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रामलला ने पहनी पीले रंग की खादी सिल्क की ड्रेस, डिजाइनर मनीष ने की तैयार

अयोध्या।रामलला को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से भेंट की हुई पोशाक अयोध्या पहुंच गई। डिजाइनर मनीष त्रिपाठी रामलला की पीले रंग की खादी सिल्क की डिज़ाइनर पोशाक लेकर के रामलला के दरबार में पहुंचे। बसंत पंचमी के मौके पर रामलला के प्रथम बेला का दर्शन समाप्त होने के बाद की जाने वाली आरती में रामलला को नई पोशाक धारण कराई गई।

रामलला को नई पोशाक धारण कराए जाने के बाद डिजाइनर मनीष ने दर्शन पूजन भी किया। रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास शास्त्री ने पूजा-अर्चना कराई।

आपको बता दें कि फैशन डिजाइनर मनीष त्रिपाठी ने रामलला के लिए खादी से बनी खास ड्रेस को तैयार किया है। यहीं नहीं  रामलला के अलावा सीता, हनुमान और लक्ष्मण के लिए भी खादी से विशेष पोशाक तैयार किए गए हैं ।

इस पोशाक को खादी इंडिया और विलेज इंडस्ट्री बोर्ड के सहयोग से बनाया। बीते दिन मनीष त्रिपाठी ने खुद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को रामलला के लिए खास तौर पर तैयार की गई ड्रेस को सौंपा था।

अयोध्या को पर्यटन नगरी बनाने की तैयारी, विकास का नया मॉडल तैयार करेगी कनाडा की कंपनी

उत्तरप्रदेश।अयोध्या को विश्व स्तरीय पर्यटन नगरी के रूप में बसाने के लिए कनाडा की कंपनी का चयन किया गया है। कंसलटेंट कंपनी अयोध्या का पूरा खाका तैयार करेगी इसके आधार पर विकास कराया जाएगा। यह कंपनी भारत में रजिस्टर्ड भी है।

अयोध्या को विश्व स्तरीय पर्टन नगरी के रूप में बसाने के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण ने कंसलटेंट चयनित करने के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) जारी किया था। इसके आधार पर छह कंपनियों ने अपना प्रस्ताव दिया था। प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने तकनीकी बिड्स परीक्षण में तीन कंपनियों को पात्र पाया। इसके आधार पर आवास विकास परिषद में वित्तीय टेंडर दिया गया।

क्वालिटी एंड कॉस्ट बेस्ट के आधार पर न्यूनतम दर व तकनीकी परीक्षणों के अंकों के आधार पर मेसर्स एलईए एसोसिएट साउथ एशिया प्रा.लि को कंसलटेंट के रूप में चयन किया गया है। प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार केवी राजू, आवास आयुक्त अजय चौहान व अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह की उपस्थिति में कंसलटेंट के नाम पर मुहर लगी।

कंपनी के साथ इंफ्रास्टक्चर इंजीनियरिंग लि. और सीपी कुकरेजा एंड एसोसिएट कंसोर्टियम पार्टन के रूप में काम करेंगे। इन कंसोर्टियम पार्टनर ने पूर्व में सफलतापूर्वक कई महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय परियोजनाओं को पूरा किया है। इसमें धार्मिक शहरों का नगर नियोजन, समार्ट सिटी एरिया प्लानिंग, रिवर एरिया डवलपमेंट, हैरिटेज, टूरिज्म और अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर नियोजन का काम किया है।

अयोध्या रेलवे स्टेशन के लिए मिले 50 करोड़, फरीदाबाद और सफदरजंग का भी होगा कायाकल्प

नई दिल्ली।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2021-22 के लिए देश का आर्थिक बजट पेश किया है. बजट में हर वर्ग और क्षेत्र के लिए अहम घोषणाएं हैं और इसी में शामिल है रेलवे. उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल का कहना है कि इस बार जोन को रिकॉर्ड आवंटन मिला है, जिसका सीधा फायदा रेल यात्रियों को होगा।

 पिछली बार कन्स्ट्रक्शन के लिए टोटल आउटले 11,695 करोड़ था जो इस साल 15818 करोड़ हो गया है. ये 37% ज्यादा है। इसमें उधमपुर बारामूला रेल लिंक प्रोजेक्ट और ऋषिकेश तक नई रेल लाइन दो बड़े प्रोजेक्ट हैं। दोनों प्राजेक्ट्स पर काम चल रहा है और तेजी से चल रहा है जो कई मायनों में महत्वपूर्ण है।

