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जिस ट्रैक्टर से राहुल गांधी जा रहे थे संसद भवन, पुलिस ने किया जब्त; सुरजेवाला समेत 10 नेता हिरासत में

डीसीपी नई दिल्ली जिला दीपक यादव के मुताबिक सुबह करीब 10.50 बजे संसद मार्ग इलाके में पुलिसकर्मियों ने देखा कि राहुल गांधी व सुरजेवाला के साथ दस कार्यकर्ता बिना नंबर प्लेट के ट्रैक्टर पर सवार होकर विरोध प्रदर्शन करने संसद भवन की तरफ आ रहे हैं।

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कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी व प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के नेतृत्व में ट्रैक्टर पर सवार होकर कृषि सुधार कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करने संसद भवन की तरफ जाने के दौरान पुलिस ने सुरजेवाला समेत 10 कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। उन्हें बस में बैठाकर मंदिर मार्ग थाने ले आया गया, जहां से पूछताछ के बाद शाम को सभी को छोड़ दिया गया। पुलिस ने बिना नंबर प्लेट के उस ट्रैक्टर को भी जब्त कर लिया जिसपर सवार होकर राहुल व सुरजेवाला समेत अन्य कार्यकर्ता वहां आए थे।

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किसान आंदोलन व 15 अगस्त के मददेनजर नई दिल्ली जिले में धारा 144 लगी है। साथ ही ट्रैक्टर के प्रवेश पर सख्त पाबंदी है। बावजूद इसके ट्रैक्टर संसद मार्ग इलाके तक कैसे पहुंच गया, इस संबंध में आला अधिकारियों ने उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी है। ये सभी मोती लाल नेहरू मार्ग होते हुए ट्रैक्टर से संसद मार्ग इलाके में पहुंचे थे। जंतर-मंतर पर किसान संसद चलने के कारण वहां 200 प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा में करीब 2000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। नई दिल्ली जिला के सभी थानों के एसीपी व इंस्पेक्टरों की जंतर-मंतर पर डयूटी लगाई गई है।

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डीसीपी नई दिल्ली जिला दीपक यादव के मुताबिक सुबह करीब 10.50 बजे संसद मार्ग इलाके में पुलिसकर्मियों ने देखा कि राहुल गांधी व सुरजेवाला के साथ दस कार्यकर्ता बिना नंबर प्लेट के ट्रैक्टर पर सवार होकर विरोध प्रदर्शन करने संसद भवन की तरफ आ रहे हैं। ट्रैक्टर राहुल गांधी चला रहे थे। पुलिसकर्मियों ने सभी को रोक कर हिरासत में ले लिया।

पूछताछ के बाद राहुल गांधी को संसद जाने के लिए छोड़ दिया गया। लेकिन सुरजेवाला समेत 10 कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया। बस से मंदिर मार्ग थाना ले जाने के दौरान कार्यकर्ता रास्ते भर सरकार विरोधी नारे लगाते रहे।

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आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में मुरादाबाद पहुंचे भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत  

मुरादाबाद। जिले के मूंढापांडे थाना क्षेत्र के टोल प्लॉजा पर किसान लगातार कृषि अध्यादेश के विरोध में धरने पर बैठे हैं। जिसके चलते पुलिस-प्रशासन किसानों पर प्रशासन कार्रवाई कर रहा है। किसानों पर पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई की भनक लगते ही भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत बुधवार को दिल्ली से मुरादाबाद पहुंचे हैं। राकेश टिकैत  मुंडापांडे टोल पर पहुंचकर प्रशासनिक अधिकारियों के आने का इंतजार कर रहे हैं।

मूंढापांडे टोल प्लाजा पर राकेश टिकैत के पहुंचते ही किसानों ने उनका जोरदार स्वागत किया। किसानों ने भारतीय राकेश टिकैत के समर्थन में नारेबाजी करते हुए टोल प्लाजा को फ्री करा दिया।  राकेश टिकैत से जब पूछा गया कि वो किसलिए मुरादाबाद पहुंचे हैं तो उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भी किसान प्रदर्शन कर रहे हैं  तो पुलिस किसानों को परेशान कर रही है।  जिला प्रशासन ने किसानों के खिलाफ मुदकमा पंजीकृत किया है। इसलिए हम यहां पर आए हैं।

