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American University ने दी श्रीश्री रविशंकर को ‘ग्लोबल सिटीजनशिप एंबेसडर’ की मान्यता

अमेरिका की एक प्रख्यात यूनिवर्सिटी ने भारतीय आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर को ‘ग्लोबल सिटीजनशिप एंबेसडर’ के तौर पर मान्यता दी है। यूनिवर्सिटी ने शांति और मानवीय कार्यो के साथ-साथ अंतरधार्मिक नेता के तौर पर काम करने के लिए यह सम्मान दिया है।

सोमवार को जारी एक वक्तव्य के अनुसार, ‘नार्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर स्पिरिचुअल्टी, डायलॉग एंड सर्विस ने रविशंकर को पिछले सप्ताह ‘ग्लोबल सिटीजनशिप एंबेसडर’ के तौर पर मान्यता दी। यूनिवर्सिटी के कार्यकारी निदेशक और आध्यात्मिक सलाहकार अलेक्जेंडर लेवेरिंग कर्न ने कहा, ‘हम श्रीश्री के आभारी हैं। ‘ग्लोबल सिटीजनशिप एंबेसडर’ कार्यक्रम शुरू करने के लिए इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता था। हम एक प्रसन्नचित्त मानवीय कार्यकर्ता से वार्ता करेंगे और उनसे सीखेंगे।’ उन्होंने हमारे सर्वोत्तम साझा मानवीय मूल्यों को जीवन में उतारा है।

बयान में कहा गया है कि श्रीश्री ने कई स्तरों पर बातचीत और रणनीतिक पहल के माध्यम से शांति को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कई देशों में चल रहे संघर्ष को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है वहीं राहत कार्यक्रमों का भी नेतृत्व किया है।

बीकानेर के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में भारत-अमरीका संयुक्त सैन्य अभ्यास का आगाज

नई दिल्ली। भारत-अमरीका संयुक्त सैन्य अभ्यास-युद्ध अभ्यास ट्वेंटी  आज राजस्थान के बीकानेर जिले के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में शुरू हुआ। दोनों देशों की सेनाओँ के द्विपक्षीय संयुक्त अभ्यास का यह 16वां संस्करण है। यह अभ्यास 21 फरवरी तक चलेगा। दोनों देशों की सेनाओं का पिछला संयुक्त अभ्यास अमरीका के सीएटल में हुआ था।

बता दें कि 06 फरवरी को अमेरिकी सेना का दस्ता राजस्थान के सूरतगढ़ पहुंचा, जिसमें एक ब्रिगेड मुख्यालय तथा 2 बटालियन, 3 इन्फैंट्री रेजिमेंट, 1-2 स्ट्राइकर ब्रिगेड कॉम्बैट टीम के 270 सैनिकों का समूह शामिल है। यह 14 दिवसीय द्विपक्षीय ‘युद्ध अभ्यास’ संयुक्त राष्ट्र के जनादेश के तहत रेगिस्तानी इलाके की पृष्ठभूमि में काउंटर टेररिज्म ऑपरेशन पर केंद्रित रहेगा।

इस ‘युद्ध अभ्यास’ के दौरान कई एरियल प्लेटफॉर्म जिसमें भारतीय सेना में हाल ही में शामिल हुए नए स्वदेशी एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर डब्ल्यूएसआई ‘रुद्र’, एमआई-17, चिनूक, अमेरिकी सेना के स्ट्राइकर वाहन और भारतीय सेना के बीएमपी-II मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल का भी उपयोग किया जाएगा। यह ‘युद्ध अभ्यास’ दोनों देशों को सफल उग्रवाद विरोधी अभियान के संचालन एवं संयुक्त सैन्य कार्रवाई की उनकी क्षमता वृद्धि में सहायक सिद्ध होगा। आतंकवाद रोधी अभियानों के अलावा मानवीय सहायता और आपदा राहत में अनुभवों का आदान-प्रदान भी अभ्यास का एक हिस्सा होगा।

 

 

