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अमेरिका: दो वॉर प्लेन के बीच जबरदस्त टक्कर…उड़ गए परखच्चे

DESK: अमेरिका के डलास में शनिवार को एयर शो के दौरान दो सैन्य विमान आपस में टकराकर जमीन पर गिर गए, जिसके बाद उनमें आग लग गई। यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि विमान में कितने लोग सवार थे और न ही हताहतों के बारे में कोई जानकारी मिली है।

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पूर्व सैनिक दिवस के मौके पर करतब का आयोजन करने वाली कंपनी और दुर्घटनाग्रस्त विमान की मालिक ‘कॉमेमोरेटिव एयर फोर्स’ की प्रवक्ता लियाह ब्लॉक ने बताया कि उनका मानना है कि ‘बी-17 फ्लाइंग फोर्ट्रेस’ बमवर्षक विमान में चालक दल के पांच सदस्य और पी-63 किंग कोबरा लड़ाकू विमान में एक व्यक्ति सवार था। घटना दोपहर करीब 1 बजकर 20 मिनट पर शहर के मुख्य इलाके से लगभग 16 किलोमीटर दूर डलास एक्जिक्यूटिव एयरपोर्ट पर हुई।

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दुर्घटना के बाद आपात सहायता कर्मी घटनास्थल पर पहुंच गए। एंथनी मोनटोया नामक व्यक्ति ने विमानों को टकराते हुए देखा। उन्होंने बताया कि मैं वहां खड़ा हुआ था। मैं पूरी तरह हैरान रह गया और कुछ समझ नहीं पाया। आसपास के सभी लोग हांफ रहे थे। सब फूट-फूट कर रो रहे थे। सब सदमे में थे।” डलास के मेयर एरिक जॉनसन ने कहा कि राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड ने हवाई अड्डे को अपने नियंत्रण में ले लिया है। स्थानीय पुलिस और अग्निशमन विभाग सहायता प्रदान कर रहे हैं।

अफगानिस्‍तान पर कब्‍जे के बाद तालिबान को अरबों रुपये की राशि से हाथ धोना पड़ रहा है।

अफगानिस्‍तान पर कब्‍जे के बाद तालिबान को अरबों रुपये की राशि से हाथ धोना पड़ रहा है। इसकी दो बड़ी वजह हैं। पहली अमेरिका द्वारा जब्‍त की गई राशि और आईएमएफ द्वारा रोकी गई रकम। इसका असर देश के आर्थिक हालात पर पड़ेगा।अफगानिस्‍तान के और खराब होने वाले हैं हालात, तालिबान की बढ़ेगी परेशानी, US के बाद IMF ने भी रोकी अरबों डालर की रकम

अफगानिस्‍तान में बद से बदतर होते हालात के बाद अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अफगानिस्‍तान को मिलने वाली करीब 460 मिलियन डालर की राशि की निकासी को रोक दिया है। आईएमएफ ने ये फैसला वहां पर तालिबान के कब्‍जे के बाद लिया है। आईएमएफ का कहना है कि तालिबान के आने के बाद देश में असमंजस की स्थिति है। आईएमएफ का ये फैसला अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन के दबाव के बाद सामने आया है। बाइडन का कहना है कि ये रकम किसी भी सूरत में तालिबानियों के हाथों में नहीं जानी चाहिए |

इससे पहले अमेरिकी राष्‍ट्रपति बाइडन ने विदेश में जमा देश की अरबों डालर की राशि को भी जब्‍त करने के आदेश दिए थे। इसके तहत अफगानिस्तान सेंट्रल बैंक की करीब 70 हजार करोड़ रुपये (9.4 अरब डालर) की रकम को जब्त कर लिया गया था। इसकी जानकारी द अफगान बैंक (डीएबी) के कार्यवाहक गवर्नर अजमल अहमदी ने दी थी। गौरतलब है कि अहमदी तालिबान के आने से पहले देश छोड़ चुके थे।

