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निकाय चुनाव: आरक्षण होते प्रबल दावेदार प्रत्याशी ने ठोकी ताल… जनपद अयोध्या

अयोध्या संवाददाता राघवेंद्र मिश्रा:  अयोध्या जनपद से सामने आ रही है। बताते चलें जैसे-जैसे चुनाव की सरगर्मियां बढ़ रही है। वैसे ही विभिन्न पार्टी के राजनीतिक दलों के प्रत्याशी टिकट पाने के चक्कर में जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। इसी कड़ी में हम बात करने जा रहे हैं। नगर पंचायत नंदीग्राम भरतकुंड की। वैसे तो देखा जाए यह सीट सामान्य वर्ग की कैटेगरी में प्रस्तावित की गई है ।जिसको लेकर तरकीबन एक दर्जन से ज्यादा प्रत्याशी अबकी बार अपने अपने भाग्य का फैसला आजमायेंगे। वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के साथ लंबे समय से जुड़े रहने के कारण दिवाकर सिंह की प्रबल दावेदारी अबकी बार मानी जा रही है।

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बात करें भावी प्रत्याशी दिवाकर सिंह की तो यह हमेशा राजनीति में सक्रिय होकर 24 घंटा जनता के साथ उनके सुख-दुख में हाथ बटाते हैं। स्नातक की पढ़ाई करने के बाद वर्ष 2000 से राजनीति में सक्रिय रहकर क्षेत्र समाज की सेवा कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ नंदीग्राम महोत्सव भरतकुंड महोत्सव में इनकी बढ़-चढ़कर भागीदारी रहती है। यदि जनता ने अवसर दिया तू नंदीग्राम भरतकुंड को विश्व स्थल पर एक अलग पहचान दिलाएंगे।

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मीडियाकर्मियों से मुखातिब होते हुए भावी चेयरमैन पद प्रत्याशी ने बताया क्षेत्र की जनता द्वारा अवसर दिए जाने पर। नगर पंचायत भरतकुंड भदरसा से लेकर एक अंडर बाईपास बनाने की मेरी प्राथमिकता रहेगी। और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या के बाद भारत की तपोस्थली नंदीग्राम भरतकुंड की पहचान विश्व स्तर पर आकी जाएगी। उन्होंने बताया नगर पंचायत नंदीग्राम भरतकुंड को एक आदर्श नगर के रूप में विकसित किया जाएग। भरतकुंड आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अच्छे स्वास्थ्य की व्यवस्था, शुद्ध पेयजल के साथ भरतकुंड को एक अच्छे पर्यटन के रूप में विकसित किया जाएगा।

14 कोसी परिक्रमा करेंगे 20 लाख श्रद्धालु…35 घण्टे के लिए सील हुई अयोध्या

अयोध्या:  खबर 14 कोस की परिक्रमा की शुरुआत आज देर रात होगी अक्षय तृतीया के पुणे नक्षत्र में 12:48 से 14 कोस की परिक्रमा शुरू होगी जो 2 नवंबर की रात 10:33 पर समाप्त होगी राम नगरी की सांस्कृतिक सीमा की प्राचीन 14 कोस की परिक्रमा की तैयारियां पूरी कर ली गई है. 45 किलोमीटर लंबे परिक्रमा मार्ग पर श्रद्धा व श्रद्धालुओं की सुविधाओं को विकसित किया गया है इसके अलावा संपूर्ण परिक्रमा पथ स्थाई तौर पर निर्मित किया गया है.

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14 कोस परिक्रमा मार्ग पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम रहेंगे बड़ी संख्या में मेला क्षेत्र में सुरक्षा बलों की तैनाती की जा रही है. इसके साथ ही 14 कोसी परिक्रमा मार्ग के अंदर किसी भी तरीके के वाहनों के संचालन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध है भारी वाहन चार पहिया वाहनों को जिले में प्रवेश नहीं दिया जाएगा लगभग 35 घंटे राम नगरी की सीमा पूर्ण रूप से शील रहेगी.

