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शार्टेज के बीच सांसद रविकिशन ने कराया टीकाकरण, कहा- अफवाहों पर ध्‍यान ना दें, कल आ जाएगी एक लाख डोज

गोरखपुर। भाजपा के स्‍टार प्रचारक और गोरखपुर के सांसद रविकिशन शुक्रवार को जिला चिकित्‍सालय में कोरोना का टीका लगवाने के लिए पहुंचे। हालांकि रविकिशन को तो टीका लग गया लेकिन, इसके पहले ही टीके की शार्टेज हो गई। रविकिशन ने लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं, कल एक लाख वैक्‍सीन की डोज आ जाएगी।

सांसद रवि किशन शुक्ला शुक्रवार को गोरखपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस जिला चिकित्सालय पहुंचे। जहां उन्होंने कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लिया। इस दौरान लोगों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि जब पहली बार कोरोना संक्रमण फैला तो उस समय हमारे पास किसी तरह की कोई सुविधा नहीं थी। वेंटिलेटर और वैक्सीन नहीं थी। लोग जागरुक नहीं थे लेकिन, उसके बावजूद भी हम लोगों ने पहले चरण में कोरोना को मात दी।

रविकिशन ने कहा कि फिर से कोरोना का संक्रमण फैलने लगा है। आज हमारे पास स्वदेशी वैक्सीन है। वेंटिलेटर समेत सारी सुविधाएं हैं। इसलिए अब दूसरों के कहने पर उनके बहकावे में न जाएं, रजिस्ट्रेशन कराएं और अपनी बारी का इंतजार करें।

वहीं, कोरोना वैक्सीन शार्टेज को लेकर पूछे गए सवालों के जवाव में रवि किशन ने कहा कि यहां पर मैं आया हूं। वैक्सीन की कमी नहीं होने दूंगा। वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में है, जो आई थी वह खत्म हो गई, कल वैक्सीन की एक लाख डोज आ जाएगी। हमारे पास वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में है। आप लोग अपनी बारी का इंतजार करें और शांतिपूर्ण तरीके से आकर कोरोना की वैक्सीन लगवाएं अफवाहों पर ना ध्यान दें।

वहीं, जिला चिकित्सालय में वैक्सीनेशन कराने गई गीता श्रीवास्‍तव ने बताया कि वो जिला चिकित्‍सालय में टीका लगवाने के लिए आईं हैं। काफी देर से वो लाइन में खड़ी थीं। लेकिन, नंबर आने के पहले ही पता चला कि वैक्‍सीन खत्‍म हो गई है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बड़ा ऐलान, बिहार में सभी को मुफ्त में लगेगा कोरोना का टीका

बिहार। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को अपने जन्मदिन पर घोषणा की है कि राज्य में सभी को कोरोना वैक्सीन का टीका मुफ्त में लगाया जाएगा। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि पूरे बिहार में मुफ्त में कोरोना वैक्सीनेशन किया जाएगा। यहां तक कि निजी अस्पतालों में भी यह सुविधा मुफ्त रहेगी।

उन्होंने कहा कि 50 निजी अस्पतालों में टीका लगवाने का अधिकतम सेवा शुल्क 100 रुपये और टीका का अधिकतम मूल्य 150 रुपये होगा। यह कुल 250 रुपये प्रति टीका की राशि राज्य सरकार वहन करेगी। कोरोना के निशुल्क टीकाकरण का निर्णय नवंबर 2020 की राज्य कैबिनेट की बैठक में हुआ था।

बता दें कि टीकाकरण के लिए निजी अस्पतालों के चयन के लिए चार मानक निर्धारित किये गये हैं। इनमें वैक्सीनेटर की उपलब्धता, कोल्डचेन सुविधा, रजिस्ट्रेशन व टीकाकरण के लिए पर्याप्त जगह सहित टीकाकरण के बाद 30 मिनट तक सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करते हुए किसी भी आंशिक प्रभाव का परखने की सुविधा शामिल है। मानकों पर खरा उतरने पर फिलहाल 50 अस्पतालों का चयन हुआ है। उनका भौतिक सत्यापन चल रहा है।

