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किसान ट्रैक्टर परेड हिंसा : दिल्ली पुलिस ने दर्ज किए यूएपीए और राजद्रोह के मामले

नई दिल्ली।  राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की ओर से प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा की जांच का जिम्मा बृहस्पतिवार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को सौंपा गया। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हिंसा में शामिल रहे लोगों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानी यूएपीए के साथ ही आईपीसी की कड़ी धाराओं के तहत कार्रवाई करेगी।

बता दें कि 26 जनवरी को किसान संगठनों की ओर से  आयोजित ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली के आईटीओ समेत कई हिस्सों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें देखने को मिली थीं। इस दौरान आईटीओ पर एक शख़्स की मौत भी हो गई थी। और लगभग 400 पुलिस जवान घायल हो गए थे।

बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ क़रीब 40 किसान संगठन दो महीनों से दिल्ली से लगी सीमाओं पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी सिलसिले में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौक़े पर ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया गया था। रैली के लिए पुलिस की ओर से एक रूट तय किया गया था। लेकिन बड़ी संख्या में रैली में शामिल प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड तोड़कर उन हिस्सों में भी घुस आए थे जो रूट के तहत तय नहीं किए गए थे।

 

‘मैनें अगर मुंह खोला तो भागने का रास्ता नहीं मिलेगा’; फेसबुक लाइव आकर दीप सिद्धू ने किसान नेताओं को दी चेतावनी

नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के मौके पर लाल किले पर किसानों द्वारा मचाए गए उत्पात के बाद अब दीप सिद्धू को इस पूरे प्ररकरण के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। दीप सिद्धू ने फेसबुक लाइव आकर अपनी बात रखी और किसान नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मैनें अंदर की बातें खोलनी सुरू कर दी तो इन नेताओं को भागने की जगह नहीं मिलेगी।

दरअसल, पंजाबी अभिनेता से सामाजिक कार्यकर्ता बने दीप सिद्धू ने गुरुवार रात डेढ़ बजे फेसबुक लाइव किया और अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्हें जानबूझ कर निशाना बनाया जा रहा है। सिद्धू ने किसान नेताओं को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने अंदर की बातें खोलनी शुरू कर दी तो इन नेताओं को भागने की राह नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस बात को सिर्फ डायलॉग न समझें और उनके पास हर बात की दलील है।

फेसबुक पर लाइव वीडियो में दीप सिद्धू ने कहा कि मैं गद्दार नहीं हूँ और मैंने लोगों को लाल किले तक नहीं पहुँचाया। पंजाबी कलाकार ने कहा कि यह जनता का निर्णय था जो पंजाब से विरोध करने के लिए सभी तरह से आया था। कोई भी उनका नेतृत्व नहीं कर रहा था। उन्होंने कहा कि किसान संगठनों के नेता जिन्होंने उन्हें देशद्रोही कहा, उन्हें शर्म आनी चाहिए क्योंकि वे सरकार की बोली बोल रहे हैं।

गद्दार कहे जाने से नाराज सिद्धू ने कहा कि उनके बारे में कई तरह की बातें कही जा रही हैं, ऐसे में वक्त आ गया है कि कुछ बातें स्पष्ट कर दी जानी चाहिए। दिल्ली में 26 जनवरी को लाल किले पर झंडा लगाने के विषय में दीप सिद्धू ने कहा कि युवाओं को दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च की बात कहकर बुलाया गया था। बाद में किसान नेताओं ने दिल्ली में तय रूट पर परेड की बात कह दी, जिस पर युवाओं ने रोष जाहिर किया तो किसान नेता वहाँ से किनारा करने लगे।

अपने लाइव वीडियो में सिद्धू ने भाजपा और आरएसएस से अपने रिश्तों को गलत बताते हुए कॉन्ग्रेस से भी रिश्तों को नकार दिया। किसान नेताओं को घमंडी बताते हुए सिद्धू ने कहा कि उन्होंने इस मामले में स्टैंड नहीं लिया। उन्होंने अपने वीडियो में बार-बार लाल किले पर झंडा लगाने की बात का बचाव किया। साथ ही, बाइक पर भागने के वायरल वीडियो पर दीप सिद्धू ने कहा कि जिसकी पुष्टि नहीं है, उसे सच माना जा रहा है।

