Tag Archives: Budget 2021

हंगामें की भेंट चढ़ा बजट सत्र के दूसरे चरण का दूसरा दिन, महंगाई पर हुई बहस

नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण का दूसरा दिन हंगामे के भेट चढ़ गया। विपक्षी सांसदों ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर हंगामा किया। इसके बाद दोनों सदनों की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। बता दें कि संसद का कामकाज मंगलवार से सामान्य समय पर शुरू हो गया है, जैसे कोरोना काल से पहले होता था। दोनों सदनों की कार्यवाही पहले की तरह निर्धारित समय सुबह 11 बजे से और शाम छह बजे तक चलेगी। कोरोना महामारी के कारण पिछले साल मानसून सत्र से राज्यसभा की कार्यवाही सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक चल रही थी। वहीं शाम 4 बजे से रात्रि 9 बजे तक लोकसभा की कार्यवाही चल रही थी। सोमवार, आठ मार्च से बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू हुआ। इस दौरान पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की महंगाई को लेकर खूब हंगामा हुआ।

दूसरे दिन भी उठा महंगाई का मुद्दा

बजट सत्र के दूसरे चरण के दूसरे दिन भी पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की महंगाई को लेकर सरकार को घेरते हुए विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों में भारी हंगामा किया। संसद के दोनों सदनों में कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस देकर विपक्ष ने पेट्रोलियम उत्पादों पर लगातार बढ़ाए गए टैक्स में कमी के साथ बहस की मांग करते हुए सदन को ठप कराया। दोनों सदनों की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई। विपक्ष के हंगामे के बाद दोनों कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही शुरू होने पर विपक्ष का हंगामा जारी रहा और दोनों सदनों की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई। इसके बाद दो बजे दोनों सदनों की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।

आज से सामान्य समयानुसार कार्यवाही

राज्यसभा में पीठासीन अध्यक्ष वंदना चव्हाण ने सोमवार को सभापति एम. वेंकैया नायडू के लिखित संदेश के हवाले से बताया कि मंगलवार से संसद की कार्यवाही सुबह 11 बजे शाम छह बजे तक चलेगी। बाद में, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी घोषणा की कि मंगलवार से सामान्य समयानुसार सुबह 11 बजे से सदन की कार्यवाही शुरू होगी। बजट सत्र का पहला चरण 29 जनवरी को राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के संबोधन के साथ शुरू हुआ और 29 फरवरी को संपन्न हुआ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को केंद्रीय बजट संसद में पेश किया था।

समय से पहले खत्म होगा बजट सत्र!

पांच राज्यों के चुनाव के मद्देनजर बजट सत्र को समय से पहले ही समाप्त किए जाने के प्रबल आसार हैं। तृणमूल कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों ने चुनाव के मद्देनजर बजट सत्र को स्थगित करने का आग्रह किया है। 8 मार्च को शुरू हुआ बजट सत्र का दूसरा चरण 8 अप्रैल को समाप्त होने वाला है, लेकिन चुनाव के कारण होली से पहले इसके समापन की संभावना है।

बजट सत्र 2021: कांग्रेस के हंगामे के चलते कल सुबह तक राज्यसभा स्थगित, बढ़ती महंगाई पर चर्चा की मांग

नई दिल्ली। सोमवार से संसद में बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरूआत हो चुकी है। इस दौरान राज्यसभा में कार्यवाही शुरू होते ही पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों पर जमकर हंगामा हुआ। बढ़ती कीमतों पर चर्चा की मांग को लेकर कांग्रेस के हंगामे की वजह से राज्यसभा की पूरे दिन का कार्यवाही स्थगित हो गई।

बता दें कि विपक्ष के हंगामे की वजह से पहले सदन को दोपहर 1.30 बजे तक स्थगित किया गया था। इसके पहले विपक्ष के हंगामे के कारण 11 बजे तक फिर दोपहर 1 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही को स्थगित किया गया था।

नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने सदन में कहा, ‘पेट्रोल और डीजल की कीमतें 100 रुपये प्रति लीटर और 80 रुपये प्रति लीटर है। LPG की कीमतें भी बढ़ गई हैं। एक्साइज ड्यूटी/सेस लगाने से 21 लाख करोड़ की राशि जमा हुई इसके कारण किसानों समेत पूरा देश मुश्किलों का सामना कर रहा है।

कार्यवाही की शुरुआत के साथ ही सदन के अध्यक्ष वेंकैया नायडू ने कहा, ‘राज्यसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर मल्लिकार्जुन का स्वागत करता हूं। वे देश में लंबे समय तक काम करने वाले नेताओं में से एक हैं।’  उन्होंने कहा, ‘मैं सभी सदस्यों से सदन में उपस्थित रहने की अपील करता हूं, ताकि यहां होने वाले डिबेट में हिस्सा लेकर वो अपने ज्ञान को बढ़ाएं।

इससे पहले सोमवार, 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर सदन के अध्यक्ष ने कहा कि आज का दिन दुनिया भर में महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक योगदान व उपलब्धियों को मनाने और उन्हें सम्मानित करने का दिन है। भारतीय जनता पार्टी की सांसद सोनल मानसिंह ने सदन में ‘अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस’ मनाने की भी मांग की।

UP Budget 2021: महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए योगी सरकार ने खोला खजाना

लखनऊ। योगी सरकार ने आज प्रदेश की महिलाओं को दो नई योजनाओं की सौगात दी है। उत्तर प्रदेश में महिलाओं और बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए सक्षम सुपोषण योजना शुरू की गई है,  जिसके लिए योगी सरकार ने बजट में 100 करोड़ रुपए का प्रस्ताव दिया है। महिला सामर्थ्य योजना नाम से दूसरा प्लान योगी सरकार ने शुरू किया है, जिसके लिए बजट में 200 करोड़ रुपए दिए हैं।

बता दें कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रदेश की सरकार मिशन शक्ति चला रही है। इस मिषन के तहत महिलाओं को आत्मसुरक्षा और आत्मनिर्भरता दोनों की ट्रेनिंग दी जाती है।

बताते चलें कि योगी सरकार का यह आखिरी बजट है और अगले साल चुनाव होने हैं, इसलिए महिला मतदाताओं का खास ध्यान रखा गया है। बजट में योगी सरकार ने महिला शक्ति केंद्रों की स्थापना के लिए 32 करोड़ रुपए दिए हैं। बजट में ऐसी कई घोषणाएं की गई हैं जिनका फायदा महिलाओं और छात्राओं को मिलेगा। महिला शक्ति केंद्रों की स्थापना कर मिशन शक्ति को आगे बढ़ाने के प्रस्ताव के अलावा प्रदेश के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के लिए टैबलेट देने की घोषणा की गई है। रोजगार के लिए जनपदों में काउंसलिंग सेंटर बनाने की बात बजट में है।

बजट 2021: बिहार सरकार ने पेश किया बजट, 2 लाख 18 हजार करोड़ के बजट में इन मुद्दों रहा विशेष जोर

नई दिल्ली। सोमवार को उपमुख्‍यमंत्री व वित्‍त मंत्री तार किशोर प्रसाद ने बिहार विधानमंडल में 2 लाख 18 हजार करोड़ का बजट पेश किया। 22 फरवरी को भोजनावकाश के बाद राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक सरकार साल 2021-22 का बजट पेश किया।

बजट भाषण के आरंभ में ही वित्त मंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की कविता पढ़ी, जो बाधाओं से जूझने के लिए प्रेरित करती हैं- ‘बाधाएं आती हैं आएं… कदम मिलाकर चलना होगा।’ उन्‍होंने कहा कि सरकार के प्रयासों से हम आर्थिक संकट से बाहर निकल पाए हैं। कोरोना अभी टला नहीं है। विपत्तियों से हम घबराते नहीं हैं। अंधकार के बाद नया सवेरा आता है।

बजट सत्र शुरू होने से पहले से विपक्ष महंगाई, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत, कोविड-19 जांच के आंकड़े में फर्जीवाड़ा और कृषि कानूनों के खिलाफ बिहार की एनडीए सरकार पर हमवालर रही।

