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वैक्सीन मिलने के बाद अब जल्द ही भारत को मिलेगी कोरोना की पहली दवा, दूसरा क्लीनिकल ट्रायल पूरा

नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वैक्सीन आने के बाद अब दुनिया को इस महामारी के खिलाफ पहली दवा मिलने की भी उम्मीद बढ़ गई है। पीएनबी वेस्पर लाइफ साइंसेज ने अपनी कोरोना की दवा पीएनबी-001 के दूसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल पूरा कर लिया है। कंपनी ने कहा है कि वह जल्द ही सरकार से इसके इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मांगेगी।

कोच्चि स्थित इस कंपनी की प्रयोगशाला इंग्लैंड में है। भारतीय दवा महानियंत्रक (DCGI) ने पिछले साल सितंबर में कंपनी को जीपीपी-बालाडोल के दूसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल शुरू करने की मंजूरी दी थी। कंपनी से ऑक्सीजन सपोर्ट वाले मध्यम स्तर के संक्रमण के मरीजों पर ट्रायल करने को कहा गया था।

कंपनी ने सोमवार को बताया कि पिछले साल नवंबर में दूसरे चरण का ट्रायल शुरू हुआ था। पुणे स्थित बीजे राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं ससून जनरल अस्पताल और बेंगलुरु स्थित विक्टोरिया मेडिकल कॉलेज एवं रिसर्च इंस्टीट्यूट में 40 मरीजों पर यह परीक्षण किया गया।

कोरोना की दवा का ट्रायल शुरू करने वाली दुनिया की बनी पहली कंपनी

कंपनी के प्रमोटर और सीईओ पीएन बलराम ने कहा, ‘हम सोमवार को ही डीसीजीआइ को क्लीनिकल रिपोर्ट सौंप देंगे।’ उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा स्थापित मानकों और अन्य अंतरराष्ट्रीय क्लीनिकल ट्रायल के समरूप ही इस दवा का परीक्षण किया गया। प्रेट्र ने पिछले साल 11 सितंबर को ही यह खबर दी थी कि पीएनबी वेस्पर को डीसीजीआइ से कोरोना की दवा के दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी मिल गई है। इसके के साथ ही कोच्चि स्थित यह कंपनी नए रासायनिक फॉर्मूले के साथ कोरोना की दवा का ट्रायल शुरू करने वाली दुनिया की पहली कंपनी बन गई थी।

कंपनी ने कहा कि ट्रायल के दौरान मरीजों को दिन में तीन बार जीपीपी-बालाडोल के 100 ग्राम दिए गए। मरीजों में दवा के प्रतिकूल प्रभाव के आकलन और उनकी किडनी, लिवर और प्रमुख अंगों की स्थिति का विश्लेषण कर सुरक्षा की परख की गई। सारे आकलन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा स्थापित मानदंडों के आधार पर किए गए। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में अस्पताल में भर्ती कोरोना के मरीजों की जिंदगी बचाने के लिए जीपीपी-बालाडोल एक विकल्प हो सकती है। बलराम ने कहा कि ट्रायल में शामिल किसी भी मरीज में किसी तरह का गंभीर प्रतिकूल प्रभाव नहीं देखा गया है।

दिल्ली में कोरोना पर कंट्रोल! 24 घंटे में 128 नए मामले, 157 मरीज ठीक

दिल्ली में पिछले 24 घंटों में कोरोनावायरस (Coronavirus Cases in Delhi) के 128 नए मामले सामने आए हैं. इस दौरान एक मरीज की मौत हुई है.

