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पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान ममता बनर्जी ने की बंगाल के लिए और वैक्‍सीन की मांग

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। मुलाकात के बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री से मुलाकात की ये सौजन्य भेंट है। हमें और वैक्सीन मिले इसके लिए प्रधानमंत्री से बात की।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। मुलाकात के बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री से मुलाकात की, ये सौजन्य भेंट है। हमें और वैक्सीन मिले इसके लिए प्रधानमंत्री से बात की। हमारे राज्य को आबादी के हिसाब से दूसरे राज्यों से बहुत कम वैक्सीन मिली है। बंगाल राज्य का नाम बदलने को लेकर मैंने प्रधानमंत्री से चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि वो इसे देखेंगे। उन्‍होंने कहा कि मैं चाहती हूं कि पेगासस पर प्रधानमंत्री सर्वदलीय बैठक बुलाएं। सुप्रीम कोर्ट से इसकी जांच होनी चाहिए।

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देहरादून - ONLINE देहव्यापार का किया गया भंडाफोड़ | ६ युवतियाँ और १३ आरोपी गिरफ्तार | Aaryaa News

बंगाल फतह करने व पांच मई को लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के ममता बनर्जी का यह पहला दिल्ली दौरा है। उनकी यात्रा संसद के मानसून सत्र के साथ हुई है, जिसमें विपक्षी दल पेगासस स्पाइवेयर के माध्यम से जासूसी के आरोपों, महंगाई और तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने सहित कई मुद्दों पर विरोध कर रहे हैं। ममता बनर्जी 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा को केंद्र की सत्ता से उखाड़ फेंकने और विरोधी दलों को एकजुट करने की मंशा से सोमवार शाम को दिल्ली पहुंची हैं।

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इससे पहले दिन में मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख से मुलाकात की। आनंद शर्मा ने कहा कि मेरे और ममता बनर्जी के राजनीतिक के साथ व्यक्तिगत संबंध भी हैं। बंगाल चुनाव में बंपर जीत के बाद वो पहली बार दिल्ली आई हैं इसलिए मैं उनके निमंत्रण पर मिलने आया।

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26 से 30 जुलाई तक दिल्ली दौरे के दौरान ममता के कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार समेत विपक्ष के सभी प्रमुख नेताओं से मुलाकात का कार्यक्रम है। बुधवार को सोनिया गांधी से मुलाकात का कार्यक्रम है। ममता संसद भवन भी जाएंगी, जहां मानसून सत्र चल रहा है। जानकारी के मुताबिक 28 जुलाई को उनके संसद भवन जाने का कार्यक्रम है। यहां वह कई नेताओं से मुलाकात करेंगी। ममता 30 जुलाई को कोलकाता लौटेंगी।

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क्या आप लगवाएंगे कोरोना का टीका? जवाब सुनकर आपको भी आ जायेगी हंसी!

नई दिल्ली। देश में दूसरे चरण का वैक्सीनेशन का काम शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोरोना वायरस की पहली खुराक ले ही है, लेकिन इन सब के बीच विपक्ष वैक्सीन को लेकर पूरी तरह से विरोध करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। हर दिन विपक्ष नए-नए बहाने विरोध करने लिए अजमाता है। सोमवार को कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से जब पूछा किसी मीडिया वाले ने कि क्या वह कोरोना का टीका लगवाएंगे? सवाल के जवाब में खड़गे ने इतना बचकाना जवाब दिया कि सुनकर आपको भी हंसी आ जायेगी।

दरअसल, आज से पूरे देश में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान का दूसरा चरण शुरू हो गया है। इस अभियान के तहत आमजमों में 60 साल से अधिक और 45 साल से ज्यादा उम्र के गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को कोरोना वैक्सीन की खुराक दी जायेगी।

वरिष्‍ठ कांग्रेसी नेता और राज्‍यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से पूछा गया कि अब 60 साल से ऊपर के सभी लोग कोरोना वायरस की वैक्‍सीन लगवा सकते हैं। ऐसे में आप कब वैक्‍सीन लगवाने जा रहे हैं? इस पर खड़गे ने कहा, ‘देखिए, मेरी उम्र 70 वर्ष से ज्‍यादा हो गई है। मेरी जिंदगी के अब कुछ ही साल बचे हैं। आपको ये (कोविड-19 वैक्‍सीन) युवा लोगों को देनी चाहिए, जिन्‍हें अभी बहुत लंबा जीवन व्‍य‍तीत करना है। मेरा क्‍या है, मैं तो 10-15 साल और जिंदा रहूंगा।’

