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सीएम खट्टर के किसान महापंचायत कार्यक्रम से पहले बवाल, रद्द करना पड़ा कार्यक्रम

हरियाणा के करनाल गांव कैमला में होने वाली मुख्यमंत्री मनोहर लाल की किसान महापंचायत में किसानों ने जमकर बवाल मचाया। प्रदर्शनकारी किसानों ने पुलिस को काले झंडे दिखाए। वहीं, जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की तो किसानों ने वहां लगाई गई बैरिकेडिंग तोड़ दी। इसके बाद हरियाणा पुलिस को एक्शन में आना पड़ा और प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और प्रदर्शन कर रहे किसानों पर वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया।

ऐसे में इन हालातों को देखते हुए मुख्यमंत्री की किसान महापंचायत को भी रद्द करना पड़ा और मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर कैमला गांव में नहीं उतरा।

बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के नेता लगातार कृषि कानूनों का समर्थन कर रहे किसानों के साथ बैठक कर रहे हैं। इसी क्रम में आज हरियाणा के करनाल में किसानों की पंचायत बुलाई गई थी, जिसमें प्रदेश के सीएम मनोहर लाल खट्टर भी शामिल होने वाले थे।

किसान आंदोलनः क्या 9वें दौर की बातचीत में सुलझेगा किसानों का मुद्दा? शो में हुई जमकर बहस-बाजी

सरकार और कृषि बिल के खिलाफ किसान आंदोलन लगातार विशाल रूप लेता जा रहा है। कहीं ट्रैक्टर रैली निकाली जा रही है तो कहीं 26 जनवरी को निकाले जाने वाली ट्रैक्टर परेड की रिहर्सल की जा रही है। जिसके लिए घर-घर जाकर लोगों को जागरुक करने का काम भी किया जा रहा है और आज की रैली के लिए महिलाओं का बड़ा जत्था भी ट्रैक्टर पर सवार होकर टिकरी बॉर्डर पहुंचा। वहीं रैली को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार 133 करोड़ लोगों की आवाज सुने बिना विभिन्न षड्यंत्रों को अपना रही है। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए किसान संगठनों के साथ बातचीत चल रही है और दूसरी तरफ केंद्रीय कृषि मंत्री और वाणिज्य मंत्री कह रहे हैं कि देश के किसान संगठन कृषि कानूनों के पक्ष में हैं। ये सरकार का दो तरफा रूप दर्शाता है, तो वहीं इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हम सरकार को चेतावनी देने के लिए यह रैली निकाल रहे हैं। हम मई, 2024 तक आंदोलन के लिए तैयार हैं।

आज इसी मुद्दे पर खास चर्चा देखिए पल्लवी रविंद्र सिंह के साथ

https://youtu.be/-QAeQ_TZTKE

किसानों ने दी ट्रैक्टर रैली की चेतावनी, प्रशासन की हुई हालत टाईट तुरंत बढ़ाई सुरक्षा

पिछले 40 दिनों से केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन दिल्ली की सीमाओं पर जारी हैं। कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच अब तक 7 बैठक हो चुकी है, मगर किसी भी बैठक में कोई निष्कर्ष निकल कर नहीं आया है। सरकार से किसान बिल्कुल संतुष्ट नहीं है, जिसके चलते किसानों ने 6 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने की घोषणा की थी। जिसके बाद प्रशासन टेंशन में आ गया है। किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान कोई ऊंच नीच ना हो जाए यह देखते हुए दिल्ली की सीमाओं पर कड़ी सुरक्षा तैनात कर दी गई है।

जैस-जैसे समय बढ़ रहा है वैसे-वैसे किसानों की संख्या भी बढ़ती जा रही है, जो कि सरकार के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। किसान आंदोलन के चलते सीमाओं के घिर जाने से यातायात में लोगों को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हर कोई हालात के सामान्य होने का इंतजार कर रहा है ।