दो लाख 18 हजार करोड़ का होगा बिहार का बजट

बिहार विधानसभा में वित्तमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने सोमवार को अगले वित्तीय वर्ष के लिए कुल दो लाख 18 हजार 303 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। कोरोना की मुश्किलों के बावजूद आम लोगों को राहत देते हुए किसी प्रकार का टैक्स नहीं लगाया गया है। पिछले साल से यह सात हजार करोड़ रुपये ज्यादा का बजट है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में बिहार का बजट दो लाख 11 हजार करोड़ रुपये का था। बजट में वित्त मंत्री ने अगले वित्तीय वर्ष में दो लाख 18 हजार 502 करोड़ की अनुमानित आय का दावा किया है। योजना मद में एक लाख 51 हजार 881 करोड़ रुपये खर्च करने की व्यवस्था की गई है।

महिला सशक्तिकरण पर जोर

बजट का सबसे मजबूत पक्ष है 20 लाख लोगों को इसी वित्तिय वर्ष में नौकरी और महिला सशक्तिकरण। इसके लिए राज्य सरकार ने कई योजनाएं लाने की घोषणा की है। महिलाओं को उद्यमी बनाने के लिए खजाना खोला गया है। कोई महिला अगर अपना उद्योग लगाना चाहे तो उसे पांच लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा। साथ ही अतिरिक्त पांच लाख रुपये का ऋण ब्याज मुक्त दिया जाएगा। इसके लिए उद्योग विभाग में दो सौ करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। अगले चार वर्षों में सात निश्चय -2 की योजनाओं पर काम होगा।

शायरी से समापन

वित्‍त मंत्री ने इस शायरी के साथ बजट भाषण का समापन किया – ‘ उनकी शिकवा है कि मेरी उड़ान कुछ कम है। रख हौसला वह मंजर भी आएगा। प्यासे के पास, चलकर समंदर भी आएगा। थककर न बैठ मंजिल के मुसाफिर। मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मजा भी आएगा।’

पशुधन एवं कृषि के लिए भी बड़ी घोषणा

पशुओं का इलाज मुफ्त होगा। पंचायत स्तर पर पशु अस्पताल की व्यवस्था की जाएगी। टेलीमेडिसिन से भी पशु अस्पताल जुड़ेंगे। लोगों के घरों में भी पहुंचकर पशुओं का इलाज होगा।

देसी गायों के संवर्धन के लिए गोवंश अस्पताल की स्थापना की जाएगी। इन योजनाओं के लिए पांच सौ करोड़ की व्यवस्था की गई है। पशुओं के लिए डोर स्टेप इलाज की व्यवस्था होगी। काल सेंटर बनाए जाएंगे। सभी चिकित्सा सेवा मुफ्त में उपलब्ध होगी। गोवंश विकास संस्थान की स्थापना होगी।

गांवों के विकास का आधार पशु एवं कृषि है। इससे ग्रामीणों की आय में वृद्धि होती है। आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर गोपालन, मछली पालन का विकास किया जाएगा। चौर क्षेत्र का विकास किया जाएगा। मछली पालन को इतना बढ़ाया जाएगा कि बिहार की मछलियां दूसरे राज्यों में जाएंगी। इसके लिए पांच सौ करोड़ रुपये व्यय किया जाएगा।

योगी सरकार ने पेश किया अपना अंतिम बजट, जानें किसको मिला कितना बजट?

लखनऊ। सोमवार को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने विधानसभा में अपना भारी भरकम बजट पेश किया। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने विधान भवन में अब तक का सबसे बड़ा बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने विधानसभा में अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित की मंजूरी के बाद बजट का भाषण शुरू किया।

वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने उत्तर प्रदेश का बजट एक घंटा 40 मिनट में पेश किया। खन्ना ने 2021-2022 का कुल बजट 5 लाख 50 हजार 270 करोड़ का पेश किया। इससे पहले वित्तीय वर्ष 2020-21 में बजट 5.12 लाख करोड़ रुपये का था। इस तरह बीते वर्ष की अपेक्षा इस वित्तीय वर्ष का बजट 38 हजार करोड़ रुपया ज्यादा का है।