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोनावायरस (Coronavirus Cases in Delhi) के मामलों में कमी देखने को मिल रही है। पिछले 24 घंटों में COVID-19 के 128 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान एक मरीज की मौत हुई है और 157 मरीज ठीक हुए हैं। दिल्ली में कोरोना मामलों की कुल संख्या 6,38,028 हो गई है। अब तक 10,901 मरीजों की मौत हुई है।

वहीं इस बीमारी की चपेट में आए 6,26,086 लोग ठीक हो चुके हैं। दिल्ली में कोरोना से डेथ रेट 1.71 फीसदी है। वहीं कंटेनमेंट जोन की संख्या 637 है।

दिल्ली में अब तक कोरोना के 1,20,14,182 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं. 24 घंटों में 42,242 सैंपल टेस्ट किए गए, जिसमें 31,234 RT-PCR टेस्ट और 11,008 रैपिड एंटीजन टेस्ट किए गए। राजधानी में सक्रिय मरीजों की संख्या 1041 हो गई है।  471 मरीज होम आइसोलेशन में हैं। एक्टिव कोरोना मामलों की दर 0.16 फीसदी हो गई है। रिकवरी दर 98.12 और कोरोना की संक्रमण दर 0.3 फीसदी है।

 

महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना के मामले ,गोवा जारी कर सकता है नई SOP

महाराष्ट्र मे बढ़ रहे कोरोना मामलों ने राज्य सरकार के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों की चिंता भी बढ़ा दी है। महाराष्ट्र का पडोसी राज्य गोवा  भी बढ़ते कोरोना मामलों से चिंतित नजर आ रहा है और इसके लिए जल्द ही कुछ कदम उठा सकता है। गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने रविवार को कहा कि वह मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से मुलाकात करेंगे ताकि बढ़ते मामलों के सिलसिले किसी भी नतीजे पर विचार-विमर्श किया जा सके।

उन्होंने पीटीआई से कहा कि राज्य के लिए नई मानक संचालन प्रक्रियाएं बनाई जा सकती हैं, उन्होंने कहा कि सीएम के साथ उनकी बैठक के बाद निर्णय लिया जाएगा।हालाँकि, उन्होंने इस बात पर विस्तार से जानकारी नहीं दी कि नए एसओपी क्या हो सकती है।

महाराष्ट्र के कुछ जिलों में मामलों में आए उछाल के कारण स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन और रात के कर्फ्यू का एक नया दौर शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे लगातार लोगों से कोोरना गाइडलाइन्स का पालन करने का अनुरोध कर रहे हैं।

भारत में हुआ 7.2 मिलियन से अधिक हेल्थ वर्कर्स का टीकाकरण

देश में लोगों कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण का काम तेजी से चल रहा है। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि भारत में शनिवार तक कोरोनोवायरस टीकों की 10 मिलियन से अधिक खुराक लोगों को दी जा चुकी है। इनमें से 7,226,653 टीके स्वास्थ्य कर्मचारियों को लगाए जा चुका हैं।

अपने रोजाना की ब्रीफिंग में मंत्रालय ने कहा कि पहले चरण में 6,352,713 लाभार्थियों का टीकाकरण किया गया,  जबकि दूसरे चरण में यह आंकड़ा 873,940 तक पहुंच गया था और 20 फरवरी की शाम 6 बजे तक कुल 10,838,323 लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है।

स्वास्थ्य मंत्रालय बताया कि फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए 20 फरवरी तक कुल 3,611,670 लोगों का टीकाकरण किया गया है। संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम के बाद, भारत कोरोना के टीकाकरण के मामले में तीसरे स्थान पर है।

आपको बता दें कि देश में 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था और तब से देश में यह प्रक्रिया दुनिया में सबसे तेज गति से चल रही है। 13 फरवरी को कोविड-19 टीकाकरण की दूसरी खुराक उन लाभार्थियों के लिए शुरू हुई, जिन्होंने पहली खुराक प्राप्त करने के 28 दिन पूरे कर लिए थे। वहीं फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण 2 फरवरी से शुरू हुआ था।