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बताते चलें 14 कोस परिक्रमा की अपनी अलग धार्मिक मान्यता है. धार्मिक मान्यताओं के आधार पर 14 लोक होते हैं जिसमें सबसे अहम होता है मानव लोक 14 कोस की परिक्रमा करने से सभी तरीके के लोको से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है यानी की जन्म मरण के बंधन से मुक्ति मिलती है रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास की माने तो इस बार रात 12:48 पर अक्षय तृतीया के पावन मौके पर 14 कोसी परिक्रमा का शुभारंभ होगा 2 नवंबर को रात 10:33 तक श्रद्धालु परिक्रमा कर सकेंगे।

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जिले के वरिष्ठ अधिकारियों ने आज 14 कोस की परिक्रमा यात्रा के मद्देनजर संपूर्ण मेला क्षेत्र में निरीक्षण किया जिले के सभी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे और परिक्रमा पर यात्री सुविधाओं का जायजा लिया है पेयजल, प्रकाश,बैरिकेटिंग, प्रसाधन जैसी मूलभूत सुविधाओं की तैयारियों को जांचा है परिक्रमा पथ पर मौजूद क्रॉसिंग और सकरे स्थलों पर प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था के निर्देश दिए हैं।

मन मोह लेने वाली तस्वीरों में देखिए दीपोत्सव की पूरी तैयारी…

Desk: दीपावली पर भव्य दीपोत्सव को लेकर अयोध्या दुल्हन की तरह सज गई है. अयोध्या में 15 लाख दीयों से जगमगाएगी राम नगरी, दुल्हन की तरह होगा राम जन्मभूमि परिसर का श्रृंगार,राम की पैड़ी सहित 37 घाटों पर 22 हजार स्वयंसेवक 15 मिनट में 16 लाख दीपो को एक साथ जलाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाएंगे. राम जन्मभूमि परिसर का श्रृंगार के साथ अयोध्या में दीपोत्सव पर पीएम मोदी के आगमन पर सख्त सुरक्षा घेरे की व्यवस्था की गई है.

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इस बार स्वयं देश के पीएम नरेंद्र मोदी इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने जा रहे हैं. इस कारण इस बार का दीपोत्सव भी खास बन जाता है. पीएम के आगमन को लेकर तैयारिया आखिरी चरण में है. घाटों पर दीयों को लगाने का काम किया जा रहा है. इसके लेकर विश्वविद्यालय के छात्रों को जिम्मेदारी सौंपी गई है.

आपको तस्वीरों के माध्यम से दिखाने जा रहे है कि किस प्रकार की तैयारियां की जा रही है.

दीयो को लगाने का काम आखिरी चरण में चल रहा

विश्वद्यालय के छात्र कर रहे जबरदस्त मेहनत

पीएम मोदी देखेंगे लेजर शो

आपको बता दें कि इस बार भव्य दीपोत्सव का छठवां संस्करण आयोजित किया जा रहा है. जिसमे पहली बार पीएम मोदी हिस्सा लेने आ रहे है. इसको मध्यनजर रखते हुए विशेष तैयारी की जा रही है. 17 लाख से अधिक दीपो को जलाने का लक्ष्य रखा गया है. दीपो को लगाने के लिए अलग अलग लोगों को जिम्मेदारियां सौंपी गई है. खासकर विश्वविद्यालय के छात्रों को इसके लिए लगाया गया है.

 

राम नगरी में दीपोत्सव की तैयारियां हुई तेज… शामिल होंगे पीएम मोदी

अयोध्या : राम नगरी अयोध्या में एक बार फिर छठे दीपोत्सव को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं।अयोध्या कमिश्नर और दीपोत्सव के नोडल अधिकारी अवध विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर ने राम की पैड़ी का निरीक्षण कर के जो भी कमी है. उसको पूरा करने के लिए निर्देशित कर रहे हैं।

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आपको बता दें कि इस बार दीपोत्सव में 17 लाख दीपक जलाने की तैयारी है। 15 लाख से ज्यादा दीपक राम की पैड़ी पर पहुंच गए हैं।और बाती तेल भी पहुंचा है दीपोत्सव स्थल पर पहुंच गया है।कुम्हारों के साथ साथ कई संस्थाओं को भी दीपक बनाने का कार्य शुरू है।राम की पैड़ी पर बनाए जा रहा है स्टेज।राम कथा पार्क में भी तैयारियां जोरों पर चल रही है।1हफ्ते से कम का समय बचा है.

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दीपोत्सव के लिए।विदेश समेत देश के विशिष्ट मेहमान भी होंगे दीपोत्सव में शामिल।15 लाख दीपक जलाकर कीर्तिमान स्थापित करने का प्रयास करेगा अवध विश्वविद्यालय। 17 लाख दीपक जलाए जाएंगे राम की पैड़ी के घाटों पर।अवध विश्वविद्यालय के 22000 वॉलिंटियर राम की पैड़ी पर जलाएंगे 17 लाख दीपक।अयोध्या एक बार फिर त्रेता युग की तरह सज धज कर तैयार हो रही है। दीपोत्सव के दिन दुल्हन की तरह दिखेगी राम नगरी अयोध्या।

