य के 35 लाख किसानों के खातों में 1600 करोड़ रूपये की राहत ऱासि ट्रांसफर की जाएगी।

55 साल बाद शुरू हुई चिलाहाटी-हल्दीबाड़ी रेल लाइन, पीएम मोदी और शेख हसीना ने किया शुभारंभ

नई दिल्ली। भारत और बांग्लादेश के बीच आज डिजिटल शिखर सम्मेलन आयोजन हुआ। सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना शामिल हुईं। इस दौरान पीएम मोदी और तीएम शेख हसीना संयुक्त रूप से भारत-बांग्लादेश के बीच चिलाहटी-हल्दीबाड़ी रेल लिंक का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि बांग्लादेश हमारी नेबरहुड फर्स्ट नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। वहीं, शेख हसीना ने भारत के सहयोग की जमकर सराहना की। बता दें कि भारत और बांग्लादेश के बीच 55 साल के बाद कोई रेल लाइन का उद्घाटन हुआ है।

बताते चलें कि दोनों देशों के डिजिटल शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी और शेख हसीना ने शेख मुजफ्फर सलमान पर एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि बांग्लादेश हमारी ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। साथ ही उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के साथ संबंध मजबूत करना पहले दिन से मेरे लिए प्राथमिकता है। वहीं शेख हसीना ने कहा कि आपकी (भारत) सरकार ने जिस तरह से कोरोना महामारी का मुकाबला किया है, उसके लिए मुझे आपकी सराहना करनी चाहिए। शेख हसीना ने कहा कि कोरोना काल में दोनों देश और करीब आए हैं, दोनों देशों के लोगों के बीच में भी आपसी संबंध मजबूत हुआ है। दोनों देशों ने इस साल में कई कनेक्टविटी के नए काम शुरू किए हैं।

 

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की राहुल गांधी को नसीहत, कहा- संवैधानिक संस्थाओं का आदर करना सीखें

नई दिल्ली। रक्षा संबंधी संसद की स्थायी समिति की बैठक से राहुल गांधी द्वारा बहिर्गमन किए जाने पर भाजपा ने बृहस्पतिवार को उन पर जमकर निशाना साधा और राहुल गांधी को संसदीय प्रणाली और संवैधानिक संस्थाओं का आदर करने की नसीहत दी।

अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं के प्रति राहुल गांधी की कितनी आस्था है, वह कल देखने को मिली। रक्षा समिति की बैठक से वह बाहर चले गए। यह संसदीय प्रणाली और संवैधानिक संस्थाओं का अपमान है। राहुल गांधी को संवैधानिक संस्थाओं का आदर करना सीखना चाहिए नहीं तो लोकतंत्र में उनकी भूमिका और नगण्य हो जाएगी। जावड़ेकर ने कहा कि समिति की बैठक का एजेंडा तय करने के लिए पहले बैठक होती है लेकिन राहुल गांधी बैठक में मौजूद नहीं रहे। पिछले डेढ़ साल में समिति की 14 बैठकें हुई हैं लेकिन राहुल गांधी सिर्फ दो बैठक में ही उपस्थित रहे।

बता दें कि राहुल गांधी और कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने बुधवार को रक्षा संबंधी संसद की स्थायी समिति की बैठक का बहिष्कर कर कहा था कि राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दे की बजाय सशस्त्र बलों की वर्दी पर चर्चा में समय बर्बाद किया जा रहा है।

किसान आंदोलन : सुप्रीम कोर्ट ने कहा- विरोध प्रदर्शन का अधिकार सही लेकिन विरोध अहिंसक नहीं होना चाहिए

नई दिल्ली। तीनों कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय ने आज सुनवाई की। सुनवाई के दौरान भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वो फिलहाल कानूनों की वैधता तय नहीं करेगा।  सीजेआई ने कहा कि किसानों को विरोध करने का अधिकार है, हम इसमें हस्तक्षेप नहीं करेंगे लेकिन विरोध का तरीका कुछ ऐसा है जिस पर हमें गौर करना पड़ेगा।  क्योंकि इस तरह से किसी भी शहर को बंधक नहीं बनाया जा सकता है। बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली की सीमा पर पिछले 21 दिनों से डटे हुए है।

इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि आज हम एक मात्र चीज तय करेंगे जो किसानों के विरोध और मौलिक अधिकारों के बारे में है।  कोर्ट ने कहा कि कानूनों की वैधता का सवाल अभी इंतजार कर सकता है।

सीजेआई ने कहा कि हम कानूनों  के विरोध में मौलिक अधिकार को मान्यता देते हैं और इसे रोकने के लिए कोई सवाल नहीं उठाते। बस केवल हम इस चीज पर गौर कर सकते हैं कि किसी  के जीवन को नुकसान नहीं होना चाहिए। सीजेआई ने कहा कि हम किसानों के विरोध प्रदर्शन के अधिकार को सही ठहराते हैं लेकिन विरोध अहिंसक नहीं होना चाहिए।  इसके अलावा अदालत ने केंद्र से कहा कि वह कानून को होल्ड पर रखने की संभावनाएं तलाशे।