अयोध्या में बनने वाली मस्जिद में नमाज पढ़ना हराम है- असद्दीन ओवैसी, इस्लामिक उलेमाओं ने बताया हराम

नई दिल्ली। अपने विवादों के चलते चर्चा का विषय बने रहने वाले AIMIM के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने अयोध्या में बनने वाली मस्जिद पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि अयोध्या की मस्जिद ‘मस्जिद-ए-जारीर’ है और उसमें नमाज पढ़ना हराम है।

ओवैसी के इस बयान पर सुन्नी वक्फ़ बोर्ड द्वारा गठित न्यास, इंडो इस्लामिक कल्चरल फ़ाउंडेशन (IICF) के सचिव अतहर हुसैन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ओवैसी का बयान उनके राजनीतिक एजेंडे से प्रेरित है।

टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बात करते हुए अतहर हुसैन ने कहा, “उस ज़मीन का कोई भी टुकड़ा ‘हराम’ नहीं हो सकता है, जिस पर नमाज़ पढ़ी जाती है। ओवैसी एक हैदराबादी राजनेता हैं और उनका बयान राजनीतिक एजेंडे से प्रेरित है। ओवैसी एक ऐसे इलाके से आते हैं, जिन्होंने न तो आज़ादी की पहली लड़ाई का संघर्ष झेला और न ही उसकी विडंबना महसूस की।”

अतहर हुसैन ने अपनी बात रखते हुए आगे कहा कि ऐसा हो सकता है कि ओवैसी के पूर्वजों ने अंग्रेजों के विरुद्ध 1857 की लड़ाई में हिस्सा नहीं लिया हो। लेकिन अपनी बात करते हुए वो बताते हैं कि वो अवध क्षेत्र से आते हैं, जिस क्षेत्र के लोगों ने उस लड़ाई में अहम भूमिका निभाई थी।

उन्होंने कहा, “हम अयोध्या में स्थित IICF केंद्र को महानतम स्वतंत्र सेनानियों में एक अहमदुल्लाह शाह के लिए समर्पित कर रहे हैं। क्या शहीद अहमदुल्लाह की स्मृति में IICF केंद्र का नामकरण करना भी ‘हराम’ है?”

अतहर हुसैन के मुताबिक़ ऐसी जगह जहां ‘सजदा’ किया जाता है, वह हराम नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि वहीं पर शुरू किया जाने वाला चैरिटी अस्पताल, जो सैकड़ों-हज़ारों लोगों का मुफ़्त इलाज करेगा, वह ‘हराम’ नहीं हो सकता है।

ओवैसी पर निशाना साधते हुए अतहर हुसैन ने कहा कि उन्हें अपने बयान पर दोबारा सोचने की ज़रूरत है। लेकिन ऐसा करने के लिए उन्हें अपना संकुचित राजनीतिक एजेंडा एक तरफ रखना होगा। आखिर एक राजनेता इंसानियत के लिए होने वाले इतने बड़े प्रयास को हराम कैसे कह सकता है।

दरअसल हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बीदर की एक जनसभा में कहा था, “यह मस्जिद मुनाफ़िकों की मस्जिद है। इस मस्जिद में न केवल चंदा देना बल्कि नमाज़ पढ़ना भी हराम है। इस्लाम के सभी फ़िरकों के उलेमाओं ने इस मस्जिद में नमाज़ पढ़ने को हराम क़रार दिया है।”

एआईएमआईएम द्वारा किए गए ट्वीट में लिखा था, “मुनाफ़िकों की जमात जो बाबरी मस्जिद के बदले 5 एकड़ ज़मीन पर मस्जिद बनवा रहे हैं, हकीक़त में वह मस्जिद नहीं बल्कि ‘मस्जिद-ए-ज़ीरार’ है। मुहम्मदुर रसूलुल्लाह के ज़माने में मुनाफ़िकों ने मुसलमान की मदद करने के नाम पर एक मस्जिद बनवाई थी। हकीकत में उसका मकसद उस मस्जिद में नबी का खात्मा और इस्लाम को नुकसान पहुँचाना था (कुरान में उसे मस्जिद-ए-ज़ीरार कहा गया है)। ऐसी में मस्जिद में नमाज़ पढ़ना या चंदा देना हराम है।”