 

सीरम की कोरोना वैक्सीन को WHO ने दी हरी झंडी, दुनियाभर में आपातकालीन उपयोग की मंजूरी

दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के कोरोना टीके को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी प्रदान की है। पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने इस टीके को कोविशील्ड के नाम से तैयार किया है। इस मंजूरी के बाद महामारी से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र की सहायता से दुनियाभर के देशों में वैक्सीन की लाखों डोज पहुंच सकेंगी।

संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने एक बयान में कहा कि उसने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया और दक्षिण कोरिया की एस्ट्राजेनेका-एसकेबायो द्वारा बनाए जा रहे एस्ट्रोजेनेका टीके को आपातकालीन मंजूरी प्रदान की है। डब्ल्यूएचओ द्वारा एस्ट्राजेनेका के कोरोना टीके को हरी झंडी मिलने के साथ ही गरीब देशों में भी इसकी खुराक पहुंचना सुनिश्चित हो पाएगा।

पिछले हफ्ते डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञ समूह ने 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए एस्ट्राजेनेका टीके के इस्तेमाल की सिफारिश की थी। हालांकि, डब्ल्यूएचओ वैक्सीन को अनुमोदित या विनियमित नहीं करता है, लेकिन जिन विकासशील देशों में दवा नियामक व्यवस्था मजबूत नहीं है, उनके लिए वह वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभाव का आकलन करता है।

एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन को पहले से ही ब्रिटेन, भारत, अर्जेंटीना और मैक्सिको सहित 50 से अधिक देशों में आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है। यह टीका काफी सस्ता है और इसे रखना भी आसान है। डब्लूएचओ फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को पहले ही मंजूरी दे चुका है। स्टोरेज इस वैक्सीन की सबसे बड़ी दिक्कत है। इसे स्टोर करने के लिए बेहद ही कम तापमान में रखने की आवश्यकता होती है।गरीब और विकाशील देशों में ऐसे कोल्ड स्टोरेज की उपलब्धता नहीं है।

16 जनवरी को पहले चरण में शामिल हुए स्वास्थ्य कर्मियों को आज दी जा रही है वैक्सीन की दूसरी खुराक

नई दिल्ली। 16 जनवरी को विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के पहले चरण में शामिल हुए स्वास्थ्य कर्मियों को आज कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी खुराक दी जा रही है। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने कहा है कि देश के 55 प्रतिशत से अधिक स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों को कोविड टीकाकरण की पहली खुराक दी जा चुकी है।

लोकसभा में स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को इस महीने की दो तारीख से कोविड टीका देना शुरू कर दिया गया है। उन्‍होंने बताया कि स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों तथा अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को टीका देने के बाद अन्‍य श्रेणियों के लोगों को कोविड टीका लगाने पर राष्‍ट्रीय विशेषज्ञ दल फैसला लेगा।

डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि कोविड के दो टीके 28 दिन के अन्‍तराल पर लगाये जाते हैं। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने बताया कि कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के संचालन के लिए राज्‍यों और केन्‍द्रशासित प्रदेशों को 480 करोड रुपये की धनराशि आवंटित की गई है। झारखंड में लगभग दो लाख एक हजार 862 स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को कोविड टीका लगाया गया है। हमारी संवाददाता ने बताया है कि जिन लोगों का टीकाकरण पहले किया जा चुका है उन्‍हें आज दूसरे चरण का टीका लगाया जाएगा।

सबसे अधिक टीकाकरण दर्ज करने वाले शीर्ष दस राज्यों में झारखंड भी शामिल हो गया है। राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार झारखंड में अबतक 58 प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। एनएचएम के अभियान के निदेशक रविशंकर शुक्ला ने आकाशवाणी समाचार को बताया कि 16 जनवरी को पहली खुराक के साथ कोविड टीका लगाने वाले लाभार्थियों को कोविड वैक्सीन की दूसरी खुराक देने की शुरुआत आज से राज्य में की जाएगी।