भारत के ड्रग्स नियामक निकाय ने दो टीकों को मंजूरी दी है। इनमें से पहली वैक्सीन पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा निर्मित और एस्ट्राजेनेका एवं ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित ‘कोविशिल्ड’ है। वहीं दूसरी हैदराबाद के भारत बायोटेक द्वारा विकसित और इंडियन मेडिकल काउंसिल ऑफ रिसर्च (ICMR) एवं नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के सहयोग से बनी ‘कोवैक्सीन’ है।

इसी बीच केरल और महाराष्ट्र सहित देश के कई राज्यों में हफ्ते भर में कोरोनो वायरस के मामलों में वृद्धि देखी गई है। इनमें से कुछ जगहों पर रोजाना संक्रमण के मामलों में एक साथ तेजी देखने को मिली है। वहीं मामलों में यह वृद्धि वायरस में नए म्यूटेशन के डर को भी बढ़ा रही है। बताया जा रहा है कि करेल और महाराष्ट्र के अलावा पंजाब और मध्य प्रदेश में भी कोविड के मामले तेजी से बढ़े हैं।

 

 

34 दिनों में 1 करोड़ लोगों को लगी वैक्सीन, अमेरिका के बाद भारत में सबसे तेज टीकाकरण

भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान जारी है। सबसे तेज टीका लगाने के मामले में भारत दुनियाभर में अमेरिका के बाद दूसरा देश है। भारत में एक करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन लग चुकी है और सबसे खास बात यह है कि भारत ने यह आंकड़ा महज 34 दिनों में पार किया है। शुक्रवार तक देश में एक करोड़ से ज्यादा लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है और पूरी दुनिया में ऐसा करने वाला भारत दूसरा देश है। इससे पहले अमेरिका 31 दिनों में एक करोड़ लोगों को टीका लगा चुका है। भारत ने ये आंकड़ा 34 दिनों में पूरा किया है।

भारत ने 16 जनवरी को कोरोना से लड़ने के लिए लोगों को टीका लगाना शुरू कर दिया था और कुछ हफ्तों के लिए सबसे तेज गति से खुराक का प्रबंध भी किया था। लेकिन कुछ लोगों में संकोच होने और  कुछ तकनीकी खराबी के कारण गति धीमी पड़ गई और अमेरिका आगे निकल गया।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा, “भारत ने अपने स्वास्थ्य कर्मचारियों और फ्रंटलाइन श्रमिकों को कोविड -19 वैक्सीन की 1 करोड़ से अधिक खुराक दी है। यह 34 दिनों में किया गया है, पूरी दुनिया में ऐसा करने वाला भारत दूसरा देश है।

सरकार के अनंतिम आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार शाम तक 1.04 करोड़ लोगों को टीका लगाया गया। लेकिन सभी स्वास्थ्य कर्मियों ने साइन अप नहीं किया है, सरकार ने उन्हें नए सिरे से अपील करने के लिए कहा है, एक दिन पहले विंडो बंद करने का मतलब है। “दोनों टीके सुरक्षित और प्रतिरक्षात्मक हैं।

डॉ हर्षवर्धन ने कहा, “पूरे देश में टीकाकरण के बाद कोई भी गंभीर घटना नहीं देखी गई है, टीकाकरण से किसी की मौत नहीं हुई है। मै सभी हेल्थ प्रोफेशनल्स से अनुरोध करूंगा कि वो टीका लगवाएं।”

बारह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने को-विन ऐप पर रजिस्टर्ड सभी स्वास्थ्य कर्मियों का 75% से अधिक लोगों का टीकाकरण किया है। सूची में टॉप पर 84.7% के साथ बिहार है, इसके बाद 82.9% के साथ त्रिपुरा और 81.8% के साथ ओडिशा है। राष्ट्रीय राजधानी, हालांकि, 50% से कम वैक्सीन कवरेज वाले सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सूची में है।

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे राष्ट्र को संबोधित, यहां देखें सीधा प्रसारण और समय;