राजपथ परेड में शामिल राम मंदिर वाली झांकी अवव्ल, उत्तर प्रदेश को मिला पहला स्थान

नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के मौके पर देश की राजधानी दिल्‍ली में राजपथ पर आयोजित परेड में जैसे ही राम मं‍दिर के मॉडल वाली उत्तर प्रदेश की झांकी आई तो वहां मौजूद लोग खड़े होकर तालियां बजाने लगे। तस्वीरों में कई लोग राम मंदिर के इस मॉडल की ओर हाथ जोड़े नजर आए। इस झांकी के रूप में ना केवल पूरे देश बल्कि समूचे विश्व ने भगवान राम के भव्य मंदिर की छवि के दर्शन किए। उत्तर प्रदेश की इस भव्य झांकी को पहला स्‍थान मिला है।

केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने आयोजित कार्यक्रम में बृहस्पतिवार को इस झांकी के लिए उत्तर प्रदेश को प्रथम पुरस्‍कार दिया। यूपी की झांकी के पहले भाग में महर्षि वाल्मिकी को रामायण की रचना करते दिखाया गया, जबकि मध्य भाग में राम मंदिर का मॉडल रखा गया था। पहली बार राजपथ पर अयोध्‍या में बनने वाले राम मंदिर और दीपोत्‍सव की झलक वाली झांकी निकाली गई हैं।

 

जानिए, कितना होगा दिल्ली से अयोध्या के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन का एक तरफ का किराया ?

नई दिल्ली। बुलेट ट्रेन के इंतजार के बीच किराए को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। दिल्ली से अयोध्या के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन का एक तरफ का किराया 2,900 रुपए हो सकता है। जबकि आगरा का किराया 1,200 रुपए हो सकता है।

इसी तरह से अगर दिल्ली से लखनऊ तक के सफर की बात करें तो 2300 और वाराणसी तक 3400 रुपये का खर्च करने पड़ेंगे। बता दें कि वंदेभारत एक्सप्रेस की एग्जीक्यूटिव क्लास के यात्री 2900 रुपये तक खर्च करते हैं। सरकार ने 808 किमी  लंबे दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल (HSR) कॉरिडोर प्रॉजेक्ट तय किया है। इसका रूट आगरा, लखनऊ, अयोध्या प्रयागराज होते हुए आएगा।

बता दें कि सरकार ने 808 कि.मी लंबी दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट को प्राथमिकता पर रखा है और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए एक अध्ययन चल रहा है। सूत्रों ने कहा कि शुरुआती अनुमानों के मुताबिक प्रति किलोमीटर परियोजना की लागत लगभग 268 करोड़ रुपए होगी, जिसमें रोलिंग स्टॉक शामिल है।

प्रस्तावित कॉरिडोर दिल्ली को उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों के साथ गौतम बुद्ध नगर के जेवर में बन रहे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से जोड़ेगा।

 

राम मंदिर निधि समर्पण अभियान की हुई शुरुआत, देश प्रथम नागरिक ने शुभकामनाओं सहित 5 लाख रूपये की धनराशि की दान

नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर निधि समर्पण अभियान की शुरुआत देश के प्रथम नागरिक के दान से हो चुका है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरिजी महाराज को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुभकामनाओं के साथ 5 लाख 1 हजार रूपये की धनराशि दान में दी है।

दरअसल, आज से अयोध्या में बनने वाले भव्य राम मंदिर के लिए ‘निधि समर्पण अभियान’ की शुरुआत की गई और इसमें सबसे पहले राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की ओर से समर्पण निधि दी गई। आज श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, विश्व हिंदू परिषद व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से मुलाकात की। इस क्रम में दक्षिण भारतीय अभिनेत्री प्रणिता सुभाष ने ट्वीट कर लोगों से दान करने का निवेदन किया है।

बता दें कि राम मंदिर निर्माण के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद चंदा देने वाले पहले सहयोगी हैं और इस पर देश की निगाहें होंगी की राष्ट्रपति की ओर से दान की गई राशि कितनी होगी। विहिप के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रपति ने दान में 5 लाख 1 हजार रूपये की राशि राम मंदिर निधि समर्पण अभियान में दान की है।

उन्होंने बताया कि इस अभियान के लिए शुभकामना लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी समय मांगा गया है। राम मंदिर निर्माण के लिए देशभर के 5 लाख से अधिक गांवों में रहने वाले 12 करोड़ से भी ज्यादा परिवारों के साथ विहिप कार्यकर्ता संपर्क करेंगे और चंदा मांगेंगे।

