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क्या सुधर गया पड़ोसी पाकिस्तान? NSA अजीत डोभाल के प्रयास से रिश्ते ठीक होने की जगी आस

भारत-पाकिस्तान सीमा पर संघर्ष विराम की घोषणा अगर वास्तविक रूप में अमल में आई तो इसका सकारात्मक असर दोनो देशों के कूटनीतिक रिश्तों पर भी देखने को मिल सकता है। जानकारों का मानना है कि जम्मू-कश्मीर में 4जी सेवा शुरू होना, भारत की पहल पर बुलाई गई पड़ोसी देशों की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोविड जैसी स्थितियों से निपटने के लिए सुझाये गए उपायों का पाकिस्तान द्वारा समर्थन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के विमान को भारतीय एयर स्पेस के उपयोग की इजाजत देना और अब दो कदम आगे बढ़कर संघर्ष विराम पर परस्पर सहमति इस बात का संकेत है कि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्तों में बहुत कुछ चहलकदमी हो रही है।

जानकारों का कहना है कि भारत ने ताजा घटनाक्रम के बाद पाकिस्तान को लेकर जिस तरह से सधी प्रतिक्रिया दी है उससे संकेत साफ हैं कि रिश्तों को बेहतर करने की पहल पर्दे के पीछे चल रही है। दोनों तरफ से कुछ सद्भावना दिखाने का प्रयास हो रहा है।

सूत्रों ने कहा कि अगर जमीन पर पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का सख्ती से पालन किया और आतंकवाद और घुसपैठ को रोका जा सका तो दोनो देशों के रिश्ते बेहतर बनाने के कुछ और कदम नजर आ सकते हैं।

विदेश मंत्रालय ने संघर्ष विराम के बाद बातचीत की संभावना को लेकर पूछे गए सवाल पर सतर्क बयान दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा है,‘भारत, पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी की तरह रिश्ते चाहता है। अगर कोई भी मुद्दा है तो उन्हें शांतिपूर्ण और द्विपक्षीय तरीके से हल करने को प्रतिबद्ध है। आतंकवाद सहित अन्य मुद्दे पर पूछे गए सवाल पर भारत ने स्पष्ट किया है कि अहम मसलों पर भारत की नीति में कोई बदलाव नहीं है।’

 

चीन की हर चाल पर भारत की नजर, , सेना कर रही हाईटेक निगरानी

पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील इलाके से भारत-चीन की सेनाओं की वापसी के बाद वहां शांति है। हालांकि, भारत की तरफ से इस क्षेत्र की गहन और हाईटेक निगरानी की जा रही है। सेना के सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि फिंगर-3 क्षेत्र, जहां भारतीय सेना अभी तैनात है, वहां ऊंचे स्थानों से दूरबीन और नाइट विजन उपकरणों की मदद से स्थिति पर नजर रखी जा रही है। फिंगर-3 की ऊंची पहाड़ियों से पूरे इलाके पर नजर रखना संभव है। इसके अलावा अत्याधुनिक ड्रोन भी तैनात किए गए हैं, जिनके जरिये पूरे क्षेत्र पर चौबीसों घंटे नजर रखी जा रही है। दोनों देशों की सेनाएं समझौते के तहत ही पीछे हटी हैं, लेकिन भारतीय सेना हर प्रकार से एहतियात बरत रही है।

भारतीय सेना अब फिंगर-3 के निकट धन सिंह थापा पोस्ट के करीब आ चुकी है, जबकि चीनी फौज फिंगर-8 तक पीछे हट चुकी है। फिंगर-1 से फिंगर-8 तक का पूरा इलाका 134 किलोमीटर लंबा है। जो इलाका खाली हुआ है, वह भी तकरीबन सौ किलोमीटर के दायरे में फैला है।

तय समझौते के तहत इस क्षेत्र में अस्थाई तौर पर गश्त स्थगित रखी गई है। भारतीय सेना फिंगर-8 और चीन की सेना फिंगर-4 तक गश्त करती थी। सूत्रों ने कहा कि इसके शुरू होने में अभी लंबा वक्त लग सकता है, क्योंकि पहले टकराव के अन्य बिन्दुओं, जिनमें डेप्सांग (डेपसांग), डेमचौक, हॉट स्प्रिंग और गोगरा शामिल हैं, उन पर सारा ध्यान है। पिछली बैठक में भी इन्हीं पर जोर दिया गया था।