विधान परिषद में प्रदेश के डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा बजट भाषण पढ़ेंगे। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने 5 लाख 50 हजार 270 करोड़ 78 लाख रुपये का बजट पेश किया। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने योगी आदित्यनाथ सरकार का पांचवां व अंतिम बजट पेश किया। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि पांच लाख 50 हजार 270 करोड़ 78 लाख के आकार का वित्तीय वर्ष 2021-22 बजट उत्तर प्रदेश का समग्र विकास सुनिश्चित करने तथा राज्य की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण काल में काफी ऐतिहासिक काम हुआ है। सरकार ने 54 लाख लोगों को भरण-पोषण भत्ता दिया। इसके साथ मनरेगा में 29.58 करोड़ मानवदिवस सृजित किया। 40 लाख प्रवासी श्रमिकों को रोडवेज ने अपने घरों को भेजा। उन्होंने कहा कि 2020 पूरे विश्व के लिए चुनौती पूर्ण रहा है। इसमें भी प्रदेश के चिकित्सा तंत्र के साथ पुलिस विभाग ने भी बड़े स्तर पर काम किया।

खन्ना ने बताया कि प्रदेश के लोगों के स्वास्थ्य को लेकर सरकार बेहद गंभीर है। इसके लिए 1950 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तवित है। लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई में नई लैब की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही नौ मेडिकल कॉलेज का निर्माण हो रहा है। पीजीआई लखनऊ में डायबिटिक रोगियों के लिए अलग नई व्यवस्था की जाएगी।

किसानों पर मेहरबान यूपी सरकार

वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि प्रदेश में अधिक उत्पादन वाली फसलों को चिह्नित किया जाएगा। ब्लॉक स्तर पर कृषक उत्पादन संगठनों की स्थापना की जाएगी। इसके लिए 100 करोड़ रुपये भी दिए जाएंगे। इसके अलावा उन्होंने घोषणा की है कि किसानों को मुफ्त पानी की सुविधा के लिए 700 करोड़ रुपये दिये जाएंगे। साथ ही किसानों को रियायती दाम पर लोन देने का ऐलान किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश के किसानों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से प्रारंभ की गई मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत 600 करोड़ रुपया की धनराशि प्रस्तावित की गई है। सरकार ने कृषक पेंशन के साथ ही किसानों की कर्जमाफी तो की है।अब प्रदेश के किसानों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना प्रारंभ की गई है। इसके लिए 600 करोड़ की धनराशि प्रस्तावित की गई है। किसानों को दो करोड़ 40 लाख रुपया की किसानों को सम्मान निधि दी गई।

अयोध्या तथा एयरपोर्ट के विकास पर खास फोकस

योगी सरकार का फोकस अयोध्या के साथ एयर कनेक्टिविटी पर है। सरकार ने बजट में ग्रेटर नोएडा के जेवर एयरपोर्ट के लिए दो हजार करोड़ रुपया तथा अयोध्या के मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम एयरपोर्ट के लिए 101 करोड़ रुपया दिया है। इसके साथ ही चित्रकूट और सोनभद्र एयरपोर्ट 2021 में सक्रिय हो जाएगा। अयोध्या में बनने वाले एयरपोर्ट का नाम मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हवाई अड्डा होगा। एयरपोर्ट के साथ ही अयोध्या के विकास के लिए 140 करोड़ दिया गया है। लखनऊ में 50 करोड़ की लागत से राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल विकसित होगा, जबकि वाराणसी-गोरखपुर में मेट्रो के लिए 100 करोड़ की व्यवस्था की गई है।

विभिन्न जिलों में अधिवक्ता चैंबर निर्माण के लिए 20 करोड़ रुपए का आवंटन। युवा अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए पांच करोड़ रुपए का कार्पस फंड आवंटित किया गया है। प्रदेश के सभी मंडलों में अटल स्कूल खोले जाएंगे। इसके साथ ही 2000 रुपया अटल पेयजल योजना में प्रस्तावित है। जलजीवन मिशन के लिए 15 हजार करोड़ की व्यवस्था है। प्रदेश में आरोग्य जल के लिए 22 करोड़ का बजट प्रस्तावित है। अभ्युदय योजना में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए चयनित अभ्यर्थियों को मेरिट के आधार पर टैबलेट दिया जाएगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को 1107 रुपया दिया जाएगा।