क्षत्रिय पढ़ना जरूर ये सच्चाई है आप इसको जब मानोगे तब सब कुछ खत्म हो जाएगा

#क्षत्रिय पढ़ना जरूर ये सच्चाई है आप इसको जब मानोगे तब सब कुछ खत्म हो जाएगा#
संघ का दीर्घकालीन एजेंडा है कि हिन्दू समाज मे सिर्फ दो जातियाँ रहे एक ब्राम्हण और एक सामान्य हिन्दू। इसीलिए संघ हिन्दू वर्ण व्यवस्था के अंतर्गत शूद्र वर्ण में आने वाली जातियों का क्षत्रियकरण कर रही है, वो समाज मे जाति और गोत्र के नाम पर इतना भ्रम उत्पन्न कर रही है कि लोग स्वतः ऊबकर जाति पाँति से दूर हो जाये । इसमें नुकसान सिर्फ क्षत्रियों का है क्योंकि न अब राजपूतों के राज रहे न ही जमीदारी और जमीन । जो अतीत का गौरव था जिस पर राजपूत गर्व की अनुभूति करता था उसे संघ द्वारा विवादित कर स्वाभिमान और सम्मान पर भी प्रहार किया जा रहा है। संघ जानता था की क्षत्रिय उसके राष्ट्रीय एकात्मवाद के सिद्धांत में बाधक बनेंगे अतः उन्होंने सबसे पहले क्षत्रिय महापुरुषों को विवादित कर सिर्फ हिन्दू घोषित किया और और राजपूतों के टाइटल अन्य वर्गों को लिखने के लिए प्रेरित किया(1931 कि जनगणना और ब्रिटिश गजेटियरों में जो जातियाँ अपना टाइटल वर्तमान में बदली है इन दस्तावेजों में उन्होंने अपनी मूल जाती ही लिखवाया है उदारहण इन अहीर को अहीर ही लिखा गया है ) जिससे समाज मे भ्रम उत्पन्न करके नकली छतरी उत्पन्न किए जा सके। और राजपूत समाज को कई अन्य समाज से लड़वाकर इनकी सामाजिक और राजनैतिक हैसियत को खत्म किया जा सके। सबूत के लिए संघ के नागपुर कार्यालय से छपने वाले साहित्य को देखे। संघ समाज मे सबसे ज्यादा विजातीय शादियों को प्रोत्साहित करता है।
संघ उन राजपूत नेताओं को आगे बढ़ाने में मदद करता है जो राजपूत समाज के लिए घातक होते है उदाहरण के लिए संघ ऐसे नेताओं को आगे बढ़ाता है जो विजातीय शादी या समगोत्रीय विवाह किए होते है ऐसे लोगो को आइकॉन बनाकर संघ क्षत्रिय समाज के युवकों को दिग्भ्रमित करना चाहता है।अतः हमारा मूल दुश्मन संघ है ना कि कोई जाति या जातीय संघटन सभी विवादों के मूल में संघ है। और हम लोगो ने इस समस्या का निराकरण नही किया तो इसी देश मे संघ हमें विदेशी घोषित करवाकर हमारे दुर्दिन को ला देगा आपको पता नही है कि इन 75 वर्षों में आपने क्या नही खोया । आपके मान सम्मान स्वाभिमान सब पर चोट किया गया। आज लोग जौहर, शाका, और जुझार का मजाक उड़ा रहे हैं और हम कुछ नही कर पा रहे है । हमें सामंती कहा जाता है हमारे पूर्वजों ने ये बलिदान समाज के लिए किया था और वही समाज हमारा मजाक उड़ा रहा है। सबसे पहले हम क्षत्रियों को क्षेत्र और कुलों के आधार पर नही बटना है राजपूत चाहे कश्मीर का हो या नेपाल का गुजरात का हो या उत्तर प्रदेश का राजपूत सिर्फ राजपूत है। कुल चाहे जो भी हम एक है । अगर हम एकजुट नही हुए तो हमारा कोई अस्तित्व नही होगा। ये ध्यान रहे।

अब अयोध्या के लिए एक अलग बुलेट ट्रेन का नेटवर्क बनाने की तैयारी-उत्तर प्रदेश

इस प्रोजेक्ट में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सबसे महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा। लखनऊ से अयोध्या को बुलेट ट्रेन से जोड़ने की तैयारी चल रही है। इसका एक सर्वे भी हो रहा है। एनएचएसआरसीएल के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन कारिडोर में लखनऊ से ही अयोध्या के लिए एक अलग कारिडोर बनाने का एक प्रस्ताव है ,करीब 300 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की गति वाली बुलेट ट्रेन लखनऊ को तीन शहरों से जोड़ेगी। लखनऊ से जहां वाराणसी और दिल्ली को बुलेट ट्रेन जोड़ेगी। वहीं अब अयोध्या के लिए भी एक अलग बुलेट ट्रेन का नेटवर्क बनाने की तैयारी है। हालांकि अभी लखनऊ से अयोध्या रूट को केंद्र सरकार की मंजूरी नहीं मिली है। इस बीच नेशनल हाइ स्पीड रेल कारपोरेशन लि. (एनएचएसआरसीएल) अगले माह दिल्ली-वाराणसी के बीच 941 किलोमीटर रूट पर बुलेट ट्रेन चलाने का फाइनल डीपीआर केंद्र सरकार को सौंप देगा।