लाल किले में हुई हिंसा और उपद्रव में नाम उछलने के बाद पंजाबी कलाकार और कार्यकर्ता दीप सिद्धू गायब हो गए हैं। दिल्ली में हुई ट्रैक्टर परेड की घटना के 2 दिन पहले ही दीप सिद्धू और गैंगस्टर लक्खा सिधाना दिल्ली पहुँचे थे और बताया जा रहा है कि सिंघु बॉर्डर पर रेड लाइट पर बैठे किसानों के बीच लक्खा ने भड़काऊ भाषण भी दिया था।

ट्रैक्टर परेड के नाम पर हिंसा करने वाले किसानों के खिलाफ जारी होगा लुक आउट नोटिस

नई दिल्ली।  गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के मामले में की हर तरफ निंदा हो रही है। दिल्ली पुलिस भी इस मामले में बेहद सख्ती से काम ले रही है।

डीडी न्यूज की खबर के मुताबिक पुलिस ने दिल्ली के अलग-अलग थानों में अब तक हिंसा और तोड़फोड़ के मामले में 25 एफआईआर दर्ज की है। जिन किसान नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज़ हुई है, उनके खिलाफ अब दिल्ली पुलिस लुक आउट नोटिस जारी करेगी।

FIR में जिन किसान नेताओं के नाम हैं, दिल्ली पुलिस उनके पासपोर्ट सरेंडर करने की प्रक्रिया भी शुरू करेगी। इसके अलाव दिल्ली पुलिस ने क्रांतिकारी किसान यूनियन और संयुक्त किसान मोर्चा के दर्शन पाल को भी नोटिस भेजकर तीन दिन में जवाब मांगा है। साथ ही सभी आरोपी किसानों औऱ दंगाइयों के नाम मांगे हैं जो इन दंगों में शामिल थे। किसान ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के मामले में अब तक 400 से ज्यादा पुलिस के जवान घायल हुए हैं।

 

 

किसने मारी गोली? किसान की मौत पर दिल्ली पुलिस को फंसाने की साजिश!

नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के विरोध में गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ‘ट्रैक्टर परेड’ निकाल रहे प्रदर्शनकारी किसान हिंसक हो गए थे।सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर समेत सभी जगहों पर पुलिस के बैरिकेड्स तोड़कर दिल्ली की सीमाओं में दाखिल हुए किसान लाल किले में घुस गए। देर रात दिल्ली पुलिस ने पूरे लाल किला को खारी करा दिया है और वहां सुरक्षा भी बढ़ा दी गई।

आईटीओ पर पुलिस मुख्यालय के सामने पुलिस और किसानों में झड़पें भी हुईं, स्थिति को काबू करने के लिए सरकार की ओर से अगले आदेश तक बॉर्डर के इलाकों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। वहीं कई मेट्रो स्टेशनों के गेट के साथ ही कई रास्ते भी बंद कर दिए गए थे। इस दौरान एक किसान की मौत होने की भी खबर है। मृतक किसान नवनीत सिंह उत्तराखंड का रहने वाला था। किसानों ने पुलिस पर नवनीत को गोली मारने का आरोप लगाया है।

बिना ड्राइवर के ही चल रहा था ट्रैक्टर, स्टंट दिखाने के चलते बिगड़ा बैलेंस और ड्राइवर गिरा धड़ाम; Video Viral

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले का वायरल हो रहा ये वीडियो चौंका देने वाला है। वीडियो में आप साफ देख सकते हैं कि कैसे लोग ट्रैक्टर की और भाग रहे हैं। वीडियो में जो ट्रैक्टर चल रहा है, उसे चलाने वाला कोई ड्राइवर नहीं, बल्कि ये ट्रैक्टर खुद-ब-खुद चल रहा है। अब आप भी ये सोच रहे होंगे कि आखिर कैसे बिना किसी ड्राइवर के ट्रैक्टर अपने आप चल रहा है।

