एक राह पर चल रहे मोदी विपक्ष -BJP को बड़ा संकेत 2024 में आसान नहीं होगा सफर…
मोदी विरोध की साझा लड़ाई शुरू : नीतीश, तेजस्वी, ममता, केजरीवाल... एक साथ !
DESK : बिहार में राजद और जदयू ने साथ मिलकर सरकार बनाई, इसी के साथ नीतीश कुमार ने खुला ऐलान किया कि लोकसभा चुनाव 2024 में प्रधानमंत्री मोदी की वापसी होने नहीं देंगे. सीएम नीतीश की इस घोषणा को मूर्त रूप देने के लिए देश के सभी विपक्षी दलों का साथ आना जरूरी है. इसी क्रम में अब विपक्ष के कई दलों ने स्वतंत्रता दिवस के पूर्व सांकेतिक रूप मोदी विरोध को दर्शाया है.
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दरअसल, पीएम मोदी ने देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सव के तहत सभी से सोशल मीडिया पर डीपी के रूप में तिरंगा लगाने की अपील की. पीएम मोदी की अपील पर जहाँ भाजपा सहित देश के लाखों लोगों ने अपनी डीपी पर झंडा लगा दिया वहीं विपक्षी दलों ने मोदी की अपील को दरकिनार कर दिया है. मोदी के प्रबल विरोधियों में एक नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जदयू ने अभी तक सोशल मीडिया के किसी प्लेटफार्म पर डीपी में तिरंगा नहीं लगाया. नीतीश कुमार, राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह या किसी बड़े नेता अथवा पार्टी के आधिकारिक हेंडल पर कोई बदलाव नहीं हुआ है.
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इसी तरह राजद ने भी डीपी में तिरंगा लगाना जरूरी नहीं समझा है. तेजस्वी यादव हों या कोई भी राजद नेता उनकी डीपी में तिरंगा नहीं है. इसी तरह आम आदमी पार्टी भी तिरंगा बदलने की अपील से दूर है. दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल, उनकी पार्टी के पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान या किसी ने अपनी डीपी में तिरंगा नहीं लगाया. इसी तरह तृणमूल कांग्रेस भी इसी राह है. हालांकि ममता बनर्जी की पार्टी ने आजादी के 75 वर्ष पूरे होने एक विशेष किस्म की डीपी तैयार की है जो देश के सभी लोगों को जोड़ने का संदेश देता है.
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विपक्ष के अन्य दलों में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी, मायावती की बसपा, तमिलनाडु में द्रमुक, आंध्र प्रदेश में केसीआर, कर्नाटक में जनता दल – एस सहित देश कई राज्यों में सक्रिय क्षेत्रीय दलों ने अपनी डीपी में तिरंगा नहीं लगाया. एक प्रकार से देखा जाए तो यह मोदी विरोध का एक साझा संकेत है जिसमें सभी दलों ने प्रतीकात्मक रुप से तिरंगा लगाने की अपील को अनसुना किया है.
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वहीं कांग्रेस ने अपनी पीएम मोदी की अपील पर डीपी में तिरंगा तो लगा लिया लेकिन सिर्फ तिरंगा नहीं लगाया है बल्कि प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु के हाथों में तिरंगा वाली तस्वीर को सभी कांग्रेस नेताओं ने अपनी डीपी में उपयोग किया है. देखा जाए तो मोदी विरोध का यह साझा संदेश बिहार के सीएम नीतीश की उस घोषणा का एक स्पष्ट संकेत है कि 2024 में पीएम मोदी की राह आसान नहीं है, क्योंकि विपक्षी दल एकजुट होकर उनका विरोध करेंगे.