सूत्रों के मुताबिक, हाट स्प्रिंग और गोगरा में सेनाएं पहले ही काफी हद तक पीछे हट चुकी हैं। वहां पर मई से पूर्व की स्थिति बहाल करने में ज्यादा मुश्किल नहीं है। अलबत्ता डेप्सांग और डेमचौके के मुद्दे जटिल हैं। उन्हें सुलझाने में अभी वक्त लग सकता है। सूत्रों ने कहा कि भारत-चीन में अगले कुछ दिनों में 11वें दौर की बैठक हो सकती है। या फिर विदेश मंत्रालयों के बीच बनी संयुक्त समिति आपस में चर्चा कर सकती है।

देश में बढ़ने लगे कोरोना के मामले, वैज्ञानिकों ने बताए ये कारण

कोरोना वायरस में आए 7000 से ज्यादा बदलावों का रिकॉर्ड तैयार किया गया है, लेकिन यह नए स्वरूप से संबंधित नहीं है। वैज्ञानिकों ने वायरस में होने वाले परिवर्तन और नए स्वरूप के बीच अंतर स्पष्ट करते हुए कहा कि कुछ राज्यों में कोविड-19 के संबंध में उचित तौर-तरीका नहीं अपनाने के कारण शायद मामले बढ़ रहे हैं।

वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि अगर सुरक्षा संबंधी नियम नहीं अपनाए गए तो ज्यादा संक्रामक स्वरूप का प्रसार हो सकता है या यह मूल स्वरूप की जगह ले सकता है। एक हालिया सर्वेक्षण में भारत में सार्स कोव-2 के जीनोम में 7684 बदलाव का जिक्र किया गया है। हैदराबाद स्थित सीएसआईआर- कोशिकीय एवं आणविक जीव विज्ञान केंद्र (सीसीएमबी) का अध्ययन चिंता का विषय है और कुछ धड़े में घबराहट बढ़ गई है।

सीएसआईआर-सीसीएमबी के निदेशक और अध्ययन के सह लेखक राकेश मिश्रा के मुताबिक, 6017 जीनोम अनुक्रमण के डाटा विश्लेषण से कोरोना वायरस के 7684 बदलावों का दस्तावेजीकरण किया गया है। मिश्रा ने बताया, ‘इसका ये मतलब नहीं है कि देश में कोरोना वायरस के 7000 स्वरूप हैं। इसका बस ये मतलब है कि अपेक्षा के अनुरूप वायरस के स्वरूप में बदलाव हुआ है और हमने इन बदलावों का दस्तावेजीकरण किया है।’ साथ ही उन्होंने जोड़ा कि अभी यह कह पाना कठिन है कि देश में वायरस के कितने स्वरूप हैं।

विषाणु विज्ञानी उपासना रे ने बताया कि वायरस के स्वरूप में बदलाव का मतलब न्यूक्लिक एसिड बेस या अमीनो एसिड कण में बदलाव से है और इसमें परिवर्तन को स्वरूप बदलना कहते हैं। सीएसआईआर-सीसीएमबी के विश्लेषण में पाया गया कि कई देशों में खौफ पैदा करने वाले नए स्वरूप के मामले भारत में बहुत कम आए हैं और इसमें ‘ई484के’ और ‘एन501वाई’ स्वरूप भी हैं।

हिंद महासागर में ताकत दिखाएंगे भारत-फ्रांस, INS विक्रमादित्य और चार्ल्स डे गॉल रक्षा अभ्यास में होंगे शामिल

भारत-फ्रांस की दोस्ती दुनियाभर के किसी भी देश से छिपी नहीं है। फ्रांस ने ही भारत को राफेल लड़ाकू विमानों का बेड़ा दिया था, जिसके बाद भारतीय वायुसेना की ताकत में कई गुना इजाफा हो गया। अब दोनों देश जल्द ही अपनी ताकत और दोस्ती एक बार फिर से दिखाने जा रहे हैं। भारत-फ्रांस अप्रैल महीने में हिंद महासागर और अरब सागर में दो फेज में रक्षा सहयोग बढ़ाते हुए अभ्यास करने जा रहे हैं। भारत की ओर से आईएनएस विक्रमादित्य और फ्रांस की तरफ से चार्ल्स डे गॉल इस रक्षा अभ्यास में शामिल होगा। इस मामले से जानकार लोगों ने बताया कि अभी कोई तारीख तय नहीं हुई है।