 

टीकाकरण में भारत सबसे आगे, जानें कहां कितने लोगों को लगी वैक्सीन

दिल्ली। देश में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान रिकॉर्ड रफ्तार से जारी है। भारत ने सबसे कम समय में 70 लाख लोगों को टीका लगाने के मामले में दुनिया के सभी देशों को पीछे छोड़ दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि  कुल 74,30,866 लोगों को टीका लग चुका है। 70 लाख का आंकड़ा पार करने में देश को केवल 26 दिन लगे जबकि अमेरिका और ब्रिटेन ने इससे ज्यादा समय में इतने लोगों का टीका लगाया।

देश में 16 जनवरी को टीकाकरण शुरू हुआ था। टीकाकरण के 27वें दिन गुरुवार को 4,13,752 लोगों का टीकाकरण किया गया। इसी के साथ देश में टीका लगवाने वालों की संख्या 74.3 लाख से अधिक हो गई। इसमें 57,90,832 स्वास्थ्यकर्मी और 16,40,034 अग्रिम पंक्ति के कर्मी शामिल हैं। अब तक सात राज्यों में लक्ष्य के मुकाबले केवल 40% को ही टीका लगा है, जबकि 13 राज्यों में तय लक्ष्य का 65 प्रतिशत से अधिक टीकाकरण हो चुका है।

उत्तरप्रदेश- गुजरात आगे 
राज्य –कुल खुराक
उत्तर प्रदेश — 673542
गुजरात — 605,494
केरल — 325,079
हिमाचल प्रदेश – 63,237
उत्तराखंड — 89,638
ओड़िशा — 351,058
दिल्ली — 137,885
चंड़ीगढ़ — 212,480
कर्नाटक — 461,478
हरियाणा — 183,529
तेलंगाना — 248,578

ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन को WHO की हरी झंडी,कोरोना के नए वैरिएंट पर भी है असरदार

दिल्ली।भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में अब तक कारगर साबित हुए ऑक्सफ़ोर्ड की कोविड-19 वैक्सीन को अब दुनिया ने भी सलाम कर दिया है।ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंजूरी दे दी है।

डब्ल्यूएचओ के एक्सपर्ट्स ने इस वैक्सीन पर उठ रहे सभी सवालों-शंकाओं को दूर करते हुए कहा कि 65 साल से अधिक उम्र के लोगों पर इस टीके का इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही इस वैक्सीन का इस्तेमाल वहां भी किया जा सकता है, जहां कोरोना के नए वैरिएंट सामने आए हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्ट्रैटेजिक एडवाइजरी ग्रुप ऑफ एक्सपर्ट्स ने दो खुराक वालीं कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल कब और कैसे किया जाए, इसके लिए एक सिफारिश जारी की है। बता दें कि इस वैक्सीन को अभी डब्ल्यूएचओ की ओर से आपात इस्तेमाल की मंजूरी भी लेनी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से यह घोषणा ऐसे वक्त में आई है, जब वैक्सीन को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह अधिक उम्र के लोगों पर प्रभावी होगा, क्या यह साउथ अफ्रीका में मिले कोरोना के नए स्ट्रेन पर कारगर साबित होगा?

 

 

आज एक और कीर्तिमान रचेगा उत्तर प्रदेश, दो लाख लोगों को लगेकोरोना का टीका

लखनऊ।वैक्सीनेशन के मामले में यूपी एक और कीर्तिमान गढ़ने की तैयारी में है। गुरुवार को प्रदेश के 200 टीकाकरण सत्रों में दो लाख से अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन दी जाएगी। कल के टीकाकरण अभियान में हेल्थ केयर वर्कर्स के साथ फ्रंट लाइन वर्कर्स को भी टीके लगाए जाएंगे।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से यूपी में टीकाकरण के लिए निर्धारित दिन गुरुवार एवं शुक्रवार का यह दूसरा चरण होगा। बीते  गुरुवार एवं शुक्रवार अर्थात 4-व 5 फरवरी को हुए टीकाकरण अभियान में पूरे प्रदेश में 2.45 लाख से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों व फ्रंट लाइन वर्कर का कोविड टीकाकरण किया गया था।