तो, आइए आपको बतातें है कि इस ट्रैक्टर को चलाने वाला कौन है। लेकिन उससे पहले आप ये वीडियो एक और बार देख लीजिए।

दरअसल, मथुरा में किसान यमुना एक्सप्रेस पर चढ़ने की तैयारी कर रहे थे। इस दौरान एक ट्रैक्टर पर स्टंट दिखा रहा युवक बाल-बाल बच गया जब उसका ट्रैक्टर बेकाबू हो गया। ट्रैक्टर पलट गया और युवक उससे बाल बाल बच गया। ट्रैक्टर पलटने के बाद सीधा हो गया और मैदान में बिना ड्राइवर के दौड़ने लगा।

घटना के बाद कुछ युवकों ने हिम्मत दिखाई और ट्रैक्टर पर चढ़कर उसे काबू में किया। ये घटना मथुरा के नौहझील बाजना के मोरकी इंटर कॉलेज की है। गनीमत रही कि गंभीर हादसा घटित नहीं हुआ। गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली निकालने के एलान के बाद मथुरा पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था करने के दावे किए थे। सोमवार सुबह से ही हाईवे और यमुना एक्सप्रेसवे पर पुलिस और पीएसी के जवान तैनात कर दिए गए थे। किसानों के दिल्ली जाने की सूचना पर डीएम नवनीत सिंह चहल और एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर फोर्स के साथ टप्पल कट पर पहुंच गए। जहा किसानों की ट्रैक्टर रैली को रोक लिया गया। अफसरों ने काफी देर तक किसानों को समझाया। इसके बाद किसान लौटने को तैयार हुए। एक्सप्रेसवे पर रैली में करीब एक हजार से ज्यादा ट्रैक्टर थे।

 

किसानों के हिंसक प्रदर्शन पर एक्शन में गृह मंत्रालय, दिल्ली में 1500 अर्धसैनिक बलों की होगी तैनाती  

नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के मौके पर मंगलवार को राजधानी दिल्ली में किसानों के हिंसक प्रदर्शन ने देश का माहौल बदल दिया है। मामले को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उच्च स्तरीय बैठक की। गृह मंत्री की इस बैठक में गृह सचिव, दिल्‍ली पुलिस के अधिकारी और अन्य अधिकारी शामिल हुए। बैठक में फैसला लिया गया कि अब दिल्‍ली में 1500 से अधिक अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जाएगी।

इसके अलावा बैठक में तत्काल प्रभाव से उन संवेदनशील जगहों पर सुरक्षाबलों की तैनाती के निर्देश दिए गए हैं, जहां पर मंगलवार को यानी आज हिंसा हुई है। यह जगह नांगलोई, आईटीओ और गाजीपुर हैं।

बता दें कि मंगलवार को किसानों ने गणतंत्र दिवस परेड के बाद दिल्ली की सीमाओं पर ट्रैक्टर रैली निकालनी शुरू की। लेकिन बाद में यह रैली हिंसक प्रदर्शन में बदल गई। आक्रोशित किसानों ने कई जगहों जमकर उत्पात मचाने के साथ पुलिस से भिड़ गए। इतना ही नहीं आक्रोशित किसानों ने कई जगहों पर पुलिस द्वार लगाए गए बैरिकेड्स भी तोड़ दिए। उधर, लाल किले पर पहुंचे किसानों ने किले की गुंबद पर अपना झंडा फहराया। हालत को देख पुलिस को कई जगहों पर  लाठीचार्ज करना पड़ा।

 

पुलिस जान बचाती भाग रही, ये कैसा है किसान आंदोलन है?