राकेश टिकैत ने कहा कि हम चाहते हैं कि किसानो की गिरफ्तारी हो प्रशासन गिरफ्तारी। यह लोग जिस जगह पर प्रोटेस्ट कर रहे हैं,पुलिस इन्हें परेशान कर रही है, धूप में किसानों को बैठा रखा है, ना तो यहाँ पर पीने के लिए पानी है, ना ही लाइट है, ना ही कोई व्यवस्था, जिससे किसान बेहद परेशान हैं। उन्होंने कहा कि  लगातार यहां पर किसान 8 दिन से आंदोलन कर रहे हैं। किसानों का यह मांगे न पूरी होने तक जारी रहेगा।

मुरादाबाद : कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने टोल प्लाजा पर जाम लगाकर किया प्रदर्शन

मुरादाबाद। कृषि कानूनों के विरोध में मुरादाबाद-रामपुर हाइवे स्थित टोल प्लाजा पर भाकियू से जुड़े किसानों ने प्रदर्शन जारी है। पिछले दो घंटे से किसान हाइवे पर बैठे हुए हैं और केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं, सुरक्षा के मद्देनजर भारी पुलिस फोर्स मौके पर मौजूद है। किसानों ने टोल प्लाजा पर किसान यूनियन के बैनर लगा दिए हैं। किसानों का कहना है कि कृषि कानूनों का विरोध करते हुए उन्हें कल छह महीने हो गए हैं, जिसे उन्होंने काला दिवस के रूप में मनाया है।

दअरसल, किसान पिछले छह महीने से कृषि कानून का विरोध करते आ रहे हैं। जिसे लेकर दिल्ली बॉर्डर पर भी लगातार धरना चल रहा है। इस विरोध को कल छह महीने पूरा होने पर कई प्रदेशों में इसे काला दिवस के रूप में मनाया था।  जगह-जगह किसानों ने काले झंडे लहरा कर अपना विरोध दर्ज कराया तो कई जगह पर नए कृषि कानूनों के पुतले भी जलाए गए। इसी कड़ी में बृहस्पतिवार सुबह नौ बजे मुरादाबाद-लखनऊ हाइवे स्थित टोल प्लाजा पर भारतीय किसान यूनियन से जुड़े किसानों ने अपना धरना शुरू करते हुए केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।

इन किसानों ने बैनर टोल प्लाजा के बीच लगाकर एक साइड से हाइवे जाम कर दिया। इसकी सूचना पर भारी पुलिस फोर्स के साथ अधिकारी मौके पर पहुंच गए, और धरने पर बैठे किसानों से टोल प्लाजा खाली करने के लिए कहा।

उत्तराखंड : कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन को 6 माह पूरा होने पर किसानों ने मनाया काला दिवस

बाजपुर  (उत्तराखंड) बाजपुर में भारतीय किसान यूनियन ने कृषि कानूनों के विरोध में किसानों द्वारा किए जा रहे धरना प्रदर्शन को बुधवार को 6 माह पूरे होने पर काला दिवस मनाया। किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए भगत सिंह चौक पर सरकार का पुतला फूंका। किसानों के प्रदर्शन के दौरान भारी संख्या में पुलिस-प्रशासन मौके पर मौजूद रहा।

बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में गाजीपुर बॉर्डर समेत विभिन्न बॉर्डर पर किसान बीते 6 माह से कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों के प्रदर्शन को 6 माह पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा ने देशभर के किसानों से काला दिवस मनाने का आह्वान किया था। इसके चलते बाजपुर के भगत सिंह चौक पर भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कर्म सिंह पड्डा के नेतृत्व में दर्जनों किसान एकत्र हुए। जहां किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सरकार का पुतला आग के हवाले किया।

इस दौरान कर्म सिंह पड्डा ने कहा कि भले ही किसानों को कितनी भी परेशानियों का सामना करना पड़े किसान अपने हक की लड़ाई लड़ने से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान सैकड़ों किसान शहीद हो चुके हैं, लेकिन सरकार ना जाने कितने किसानों की कुर्बानी मांग रही है।

रिपोर्ट- गौतम चुनारा

 

किसानों के समर्थन पीएसपी किसान सभा ने किया प्रदर्शन, कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग

गोरखपुर। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया किसान सभा ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसानों के देशव्यापी आंदोलन का समर्थन किया। पैडलेगंज स्थित कार्यालय पर आज सभा के प्रदेश अध्यक्ष अंशुमान सिंह के नेतृत्व में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर किसान बिल वापस लेने का मांग की।