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि 2020-21 का बजट युवाओं और उनके रोजगार को समर्पित है। प्रदेश की हर महिला को सुरक्षा दे रहे हैं। अपराधियों पर सरकार कठोर कार्रवाई कर रही है। बजट में यूपी को आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य का प्रावधान है। उन्‍होंने कहा कि शिकायतों का तेजी से निपटारा किया जा रहा है। किसानों के खातों में 6800 करोड़ से ज्यादा रुपये भेजे गए है। किसानों को सस्‍ते लोन के लिए बजट में 400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

किसको मिला कितना बजट?

कन्‍या सुमंगल योजना के लिए 1200 करोड़

महिला शक्‍त‍ि केंद्रों के लिए 32 करोड़ रुपये

गांव में स्‍टेडियम के लिए 25 करोड़ रुपये

संस्‍कृत स्‍कूलों में फ्री छात्रावास की सुवि‍धा

बीमा के लिए 600 करोड़ की व्‍यवस्‍था

अधि‍वक्‍ता चैंबर के लिए 20 करोड़ रुपये

प्रदेश की नहरों के लिए 700 करोड़ रुपये

डिजिटल स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के लिए 32 करोड़ रुपये

पूर्वांचल एक्‍सप्रेस वे के लिए 1107 करोड़ रुपये

निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों के लिए 950 करोड़ रुपये

चित्रकूट में पर्यटन के लिए 20 करोड़ रुपये

वाराणसी में पर्यटन के लिए 100 करोड़ रुपये

सीएम जन आरोग्‍य योजना के लिए 142 करोड़ रुपये

प्रदेश सरकार के विभागवार बजट का ब्यौरा

संस्कृति एवं धर्मार्थ कार्य- 364 करोड़

गोरखपुर के चौरी चौरा कांड के सौ वर्ष होने पर शताब्दी महोत्सव में वर्ष भर के आयोजन के लिए 15 करोड़ रुपये की व्यवस्था। अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि मंदिर अयोध्या धाम तक पहुंच मार्ग के लिए 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था। लखनऊ में उत्तर प्रदेश जनजातीय संग्रहालय के निर्माण के लिए आठ करोड़ रुपये तथा शाहजहांपुर में स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय की वीथिकाओं के लिए चार करोड़ रुपये की व्यवस्था। प्रदेश में अब तक जो भी ख्यातिलब्ध साहित्यकार एवं कलाकार किसी पुरस्कार से सम्मानित नहीं हो सके हैं, उनको उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान प्रदान किया जाएगा। प्रत्येक वर्ष अधिकतम पांच व्यक्तियों को सम्मानित किया जायेगा। सम्मानित प्रत्येक व्यक्ति को 11 लाख रुपये की सम्मान राशि प्रदान की जायेगी।

पर्यटन विभाग- 450 करोड़ रुपये

रामनगरी अयोध्या में पर्यटन सुविधाओं के विकास एवं सौन्दर्यीकरण के लिए सौ करोड़ रुपये की व्यवस्था। वाराणसी में पर्यटन सुविधाओं के विकास तथा सौन्दरीकरण के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था। मुख्यमंत्री पर्यटन स्थल विकास योजना के लिए 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था। चित्रकूट में पर्यटन विकास की विभिन्न योजनाओं के लिए 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था। इसके अतिरिक्त विन्ध्याचल एवं नैमिषारण्य में स्थल विकास के लिए 30 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

वन एवं पर्यावरण विभाग- 1065 करोड़ रुपये

प्रदेश में वर्ष 2030 तक वनावरण एवं वृक्षावरण 15 प्रतिशत करने का लक्ष्य। 2021 व 2022 के वृक्षारोपण का लक्ष्य 65 35 करोड़ निर्धारित। प्रतीकारात्मक वनरोपण योजना के लिए 600 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था। सामाजिक वानिकी कार्यक्रम को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