दिल्ली। गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों आज दिल्ली-एनसीआर में ट्रैक्टर परेड निकाल रहे हैं, मगर पुलिस के साथ उनकी कई बार झड़प भी देखने को मिली है। ट्रैक्टर परेड अब हुड़दंग में बदलता नजर आ रहा है। आईटीओ में पुलिस और किसानों के बीच जबरदस्त भिड़ंत देखने को मिली।

लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले के इस्तेमाल के इतर इस दौरान एक ऐसी तस्वीर भी सामने आई, जिसने सबको डरा दिया। एक प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर पुलिस पर चढ़ाने की कोशिश करता दिख रहा है। पुलिस की ओर एक प्रदर्शनकारी तेज गति में ट्रैक्टर चलाकर आता है, मानो वो पुलिसवालों पर ही चढ़ा देना चाहता हो। प्रदर्शनकारी की इस हरकत को देख पुलिस वाले जान बचा भागते नजर आते हैं। पूरे सड़क पर वह प्रदर्शनकारी किसान उत्पात मचाता दिख रहा है।

दरअसल, प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली में घुसने की कोशिश कर रहे थे, मगर आईटीओ के पास बैरिकेडिंग की वजह से पुलिस से उनकी झड़प हो गई। प्रदर्शनकारी किसानों ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। जब स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई तब पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इसके बाद इंद्रप्रस्थ समेत कई मेट्रो स्टेशनों को भी बंद कर दिया गया है।

बैरिकेड्स तोड़कर दिल्ली में घुसे किसान

दिल्ली। पुलिस से इजाजत मिलने के बाद आज गणतंत्र दिवस के अवसर पर तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली में ‘ट्रैक्टर परेड’ निकाल रहे हैं। इसके लिए किसानों ने सभी जगहों पर पुलिस के बैरिकेड्स तोड़कर दिल्ली की सीमाओं में दाखिल होना शुरू कर दिया है। सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने दिल्ली पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स तोड़ दिए हैं और दिल्ली में दाखिल हो गए हैं। ऐसा की कुछ नजारा गुरुग्राम में फरीदाबाद में भी देखा जा रहा है। बेकाबू होते किसानों को रोकने के लिए पुलिस द्वार किसानों को काबू करने के लिए जहां संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में आंसू गैस छोड़ी गई वहीं गाजीपुर में लाठीचार्ज किया गया।

आपको बता दे कि इससे पहले किसानों ने परेड के लिए ट्रैक्टरों को साफ कर चमकाया है। तिरेंगे और बैनर लगाए गए हैं। गणतंत्र दिवस समारोह और किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड के मद्देनजर राजपथ और राष्ट्रीय राजधानी की कई सीमाओं पर हजारों सशस्त्र सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है।

तीन विवादित कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संघों ने कहा था कि उनकी परेड मध्य दिल्ली में प्रवेश नहीं करेगी और यह गणतंत्र दिवस पर होने वाली आधिकारिक परेड के समापन के बाद ही शुरू होगी। संघों ने दावा किया था कि उनकी परेड में करीब दो लाख ट्रैक्टरों के हिस्सा लेने की उम्मीद है और यह सिंघू बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर तथा गाज़ीपुर (यूपी गेट) से रवाना होगी।

किसानों की मांग- संसद भवन और लाल किला भी जाएंगे

नई दिल्ली। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद कराने की मांग को लेकर दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर चल रहा किसानों का धरना प्रदर्शन मंगलवार को 62वें दिन में प्रवेश कर गया है। वहीं, किसानों ने दिल्ली पुलिस के तय रूट का उल्लंघन करते अब बाहरी रिंग रोड से होते हुए दिल्ली की तरफ कूच कर गए हैं। कुछ किसानों को यहां तक कहना है कि वे संसद भवन और लाल किला भी जाएंगे। इससे पहले सिंघु बॉर्डर के साथ टीकरी और यूपी बॉर्डर पर भी किसानों ने तय समय से पहले ट्रैक्टर परेड शुरू कर दी है। इसके बाद कुछ किसान आपस में ही भिड़ गए, जिसके बाद हालात काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े हैं।

सिंघु बॉर्डर से मुकरबा चौक के पास पहुंचे ट्रैक्टरों पर सवार किसान उग्र हो गए हैं। किसान बाहरी रिंग रोड की तरफ जाने पर अड़ गए तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो किसान बैरिकेड तोड़ने लगे। बसों के शीशे तोड़ दिए। पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। किसानों व पुलिस के बीच झड़प भी हो रही है। यहां माहौल तनावपूर्ण हो गया है।