DESK : भीषण ठंड का कहर जारी है जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुका है. जहां हाड़ कपा देने वाली इस भीषण ठंड में यात्रियों का कोई सुध लेने वाला नहीं है। रेलवे स्टेशन परिसर में ना तो यात्रियों के लिए अलाव की व्यवस्था की गई है ना ही रैन बसेरा बनाया गया है जहां रोजाना इस रेलवे स्टेशन से हजारों यात्री सफर करते हैं। लेकिन इस कड़ाके की ठंड में रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है इतना ही नहीं देर रात यात्रा करने वाले यात्री खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं।
आप इन तस्वीरों में साफ तौर से देख सकते हैं कि रेलवे स्टेशन के बरामदे के फर्श पर किस तरह यात्री कंबल और चादर ओढ़कर सोने को मजबूर हैं तो वही कुछ यात्री खुले आसमान के नीचे बैठकर रात गुजार रहे है इन्हें एक तरफ ठंड की मार है तो वही समान चोरी का हालांकि इस पूरे मामले पर रेलवे प्रशासन और नगर पालिका प्रशासन का कोई भी अफसर कैमरे पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
वही इस पूरे मामले पर देवरिया सदर के विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने भारत समाचार से बताया कि जहां पर इस परिसर में रेन बसेरा बनता था वहां इस समय एक कंपलेक्स बनाया जा रहा है जिसकी वजह से इस बार यहां रैन बसेरा नहीं बनाया जा सका वैकल्पिक व्यवस्था की गई है बाहर कुछ दूरी पर रेन बसेरा बना है वहां यात्रियों को शिफ्ट किया जाता है।
लेकिन बड़ा सवाल यह उठता है क्या यह तस्वीरें झूठ बोल रही हैं की स्टेशन के बाहर इस कड़ाके की ठंड में यात्री खुले आसमान के नीचे बैठकर रात गुजार रहे हैं तो वही कुछ यात्री और गरीब मजदूर फर्श पर लेट कर रात गुजार रहे हैं ऐसा कहना गलत नहीं होगा की देवरिया रेलवे स्टेशन के अफसर और प्रशासन यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ करने पर जुटे हुए हैं।