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एनएचएसआरसीएल ने दिल्ली-वाराणसी के बीच बुलेट ट्रेन चलाने के लिए भूमि अलाइनमेंट, ट्रेन में सफर करने वालों की संख्या, उसके सिग्नल और इलेिक्ट्रक लाइन जैसे सभी महत्वपूर्ण पहलुओं का राडार सर्वे कर लिया है। इस स्टडी को अब फाइनल किया जा रहा है। अगले माह फाइनल डीपीआर सौंपा जाएगा तो उसमें इस प्रोजेक्ट की लागत , बुलेट ट्रेन के माडल भी तय होंगे। फाइनल डीपीआर को केंद्र सरकार मंजूरी देगी तब मुंबई-अहमदाबाद की तरह दिल्ली-वाराणसी कारिडोर पर बुलेट ट्रेन का काम शुरू हो सकेगा। इस प्रोजेक्ट में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सबसे महत्वपूर्ण केंद्र बनेगालखनऊ से अयोध्या को बुलेट ट्रेन से जोड़ने की तैयारी चल रही है। इसका एक सर्वे भी हो रहा है।

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एनएचएसआरसीएल के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन कारिडोर में लखनऊ से ही अयोध्या के लिए एक अलग कारिडोर बनाने का एक प्रस्ताव है। इसे स्वीकृति देने के बाद लखनऊ से अयोध्या रूट का डीपीआर फाइनल होगा। ऐसे में लखनऊ बुलेट ट्रेन के लिए एक जंक्शन बनेगा। जहां से यात्री अयोध्या, वाराणसी और दिल्ली की ओर जा सकेंगेएनएचएसआरसीएल के फाइनल अलाइनमेंट में बुलेट ट्रेन का रूट नोएडा, ग्रेटर नोएडा, मथुरा, आगरा, इटावा, लखनऊ, रायबरेली, प्रयागराज, भदोही, वाराणसी तय किया गया है। ऐसे में इस 941 किलोमीटर के रूट में लखनऊ से अयोध्या करीब 135 किलोमीटर का नया कारिडोर जोड़ने की तैयारी है।

 

अब दिल्ली के बुजुर्गों को मुफ्त अयोध्या यात्रा कराएंगे सीएम केजरीवाल, पढ़िए पूरी खबर  

नई दिल्ली। दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि दिल्‍ली सरकार अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण के बाद सभी बुजर्गों को मुफ्त में भगवान राम के दर्शन करवाएगी।

विधानसभा में सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं हनुमान जी का भक्‍त हूं, जो भगवान राम के भक्‍त थे। इसलिए मैं दोनों का भक्‍त हुआ। भगवान राम अयोध्‍या के राजा थे। यह कहा जाता है कि उनके राज्‍य में सबकुछ ठीक था। वहां दुख नहीं था। वहां हर सुविधा थी। यह राम राज्‍य कहा जाता है, जो एक कॉन्‍सेप्‍ट है।

बता दें कि दिल्ली की सत्ता पर जब अरविंद केजरीवाल की सरकार काबिज हुई तो वह सर्वधर्म सम्भाव के नारे के साथ अपने आपको जोड़कर लगातार भाजपा पर हमलावर हो रही थी। सत्ता का नशा ऐसा की धीरे-धीरे चुनाव आते-आते टीवी स्टूडियो में बैठकर अरविंद केजरीवाल हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे। चुनाव और नजदीक आया तो अरविंद केजरीवाल हनुमान मंदिर की सीढ़ीयों पर भी पहुंच गए। हनुमान जी का दरवाजा खटखटाया आशीर्वाद लिया और एक बार फिर बड़े बहुमत से दिल्ली में जीत दर्ज कर सरकार का गठन करने में कामयाब रहे।

अयोध्या : संतों ने लिया कैलाश मानसरोवर को मुक्त कराने का संकल्प, जल्द शुरू होगा अभियान