किसान बिल वापस लेने की मांग को लेकर प्रदेश अध्यक्ष अंशुमान सिंह ने नगर मजिस्ट्रेट अभिनव रंजन श्रीवास्तव के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा। अंशुमान सिंह ने कहा कि विगत वर्ष 2020 से लगायत देश का अन्नदाता भूखे – प्यासे, गर्मी, बरसात, सर्दी और भयानक महामारी कोविड -19 के काल के गाल में जाना कबूल करते हुए देशहित में तीनों कृषि कानूनों को निरस्त कर किसानहित में कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकार लगातार अन्नदाताओं का अपमान कर रही है।

उन्होंने कहा कि इस कानून से किसान के अलावा कामगार, नौजवान भी प्रभावित हो रहा है। चंद कारपोरेट घरानों को छोड़कर सारी आम अवाम लाचार व विवश होकर रह जायेगी। इस संदर्भ में 12 मई को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा गया था कि महामारी का शिकार लाखों अन्नदाताओं को बचाने के लिए कृषि कानून को वापस लेना जनहित में होगा। किसानों के देश व्यापी आन्दोलन का प्रगतिशील समाजवादी पार्टी समर्थन करते हुए कृषि काला कानून को वापस लेने की मांग करती है। कृषि काला कानून को वापस लिया जाना जनहित में होगा।

रिपोर्ट- सचिन यादव

कृषि कानूनों का किसानों ने जमकर किया विरोध, जगह-जगह फूंके सरकार के पुतले

मेरठ। पश्चिमी यूपी के जिलों में किसान आज केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के विरोध में काला दिवस मना रहे हैं। वहीं, मेरठ में किसानों ने अपने घरों, ट्रैक्टरों पर काले झंडे लगाकर विरोध जताया है और मोदीपुरम क्षेत्र के सिवाया टोल प्लाजा पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया है।

बता दें कि टोल प्लाजा के साथ-साथ परतापुर के घोपला गांव में केंद्र सरकार का पुतला दहन किया गया। इस मामले की सूचना मिलने पर परतापुर पुलिस गांव में पहुंची तो भाकियू कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और सरकार के विरोध में अपने घरों व वाहनों पर काले झंडे लगाकर कृषि कानूनों का विरोध किया। किसानों ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार बिल्कुल बेकार है। इस सरकार ने किसानों के लिए कुछ भी नहीं किया। वैसे तो बड़े-बड़े वादे और दावे यह सरकार कर रही थी लेकिन उसके मुकाबले किसानों के हक में कुछ फैसला नहीं आया है। लेकिन जब तक सरकार तीनों किसी कानून भी वापस नहीं लेगी तो हम किसान लोग ऐसे ही धरना प्रदर्शन करते रहेंगे।

भारतीय किसान यूनियन के जिला महासचिव मेरठ विनेश प्रधान, श्यामवीर तलियान, रंजीत सिंह, धर्मबीर, अनिल, कल्लू, रामपाल ओमबीर, अमित, जगबीर, राजकुमार आदि मौजूद रहे।

रिपोर्ट– शाहिद मंसूरी

किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे, केएमपी हाइवे पर लगाया जाम, पढ़िए पूरी खबर  

नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्‍ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन का आज सौ दिन पूरा हो गया। ऐसे में अपने आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर किसानों ने आज यानी शनिवार को कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे पर जाम लगाकार विरोध जर्ज कराया। किसानों ने एक्सप्रेस-वे के कुछ स्थानों पर  यातायत को बाधित रखा।

किसानों का यह प्रदर्शन सुबह 11बजे से शुरू होकर अपराह्न चार बजे तक चला। इसके अलाव किसानों ने अपने घरों पर काले झंडे फहराकर और हाथों में काली पट्टी बांधकर केंद्र सरकार से नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की।

बता दें कि पिछले 100 दिनों से दिल्ली के पास कई स्थानों पर कई किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी वाला कानून बनाने की है।

वहीं, दूसरी तरफ  सरकार ने तीनों कानूनों को कृषि सुधारों की दिशा में बड़ा कदम बताते हुए कहा है कि इससे किसानों को लाभ होगा और अपनी उपज बेचने के लिए उनके पास कई विकल्प होंगे।

 

 

सहारनपुर : राकेश टिकैत का बड़ा बयान, कहा-बिल वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं

सहारनपुर। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के नागल क्षेत्र के ग्राम लाखनोर में आयोजित किसान महापंचायत को भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने संबोधित किया।