फ्रेंच कैरियर पर दो युद्धपोत और एक सपोर्ट वाला शिप मौजूद है। यह कई महीनों के लिए मिशन ‘क्लेमेंस्यू 21’ पर है, जो भूमध्य सागर, हिंद महासागर और अरब सागर / फारस की खाड़ी में आतंकवाद से लड़ने का काम करेगा। घटनाक्रम से जानकारी रखने वाले भारतीय नौसेना के अधिकारियों के अनुसार, नए नियुक्त कमांडर रियर एडमिरल अजय कोचर फ्रांसीसी बेड़े के साथ होने वाले अभ्यास का हिस्सा होंगे। बता दें कि चार्ल्स डे गॉल एक 42,500 टन का एयरक्राफ्ट कैरियर है, जिसपर नौसेना के अधिकारियों के अलावा राफेल फाइटर जेट्स भी होते हैं। आईएएनएस विक्रमादित्य की बात करें तो इसका वजन 44,500 टन है, जिस पर मिग -29 के विमान तैनात होंगे।

वहीं, अप्रैल में फ्रांस के साथ भारत के रिश्ते तब और मजबूत होंगे जब वहां के विदेश मंत्री जीन ले ड्रायन यहां का दौरा करेंगे। वे एक थिंकटैंक में लैक्चर भी देंगे। भारत और फ्रांस ने इंडो-पैसिफिक में नेविगेशन की स्वतंत्रता पर काम करता रहा है, जिसमें पेरिस क्षेत्र के लिए एक विशेष दूत नियुक्त किया जाना भी शामिल है। दोनों देशों के बीच होने वाले सैन्य अभ्यास के अलावा, 19-23 अप्रैल के बीच में फ्रांस से भारत सात और राफेल विमान आने हैं। इसके बाद अंबाला एयरबेस पर पहला स्कवाड्रन पूरा हो जाएगा। बाकी के बचे 18 राफेल फाइटर जेट्स की तैनाती ईस्टर्न सेक्टर के हाशिमारा में होगी।

16 घंटे चली भारत-चीन के बीच बातचीत, सैन्य वापसी पर हुई चर्चा

नई दिल्ली। भारत और चीन ने शनिवार को एक और दौर की सैन्य वार्ता की, जिसमें चर्चा का मुख्य बिंदु पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग जैसे क्षेत्रों से भी सैन्य वापसी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का रहा। पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी छोर से भारत और चीन के सैनिकों, अस्त्र-शस्त्रों तथा अन्य सैन्य उपकरणों को हटाए जाने की प्रक्रिया पूरी होने के दो दिन बाद कोर कमांडर स्तर की 10वें दौर की यह वार्ता संपन्न हुई।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बैठक चीन की ओर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मोल्दो सीमा क्षेत्र में सुबह 10 बजे शुरू हुई। कोर कमांडर स्तर पर चर्चा दोपहर 2 बजे तक जारी रही, सूत्रों के मुताबिक सेना की वापसी पर गोगरा, हॉटस्प्रिंग और डेपसांग प्लेन के साथ लंबी बातचीत हुई।

 

फिर बढ़ी भारत की टेंशन, कोरोना केस ने किया 14 हजार का आंकड़ा पार

भारत। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर से टेंशन बढ़ा दी है। कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण की रफ्तार भले ही तेज है, पर इधर कोरोना केस भी एक महीने के टॉप लेवल पर जा चुका है।

कोरोना के नए केस ने 14 हजार का आंकड़ा पार कर लिया, जो पिछले 27 दिनों में यह सबसे अधिक है। 23 जनवरी के बाद ऐसा पहली बार है जब कोरोना वायरस के नए केस 14 हजार पार हुए हैं। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और पंजाब में कोविड-19 केसों की बढ़ोतरी ने भारत के ग्राफ को बढ़ा दिया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक,कोरोना वायरस के 14059 नए मामले सामने आए थे, जो पिछले 27 दिनों में सबसे अधिक था। इससे पहले 28 जनवरी को कोरोना के 18000 से अधिक मामले दर्ज किए गए थे।

