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सीएम खट्टर के किसान महापंचायत कार्यक्रम से पहले बवाल, रद्द करना पड़ा कार्यक्रम

हरियाणा के करनाल गांव कैमला में होने वाली मुख्यमंत्री मनोहर लाल की किसान महापंचायत में किसानों ने जमकर बवाल मचाया। प्रदर्शनकारी किसानों ने पुलिस को काले झंडे दिखाए। वहीं, जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की तो किसानों ने वहां लगाई गई बैरिकेडिंग तोड़ दी। इसके बाद हरियाणा पुलिस को एक्शन में आना पड़ा और प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और प्रदर्शन कर रहे किसानों पर वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया।

ऐसे में इन हालातों को देखते हुए मुख्यमंत्री की किसान महापंचायत को भी रद्द करना पड़ा और मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर कैमला गांव में नहीं उतरा।

बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के नेता लगातार कृषि कानूनों का समर्थन कर रहे किसानों के साथ बैठक कर रहे हैं। इसी क्रम में आज हरियाणा के करनाल में किसानों की पंचायत बुलाई गई थी, जिसमें प्रदेश के सीएम मनोहर लाल खट्टर भी शामिल होने वाले थे।

किसानों के हित में योगी सरकार ने उठाया एक और बड़ा कदम, किसान कल्याण मिशन का किया आगाज

लखनऊ। प्रदेश के किसानों की आय दोगुनी करने के लिए योगी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज लखनऊ के दादूपुर गांव में किसान कल्याण मिशन का शुभारंभ किया।

मिशन का आगाज करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में चलाई जा रही है किसान उपयोगी योजनाओं की जानकारी दी। साथ ही सरकार की इस दिशा में की गई उलब्धियां भी गिनाईं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2 करोड़ 35 लाख किसान यूपी में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से लाभान्विंत हो रहे हैं। पिछले तीन साढ़े तीन साल में एक लाख 15 हजार करोड़ रुपए किसानों का गन्ना मूल्य का भुगतान कराया गया है।

इस अभियान के अंतर्गत सभी विकास खंडों में कृषि और संबंधित विभागों के स्टॉल लगाए जाएंगे। जिसमें स्थानीय स्तर के लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योग इकाइयों तथा स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इस प्रदर्शनी में प्रगतिशील किसान, कृषि वैज्ञानिक कृषि विज्ञान और खेती संबंधित जानकारी उपलब्ध कराएंगे।

सरकार को उम्मीद है कि उनकी कहानी से प्रेरणा लेकर अन्य किसान भी बेहतर काम कर खुशहाल होंगे। इसके लिए कृषि विभाग हर जिले से रोल मॉडल के रूप में 100 प्रगतिशील किसानों का चयन करेगा। 6 से 21 जनवरी तक प्रदेश के सभी 825 ब्लॉकों पर होने वाले कार्यक्रमों में किसानों को मंच देने के साथ उन्हें सम्मानित भी किया जाएगा।

7वें दौर की बैठक में सरकार और किसानों के बीच दो मुद्दों पर बनी सहमति, अब अगली बैठक 4 जनवरी को

नई दिल्ली। केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच विज्ञान भवन में आज चल रही बैठक खत्म हो गई है। सरकार और किसानों के बीच आज करीब 5 घंटे चली इस बैठक में दो मुद्दों पर सहमति बनी है। अगली बैठक अब चार  जनवरी को होगी।

बैठक खत्म होने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि पर्यावरण से जुड़े ऑर्डिनेंस और नये बिजली कानून में किसानों को राहत देने पर सहमति बनी है। कृषि मंत्री ने कहा कि कानूनों को रद्द करने की मांग पर सरकार ने किसानों को समझाने की कोशिश की है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भी किसानों को लिखित गारंटी दी जाएगी। बैठक के दौरान, सरकार ने किसान नेताओं से कहा कि तीन कृषि कानूनों के बारे में किसानों की मांगों पर विचार करने के लिए एक समिति बनाई जा सकती है।

वहीं, बैठक के दौरान लंच ब्रेक में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल ने किसानों के साथ लंगर भी खाया।

 

 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, किसानों का अहित नहीं कर सकती मोदी सरकार, बातचीत के लिए आगे आएं किसान