अपनी जानकारी में उन्‍होंने बताया था कि विदेश में अफगानिस्तान के करीब 9.4 अरब डालर जमा हैं। इनमें से  लगभग 50 हजार करोड़ रुपये (7 अरब डालर) अमेरिकी फेडरल रिवर्ज बांड और संपत्ति के रूप में हैं। इसके अलावा इसमें 10 हजार करोड़ रुपये (1.3 अरब) का सोना भी है।

अमेरिका के इस फैसले से तालिबान ही नहीं अफगानिस्‍तान में भी आर्थिक संकट गहरा सकता है। आपको बता दें कि अफगानिस्‍तान काफी लंबे समय से विदेशों और अंतरराष्‍ट्रीय वित्‍तीय संस्‍थानों से मिलने वाली वित्‍तीय मदद से ही चलता आया है। लेकिन अब इस पर लगी रोक से यहां की पूरी अर्थव्‍यवस्‍था चौपट हो सकती है। देश की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से जरूरी सेवाओं और खाने-पीने की चीजों के दामों में बेतहाशा तेजी हो सकती है। देश में इसकी वजह से कई चीजों की कमी तक हो सकती है। अमेरिका और आइएमएफ के फैसले के बाद तालिबान के लिए ये चुनौतियों से भरा समय है।

गौरतलब है कि तालिबान ने 15 अगस्‍त को काबुल पर कब्‍जा कर लिया था। इसके बाद अफगानिस्‍तान में वो सरकार बने की तरफ आगे बढ़ रहा है। इसको लेकर दोहा में बातचीत भी चल रही है। साथ ही वो इस मुद्दे पर कुछ देशों के साथ बातचीत कर भी चुका है। इसके अलावा तालिबान ने विश्‍व बिरादरी से भी बात करने को कहा है। वहीं दूसरी तरफ दुनिया के कई देश स्थिति पर लगातार निगाह रखे हुए हैं।

कोरोना से जंग में भारत के साथ आया अमेरिका, जो बाइडन ने कहा- मदद की पूरी श्रृंखला भेज रहे हैं

नई दिल्ली। कोरोना के खिलाफ छिड़ी जंग में अमेरिका भारत के साथ पूरी मजबूती के साथ खड़ा है। इसके अलावा मंगलवार को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक बार फिर अपने वादे को दोहराते हुए कहा कि, कोरोना संकट से लड़ने के लिए हम भारत के साथ हैं और उसे बिना किसी देरी के तत्काल मदद की पूरी श्रृंखला भेज रहे हैं।

बता दें कि इससे पहले बीते सोमवार को बाइडन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  के बीच बातचीत हुई थी। मंगलवार को व्हाइट हाउस में हुई न्यूज कॉन्फ्रेंस में अमेरिकी प्रेसीडेंट जो बाइडन ने पत्रकारों से कहा कि हम भारत को तत्काल रूप से मदद की पूरी श्रृंखला भेज रहे हैं, जिसकी उन्हें जरूरत है। इसमें इससे निपटने की क्षमता वाले रेमडेसिविर और अन्य ड्रग्स भी शामिल हैं।

बाइडन ने कहा कि हम वास्तविक मैकेनिकल पार्ट्स भेज रहे हैं, जिसकी भारत को वैक्सीन बनाने के लिए जरूरत है।  उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ इस बात पर भी चर्चा हो चुकी है कि अमेरिका भारत को वैक्सीन कब मुहैया करा सकेगा। बताते चलें कि देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। आए दिन 3 लाख से अधिक मामले सामने आ रहे हैं।

वज्रप्रहार  2021 : भारत और अमेरिका के विशेष बलों ने हिमाचल में किया संयुक्त सैन्य अभ्यास

नई दिल्ली।  भारत और अमेरिका के विशेष बलों ने बीते दिनों हिमाचल प्रदेश के बकलोह में संयुक्त सैन्य अभ्यास किया ताकि दोनों पक्षों के बीच के समन्वय को और बढ़ाया जा सके। मंगलवार को रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी।

