DESK: बिहार में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्य के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती नजर आ रही हैं।केंद्र सरकार ने CBI को नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले में लालू यादव के खिलाफ केस चलाने की इजाजत दे दी है। सीबीआई ने शुक्रवार को विशेष अदालत में सरकार की अनुमति से जुड़े दस्तावेज पेश किए। अधिकारियों ने यह भी बताया है कि विशेष अदालत द्वारा एजेंसी द्वारा दायर चार्जशीट का संज्ञान लेने के लिए सक्षम प्राधिकारी से मुकदमा चलाने की मंजूरी एक शर्त है।
बता दें कि सीबीआई ने पिछले साल 7 अक्टूबर को लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और 14 अन्य के खिलाफ रेलवे में नौकरी दिलाने के एवज में लोगों की जमीन रिश्वत के तौर पर लेने का मामला दर्ज किया था। सीबीआई की एक विशेष अदालत में दायर चार्जशीट में, एजेंसी ने लालू यादव और उनके परिवार के साथ-साथ मध्य रेलवे के पूर्व महाप्रबंधक सौम्या राघवन, पूर्व रेलवे सीपीओ कमल दीप मैनराई, 7 नियुक्त उम्मीदवारों और 4 व्यक्तियों को नामजद किया है। सीबीआई प्रवक्ता ने कहा है कि, ‘जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों ने सेंट्रल रेलवे के तत्कालीन महाप्रबंधक और सेंट्रल रेलवे के सीपीओ की मिलीभगत से लोगों को रेलवे में अपने या अपने करीबियों के नाम पर नियुक्त किया था।
चार्जशीट में कहा गया है कि रेलवे में नौकरी देने के एवज में लोगों से रिश्वत के तौर पर जमीन ली गई. इन जमीनों को सर्किल रेट से कम दर और बाजार दर से काफी कम दर पर अधिग्रहित किया गया था। ये जमीनें राबड़ी देवी और उनकी बेटियों भारती और हेमा यादव के नाम दर्ज हैं। बता दें कि जिस समय यह घोटाला हुआ उस समय केंद्र की कांग्रेस सरकार में लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे। उस समय पटना में लालू प्रसाद यादव के परिजनों को नौकरी देने के एवज में करीब 1.05 लाख वर्ग फुट जमीन अधिग्रहीत की गई थी।