वहीं, महाराष्ट्र में तीन महीने बाद पहली बार शुक्रवार को कोविड-19 के 6,000 से अधिक नए मामले आए, जिससे महामारी की स्थिति बिगड़ने का संकेत मिलता है। महाराष्ट्र में शुक्रवार को संक्रमण के 6112 नए मामलों में अधिकतर अकोला, पुणे और मुंबई खंड से आए।

मुंबई में 78 दिनों बाद कोरोना वायरस के सबसे अधिक 832 केस मिले, जबकि पुणे में 1008, अमरावती में 755 और नागपुर में 752 नए केस मिले। अकोला खंड में 12 फरवरी को संक्रमितों की संख्या 76,207 थी जो शुक्रवार को बढ़कर 82,904 हो गयी। अकोला खंड में अकोला, अमरावती और यवतमाल जिले शामिल हैं।

गलवान में भारत व चीन के बीच बना तनाव का माहौल, चीन ने लगाया भारतीय सैनिकों पर पहले हमले का आरोप

जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प में सैनिकों के मारे जाने की बात स्वीकार करने और उनकी संख्या बताने के बाद अब चीन ने एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें झड़प के कुछ कथित अंश डाले गए हैं। इस वीडियो के जरिए चीन ने मारे गए अपने सैनिकों की तस्वीरें दिखाई हैं तो झड़प के लिए उसने भारत पर आरोप मढ़े हैं। माना जा रहा है कि जिस तरह लद्दाख में महीनों तक अड़े रहने के बाद चीन को पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा, उससे उसकी किरकिरी हुई है और इससे ध्यान हटाने के लिए वह प्रोपेगेंडा में जुट गया है।

प्रोपेगेंडा में माहिर चीन ने झड़प की पूरी कहानी पलटकर पेश की है। सरकारी मीडिया में जारी वीडियो में भारत का नाम लिए बिना कहा गया है कि अप्रैल 2020 में विदेशी सेना ने पूर्व में हुए समझौतों का उल्लंघन किया और बॉर्डर लाइन पार करके सड़कों और पुलों का निर्माण शुरू कर दिया। चीन ने भारत पर एकतरफा यथास्थिति में बदलाव के प्रयास का आरोप लगाते हुए कहा कि इसी वजह से यहां तनाव बढ़ा। 

चीन का कहना है कि भारतीय सैनिकों ने नदी के ठीक किनारे टेंट लगा दिए थे और जब पीएलए ने इसका विरोध किया तो बड़ी संख्या में पहुंचे भारतीय सैनिकों ने उनपर हमला कर दिया। इसके जवाब में पीएलए सैनिकों की संख्या बढ़ाई गई और फिर झड़प हुई जिसमें उन्हें (भारत) भारी नुकसान उठाना पड़ा। हर बार की तरह चीन ने सारा दोष भारत पर मढ़ते हुए खुद को क्लीनचिट देने की कोशिश की है।

चीन की ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने शुक्रवार को पहली बार आधिकारिक तौर पर यह स्वीकार किया कि पिछले वर्ष जून में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में उसके 4 सैन्यकर्मी मारे गये थे। चीन की आधिकारिक समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने चीनी सेना के अखबार ‘पीएलए डेली की एक खबर के हवाले से कहा कि इन सैनिकों को सम्मानित किया गया है।

पीएलए डेली के मुताबिक काराकोरम पर्वतों पर तैनात रहे पांच चीनी अधिकारियों और सैनिकों को ‘सेंट्रल मिलिट्री कमीशन ऑफ चाइना (सीएमसी) ने भारत के साथ सीमा पर टकराव में अपना बलिदान देने के लिए सम्मानित किया है। यह घटना जून 2020 में गलवान घाटी में हुई थी। 

 

 

चीन ने दी गलवान में मारे गए अपने 5 सैनिकों की जानकारी, कहीं संख्या में झोल तो नहीं ?