बता दें कि दोनों देशों के स्पेशल फोर्सेज़ द्वारा यह संयुक्त अभ्यास भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच बारी-बारी से संयुक्त मिशन योजना और सामरिक रणनीति जैसे क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ परिपाटियों तथा अनुभवों को साझा करने के साथ-साथ दोनों राष्ट्रों के स्पेशल फोर्सेज़ के बीच अंतरसंचालनीयता में सुधार करने के लिए किया जाता है।

द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास और रक्षा संबंधी आदान-प्रदान मित्र देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण आयाम हैं। ऐसे आयोजनों के दौरान प्रतिभागी राष्ट्रों के सैन्य बल आपसी प्रशिक्षण और संयुक्तता के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खतरों का मुकाबला करने के साझा उद्देश्य के साथ विभिन्न प्रकार के खतरों को निष्प्रभावी बनाने के लिए साथ मिलकर अनेक अभियानों का प्रशिक्षण पाते हैं।  योजना बनाते हैं तथा ऐसी सैन्य कार्रवाइयों को अंजाम देते हैं।

 

भारत और अमेरिका के रक्षा मंत्रियों ने की प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता, रक्षा सहयोग बढ़ाने पर बनी सहमित

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके अमेरिकी समकक्ष लॉयड ऑस्टिन ने शनिवार को मुलाकत की। जिसमें द्विपक्षीय रणनीतिक सबंधों को और विस्तार देने, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बदलती स्थिति और आतंकवाद की चुनौती जैसे विषयों पर मुख्य रूप से चर्चा की गई।

भारत आए अमेरिकी रक्षा मंत्री ऑस्टिन की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से विज्ञान भवन में प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत हुई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत अमेरिका के साथ मजबूत रक्षा साझेदारी को और आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि चर्चा के दौरान दोनों देश रक्षा के उभरते हुए क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए हैं। साझा बयान जारी करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बैठक के दौरान कई द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यासों की भी समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना, यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड, सेंटर कमांड और अफ्रीका कमांड के बीच सहयोग को बढ़ाने को लेकर सहमति बनी है।

वहीं, संयुक्त बयान जारी करते हुए अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जेम्स ऑस्टिन ने कहा कि भारत-अमेरिका संयुक्त रूप से मिलकर क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ाने का साझा दृष्टिकोण रखते हैं।

 

तीन दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचे अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन, इन मुद्दों पर करेंगे चर्चा

नई दिल्ली।  अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन अपने 3 दिन के दौरे पर आज भारत पहुंचे हैं। क्वाड देशों के बीच हुई शिखर वार्ता के कुछ दिनों बाद ही ऑस्टिन का यह भारत दौरा दोनों देशों के बीच हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग की महत्ता को भी रेखांकित करेगा।

बता दें कि जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद किसी अमेरिकी मंत्री का यह पहला भारत दौरा है। अपने इस 3 दिवसीय दौरे के दौरान वे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ वार्ता करेंगे। दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच होने वाली बातचीत में कई द्विपक्षीय,  क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत हो सकती है।

बताते चलें कि अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ऐसे समय में भारत आए हैं, जब करोना की चुनौतियों से जूझते विश्व में नये भू-राजनैतिक और भो-आर्थिक समीकरण देखने को मिल रहे हैं, जिनमे हिंद प्रशांत क्षेत्र एक केंद्रीय भूमिका निभाएगा।

हिंद प्रशांत क्षेत्र के देशों की अपनी इस यात्रा की शुरुआत से पहले जनरल ऑस्टिन ने ट्वीट किया था कि कल से एक साप्ताह तक इंडो-पेसिफिक कमांड के नेतृत्व के साथ-साथ जापान, कोरिया गणराज्य और भारत में मेरे समकक्षों के साथ बैठकें होंगी।  भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए चर्चा करने के लिए हमारे पास कई महत्वपूर्ण मुद्दे हैं।

 

LAC पर चीन से चल रहे तनातनी के बीच अमेरिकी रक्षा सचिव का भारत दौरा, रक्षा मसौदे को लेकर हो सकती है खास बातचीत