दोपहर लगभग 2 बजे के आसपास महासभा स्थल पर पहुंचे जब राकेश टिकैत पहुंचे तो पूरा महासभा स्थल जय जवान जय किसान के नारों से गुंज उठा। किसानों ने फूल मालाओं से राकेश टिकैत का जोरदार स्वागत किया।

इस दौरान अपने लंबोधन में राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि बिल की वापसी नहीं तो किसान की घर वापसी भी नहीं होगी। हम सरकार को चैन की नींद नहीं सोने देंगे और एमएसपी पर सरकार को कानून बनाना पड़ेगा, जिससे पहाड़ के किसान और आसाम के किसानों को लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन अभी लंबा चलेगा। कल उत्तराखंड में रैली है तो परसों राजस्थान में है।

महासभा के दौरान सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस प्रशासन द्वारा कड़े इंतजाम किए गए थे। कई थानों की फोर्स समेत पीएसी बल, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी महासभा स्थल पर मौजूद रहे।

रिपोर्ट- शहज़ाद अंजुम

 

‘वन डिस्ट्रिक्ट वन फोकस प्रोडक्‍ट’ के लिए उत्पादों को दिया गया अंतिम रूप, कृषि निर्यात में होगी बढ़ोतरी  

नई दिल्ली।  कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के परामर्श से ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन फोकस प्रोडक्ट’ (ओडीओएफपी) के लिए उत्पादों को अंतिम रूप दिया है। देशभर के 728 जिलों के लिए, बागवानी, पशु, पोल्‍ट्री, दूध, मत्स्य पालन और जलीय कृषि, समुद्री क्षेत्रों से उत्पादों की पहचान की गई है। उत्पादों की सूची को राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) से जानकारी लेने के बाद अंतिम रूप दिया गया है।

इन उत्पादों को भारत सरकार की योजनाओं के समावेश के माध्‍यम से एक समूह  दृष्टिकोण से बढ़ावा दिया जाएगा ताकि किसानों की आय बढ़ाने के अंतिम उद्देश्‍य के साथ इन उत्‍पादों के मूल्‍य में वृद्धि की जा सके। इन पहचान किए गए उत्पादों को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की पीएम-एफएमई योजना के तहत सहायता प्रदान की जाएगी।  यह योजना प्रोमोटरों और सूक्ष्म उद्यमों को प्रोत्साहन प्रदान करती है। कई उत्पादों में अन्य विभागों के संसाधनों और पहुंच का समावेश शामिल है। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय अपनी एमआईडीएच, एनएफएसएम, आरकेवीवाई, पीकेवीवाई जैसी मौजूदा केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं से ओडीओएफपी की मदद करेगा। राज्य सरकारों द्वारा ओडीओएफपी के कार्यान्वयन से किसानों को लाभ होगा और मूल्य संवर्धन की उम्मीदों को साकार करने में सहायता मिलेगी और उसके बाद कृषि निर्यात में बढ़ोतरी होगी।

 

उत्तराखंड : महापंचायत में पहुंचने के लिए किसानों को जागरुक करने में जुटे पूर्व विधायक  

Kदिनेशपुर। आगामी 1 मार्च को रुद्रपुर गांधी पार्क में होने वाली किसान महापंचायत को सफल बनाने के लिए पूर्व विधायक प्रेमानंद महाजन मैदान में उतर चुके हैं। वह गांव-गांव जाकर किसानों व किसान समर्थकों को किसान महापंचायत में पहुंचने के लिए जागरुक कर रहे हैं।

बता दें कि आगामी 1 मार्च को रुद्रपुर किसान महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत शिरकत करेंगे। जिसके चलते किसानों व किसान समर्थकों में भारी उत्साह देखा जा रहा है।

इस दौरान पूर्व विधायक प्रेमानंद महाजन ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के खिलाफ जो तीन काले कानून पास किए हैं। उसे वापस करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसानों द्वारा ये किसान महापंचायत की जा रही है। इसके अलाव उन्होंने कहा कि महापंचायत में राकेश टिकैत आ रहे हैं जिसे देखने व सुनने के लिए किसानों व किसान समर्थकों में भारी उत्साह है। मेरी सभी से अपील है की आगमी एक मार्च को किसान महापंचायत में ज्यादा से ज्यादा लोग पहुंचे।

रिपोर्ट – डीके सरकार