समाज कल्याण विभाग- 5030 करोड़ रुपये

प्रदेश में वृद्धावस्था व किसान पेंशन योजनान्तर्गत 3100 करोड़ रुपये की व्यवस्था। राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजनान्तर्गत 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था। अनुसूचित जाति पूर्वदशम एवं दशमोत्तर तथा सामान्य वर्ग की छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत 1430 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार के बजट से पहले कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में बजट 2021-22 को मंजूरी दी गई।

इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही वित्त मंत्री सुरेश खन्ना तथा अन्य मंत्री विधान भवन रवाना हो गए। सदन में बजट पेश करने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर कैबिनेट की बैठक बुलाई। विधानमंडल का बजट सत्र दस मार्च तक चलेगा।

उत्तर प्रदेश सरकार का बजट पेश करने से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर कैबिनेट बैठक में जाने से पहले वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने अपने घर में पूजा की। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने पाठ किया। वित्त मंत्री ने बजट बैग लेकर पूजा की। इस दौरान उनके हाथ में बजट बैग के साथ आइपैड भी था। उन्होंने कहा कि इस बार भी बजट में सबका साथ सबका विकास पर फोकस है। योगी आदित्यनाथ सरकार हर वर्ग के हित का ख्याल रखती है। खन्ना ने कहा कि हमारी सरकार का प्रयास है कि बजट का लाभ उत्तर प्रदेश के सभी 33 करोड़ लोगों को मिले।

वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कोविड-19 महामारी का दबाव झेल रही अर्थव्यवस्था और लंबे किसान आंदोलन की गूंज के बीच बजट तैयार किया है। इस बार बजट देखने के लिए सभी विधायक व विधान परिषद सदस्यों को आईपैड प्रदान किया गया है। इसके साथ ही विधान भवन में बड़ी स्क्रीन लगाई गई है, जिसपर सदस्य बजट की झलकियां देख सकेंगे। प्रदेश सरकार का बजट सत्र 18 फरवरी को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ था, जिसमें दोनों सदन के सदस्य मौजूद थे।

मोबाइल एप पर भी बजट

यूपी सरकार का यह बजट एप पर भी उपलब्ध होगा। योगी सरकार का वर्ष 2021-22 का बजट मोबाइल एप पर भी देखा जा सकेगा। सरकार ने इसके लिए ‘उप्र सरकार का बजट’ एप तैयार कराया है। इस एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।

सूबे के इतिहास में पहला पेपर लेस बजट

योगी आदित्यनाथ सरकार सोमवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश करेगी। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना सुबह 11 बजे विधानसभा में तो विधान परिषद में नेता सदन डा. दिनेश शर्मा बजट प्रस्तुत करेंगे। सरकार का यह पांचवां और आखिरी पूर्ण बजट होगा। सूबे के इतिहास में पहला कागज रहित बजट भी होगा।

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा- समावेशी विकास को बढ़ावा देने वाला है बजट

नई दिल्ली।  केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बजट (2021-2022) को जनता की जरूरत के अनुरूप और समावेशी विकास को बढ़ावा देने वाला बताया है। आत्मनिर्भर भारत को मजबूत करने वाले इस बजट के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई दी।

केंद्रीय मंत्री ने बजट के दौरान स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने को लेकर ग्रामीण की तर्ज पर शुरू होने वाली जल जीवन मिशन (शहरी) के लिए भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन उनकी इस सोच की ही देन है। गांव,  गरीब और किसान के घर नल देने के लिए इस बार भी बजट बढ़ाया गया है। ‘हर घर जल’ की मुहिम को इससे गति मिलेगी। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अगले पांच साल में 4378 शहरी निकायों में 2.86 करोड़ घरों में नल कनेक्शन किए जाएंगे और इस योजना पर 2.87 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे।