भूमिपूजन के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया, ‘ राम-मंदिर निर्माण के शुभारंभ पर सभी को बधाई! मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम के मंदिर का निर्माण न्याय प्रक्रिया के अनुरूप तथा जनसाधारण के उत्साह व सामाजिक सौहार्द के संबल से हो रहा है।’ उन्होंने कहा,’मुझे विश्वास है कि मंदिर परिसर, रामराज्य के आदर्शों पर आधारित आधुनिक भारत का प्रतीक बनेगा।’

बता दें कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी 1 लाख रूपये का दान दिया है।

गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के घोषणापत्र में राम मंदिर का निर्माण शामिल रहा है। साथ ही राजनीति के केंद्र में भी यह मुद्दा पिछले तीन दशकों से है। सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में इस दशकों पुराने विवाद का समाधान करते हुए अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया। इस मंदिर निर्माण के लिए पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन किया जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और RSS प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद थे।

देश के प्रथम नागरिक से चंदा लेकर शुरू होगा राम मंदिर निधि समर्पण महाभियान, 44 दिनों तक घर-घर जायेंगे विहिप कार्यकर्ता

नई दिल्ली। अयोध्या में बन रहे भव्य राममंदिर के लिए बनाई गई निधि समर्पण अभियान की शुरुआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की शुभकामनाओं और उनके द्वारा दिए गए समर्पण निधि के साथ पूरे देश में शुक्रवार से किया जायेगा। शुक्रवार को सुबह 11 बजे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, विश्व हिंदू परिषद व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने जायेगा।

विश्व हिंदू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि अभियान के लिए शुभकामना लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी समय मांगा गया है। जब समय मिल जाएगा तो उनसे भी प्रतिनिधिमंडल मिलने जाएंगा। साथ ही दूसरे प्रमुख लोगों से भी मिलने की योजना है।

बता दें कि राष्ट्रपति से मिलने जाने वालों में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि, विहिप के कार्याध्यक्ष एडवोकेट आलोक कुमार, भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा और दिल्ली प्रांत के आरएसएस के संघचालक कुलभूषण आहुजा शामिल हैं।

13 करोड़ परिवारों तक पहुंचने की बनी योजना

आलोक कुमार ने कहा कि देश के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति व दूसरे नागरिक उपराष्ट्रपति से शुभकामना लेकर अभियान की शुरुआत होगी। अभियान को सफल बनाने के लिए देश के सभी जिलों में प्रमुख लोगों की समिति बनी है। साथ ही नगर से लेकर गांवों तक टोली गठित की गई है। इस अभियान के तहत पूरे देश में 13 करोड़ परिवार के 65 करोड़ रामभक्तों से अभियान में लगे लोग मिलेंगे। विहिप के नेतृत्व में होने वाले इस अभियान में 40 लाख से अधिक हिंदू समाज के लोग लगेंगे। इसमें आरएसएस एवं अनुषांगिक संगठनों से जुड़े लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

5.25 लाख गांवों में टोलियों का गठन

आलोक कुमार ने कहा कि पूरे देश के 5.25 लाख गांवों में टोलियों का गठन किया गया है। सभी टोली में पांच से सात लोगों को रखा गया है। प्रत्येक पांच पंचायतों पर एक निधि जमाकर्त्ता बनाए गए हैं, जो प्रत्येक दिन संग्रह की गई राशि को बैंक में जमा कर देंगे। इसके लिए अयोध्या में एसबीआइ, पीएनबी और बैंक ऑफ बड़ौदा की नया घाट शाखा में खाता खोले गए हैं। प्रखंड, जिला व प्रांत स्तर पर एक-एक हिसाब प्रमुख होंगे, जो प्रत्येक दिन लेखा-जोखा को पूर्ण कर “श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र” को बताएंगे।

सभी कार्यकर्ताओं का प्रयास रहेगा कि वे सामान्य से सामान्य एवं उच्च से उच्च वर्ग के लोगों तक संपर्क कर भगवान श्रीराम के प्रति आस्था अर्पण भाव को प्रकट कराते हुए 10 रुपये, 100 रुपये व 1000 रुपये का समर्पण राशि वाला कूपन देकर राशि संग्रह करेंगे। 2000 रुपये से ज्यादा राशि देने वालों को रसीद दिया जाएगा। लोग राशि ऑनलाइन भी बैंक में भेज सकते हैं।