नई दिल्ली। एलएसी पर चीन से चल रही तनातनी के बीच अमेरिका के रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन आज तीन दिनों के भारत दौरे पर पहुंच रहे हैं। बाइडन प्रशासन के किसी मंत्री का ये पहला भारत का दौरा है। इस दौरे के दौरान लॉयड ऑस्टिन भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और एनएसए से मुलाकात कर दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग मजबूत करने पर विचार करेंगे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके अमेरिकी समकक्ष लॉयड जे. ऑस्टिन के बीच शनिवार को होने वाली बातचीत में, भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूती प्रदान करने के तरीके, चीन के आक्रामक तेवरों के मद्देनजर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देना और अफगानिस्तान में शांति प्रकिया जैसे मुद्दे शामिल हो सकते हैं। यह जानकारी गुरुवार को मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने दी।अपनी पहली विदेश यात्रा पर जापान और दक्षिण कोरिया का दौरा कर चुके ऑस्टिन शुक्रवार को भारत पहुंचेंगे।

अमेरिका के रक्षा मंत्री राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात कर सकते हैं। राष्ट्रपति जो बाइडन मंत्रिमंडल के अहम सदस्य ऑस्टिन के आगामी भारत दौरे से कुछ दिन पहले भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष नेताओं ने क्वाड सम्मेलन के दौरान हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की थी।मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के अनुसार, दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच होने वाली बातचीत में क्वाड की रूपरेखा के अंतर्गत द्विपक्षीय सहयोग पर विमर्श हो सकता है।

शनिवार का कार्यक्रम

अमेरिका के रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन शनिवार की सुबह सबसे पहले नेशनल वॉर मेमोरियल पर वीर सैनिकों को श्रृद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद वे सीधे साऊथ ब्लॉक पहुंचेंगे, जहां उन्हें ट्राई-सर्विस यानि थलसेना, वायुसेना और नौसेना का साझा गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। इसके बाद अमेरिकी रक्षा सचिव, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ द्विपक्षीय सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस दौरान दोनों देशों के सैन्य और रक्षा प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे। मीटिंग के बाद दोनों देश साझा-बयान भी जारी करेंगे

अमरीका के राष्‍ट्रपति  जो बाइडेन ने कहा- विलक्षण प्रतिभा से संपन्न होते हैं भारत के लोग

नई दिल्ली।  अमरीका के राष्‍ट्रपति  जो बाइडन  ने भारतीय मूल के लोगों की बड़ी संख्‍या में प्रशासन में महत्‍वपूर्ण पदों पर काम करने को लेकर कहा है कि भारतीय मूल के लोग अमरीका में छा रहे हैं।

राष्‍ट्रपति बाइडन ने यह बात अमरीकी यान परसीवरेंस के रोवर वाहन के 18 फरवरी को मंगल ग्रह पर उतारने के अभियान में शामिल नासा के वैज्ञानिकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग से बातचीत के दौरान कही।
बाइडन ने कहा कि उपराष्‍ट्रपति कमला हैरिस भी भारतीय मूल की हैं और भारतीय लोग विलक्षण प्रतिभा से संपन्ना होते हैं।

नासा के 2020 के मंगल मिशन में भारतीय मूल के अमरीकी वैज्ञानिक ने दिशानिर्देश,  संचालन और नियंत्रण संबंधी गतिविधियों में मुख्‍य भूमिका निभाई है।
20 जनवरी को अमरीका के 46वें राष्‍ट्रपति के रूप में शपथ लेने वाले बाइडन ने अब तक भारतीय मूल के 55 से अधिक लोगों को अमरीकी प्रशासन के विभिन्‍न पदों पर नियुक्‍त किया है, इनमें से करीब आधी महिलायें हैं और ज्‍यादातर व्‍हाइट हाउस में काम कर रही हैं।