मल्लिकार्जुन खड़गे बेहद समझदार हैं, तो उनको ये भी जरूर पता होता कि समाज के प्रतिष्ठित लोगों का लाखों लोग अनुसरण करते हैं। अगर ऐसे लोग किसी काम की आगे बढ़कर पहल करते हैं, तो उनके समर्थक और चाहनेवाले भी वो काम करने के लिए आगे आते हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि देश से कोरोना महामारी के मुद्दे पर भी विपक्ष के नेता राजनीति करना चाहते हैं। इसलिए टीकाकरण को लेकर ऐसे बचकाने बहाने ढूंढ रहे हैं।

इधर, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कोरोना वैक्‍सीन लगवाने के सवाल पर कहा, ‘कोरोना वायरस वैक्‍सीन को लेकर अब कोई भ्रम नहीं होना चाहिए। कुछ लोग जो सवाल कर रहे थे कि मोदी जी टीका कब लगवाएंगे, उन लोगों को मोदी जी ने आज जवाब दिया है। मैं आज विपक्ष के लोगों से एक अपील करूंगा, अगर कोरोना की लड़ाई में देश एक हो सकता है, तो क्या हम लोग एक नहीं हो सकते।’ साथ ही उन्‍होंने कहा कि पीएम मोदी ने साफ-साफ कहा था कि पहले कोरोना वॉरियर्स को टीका लगाया जाएगा और उसके बाद आम लोगों की बारी आएगी। मैं अपनी बारी आने का इंतजार कर रहा हूं। हम मंत्रियों ने निर्णय लिया है कि सरकारी खाते से नहीं पैसे देकर वैक्‍सीन लगवाएंगे।

1 मार्च से निजी अस्पतालों में शुरू होगा कोरोना का टीकाकरण, जानें कितने रूपये में लगेगा टीका?

नई दिल्ली। देश में तेजी के साथ कोरोना का टीकाकरण किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने कोरोना वैक्सीन की एक डोज की कीमत भी तय कर दी है, जो कि यह 250 रुपये की है और दोनों डोज को मिलाकर इसकी कीमत 500 रुपये हो जाती है। यह कीमत निजी अस्पताल में लगाई जा रही वैक्सीन के लिए तय की गई है। जो कि 60 साल से ज्यादा के बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को लगेगा। वैक्सीन की कीमत को लेकर सरकार जल्द ही एलान कर सकती है।

इसी को लेकर गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने अधिक जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना वैक्सीन की कीमत प्राइवेट अस्पतालों में 250 रुपये होगी और इसे राज्य भर के सरकारी अस्पतालों में मुफ्त प्रदान किया जाएगा।

1 मार्च से निजी अस्पतालों में होगा टीकाकरण

एक मार्च से शुरू हो रहे कोरोना टीकाकरण के दूसर चरण में सरकारी हेल्‍थ सेंटर्स के साथ-साथ निजी अस्‍पतालों को भी शामिल किया गया है। यानी आपके पास अपनी पसंद के सेंटर पर टीका लगवाने का विकल्‍प होगा। पात्र लोगों का वैक्सीन लगवाने के लिए मौके पर ही पंजीकरण किया जाएगा। इसके लिए उन्हें ऐसी आईडी साथ में लानी होगी। जिसमें जन्म तिथि लिखी हो। आधार कार्ड के साथ ही मतदाता पहचान पत्र या अन्य आईडी से वैक्सीन लगाई जाएगी।

वैक्सीन मिलने के बाद अब जल्द ही भारत को मिलेगी कोरोना की पहली दवा, दूसरा क्लीनिकल ट्रायल पूरा

नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वैक्सीन आने के बाद अब दुनिया को इस महामारी के खिलाफ पहली दवा मिलने की भी उम्मीद बढ़ गई है। पीएनबी वेस्पर लाइफ साइंसेज ने अपनी कोरोना की दवा पीएनबी-001 के दूसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल पूरा कर लिया है। कंपनी ने कहा है कि वह जल्द ही सरकार से इसके इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मांगेगी।

कोच्चि स्थित इस कंपनी की प्रयोगशाला इंग्लैंड में है। भारतीय दवा महानियंत्रक (DCGI) ने पिछले साल सितंबर में कंपनी को जीपीपी-बालाडोल के दूसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल शुरू करने की मंजूरी दी थी। कंपनी से ऑक्सीजन सपोर्ट वाले मध्यम स्तर के संक्रमण के मरीजों पर ट्रायल करने को कहा गया था।