शेखावत ने कहा कि कोरोना जैसी भीषण महामारी के इस समय में जब पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है, ऐसे समय में देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए लाया गया ये बजट सभी क्षेत्रों को लेकर सरकार की दूरदर्शी और सबके विकास की सोच का परिचायक है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, कृषि और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में खर्च बढ़ाने के साथ-साथ बीमा क्षेत्र, विनिवेश में तेजी, वरिष्ठ नागरिकों को कर में छूट और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने जैसे कई जरूरी कदम उठाने के साथ-साथ देश के सभी राज्यों के विकास के लिए एक रूपरेखा तैयार की गई है।

अपने मंत्रालय से जुड़ी योजनाओं के बारे में बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वर्तमान में जल जीवन मिशन (ग्रामीण) के तहत देश के 19.04 करोड़ घरों में 2024 तक नल से जल पहुंचाने की योजना चल रही है। 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3.6 लाख करोड़ रुपये की इस योजना की घोषणा की थी।  फरवरी 2021 तक 6.56 करोड़  घरों में नल कनेक्शन लगाए जा चुके थे। गोवा और तेलंगाना में 100% प्रतिशत ग्रामीण घरों में नल से जल पहुंच चुका है।

बता दें कि पिछले बजट में जल जीवन मिशन के लिए 11,500 करोड़ रुपये, जबकि नव गठित जलशक्ति मंत्रालय को 30,478 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे।  जिसमें से 21,500 करोड़ का प्रावधान पेयजल एवं स्वच्छता के लिए था। RE के समय पेयजल को जहां पिछले वर्ष 11,500 करोड़ दिए गए थे, वहीं, इस वर्ष 50000 करोड़ पेयजल एवं 10000 करोड़ स्वच्छता के लिए आवंटित किया गया है। इस प्रकार जल जीवन मिशन के बजट आवंटन में इस वर्ष 450 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। मंत्रालय के कुल बजट में भी 180 प्रतिशत की लगभग वृद्धि हुई है, जो कि पानी के विषय पर मोदी सरकार की प्राथमिकता एवं गंभीरता को दर्शाता है।

इसके अलावा बजट में अगले पांच साल के दौरान स्वच्छ भारत 2.0 अभियान के तहत 500 अमृत शहरों में तरल अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर भी केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि इस योजना पर वर्ष 2021-26 तक 1,41,678 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वित्त मंत्री ने गिनाई बजट की विशेषताएं, जानिए क्या कहा ?  

नई दिल्ली। संसद में सोमवार को बजट पेश करने बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने खातों को अधिक पारदर्शी बनाया है। इस बार हमारा राजकोषीय घाटा इस कारण से ज्यादा बढ़ गया क्योंकि हमने आम जनता को अधिक से अधिक मदद पहुंचाई। सरकार का ध्यान केवल खर्च करने पर रहा। उन्होंने कहा कि हमारा वित्तीय घाटा जो फरवरी 2020 के दौरान 3.5 प्रतिशत से शुरू हुआ था, वह जीडीपी के 9.5 प्रतिशत तक बढ़ गया है, क्योंकि हमने केवल और केवल खर्च किया है। साथ ही हमने घाटे के प्रबंधन के लिए एक स्पष्ट रास्ता बनाया है। सरकार इसे कम करने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है।

वित्त मंत्री निर्मला ने कहा कि बज़ट का बड़ा हिस्सा इंफ्रास्ट्रक्चर और स्वास्थ्य क्षेत्र को दिया गया है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि बज़ट में कृषि को जगह नहीं मिली। NABARD के लिए आवंटन बढ़ाया गया है ताकि किसानों तक ज्यादा से ज्यादा फायदा मिले।

वित्त मंत्री ने कहा कि हमने पिछले साल जो कुछ देखा उसके चलते स्वास्थ्य क्षेत्र को बज़ट में बड़ी जगह दी गई है। जिसमें प्रयोगशालाओं की स्थापना, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी,  ब्लॉक्स में क्रिटिकल केयर सेंटर की स्थापना, टेस्टिंग लैब आदि शामिल हैं।

 

 

1 करोड़ अतिरिक्त लाभार्थियों को मिलेगा उज्ज्वला योजना का लाभ, जम्मू-कश्मीर में शुरू होगी गैस पाइपलाइन परियोजना

