पढ़िए; कैसे एक पत्र ने मचा दिया महाराष्ट्र में सियासी संग्राम?

नई दिल्ली। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोपों के कारण महाराष्ट्र की उद्धव सरकार संसद से लेकर सड़क तक घिरी हुई है। सोमवार को इसे लेकर संसद के दोनों सदनों में जमकर बवाल हुआ। अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा की एक चिट्ठी ने अब इस मामले में नया मोड़ ला दिया है। उन्होंने यह चिट्ठी लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को लिखी है। इसमें उन्होंने आरोप लगया है कि लोकसभा में सचिन वझे का मामला उठाने पर शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने उन्हें धमकी दी है। उन्होंने कहा है कि अगर एक महिला संसद में सुरक्षित नहीं है, तो वह महाराष्ट्र में कैसे सुरक्षित रह सकती है।

उन्होंने यह भी दावा किया कि इससे पहले भी उन्हें कई बार फोन पर धमकी दी गई है और उन पर एसिड अटैक कराने की भी बात कही गई है। हालांकि, शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने आरोपों को झूठा बताया है। सावंत ने समाचार एजेंसी एएनआइ से कहा है कि उन्होंने राणा को धमकी नहीं दी। यह एक बड़ा झूठ है। मैं उन्हें क्यों धमकी दूंगा? यदि उस समय उनके पास लोग मौजूद थे, तो वे बता सकते हैं कि क्या मैंने उन्हें धमकी दी थी? उनकी बात करने का तरीका और बॉडी लैंग्वेज सही नहीं थी। सावंत ने कहा कि शिवसैनिक महिलाओं को धमकी नहीं देते।

तू महाराष्ट्र में कैसे घूमती है मैं देखता हूं और तेरे को भी जेल में डालेंगे

इस बीच भाजपा सांसद रमा देवी ने कहा कि नवनीत राणा ने इस मुद्दे पर उनसे बात की है। अरविंद सावंत के सांसद होने के नाते ऐसी बात नहीं करनी चाहिए थी। वो स्पीकर से इसे गंभीरता से लेने के लिए कहेंगी। राणा ने ओम बिड़ला को लिखे अपने पत्र में आरोप लगाया कि सावंत ने उन्हें धमकी देते हुए कहा कि ‘तू महाराष्ट्र में कैसे घूमती है मैं देखता हूं और तेरे को भी जेल में डालेंगे।’ राणा ने कहा कि अरविंद सावंत ने मेरे खिलाफ जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है वह मेरे और पूरे देश की महिलाओं का अपमान है। मैं चाहती हूं कि उनके खिलाफ सख्त पुलिस कार्रवाई हो। उन्होंने सोमवार को एएनआइ से बात करते हुए कहा कि मैंने ओम बिरला को एक पत्र लिखा है। मैं इसकी शिकायत पुलिस से भी करूंगी … मैं किसी की धमकी से रुकने वाली नहीं हूं। मैं तब तक लड़ूंगी जब तक मैं जीवित हूं। राणा ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें पहले भी सावंत से धमकी मिली थी। उन्होंने कहा कि यह सोचने की जरूरत है कि अगर कोई महिला संसद के अंदर सुरक्षित नहीं है तो वह महाराष्ट्र में कैसे सुरक्षित होगी। शिवसेना गुंडागर्दी विचारधारा वाली पार्टी है।

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