44 दिनों तक चलेगा अभियान

अभियान को लेकर रामभक्तों में काफी उत्साह है। यह अभियान 44 दिनों तक निरंतर चलता रहेगा। 27 फरवरी, 2021 को अभियान का समापन होगा। अभियान के तहत संग्रह की गई राशि का हिसाब-किताब दैनिक होगा। सभी कार्यक्रम श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के दिशानिर्देश पर ही चलेंगे। इस अभियान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सभी अनुषांगिक संगठन भाग लेंगे। पूरे कार्यक्रम का नेतृत्व विश्व हिंदू परिषद करेगी।

गणतंत्र दिवस परेड : राजपथ पर दिखेगी अयोध्या की झलक

नई दिल्ली। राजपथ पर इस बार होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में अयोध्या के भव्य दीपोत्सव और राम मंदिर पर झांकियां प्रस्तुत की  जाएंगी। ऐसे में अयोध्या के भाजपा सांसद और राम जन्मभूमि मंदिर के पुजारी समेत साधु-संत इसे लेकर काफी उत्साहित हैं और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच की खूब सराहान सराहना कर रहे हैं।

यूपी की ओर से इस बार अयोध्या की सांस्कृतिक धरोहर को ही थीम बनाया गया है। झांकी में अयोध्या में हर साल होने वाले दीपोत्सव को भी दर्शाया जाएगा। साथ ही साथ शबरी के झूठे बेर, निषादराज को राम का गले लगाना, केवट को आशीर्वाद समेत अन्य दृश्यों को झांकी में दिखाया जाएगा।

राम मंदिर निर्माण जल्द होगा शुरू, भक्तों ने दिल खोल के किया दान

अयोध्या वासियों के लिए बड़ी खुशखबरी है, आने वाली मकर संक्रांति से भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरु कर दिया जाएगा। अब वो दिन दूर नहीं जब हम भव्य राम मंदिर के दर्शन कर पाएंगे। बता दें देश के जाने माने विशेषज्ञों और आर्किटेक्ट की बड़ी टीमें अगले 14 दिनों के अंदर-अंदर राम मंदिर की फाइनल तस्वीरें तैयार करेंगी, जिसके तुरंत बाद तीव्र गति से निर्माणकार्य शुरू किया जाएगा। बता दें मकर संक्रांति के पावन पर्व से राम मंदिर की नींव का निर्माण शुरू हो जाएगा। सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है की राम मंदिर की नींव लोहे और स्टील के पदारथों के उपयोग से नहीं बल्कि पत्थर और कंक्रीट के साथ तांबे से ही नींव का निर्माण किया जाएगा।

इतना ही नहीं राम मंदिर के निर्माण में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री की पुर्ण तरीके से समीक्षा की जा रही है। मंदिर की लंबे समय तक मजबूती बनाए रखने के लिए किस तरह के वस्तु व सामाग्री का इस्तेमाल किया जाए इस पर एक्सपर्ट टीम लगातार काम कर रही है। बता दें राम मंदिर को तैयार होने में पूरे तीन साल का समय लगेगा, जिसके बाद भक्त भव्य राम मंदिर के दर्शन कर पाएंगे।

राम मंदिर के निर्माण शुरु होने की खबर सुनकर भक्त बहुत खुश हो गए है , जिसके चलते देश भर से भक्त दिल खोल कर राम मंदिर के ट्रस्ट में दान कर रहे है। रुपयों के साथ-साथ भक्त चाँदी की ईंटे भी ट्रस्ट में दान कर रहे है, जिसके चलते ट्रस्ट संचालकों के लिए भारी समस्या खड़ी हो गई है की चाँदी का उपयोग किस तरह किया जाए चूंकि यह तय किया गया था की राम मंदिर की नींव में चाँदी या लोहे का उपयोग नहीं किया जाएगा। भक्तों द्वारा चाँदी दान करने के बाद ट्रस्ट नें भक्तों को चाँदी के बजाय ट्रस्ट के खाते में रुपये दान करने की अपील की है। बताते चले की अब तक करीब 85 करोड़ चंदा इक्टठा हुआ है । गौरतलब यह है की हिंदू समाज के लोगो के साथ-साथ मुस्लिम समाज के लोगों ने भी अपनी श्रद्धा से दान किया है।