नई दिल्ली।  लोगों के जीवन में ईंधन की आवश्यकता के महत्व को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में केंद्रीय बजट 2021-22 पेश करते हुए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र के लिए कुछ अहम घोषणाएं की हैं।

वित्त मंत्री ने कहा कि उज्ज्वला योजना का 1 करोड़ अतिरिक्त लाभार्थियों तक विस्तार किया जाएगा। इस योजना का लाभ 8 करोड़ परिवारों को पहले ही मिल चुका है। अगले तीन वर्ष में शहरी गैस वितरण नेटवर्क में 100 अतिरिक्त शहरों को जोड़ा जाएगा। जम्मू व कश्मीर संघ शासित क्षेत्र में एक गैस पाइपलाइन परियोजना शुरू की जाएगी। गैर भेदभावपूर्ण मुक्त पहुंच के आधार पर सभी प्राकृतिक गैस पाइपलाइनों में सामान्य वाहक क्षमता की बुकिंग की सुविधा और समन्वय के लिए एक स्वतंत्र गैस वाहक प्रणाली परिचालक की स्थापना की जाएगी।

 

बजट 2021 : पीएम मोदी ने कहा- भारत के आत्मविश्वास को बढ़ावा देने वाला है आज का बजट

नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच पेश किए गए इस बजट पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि  वर्ष 2021 का बजट असाधारण परिस्थितियों के बीच पेश किया गया है।  इसमें यथार्थ का अहसास और विकास का विश्वास भी है। कोरोना ने दुनिया में जो प्रभाव पैदा किया उसने पूरी मानव जाति को हिलाकर रख दिया। इन परिस्थितियों के बीच आज का बजट भारत के आत्मविश्वास को बढ़ावा देने वाला है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज के बजट में आत्मनिर्भरता का विजन भी है और हर वर्ग का समावेश भी है। हम इस में जिन सिद्धांतों को लेकर चले हैं वो हैं- ग्रोथ के लिए नई संभावनाओं का विस्तार करना, युवाओं के​ लिए नए अवसरों का निर्माण करना, मानव संसाधन को एक नया आयाम देना, इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के लिए नए क्षेत्र विकसित करना, आधुनिकता की तरफ आगे बढ़ना, नए सुधार लाना”

पीएम मोदी ने कहा कि, देश में कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के लिए, किसानों की आय बढ़ाने के लिए बहुत जोर दिया गया है। किसानों को आसानी से और  ज्यादा ऋण मिल सकेगा। देश की मंडियों को और मजबूत करने के लिए प्रावधान किया गया है। ये सब निर्णय दिखाते हैं कि इस बजट के दिल में गांव हैं,  हमारे किसान हैं।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को मैराथन 110 मिनट के बजट भाषण के लिए बधाई दी और बजट प्रस्तुत करने के तुरंत बाद उनके स्वास्थ्य के बारे में भी जानकारी ली। वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में तीसरी बार अपना बजट भाषण सुबह 11 बजे शुरू किया। मोदी ने कहा कि उन्होंने बिना रूके ही बजट की प्रमुख विशेषताओं के बारे में बिना किसी अड़चन के बताया।

स्पष्टता और मजबूती के साथ, सीतारमण ने घरेलू विनिर्माण क्षेत्र, एमएसएमई और कई और क्षेत्रों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न सरकारी योजनाओं की घोषणा की। अपने बजट भाषण के दौरान सीतारमण ने कई बार पानी पिया। वित्त मंत्री ने इसे दोपहर 12.50 बजे समाप्त किया। पार्ट-ए के तहत भाषण दोपहर 12.25 बजे और पार्ट-बी अगले 25 मिनट में समाप्त हुआ। इस बार, सीतारमण पिछले साल के बजट भाषण की तुलना में तरोताजा दिखीं। पिछले साल वह बजट पूरा नहीं पढ़ पाई थीं। प्रधानमंत्री मोदी ने बजट 2021 प्रस्तुत करने के लिए सीतारमण को उनकी सीट पर जाकर धन्यवाद दिया।