नई दिल्ली। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि यदि किसानों को नया कृषि कानून लाभकारी नहीं लगते तो सरकार उनमें संशोधन करेगी। आंदोलनकारी किसानों को अपने ही लोग बताते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि धरने पर बैठे लोग किसान हैं और किसान परिवारों में जन्मे हैं। हम उनके प्रति बहुत सम्मान रखते हैं। दिल्ली के द्वारका में एक रैली को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि वह स्वयं किसान के बेटे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ‘कभी ऐसा कुछ नहीं करेगी जो किसानों के हित में नहीं हो।
उन्होंने कहा कि हर समस्या का समाधान बातचीत से निकल सकता है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों से बातचीत जारी रखने के पक्ष में हैं, इसलिए सरकार ने उन्हें न्योता भेजा है। सिंह ने सभी आंदोलनकारी किसानों से कृषि कानूनों पर बातचीत के लिए आगे आने की अपील की।
रक्षा मंत्री ने कहा कि अभी एक या दो साल के लिए कृषि कानूनों को लागू करने दिया जाए। इसे प्रयोग के तौर पर देखते हैं और यदि यह किसानों के लिए लाभकारी नहीं होगा तो सरकार इसमें हरसंभव संशोधन को तैयार रहेगी।

विपक्ष पर जमकर बरसे पीएम मोदी, कहा- बंगाल में 70 लाख किसानों को उनके अधिकार से वंचित रखा गया है

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 9 करोड़ किसानों के खातों में किसान सम्मान निधि की किश्त के 18 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर किए। साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 6 राज्यों के किसानों के साथ संवाद किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने ममता सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बंगाल में जो किसानों को फायदा नहीं पहुंचने दे रहे हैं, वो लोग दिल्ली आकर किसानों के हित का बात कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि आज देश के 9 करोड़ से ज्यादा किसान परिवारों के बैंक खाते में सीधे, एक क्लिक पर 18 हज़ार करोड़ रुपए जमा हुए हैं। जब से ये योजना शुरू हुई है, तब से 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा किसानों के खाते में पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि मुझे आज इस बात का अफसोस है कि मेरे पश्चिम बंगाल के 70 लाख से अधिक किसान भाई-बहनों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है। बंगाल के 23 लाख से अधिक किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं। लेकिन राज्य सरकार ने वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को इतने लंबे समय से रोक रखा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने लक्ष्य बनाकर काम किया कि देश के किसानों का Input Cost कम हो। सॉयल हेल्थ कार्ड, यूरिया की नीम कोटिंग, लाखों सोलर पंप की योजना, इसीलिए शुरू हुई। सरकार ने प्रयास किया कि किसान के पास एक बेहतर फसल बीमा कवच हो। आज करोड़ों किसानों को पीएम फसल बीमा योजना का लाभ हो रहा है। हमारी सरकार ने प्रयास किया कि देश के किसान को फसल की उचित कीमत मिले हमने लंबे समय से लटकी स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, लागत का डेढ़ गुना MSP किसानों को दिया। पहले कुछ ही फसलों पर MSP मिलती थी, हमने उनकी भी संख्या बढ़ाई।
पीएम मोदी ने कहा कि हम इस दिशा में भी बढ़े कि फसल बेचने के लिए किसान के पास सिर्फ एक मंडी नहीं बल्कि नए बाजार हो। हमने देश की एक हजार से ज्यादा कृषि मंडियों को ऑनलाइन जोड़ा। इनमें भी एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार हो चुका है। पीएम मोदी ने कहा कि हमने एक और लक्ष्य बनाया है कि छोटे किसानों के समूह बनें ताकि वो अपने क्षेत्र में एक सामूहिक ताकत बनकर काम कर सकें। आज देश में 10 हजार से ज्यादा किसान उत्पादक संघ- FPO बनाने का अभियान चल रहा है, उन्हें आर्थिक मदद दी जा रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज देश के किसान को अपना पक्का घर मिल रहा है, शौचालय मिल रहा है, साफ पानी का नल मिल रहा है। यही किसान है जिसे बिजली के मुफ्त कनेक्शन, गैस के मुफ्त कनेक्शन से बहुत लाभ हुआ है। आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज ने उनके जीवन की बड़ी चिंता कम की है। साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि इन कृषि सुधार के के माध्यम से हमने किसानों को बेहतर विकल्प दिए हैं। इन कानूनों के बाद आप जहां चाहें जिसे चाहें अपनी उपज बेच सकते हैं। आपको जहां सही दाम मिले आप वहां पर उपज बेच सकते हैं।