ओबामा और बाइडन प्रशासनों की एक विशेषता यह भी रही है कि उन्‍होंने भारतीय मूल के लोगों को सबसे अधिक संख्‍या में प्रशासनिक पदों पर तैनात किया है। हालांकि, पिछला डोनल्‍ड ट्रंप प्रशासन भी इस मामले में पीछे नहीं रहा था। उनके शासन में पहली बार भारतीय मूल के अमरीकी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देकर अमरीका की राष्‍ट्रीय सुरक्षा परिषद में शामिल किया गया था।

 

अमेरिका ने भारत से लिया है 15 लाख करोड़ से अधिक का कर्ज, ज्यादा जानकरी के लिए पढिए पूरी खबर

कोरोना वायरस महामारी के दौरान वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। ऐसे में देशों ने अन्य अर्थव्यवस्थाओं से या वर्ल्ड बैंक से लोन लिया है। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की बात करें, तो अमेरिका ने भारत से कुल 216 अरब डॉलर यानी करीब करीब 15 लाख करोड़ का कर्ज लिया हुआ है। पिछले दो दशकों में अमेरिका पर कर्ज का भार तेजी से बढ़ा है।

बता दें कि अमेरिका पर कुल 29 ट्रिलियन डॉलर (290 खरब डॉलर) का कर्ज है। एक अमेरिकी सांसद ने सरकार को देश पर बढ़ते कर्ज भार को लेकर आगाह किया है। अमेरिका पर कर्ज में चीन और जापान का कर्ज सबसे ऊंचा है। वर्ष-2020 में अमेरिका का कुल राष्ट्रीय कर्ज भार 23400 अरब डॉलर था। यानी प्रत्येक अमेरिकी पर औसतन 72309 डॉलर का ऋण था।

 

अमेरिका में भीषण सड़क हादसा,आपस में भिड़ी 130 गाड़ियां

डलास। अमेरिका में एक भीषण सड़क दुर्घटना हो गई। यहां हाइवे पर एक साथ 130 गाड़ियां आपस में भिड़ गईं। इस हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई है। अमेरिका के बर्फीले टेक्सास अंतरराज्यीय हाइवे पर 130 से अधिक गाड़ियों के आपसे में टकराने से एक विशाल दुर्घटना में छह लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए। अमेरिका में इन दिनों सर्दियों के तूफान के दौरान कुछ हिस्सों में बारिश और बर्फ गिर रही है।

अमेरिका के कुछ हिस्सों में बर्फीले तूफान की वजह से पूरी सड़क पर बर्फ की चादर बिछ गई थी और माना जा रहा है कि हादसा इसी कारण हुआ है। टेक्सास के के फोर्ट वर्थ  में हुई यह दुर्घटना इतनी भयंकर थी कि गाड़ियां एक दूसरे के ऊपर चढ़ गईं। कई कारें ट्रकों के नीचे दब गईं। अधिकारियों ने बताया कि टेक्सास के फोर्ट वर्थ में हुई दुर्घटना के बाद करीब दो किलोमीटर से ज्यादा का क्षेत्र प्रभावित रहा।

शहर फोर्ट वर्थ के पास अंतरराज्यीय हाइवे 35 पर दुर्घटना के दृश्य में कारों और ट्रकें एक- दूसरे में घुसी हुई दिखीं। इसमें एक गाड़ी, दूसरी गाड़ी के ऊपर थी। फोर्ट वर्थ फायर चीफ जिम डेविस ने कहा कि ऐसे कई लोग थे जो अपने गाड़ियों में फंस गए थे और उन्हें सफलतापूर्वक निकालने के लिए हाइड्रोलिक उपकरणों के उपयोग की आवश्यकता थी।

मेडस्टेर के प्रवक्ता मैट ज़वादस्की ने कहा कि कम से कम 65 लोगों का इलाज अस्पतालों में किया गया, जिनमें से 36 को दुर्घटनास्थल से एम्बुलेंस द्वारा ले जाया गया, जिसमें मेड ज़ावडस्की भी शामिल हैं, जो क्षेत्र के लिए एम्बुलेंस सेवा प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर कई अन्य लोगों का इलाज किया गया और उन्हें छोड़ दिया गया।

 

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