नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें उत्तर प्रदेश में उनके खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर को लेकर गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी एफआईआर को रद्द करने के लिए उनकी याचिका पर भी नोटिस जारी किया।
संजय सिंह ने लखनऊ, संतकबीर नगर, खीरी, बागपत, मुजफ्फरनगर, बस्ती और अलीगढ़ आदि में दर्ज आठ एफआईआर का हवाला दिया था। हालांकि सुनवाई के दौरान कोर्ट ने संजय सिंह को नसीहत भी दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप सांसद हैं। आपको इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए थे। आप लिमिट क्रॉस करेंगे तो कानून के मुताबिक आपके खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा।
उनके वकील विवेक तन्खा ने न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष कहा कि चूंकि सिंह राज्यसभा सदस्य थे, इसलिए उनके खिलाफ प्रॉसीक्यूशन की अनुमति उच्च सदन के सभापति द्वारा दी जानी चाहिए थी। तन्खा ने कहा कि आप नेता के खिलाफ दर्जन भर जगहों पर एक जैसी एफआईआर दर्ज की गई है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार अभियोजन स्वीकृति के लिए राज्यसभा के सभापति से संपर्क कर सकती है। एक संक्षिप्त सुनवाई के बाद, पीठ ने निर्देश दिया कि सिंह को उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों में गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए और मामले को मार्च के तीसरे सप्ताह में आगे की सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया।
इससे पहले, 2 फरवरी को, सिंह पिछले साल 12 अगस्त को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद लखनऊ में दर्ज एक मामले में गैर-जमानती वारंट से संबंधित मामले में सुप्रीम कोर्ट से तत्काल राहत पाने में विफल रहे थे, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार समाज के एक निश्चित धड़े के पक्ष में काम कर रही है।सिंह ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद यूपी के विभिन्न जिलों में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया था और दावा किया था कि ये मामले ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ का नतीजा हैं।