गुरुवार 11 फरवरी को दो लाख से अधिक टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत देर शाम तक व्यापक तैयारियां की गई। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों ने बताया कि पिछले सप्ताह 4 और 5 फरवरी को दो दिवसीय टीकाकरण अभियान में कुल 2,352 टीकाकरण सत्रों का आयोजन किया गया था।

एक दिन में ही दो हजार से अधिक सत्र आयोजित किए जाएंग, जबकि शुक्रवार को होने वाले टीकाकरण के लिए कल लक्ष्य निर्धारित किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि अन्य टीकों की भांति इस टीके के कुछ लाभार्थियों को एक-दो दिन का सामान्य बुखार या अन्य मामूली स्वास्थ्यगत समस्याएं हो सकती हैं, जो स्वतः ही ठीक हो जाती हैं।

पूर्व में हुए टीकाकरण के सभी लाभार्थी अब स्वस्थ हैं। हेल्थ वर्कर और फ्रंट लाइन वर्कर को  इस जानलेवा वैश्विक महामारी से बचाव के लिए अपनी बारी आने पर अपना टीकाकरण अवश्य कराना चाहिए। टीकाकरण संबंधी किसी भी समस्या के लिए राज्य हेल्पलाइन नम्बर- 104 और राष्ट्रीय हेल्पलाइन नम्बर-1075 पर सम्पर्क किया जा सकता है।

वैक्सीन को लेकर पूरी दुनिया में भारत का डंका, देश में अभी सात और कोरोना टीकों पर चल रहा काम

दिल्ली।भारत में अब टीकाकरण के जरिए कोरोना वायरस के खिलाफ जंग जारी है। देश में फिलहाल, दो वैक्सीन- कोविशील्ड और कोवैक्सीन से टीकाकरण अभियान तेज गति से जारी है। सिर्फ देश ही नहीं, बल्कि भारत की मदद से कई देशों में इन टीकों के जरिए टीकाकरण हो रहा है।

भारत ने संकट काल में जिस तरह से पड़ोसी देशों और गरीब देशों की वैक्सीन देकर मदद की है, इसकी वजह से पूरी दुनिया में भारत की जयजयकार हो रही है। हालांकि, भारत का पूरी दुनिया में और डंका तब बजेगा, जब सात और वैक्सीन बनकर तैयार हो जाएंगी। दरअसल, भारत में अभी सात और नए टीकों पर काम हो रहा है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शनिवार को कहा कि देश कोरोना के सात और नए टीके विकसित कर रहा है। सभी लोगों को टीका लगाने की दिशा में काम जारी है। उन्होंने कहा कि टीके को खुले बाजार में उतारने की केंद्र सरकार की फिलहाल कोई योजना नहीं है, इसका फैसला परिस्थिति के अनुसार किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को कोविड-19 का टीका लगाने का काम मार्च से शुरू होगा। उन्होंने कहा-हम सिर्फ दो टीकों पर निर्भर नहीं हैं, क्योंकि देश सात और स्वदेशी टीके विकसित करने पर काम कर रहा है, भारत विशाल देश है और सभी तक पहुंचने के लिए हमें और अनुसंधान की जरूरत है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सात नए टीकों में से तीन टीके परीक्षण के चरण में, दो टीके प्री-क्लिनिकल चरण में, एक फेज-1 और एक अन्य फेज-2 के परीक्षण के चरण में है। उन्होंने कहा कि फिलहाल कोरोना टीका आपात स्थिति के आधार पर लगाया जा रहा है, पूरी निगरानी तथा नियंत्रित तरीके से टीकाकरण किया जा रहा है। मंत्री के मुताबिक अगर टीके को खुले बाजार में उतार दिया जाए तो उनपर कोई नियंत्रण नहीं रह जाएगा।

