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विश्व पर्यावरण दिवस पर बोले PMMODI, 21वीं सदी के भारत को  21वीं सदी की आधुनिक नीतियों से ऊर्जा मिलेगी

पीएम मोदी ने कहा कि अब इथेनॉल, 21वीं सदी के भारत की बड़ी प्राथमिकताओं से जुड़ गया है। इथेनॉल पर फोकस से पर्यावरण के साथ ही एक बेहतर प्रभाव किसानों के जीवन पर भी पड़ रहा है।

WorldEnvironmentDay नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में ई 100 पायलट परियोजना का शुभारंभ किया। साथ ही साल 2020-25 के लिए भारत में एथनॉल मिश्रण की कार्ययोजना पर विशेषज्ञ समिति ​की रिपोर्ट का अनावरण किया।

इस मौके पर अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि अब इथेनॉल 21वीं सदी के भारत की बड़ी प्राथमिकताओं से जुड़ गया है। इथेनॉल पर फोकस से पर्यावरण के साथ ही एक बेहतर प्रभाव किसानों के जीवन पर भी पड़ रहा है। आज हमने पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य को 2025 तक पूरा करने का संकल्प लिया है।

पीएम मोदी ने कहा कि अब इथेनॉल, 21वीं सदी के भारत की बड़ी प्राथमिकताओं से जुड़ गया है। इथेनॉल पर फोकस से पर्यावरण के साथ ही एक बेहतर प्रभाव किसानों के जीवन पर भी पड़ रहा है। आज हमने पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य को 2025 तक पूरा करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के भारत को, 21वीं सदी की आधुनिक सोच, आधुनिक नीतियों से ही ऊर्जा मिलेगी। इसी सोच के साथ हमारी सरकार हर क्षेत्र में निरंतर नीतिगत निर्णय ले रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि क्लाइमेट चेंज की वजह से जो चुनौतियां सामने आ रही हैं, भारत उनके प्रति जागरूक भी है और सक्रियता से काम भी कर रहा है। 6-7 साल में Renewable Energy की हमारी capacity में 250 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। Installed रिन्यूएबल एनर्जी Capacity के मामले में भारत आज दुनिया के टॉप-5 देशों में है।  इसमें भी सौर ऊर्जा की capacity को बीते 6 साल में लगभग 15 गुणा बढ़ाया है।

पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत, दुनिया के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है कि जब पर्यावरण की रक्षा की बात हो, तो जरूरी नहीं कि ऐसा करते हुए विकास के कार्यों को भी अवरुद्ध किया जाए। Economy और Ecology दोनों एक साथ चल सकती हैं, आगे बढ़ सकती हैं, भारत ने यही रास्ता चुना है। आज देश के रेलवे नेटवर्क के एक बड़े हिस्से का बिजलीकरण किया जा चुका है। देश के एयरपोर्ट्स को भी तेज़ी से सोलर पावर आधारित बनाया जा रहा है। 2014 से पहले तक सिर्फ 7 एयरपोर्ट्स में सोलर पावर की सुविधा थी, जबकि आज ये संख्या 50 से ज्यादा हो चुकी है।

इसके अलावा प्रधानमंत्री ने कहा कि जलवायु की रक्षा के लिए, पर्यावरण की रक्षा के लिए हमारे प्रयासों का संगठित होना बहुत ज़रूरी है। देश का एक-एक नागरिक जब जल-वायु और ज़मीन के संतुलन को साधने के लिए एकजुट होकर प्रयास करेगा, तभी हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित पर्यावरण दे पाएंगे।

उन्होंने कहा कि 2014 तक भारत में औसतन सिर्फ 1-1.5 प्रतिशत इथेनॉल की ब्लैंडिंग ही हो पाती थी। आज यह करीब 8.5 प्रतिशत तक पहुंच गया है, बीते साल ही ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने 21,000 करोड़ रुपये का इथेनॉल खरीदा है। वन एवं जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने के लिए जो वैश्विक प्रयास चल रहे हैं, उनमें भारत एक आशा की किरण बनकर उभरा है।

 

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