
लुधियान। कोविड महामारी से निपटने के लिए कोरोना वैक्सीन आने से बाजार के भाव बढ़ गए हैं। इसके साथ ही अर्थव्यवस्था भी पटरी पर लौट रही है। ऐसे में बाजार में काटन (नरमे) की मांग लगातार बढ़ती जा रही है।
इससे कीमतों में मजबूती का सिलसिला जारी है। नतीजतन, किसानों को काटन की सरकार की ओर से तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक कीमत मिल रही है।सरकार ने काटन का एमएसपी 5625 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था। अभी बाजार में कीमत 5700 रुपये से लेकर छह हजार रुपये प्रति क्विंटल तक चल रही है।
बावजूद इसके विश्व बाजार में भारतीय काटन सस्ती पड़ रही है। विश्व के प्रमुख निर्यातक देश अमेरिका में फसल कम होने से काटन की किल्लत है। ऐसे में विश्व बाजार में भी भारतीय काटन की काफी मांग है।
अभी तक 170 रुपये किलो प्रति गांठ की दर से 32 लाख गांठ का निर्यात हो चुका है। काटन वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक यह निर्यात का आंकड़ा साठ लाख गांठ के आंकड़े को पार कर जाएगा। माहिरों का दावा है कि आने वाले दिनों में भी कीमतों में मजबूती का दौर बना रहेगा।