बता दें, किसानों द्वारा आयोजित की जाने वाली ट्रैक्टर रैली के मद्देनजर ऐसे किसानों पर ध्यान दिया जा रहा है जिनके पास ट्रैक्टर हैं। इन ट्रैक्टरों का इस्तेमाल आंदोलन में न होने पाए इसका खास ख्याल रखा जा रहा है, और निगरानी की जा रही है। बताया जा रहा है की अगर जल्द किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया गया तो किसान आंदोलन 26 जनवरी को अलग रुप धारण करेगा।

आज होगी किसानों और सरकार के बीच अहम बैठक, क्या आज से खत्म हो जाएगा किसान आंदोलन?

दिल्ली को चारो तरफ से घेरे हुए  किसानों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। पिछले तीन दिनों से बारिश होने के कारण ठंड का पारा चढ़ता जा रहा है, मगर किसानों का हौसला टस से मस नहीं हो रहा है।  अपनी मांगो को लेकर किसान लगातार सीमाओं पर डटे हुए हैं।

आज सरकार और किसानों के बीच अहम बैठक होने जा रही हैं।  उम्मीद जताई जा रही है कि शायद इस बैठक में कोई समाधान निकल कर आ जाए, और फिर से दिल्ली अपनी तीव्र गति से आगे बढ़े।

बता दें सरकार कानून वापस लेने को बिल्कुल तैयार नहीं हैं और न ही किसान अपनी मांगों  के पूरा हुए बीना लौटने को तैयार हैं। अब आज क्या फैसला निकल कर आता है इस पर भी रहस्य बना हुआ है।

किसान यूनियनो ने आज की होने वाली बैठक से पहले रविवार को किसान बैठक में आंदोलन को लेकर नई रणनीतियां बनाई, जिसमें यह तय किया गया की सरकार से केवल केंद्र के तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की बात पर ही चर्चा होगी। बता दें सरकार और किसानों की बैठक से पहले आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह 11 बजे नेशनल मेट्रोलॉजी कॉन्क्लेव का  उद्घाटन करेंगे।

सरकार और किसानों के बीच आज होगी खास बैठक, किसानों का अनशन जारी

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देश के अन्नदाता लगातार अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे है। पिछले 34 दिनों से किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। आज किसान आंदोलन के 35 वें दिन यूपी गेट पर तीसरी बार चौधरी नरेश टिकैत के नेतृत्व में महापंचायत आयोजित होगी।

बता दें इस महापंचायत में खाप चौधरियों को भी शामिल किया जा सकता है। उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और अन्य जगहों के हजारों किसान इस महापंचायत में शामिल होंगे। अभी तक दिल्ली में किसानों और सरकार की सभी बैठकों में कोई भी नतीजा नहीं निकल कर आया है। जिसको देखते हुए कही ना कही किसानों का विश्वास सरकार के उपर से डगमगाता नजर आ रहा है। होने वाली महापंचायत में नरेश टिकैत और अन्य चौधरी किसी बड़े निर्णय पर पहुंच सकते है।

एक तरफ महापंचायत का आगाज हो रहा है और दूसरी तरफ आज सुबह आठ बजे से 11 किसानों का एक समूह भूख हड़ताल पर बैठ गया है। साफ तौर पर किसानों का कहना है की अगर आज सरकार के साथ बैठक में कोई नतीजा नहीं निकलता है तो किसानों द्वारा कुछ बड़ा एलान जरूर किया जाएगा। लगातार किसानों का विरोध प्रदर्शन हर दिन एक अलग रुप धारण कर रहा है।

 

देश के किसानों की मांग  कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर गारंटी व स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने की है, जिसको लेकर किसान दिल्ली की सीमाओं पर दिन-रात डटे हुआ है। इतना ही नहीं सीमाओं पर किसानों की संख्या भी बढ़ती जा रही है, अगर जल्द कोई समाधान नहीं निकला तो हालात खराब होने की संभावनाएं भी बढ़ती जा रही है।