अयोध्या। विश्व प्रवासी सामाजिक एवं सांस्कृतिक संघ के तत्वावधान में रविवार को अयोध्या के जानकीघाट बड़ास्थान में दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन किया गया। यह अधिवेशन कल यानी 8 मार्च तक चलेगा। अधिवेशन में मुख्य अतिथि जगद्गुरु वासुदेवानंद जी महाराज हैं।

अधिवेशन की प्रथम सभा में आज संत समाज द्वारा कैलाश मानसरोवर की मुक्ति, सनातन हिंदू धर्म का संरक्षण व संवर्धन, भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने, गौ हत्या बंद करने समेत भारत को विश्व गुरू बनाने का संकल्प लिया गया।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए महंत जन्मेजय शरण ने कहा कि शीघ्र ही कैलाश मानसरोवर को मुक्त कराने का अभियान शुरू कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में गौ, गंगा व गायत्री को बहुत ही महत्व दिया गया है। हमारी संस्कृति के आधार स्तंभ इन तीनों के संरक्षण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राममंदिर का निर्माण शुरू हो गया है और अब चीन के कब्जे से कैलास मानसरोवर को मुक्ति कराने के लिए संत समाज द्वारा अभियान चलाया जाएगा।

इस मौके पर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नित्यानंद तिवारी, सत्य परख त्रिपाठी समेत अन्य गणमान्य लोग मौजदूद रहे।

 

 

अयोध्या:अनुमान से अधिक की धनराशि एकत्र, अब विदेश से भी दान लेगा श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट

लखनऊ। रामनगरी अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट को विश्व हिंदू परिषद तथा आरएसएस के बड़े अभियान में लागत से अधिक धनराशि मिली है।

श्रीराम मंदिर की अनुमानित लागत 1500 करोड़ रुपया आंकी जा रही है जबकि श्रीराम जन्मभूमि निधि समर्पण के 44 दिन के अभियान में 2100 करोड़ से अधिक की धनराशि एकत्र हो चुकी है। अभी चेक से मिली दान की राशि की गिनती होनी है। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अब अगले अभियान के तहत विदेश से भी दान की राशि लेने की तैयारी में है।

अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि निधि समर्पण अभियान शनिवार को समाप्त हो गया। 44 दिवसीय अभियान से जुड़े ट्रस्ट ने बताया कि इस दौरान 2100 करोड़ रुपये से अधिक का संग्रह किया गया है।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने 15 जनवरी को मंदिर परिसर के निर्माण पर 1,500 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान लगाया था। इस अभियान में भी लागत से करीब 600 करोड़ रुपया अधिक प्राप्त हो गया है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद राम गिरी ने बताया कि धन एकत्र करने का अभियान सम्पूर्ण भारत में 15 जनवरी से 27 फरवरी तक चलाया गया था। इसके तहत शनिवार को शाम तक प्राप्त कुल दान 2,100 करोड़ रुपये को पार कर गया है।

अयोध्या में किन्नर ने वैदिक रीति रिवाज से रचाई शादी, लिये सात फेरे

अयोध्या। एक किन्नर ने वैदिक रीति रिवाज के साथ अपने दाम्पत्य जीवन की शुरुआत की। जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। भगवान श्रीराम ने अनुज भरत की तपोस्थली नंदीग्राम भरतकुंड पर किन्नर अंजली सिंह ने प्रतापगढ़ के रहने वाले शिव कुमार वर्मा के साथ अग्नि को साक्षी मानकर जीने मरने की कसमों के साथ दाम्पत्य जीवन मे बंधे।

किन्नर अंजली सिंह पुत्री अनिल सिंह और प्रतापगढ़ जनपद के रहने वाले शिव कुमार वर्मा पुत्र रामकिशोर वर्मा के बीच लंबे समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था। दोनों ने एक दूसरे के साथ शादी करने का फैसला किया और नंदीग्राम भरतकुंड पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दोनों ने जीवन भर साथ निभाने की कसमें खाई। किन्नर अंजली व शिव कुमार की शादी में पहुंचे लोगों ने उन्हें आशीर्वाद और सफल वैवाहिक जीवन की शुभकामनाएं दी।

दुल्हन बनी किन्नर अंजली सिंह ने बताया कि हम दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे और एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते, इसलिये हमने शादी करने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि इस शादी के लिये लड़के के परिवार वाले भी राजी थे।

वहीं दूल्हा बने शिव कुमार वर्मा ने बताया कि मुझे पता था अंजली किन्नर है फिर भी वह मुझे पसंद थी। उन्होंने बताया कि एक साल से हम दोनों साथ भी रह रहे थे, यही कारण है कि हम लोगों ने शादी करने का फैसला किया।