जून 2020 में पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प में करीब 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। इस घटना में चीन के भी कई सैनिक मारे गए थे लेकिन चीन ने इसे लेकर कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया था। लेकिन अब इतने समय बाद आखिरकार चीन ने माना है कि इस सब में उसके भी सैनिक मारे गए थे।

चीन ने 5 सैनिकों का जानकारी साझा की जिनमें से 4 की मौत हुई थी। ये पीएलए शिनजियांग मिलिट्री कमांड के रेजीमेंटल कमांडर क्यूई फबाओ, चेन होंगुन, जियानगॉन्ग, जिओ सियुआन और वांग ज़ुओरन हैं। इसमें चार की मौत गलवान के खूनी झड़प में हुई थी, जबकि एक की मौत रेस्क्यू के वक्त नदी में बहने से हुई थी।

बता दें कि भारत इस झड़प में लगभग 50 चीनी सैनिकों के मारे जाने का दावा करता रहा है। वहीं रूसी एजेंसी TASS ने 45 चीनी जवानों के मारे जाने की बात कही है। ऐसे में संदेह है कि चीन अपने नागरिकों को तसल्ली देने के लिए मरने वाले सैनिकों की संख्या को बेहत कम करके बता रहा है।

देश के शहरों में हर घर को नल और सीवर के साथ जोड़ने का होगा काम

जल जीवन मिशन (शहरी) के तहत दस शहरों के पायलट प्रोजेक्ट के बाद देश के सभी 4378 शहरी निकायों में इसे शुरू किया जाएगा और पांच साल के भीतर शहरी क्षेत्रों में नल से जल कनेक्शनों के 2.68 करोड़ घरों के लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ सीवर कनेक्शन पर भी काम किया जाएगा और उसमें 2.64 करोड़ कनेक्शनों के अनुमानित लक्ष्य को भी इसी समयावधि में पूरा किया जाएगा। इस परियोजना के लिए अनुमानित खर्च दो लाख 87 हजार करोड़ रुपए है। इसमें तीन बिंदुओं पानी की गुणवत्ता, जल स्त्रोत का संरक्षण और जल वितरण में हानि को कम करने पर जोर दिया जाएगा।

जल जीवन मिशन (शहरी) के तहत इस काम के साथ पानी के स्त्रोतों पर भी काम किया जाएगा। शहरी क्षेत्रों और उनके आसपास पानी के पुराने स्त्रोतों को तलाशने, उनके पुनुरुद्धार करने और नए स्त्रोत तैयार करने का भी काम किया जाएगा। इस काम में आधुनिक तकनीक की भी मदद ली जाएगी। एक अनुमान के मुताबिक लगभर 50 फीसद पानी का कोई हिसाब किताब नहीं है यानी यह पानी या तो लीकेज में बर्बाद हो रहा है या फिर इसका कोई भुगतान नहीं हो रहा है। इस नुकसान को भी 20 फीसद तक लाने की योजना है।

केंद्रीय आवासन व शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने कहा है कि इसमें इस बात पर ज्यादा काम किया जाएगा कि जो पानी नल से आएगा वह गुणवत्ता वाला हो और उसे सीधे पिया जा सके। उसे आरओ या अन्य उपकरणों से फिल्टर करने की जरूरत न पड़े। इसके लिए उसका संयंत्रों में ही पूरी तरह से शोधन किया जाएगा और पाइपलाइन को भी ठीक रखा जाएगा। साथ ही जो पानी उपयोग के बाग वेस्ट के रूप में होगा उसका भी शोधन कर उसे बागबानी या औद्योगिक उपयोग में लेने का काम भी किया जाएगा।

भारतीय टीम ने इंग्लैंड से किया हिसाब बराबर, 317 रन से जीता दूसरा टेस्ट

नई दिल्ली। मेजबान भारतीय टीम ने इंग्लैंड के साथ अपना हिसाब चेन्नई के ही एमए चिदंबरम स्टेडियम में बराबर कर लिया है। इंग्लैंड ने इसी मैदान पर चार मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला 227 रन से जीता था, जबकि भारत ने दूसरा मैच 317 रन के अंतर से जीतकर हिसाब बराबर कर लिया है। अब दोनों टीमों के बीच तीसरा टेस्ट मैच 24 फरवरी से अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में खेला जाएगा।

इस मैच में भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 329 रन बनाए थे, जिसमें रोहित शर्मा का शतक शामिल था। इंग्लैंड ने अपनी पहली पारी में सिर्फ 134 रन बनाए थे। भारत को पहली पारी के आधार पर 195 रन की बढ़त मिली थी और ऐसे में दूसरी पारी में भारत ने अश्विन के शतक की बदौलत 286 रन बनाए थे। वहीं, इंग्लैंड की टीम 482 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 164 रन पर ढेर हो गई और मुकाबला 317 रन के विशाल अंतर से हार गई।