सूरतगढ़ पहुंचा अमेरिकी सैन्य दल, सोमवार से शुरू होगा भारत-अमेरिका युद्धाभ्यास

नई दिल्ली। भारत-अमेरिका संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘युद्ध अभ्यास-20’ की सोमवार से राजस्थान के सूरतगढ़ में शुरुआत होगी। इसके लिए अमेरिकी सैन्य दल शनिवार को सूरतगढ़ के अभ्यास क्षेत्र महाजन फील्ड फायरिंग रेंज पहुंचा। यहां पहुंचने पर भारतीय सेना ने अमेरिकी सेना के दल का सैन्य शिष्टाचार के अनुसार गर्मजोशी से स्वागत किया और दोनों देशों की सैन्य टुकड़ियों के कंटिनजेन्ट कमांडरों और सैनिकों ने एक दूसरे को शुभकामनाएं दीं।

साल 2004 में शुरू हुए भारत-अमेरिका द्विपक्षीय अभ्यासों की श्रृंखला में एक्सरसाइज ‘युद्ध अभ्यास-20’  सोलहवां संस्करण है। संयुक्त अभ्यास का पिछला संस्करण सिऐटल, संयुक्त राज्य अमेरिका में आयोजित किया गया था। यह द्विपक्षीय युद्धाभ्यास संयुक्त राष्ट्र के जनादेश के तहत रेगिस्तानी इलाके की पृष्ठभूमि में काउंटर टेररिज्म ऑपरेशन पर ध्यान केंद्रित करेगा।

अभ्यास के दौरान प्रतिभागी संयुक्त योजना, संचालन, संयुक्त सामरिक अभ्यासों से मिशन में संलग्न होंगे और क्षेत्र कमांडरों और सैनिकों के पेशेवर मामलों में एक-दूसरे के साथ बातचीत कर इस अभ्यास को सफल बनाएंगे। इस अभ्यास में भारतीय सेना और अमेरिकी सेना के बीच द्विपक्षीय सेना को बढ़ावा देने, अंतर संबंधों को बढ़ाने, सर्वोत्तम प्रथाओं और अनुभवों का आदान-प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान होगा।

यह युद्ध अभ्यास भारत और अमेरिका के बीच चल रहे सबसे बड़े सैन्य प्रशिक्षण और रक्षा सहयोग प्रयासों में से एक है। यह संयुक्त अभ्यास दोनों देशों के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग में एक और कदम है, जो भारत-अमेरिका संबंधों में लगातार हो रही वृद्धि को दर्शाता है। संयुक्त द्विपक्षीय अभ्यास इस बात का संकेत है कि भारत और अमेरिका दोनों आतंकवाद के खतरे को समझते हैं और उसी का मुकाबला करने में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।

 

मोदी सरकार के कृषि कानूनों का अमेरिका ने किया समर्थन, कहा- कृषि क्षेत्र में होगा सुधार  

नई दिल्ली।  संयुक्त राज्य अमेरिका ने मोदी सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि कानूनों को अपना समर्थन दिया है। बुधवार को जारी एक बयान में  बायडेन प्रशासन ने कहा कि वो उन कदमों का स्वागत करता है, जो भारत के बाजारों की कुशलता में सुधार करेंगे और निजी क्षेत्र में अधिक निवेश को बढ़ावा देंगे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक यूएस स्टेट डिपार्टमेंट द्वारा जारी बयान में संकेत दिया गया है कि नया बायडेन प्रशासन भारत सरकार के कृषि क्षेत्र में सुधार के कदम का समर्थन करता है जो कि निजी निवेश और किसानों के लिए बड़े बाजार को आकर्षित करेगा।

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि हमें लगता है कि शांतिपूर्ण तरीके से जारी प्रदर्शन लोकतंत्र का हिस्सा है। भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने भी इसी बात को कहा है। अगर दोनों पक्षों में मतभेद है तो उसे बातचीत के जरिए हल करना चाहिए।

अमेरिकी विदेश मंत्री ने की एस.जयशंकर से की फोन पर बात, कहा- पीएम और ट्रंप के रिश्ते वाली गर्माहट रहेगी बरकरार