वहीं, भारत में आम जनता के लिए कोरोना वायरस की वैक्सीन आधे मार्च के बाद किसी भी समय उपलब्ध हो सकती है। हर्षवर्धन ने संसद में बताया कि इस चरण में 50 साल से अधिक वायु वाले लोग शामिल होंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि 50 साल से अधिक आयु वर्ग वालों को कोरोना वायरस का ज्यादा खतरा रहता है।

बता दें कि भारत में कोरोना वायरस वैक्सीनेशन की शुरुआत इस साल 16 जनवरी को हुई थी। तब से लेकर फरवरी के पहले सप्ताह तक स्वास्थ्य कर्मी, पुलिस और फ्रंट लाइन वर्करों को वैक्सीन लगाई जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने संसद में बताया कि वैक्सीनेशन के पहले चरण में सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों के लगभग एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया था, जो कि काफी तेजी से आगे भी बढ़ रहा है।

लखनऊ में सारे रिकार्ड टूटे ,70 प्रतिशत लोगो ने लगवाई कोरोना वैक्सीन

उत्तर प्रदेश। लखनऊ में कोरोना वैक्सीनेशन ने रफ्तार पकड़ ली है। शुक्रवार को 70.47 फीसदी लाभार्थियों ने वैक्सीन लगवाई। इनमें 72.94 फीसदी हेल्थ वर्कर शामिल थे। जबकि फ्रंट लाइन वर्कर में भी गजब का उत्साह देखने को मिला।

वैक्सीन लगवाने वालों की शाम तक लाइन लगी रही। यहां 64.30 फीसदी फ्रंट लाइन वर्कर ने टीका लगवाया। कुल 9196 लाभार्थियों को वैक्सीन लगनी थी। इनमें 6481 ने वैक्सीन लगाई। टीकाकरण का यह आंकड़ा सबसे ज्यादा रहा। इससे स्वास्थ्य विभाग के अफसर काफी उत्साहित दिखे।

लखनऊ के 21 अस्पतालों में 76 बूथ बनाए गए। स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बूथ 55 बूथ बनाए गए। पहली बार फ्रंट लाइन वर्कर का टीकाकरण शुरू हुआ। पहले चरण के छठे चक्र में अब तक के सारे रिकार्ड टूट गए।

सुबह नौ से शाम पांच बजे तक टीकाकरण हुआ। इनके लिए 21 बूथ बनाए गए। 6571 हेल्थ वर्कर के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया था। इनमें 4793 हेल्थ वर्कर ने वैक्सीन लगवाई। अब तक 32256 हेल्थ वर्कर वैक्सीन लगवा चुके हैं। वहीं 2625 फ्रंटलाइन वर्करों का टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया। इनमें 1688 फ्रंट लाइन वर्कर ने वैक्सीन लगवाई। कुल 45 हजार फ्रंटलाइन वर्कर को टीका लगना है।

कंगाल हुआ पाकिस्तान, India की खैरात से पाकिस्तानियों का होगा इलाज

देर से ही सही लेकिन पाकिस्तान में भी अब कोरोना वैक्सीनेशन का रास्ता साफ होता जा रहा है। पाकिस्तान की इमरान सरकार अभी तक कोरोना टीके का एक भी डोज खरीद तो नहीं पाई है। लेकिन चीन ने उसे 5 लाख डोज मुफ्त में दे दिए हैं।

जिसे लाने के लिए पाकिस्तान से विमान भेजा गया है। चीनी डोज के पाकिस्तान पहुंचने से पहले पाकिस्तान उस समय गदगद हो गया जब उसके लिए 1 करोड़ 70 लाख भारतीय कोरोना वैक्सीन मुफ्त मिलने का रास्ता साफ हो गया। उसे कोवाक्स प्रोग्राम के तहत ये खैरात मिलने जा रही है।