नई दिल्ली। हमेशा की तरह इस बार भी गणतंत्र दिवस से ठीक एक दिन पहले यानी आज शाम 7 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राष्ट्र को संबोधित करेंगे। इस बार देश 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। राष्ट्रपति का संबोधन दूरदर्शन के सभी चैनलों और ऑल इंडिया रोडिया पर हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में प्रसारण किया जायेगा। इतना ही नहीं दूरदर्शन के क्षेत्रीय चैनलों पर क्षेत्रीय भाषाओं में रात 9.30 बजे राष्ट्रपति का संबोधन टेलीकास्ट किया जायेगा। बता दें कि कोरोना महामारी के चलते इस बार गणतंत्र दिवस का आयोजन अलग तरह से किया जायेगा।

गौरतलब है कि 71वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ने संवैधानिक आदर्शों और महात्मा गांधी की शिक्षाओं के साथ देश की सेना की भी प्रशंसा की। उन्होंने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) के प्रति अपना समर्थन भी दिया और कहा, ‘सरकार की प्रत्येक नीति राष्ट्र-प्रथम के तहत आती हैं। GST के आने के साथ, एक देश, एक कर, एक बाजार’ के हमारे दृष्टिकोण को हमने महसूस किया है।’

सेना के लिए उन्होंने कहा, ‘देश की सेनाओं, अर्धसैनिक बलों और आंतरिक सुरक्षा बलों की मैं मुक्त-कंठ से प्रशंसा करता हूं। देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने में उनका बलिदान, अद्वितीय साहस और अनुशासन की अमर गाथाएं पेश करता है।’ उन्होंने किसानों, शिक्षकों व डॉक्टरों के योगदान का भी जिक्र किया।

देश में शुरु हुआ वैक्सीनेशन का कार्यक्रम, AIIMS के डायरेक्टर गुलेरिया ने लगवाया कोरोना का टीका

नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण आज से पूरे देश में शुरू हो गया है। वैक्सीन को लेकर फैलाई जा रही सभी आशंकाओं, अफवाहों और भ्रम पर अब रोक लग चुकी है, क्योंकि दिल्ली के एम्स डॉयरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने खुद कोरोना की वैक्सीन की खुराक ले ली है। पीएम मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश में वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरुआत कर दी है। दिल्ली के एम्स में कोरोना वायरस का पहला टीका लगाया जा चुका है।

बता दें कि डॉक्टर गुलेरिया देश के टॉप चिकित्सा विशेषज्ञ हैं और वैक्सीन लगवाकर इससे जुड़ी सभी तरह की आशंकाओं को निराधार साबित कर दिया है। वहीं दिल्ली के एस्म के एक सैनिटेशन कर्मचारी को वैक्सीन का पहला टीका लगाया गया। बता दें कि डॉ रणदीप गुलेरिया वैक्सीन लेने वाले तीसरे व्यक्ति बन गए हैं। वहीं डॉ. गुलेरिया ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की मौजूदगी में वैक्सीन लगवाई।

कोरोना टीका लगने के बाद बोले गुलेरिया

एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि हमने दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया है और हमें पूरा विश्वास है कि यह एक सुगम कार्यक्रम होगा और हम बहुत बड़ी संख्या में लोगों का टीकाकरण कर सकेंगे। यह अंत की शुरुआत है जहां तक ​​महामारी का संबंध है। उन्होंने कहा कि मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि टीका सुरक्षित है। यह प्रभावोत्पादक है। हमें बड़ी संख्या में लोगों का टीकाकरण करना है और इसलिए हम बहुत अधिक अस्थिर नहीं हो सकते हैं। हमें अपने शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों और नियामक अधिकारियों में विश्वास होना चाहिए।

AIIMS में लगी पहली वैक्सीन

दिल्ली स्थित एम्स से देश में टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गई। देश में सबसे पहला टीका एम्स के सैनिटेशन डिपार्टमेंट के एक कर्मचारी मनीष कुमार को लगाया गया। इसके साथ ही मनीष कुमार कोरोना का वैक्सीन लेने वाले देश के पहले नागरिक बन गए हैं।