नई दिल्ली। अमेरिका की सत्ता में आने के ठीक 9वें दिन अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ने हिंदुस्तान और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों से फोन पर बातचीत की। साथ ही दोनों देशों के साथ अपने रिश्ते की टोन भी सेट करने का काम किया। बता दें कि बाइडेन प्रशासन ने साफ संकेत दिया है कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रिश्तों में जो गर्माहट बनी थी, वह आगे भी जारी रहेगी।

https://youtu.be/ii9OXxJYEfI

डॉ. एस.जयशंकर ने अमेरिका के नवनियुक्त विदेश मंत्री से की बात, शांति, सुरक्षा पर दोनों नेताओं ने जताई प्रतिबद्धता

नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने शुक्रवार को अमेरिका के नवनियुक्त विदेश मत्री एंटनी ब्लिंकेन से फोन पर बात की। दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को मजबूत बनाने पर प्रतिबद्धता व्यक्त की। साथ ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति व सुरक्षा पर भी अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि एस. जयशंकर और ब्लिंकेन ने भारत-अमेरिका के बीच मजबूत रक्षा तथा सुरक्षा संबंधों, बढ़ते आर्थिक रिश्तों के साथ ही स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सहयोग की सराहना की। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, कोविड के बाद की चुनौतियों के मद्देनजर दोनों मंत्रियों ने टीकों की सुरक्षित और सुगम आपूर्ति समेत विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर मिलकर काम करने पर सहमति जताई। इसके साथ ही दोनों नेताओं ने बहुआयामी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत और विस्तारित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

इस बातचीत को लेकर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशकंर ने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा, “विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन से गर्मजोशी भरी बातचीत हुई। उनकी नियुक्ति पर उन्हें बधाई दी। उसके साथ फिर से काम करने के लिए तत्पर हैं। सहमत हैं कि हम अपनी साझेदारी की ठोस नींव पर आगे का निर्माण कर सकते हैं। COVID-19 महामारी का मुकाबला करने के हमारे प्रयासों पर भी चर्चा की”।

वहीं, इस बातचीत को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा कि मुझे अपने अच्छे दोस्त डॉ. एस. जयशंकर के साथ अमेरिका-भारत की प्राथमिकताओं पर चर्चा करने में आज खुशी हुई। हमने अमेरिका-भारत संबंध के महत्व की पुन: पुष्टि की और चर्चा की कि हम भारत-प्रशांत और उससे आगे के नए अवसरों पर बेहतर ढंग से आगे बढ़ सकते हैं और साझा चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।

 

 

जो बाइडेन ने ली अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति पद की शपथ, पीएम  मोदी ने दी बधाई

नई दिल्ली। अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जो बाइडेन ने बुधवार को राजधानी वाशिंगटन डीसी में 46वें राष्ट्रपति पद की शपथ ली। 78 वर्षीय जो बाइडेन को प्रधान न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने कैपिटल बिल्डिंग के ‘वेस्ट फ्रंट’ में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

जो बाइडेन ने शपथ लेने के बाद कहा कि हम अमेरिका को एकजुट करेंगे। अमेरिका में हर व्यक्ति की आवाज सुनी जाएगी और अमेरिका विभाजनकारी, धार्मिक भेदभाव, नस्लवाद को खत्म कर अपना एकजुट चेहरा पेश करेगा।

जो बाइडेन के शपथ लेने से पहले कमला हैरिस ने देश के 49वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस सोनिया सोटोमायोर ने उन्हें शपथ दिलाई।

शपथ ग्रहण समारोह के बाद अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस पहुंचकर 46वें संयुक्त राज्य अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में अपना पदभार संभाला। पद संभालते ही जो बाइडन ने कई बड़े फ़ैसलों पर हस्ताक्षर भी किए।

राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 15 कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर करने के साथ-साथ 17 कार्यकारी कार्यवाहियों पर भी कदम उठाया, जिसमें से पहले कार्यकारी आदेश के तहत सभी अमेरिकियों को कोविड-19 के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। जलवायु परिवर्तन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राष्ट्रपति बाइडेन ने पेरिस जलवायु समझौते में अमेरिका के दोबारा शामिल होने के आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं। अमेरिका आज से 30 दिन बाद पेरिस जलवायु समझौते में फिर से शामिल हो जाएगा।

राष्ट्रपति बाइडेन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ रिश्तों को बहाल करते हुए डॉ. एंथोनी सी फॉसी को विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी बोर्ड में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का प्रमुख बनाया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो बाइडेन को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर शपथ लेने पर बधाई दी है। पीएम ने ट्वीट कर कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में पद ग्रहण करने पर जो बाइडेन को मेरी हार्दिक बधाई। मैं भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए उनके साथ काम करने के लिए उत्साहित हूं। इसके अलावा पीएम मोदी ने कमला हैरिस को भी अमेरिका की पहली महिला उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेने पर बधाई दी।

अमेरिका :  हिंसा का डर,  जो बाइडेन  के शपथ ग्रहण समारोह से पहले पुख्ता की गई सुरक्षा व्यवस्था

अमेरिका में बुधवार को होने वाले राष्ट्रपति शपथ ग्रहण समारोह से पहले हिंसक प्रदर्शनों के होने की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा को पुख्ता किया गया है। राजधानी वाशिंगटन डीसी की सुरक्षा के लिए हजारों की संख्या में नेशनल गॉर्ड और बाकी सुरक्षा बलों को लगाया जा रहा है।

डीडी न्यूज की खबर के मुताबिक संघीय जांच ब्यूरो और अन्य संघीय एजेंसियों ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन के शपथ ग्रहण के दौरान हिंसा होने के खिलाफ चेताया है, क्योंकि कुछ शरारती तत्व चुनाव में हुई धांधली के मुद्दे पर ट्रंप के समर्थकों को बरगला सकते हैं। पेनसिलवानिया में ट्रंप के समर्थन में और विरोध में कुछ लोग राज्य कैपिटल बिल्डिंग के सामने जुटे।

लेकिन, 6 जनवरी के बाद कैपिटल में हुई हिंसा के बाद पुलिस देश के हर कोने और हर शहर में किसी भी हिंसा की घटना को रोकने के लिए मुस्तैद खड़ी है।  इस बीच कैपिटल बिल्डिंग के भीतर और बाहर सुरक्षा में लगे नेशनल गार्ड के जवानों के जमीन पर सोने के वीडियो के सामने आने के बाद उनके लिए बिस्तर की व्यवस्था की गई। जवानों के सोने के लिए बिस्तर की व्यवस्था सांसदों के आग्रह पर किया गया।

अमेरिका : नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रचा इतिहास, प्रशासन में पहली बार 20 भारतीयों को मिली जगह

 

नई दिल्ली। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इतिहास रचा है। 20 जनवरी को शपथ लेने जा रहे बाइडेन ने अपने प्रशासन में अहम पदों पर 13 महिलाओं समेत कम से कम 20 भारतीय-अमरीकियों को नामित किया है। इन 20 भारतीय-अमरीकियों में से कम से कम 17 लोग शक्तिशाली व्हाइट हाउस में अहम पद संभालेंगे।

बता दें कि अमरीका की कुल आबादी का एक प्रतिशत भारतीय-अमरीकी हैं और इस छोटे समुदाय से किसी प्रशासन में पहली बार इतनी अधिक संख्या में लोगों को नियुक्त किया जाएगा।अमेरिका की कुल आबादी का एक प्रतिशत भारतीय-अमेरिकी हैं और किसी भी प्रशासन में पहली बार इस छोटे समुदाय से इतनी बड़ी संख्या में लोगों की नियुक्ति की जाएगी।  नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन 20 जनवरी को संयुक्त राज्य अमेरिका के 46 वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे, और कमला हैरिस उसी दिन देश की पहली महिला उपाध्यक्ष के रूप में शपथ लेंगी। हैरिस संयुक्त राज्य में भारतीय मूल के पहले उपराष्ट्रपति होंगी।