आशिकी के चक्कर में हो गया डिमोशन, DSP से बन गए सिपाही
आमतौर पर किसी भी नौकरी में जब आप ज्यादा दिन काम करते हैं तो समय के साथ साथ आपका प्रमोशन होता है.आपकी सिनियोर्टी के हिसाब के आपको पद मिलते है.
आमतौर पर किसी भी नौकरी में जब आप ज्यादा दिन काम करते हैं तो समय के साथ साथ आपका प्रमोशन होता है.आपकी सिनियोर्टी के हिसाब के आपको पद मिलते है. चाहे नौकरी प्राइवेट हो या सरकारी. हर जगह ये फार्मूला चलता है. लेकिन उत्तर प्रदेश के उन्नाव से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां उन्नाव में एक पुलिस अधिकारी का ऐसा डिमोशन हुआ है जिसे देखकर लोग हैरान कम बल्कि हंस ज्यादा रहे हैं दरअसल यहां यूपी पुलिस में तैनात डिप्टी एसपी साहब को, ना इंसपेक्टर, ना दरोगा, और ना ही दीवान, बल्कि सीधे ही सिपाही बना दिया गया हैं. दरअसल, उन्नाव के सीओ कृपा शंकर कनौजिया को डिप्टी एसपी से डिमोट कर constable बना दिया गया और इसकी वजह काफी हैरान करने वाली है. दरअसल बात 3 साल पुरानी यानि 6 जुलाई 2021 की है. सीओ कृपा शंकर कनौजिया को एसपी उन्नाव ने किसी पारिवारिक कारणों से छुट्टी मंजूर की थी. लेकिन छुट्टी मंजूर हो जाने के बाद सीओ कृपाशंकर कनौजिया अपने घर नहीं गए. बल्कि वह एक महिला सिपाही के साथ कानपुर के एक होटल में चेक इन किया था. जहां वह उसी होटल में महिला सिपाही के साथ पकड़े गए थे.
दरअसल, महिला सिपाही के साथ होटल में चेकिंग करने के दौरान सीओ कृपाशंकर कनौजिया नेअपने प्राइवेट और सरकारी दोनों मोबाइल नंबर बंद कर दिए थे. वहीं दूसरा ओर सीओ के नंबर बंद होने के बाद उनकी पत्नी ने जब पता करने की कोशिश की तो महकमे से पता चला कि सीओ छुट्टी लेकर घर के लिए निकले थे. इस बात को लेकर सीओ की पत्नी ने एसपी उन्नाव को फोन करके मदद मांगी थी. उसी दौरान एसपी उन्नाव ने सीओ कृपा शंकर कनौजिया का मोबाइल सर्विलांस पर लगाया जब जाकर पता चला कि सीओ का मोबाइल नेटवर्क कानपुर के एक होटल में जाकर बंद हुई थी.
इस पूरे मामले को लेकर उन्नाव पुलिस जब कानपुर के उस होटल पहुंची तो पता चला कि होटल में सीओ और एक महिला सिपाही साथ आए थे. वहीं मिली जानकारी के अनुसार उन्नाव पुलिस ने साक्ष्य के तौर पर सीओ से जुड़े वीडियो अपने साथ ले आई थी. बता दें कि उस होटल में एंट्री करते समय सीओ और उनकी महिला सिपाही मित्र सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए थे. वहीं इस मामले के बाद प्रशासन ने उन पर पुलिस की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया था. जिसके बाद शासन ने इस पूरे प्रकरण पर अपनी समीक्षा करने के बाद सीओ कृपा शंकर कनौजिया को रिवर्ट कर सिपाही बनाने की सहमती जताई.
बतादें कि कृपा शंकर ने अपने पुलिस करियर की शुरूआत भी एक पुलिस कांसटेबल के तौर पर ही की थी. और वो प्रमोट होते होते डिप्टी एसपी के पद पर पहुंचे थे. लेकिन वो कहते हैं ना विनाश काले विपरीत बुद्धी, बेचारे ऐसा फंसे की रिटायरमेंट के दिनों में सिपाही बन गए. उस उन सभी के लिए एक नजीर भी जो अपनी वर्दी को दागदार करते हैं.