कंपनी ने सोमवार को बताया कि पिछले साल नवंबर में दूसरे चरण का ट्रायल शुरू हुआ था। पुणे स्थित बीजे राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं ससून जनरल अस्पताल और बेंगलुरु स्थित विक्टोरिया मेडिकल कॉलेज एवं रिसर्च इंस्टीट्यूट में 40 मरीजों पर यह परीक्षण किया गया।

कोरोना की दवा का ट्रायल शुरू करने वाली दुनिया की बनी पहली कंपनी

कंपनी के प्रमोटर और सीईओ पीएन बलराम ने कहा, ‘हम सोमवार को ही डीसीजीआइ को क्लीनिकल रिपोर्ट सौंप देंगे।’ उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा स्थापित मानकों और अन्य अंतरराष्ट्रीय क्लीनिकल ट्रायल के समरूप ही इस दवा का परीक्षण किया गया। प्रेट्र ने पिछले साल 11 सितंबर को ही यह खबर दी थी कि पीएनबी वेस्पर को डीसीजीआइ से कोरोना की दवा के दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी मिल गई है। इसके के साथ ही कोच्चि स्थित यह कंपनी नए रासायनिक फॉर्मूले के साथ कोरोना की दवा का ट्रायल शुरू करने वाली दुनिया की पहली कंपनी बन गई थी।

कंपनी ने कहा कि ट्रायल के दौरान मरीजों को दिन में तीन बार जीपीपी-बालाडोल के 100 ग्राम दिए गए। मरीजों में दवा के प्रतिकूल प्रभाव के आकलन और उनकी किडनी, लिवर और प्रमुख अंगों की स्थिति का विश्लेषण कर सुरक्षा की परख की गई। सारे आकलन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा स्थापित मानदंडों के आधार पर किए गए। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में अस्पताल में भर्ती कोरोना के मरीजों की जिंदगी बचाने के लिए जीपीपी-बालाडोल एक विकल्प हो सकती है। बलराम ने कहा कि ट्रायल में शामिल किसी भी मरीज में किसी तरह का गंभीर प्रतिकूल प्रभाव नहीं देखा गया है।

भारत में हुआ 7.2 मिलियन से अधिक हेल्थ वर्कर्स का टीकाकरण

देश में लोगों कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण का काम तेजी से चल रहा है। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि भारत में शनिवार तक कोरोनोवायरस टीकों की 10 मिलियन से अधिक खुराक लोगों को दी जा चुकी है। इनमें से 7,226,653 टीके स्वास्थ्य कर्मचारियों को लगाए जा चुका हैं।

अपने रोजाना की ब्रीफिंग में मंत्रालय ने कहा कि पहले चरण में 6,352,713 लाभार्थियों का टीकाकरण किया गया,  जबकि दूसरे चरण में यह आंकड़ा 873,940 तक पहुंच गया था और 20 फरवरी की शाम 6 बजे तक कुल 10,838,323 लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है।

स्वास्थ्य मंत्रालय बताया कि फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए 20 फरवरी तक कुल 3,611,670 लोगों का टीकाकरण किया गया है। संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम के बाद, भारत कोरोना के टीकाकरण के मामले में तीसरे स्थान पर है।

आपको बता दें कि देश में 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था और तब से देश में यह प्रक्रिया दुनिया में सबसे तेज गति से चल रही है। 13 फरवरी को कोविड-19 टीकाकरण की दूसरी खुराक उन लाभार्थियों के लिए शुरू हुई, जिन्होंने पहली खुराक प्राप्त करने के 28 दिन पूरे कर लिए थे। वहीं फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण 2 फरवरी से शुरू हुआ था।

भारत के ड्रग्स नियामक निकाय ने दो टीकों को मंजूरी दी है। इनमें से पहली वैक्सीन पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा निर्मित और एस्ट्राजेनेका एवं ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित ‘कोविशिल्ड’ है। वहीं दूसरी हैदराबाद के भारत बायोटेक द्वारा विकसित और इंडियन मेडिकल काउंसिल ऑफ रिसर्च (ICMR) एवं नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के सहयोग से बनी ‘कोवैक्सीन’ है।

इसी बीच केरल और महाराष्ट्र सहित देश के कई राज्यों में हफ्ते भर में कोरोनो वायरस के मामलों में वृद्धि देखी गई है। इनमें से कुछ जगहों पर रोजाना संक्रमण के मामलों में एक साथ तेजी देखने को मिली है। वहीं मामलों में यह वृद्धि वायरस में नए म्यूटेशन के डर को भी बढ़ा रही है। बताया जा रहा है कि करेल और महाराष्ट्र के अलावा पंजाब और मध्य प्रदेश में भी कोविड के मामले तेजी से बढ़े हैं।

 

 

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