किसान आंदोलन का 34वां दिन आजः पटना में किसानों ने निकाला मार्च तो पुलिस ने किया लाठीचार्ज

नई दिल्ली। किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है। केंद्र और किसानों के बीच होने वाली 7वें दौर की वार्ता कल यानी 30 दिसंबर को तय हुई है। इस बीच पटना से लेकर दिल्ली तक किसान सड़क पर उतर आए हैं और नए कृषि काननों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज

पटना में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और लेफ्ट पार्टियों की ओर से राजभवन तक निकाले जा रहे मार्च को पुलिस ने रोक दिया है। इसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया है।

पटना में निकाला मार्च

कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन चल रहा है। पटना में आज अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और लेफ्ट पार्टियों की ओर से मार्च निकाला जा रहा है। यह मार्च राजभवन तक निकाला जाएगा।

शरद पवार से मिले किसान नेता

एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से संयुक्त किसान मोर्चा के महाराष्ट्र से जुड़े किसान नेताओ ने मुलाकात की। ये किसान नेता सिंघु बॉर्डर और पलवल पर प्रदर्शन में शामिल हैं और सरकार के साथ वार्ता में भी हिस्सा ले चुके हैं। किसान नेताओ के मुताबिक, पवार ने किसान नेताओ ने कहा कि अगर 30 तारीख तक हल नहीं निकाला तो तमाम विपक्ष की पार्टियों के साथ बैठक कर किसानों के पक्ष में खड़े रहेंगे।

जवाबी रणनीति पर जुटी केंद्र सरकार

केंद्र सरकार किसान आंदोलन को लेकर जवाबी रणनीति पर जोरशोर से जुटी है। 25 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की और नए कृषि कानूनों पर अपना समर्थन जताया। मोदी सरकार इसके जरिए ये संदेश देने की कोशिश कर रही है कि नए कानूनों पर उसे देशभर के किसानों का समर्थन हासिल है और चंद राज्यों के किसान संगठन ही राजनीतिक शह पर विरोध कर रहे हैं।

आंदोलन का आज 34वां दिन

सरकार का प्रस्ताव मिलने पर किसानों ने साफ कहा है कि वो कानून वापस लेने और स्वामीनाथन रिपोर्ट पर ही चर्चा करेंगे। दरअसल 26 दिसंबर को किसानों ने सरकार को 4 शर्तों पर बातचीत का प्रस्ताव भेजा था, जिसमें पहली शर्त यही है कि तीनों कृषि कानून खारिज करने की प्रक्रिया पर सबसे पहले बात हो। अपनी मांगों के साथ किसान 34वें दिन भी दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हैं।

https://youtu.be/7_e8QaYRS3c

राजनाथ सिंह का विपक्ष पर प्रहार, कहा- अपने निजी फायदे के लिए किसानों को बनाया जा रहा है निशाना

शिमला। हिमाचल सरकार के तीन साल का कार्यकाल पूरा होने पर रविवार को राज्य अतिथि गृह पीटरहाफ में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में नई दिल्ली से केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वर्चुअल माध्यम से जुड़े। इस दौरान अपने संबोधन में रक्षा मंत्री नए कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष पर जमकर हमला बोला।
H और उन्हें अपनी फसल को बेचने में होने वाली समस्याओं का स्थायी समाधान मिला है। लेकिन कांग्रेस किसानों भोले भाले किसानों को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसानों के हितों के साथ लगातार खिलवाड़ कर रही है। कांग्रेस अपने निजी फायदे के लिए किसानों को भ्रमित कर रही है।
इसके अलाव रक्षा मंत्री ने कहा कि जब भी देश में व्यापक सुधार हुए हैं उनका असर दिखने में थोड़ा समय लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि क्षेत्र में सुधार की शुरुआत की है, मैं किसान भाइयों से अपील करता हूं कि कम से कम डेढ़-दो साल इन कृषि सुधारों के असर को देख लीजिए।