सरकार ने किसानों को फिर भेजा न्योता, कहा- किसानों के मुद्दों को हल करने के लिए सरकार गंभीर

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बार फिर से किसानों को चिट्ठी लिखकर बातचीत की पेशकश की है। सरकार ने गुरुवार को एक और चिट्ठी लिखकर किसानों से बातचीत के लिए तारीख और समय तय करने की अपील की। केंद्र ने चिट्ठी में लिखा है कि किसानों के मुद्दों को हल करने के लिए सरकार गंभीर है। इससे एक दिन पहले यानी बुधवार को ही किसानों ने सरकार के पिछले न्योते को ठुकरा दिया था। उन्होंने कहा था कि सरकार के प्रपोजल में दम नहीं, नया एजेंडा लाएं तभी बात होगी।
बता दें कि किसान संगठनों को यह चिट्ठी कृषि मंत्रालय में संयुक्त संचिव विवेक अग्रवाल ने लिखी है। इस चिट्ठी में सरकार की तरफ से किसान संगठनों से कहा गया है कि वह हर मुद्दे पर बातचीत के लिए तैयार है। सरकार की तरफ से कहा गया कि इस बातचीत में आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव पर भी चर्चा कर सकते हैं।

वहीं, सरकार ने किसानों की एमएसपी को लेकर पैदा हुई आशंका को लेकर कहा है कि जहां तक एमएसपी का सवाल है तो तीनों कानूनों में एमएसपी का कोई जिक्र नहीं है लेकिन सरकार इसके लिए लिखित में आश्वासन देने को तैयार है। लेकिन किसान संगठनों की ओर से नई मांग रखना, तर्कसंगत नहीं है। किसानों को लिखी गई इस चिट्ठी में कहा गया है कि विद्युत अधिनियम और पराली के बारे में जो प्रस्ताव दिया गया है सरकार उस पर बातचीत को राजी है। किसान संगठनों से यह अपील की गई है कि वह बातचीत के लिए तारीख और समय बताएं।

नए कृषि कानूनों के समर्थन में केंद्रीय कृषि मंत्री से मिला किसानों का प्रतिनिधिमंल, कहा- सरकार को दबाव में आने की जरूरत नहीं

नई दिल्ली। 60 किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय कृषि मंत्री से मुलाकात कर नए किसान कानूनों को अपना समर्थन दिया। मुलाकात करने आए किसानों ने केंद्रीय कृषि मंत्री को एक पत्र भी सौंपा। पत्र के माध्यम से किसानों ने नए कृषि कानूनों को लिखित समर्थन दिया है।

किसानों के इस प्रतिनिदि मंडल से मुलाकात को लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि, किसान मजदूर संग, बागपत कृषि भवन में आए। हमने उनका स्वागत किया। ये सभी किसान कृषि सुधार कानूनों का समर्थन करना चाहते हैं। इन्होंने मुझे समर्थन पत्र भी दिया। उन्होंने कहा कि कृषि सुधार कानूनों में संशोधन के लिए सरकार को दबाव में आने की जरूरत नहीं है।

सावधान, किसानों के साथ अब छल करने वालों का जेल में ही बनेगा परमानेंट ठिकाना

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यानी बृहस्पतिवार को लोकभवन में आयोजित बैठक में कहा कि उत्तर प्रदेश में किसानों के साथ छल करने वालों का अब जेल में ही ठिकाना बनेगा। उन्होंने कहा कि किसानों का हित संरक्षण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। कोई अधिकारी हो या कर्मचारी अथवा निजी संस्था, किसी को भी किसानों के हक के साथ खिलवाड़ करने नहीं दिया जाएगा। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धान क्रय केंद्रों पर दलालों की गतिविधियों पर नजर रखने की जरूरत है। उन्होंने पुलिस और प्रशासन को किसानों को 72 घंटे में धान का मूल्य उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
साथ ही मुख्मंत्री ने कहा कि विदेश से भारत आ रहे एक-एक व्यक्ति का परीक्षण और आवश्यक क्वारन्टीन की कार्यवाही तत्परता से होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोविड के नए स्ट्रेन की चेकिंग के लिए भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश की प्रयोगशालाएं लगभग तैयार हैं, अगर किसी अतिरिक्त उपकरण की आवश्यकता हो तो उसे भी पूरा कर लिया जाए। इसमें देरी की कोई गुंजाइश नहीं है। वहीं, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने मुख्यमंत्री को बताया कि अब तक ब्रिटेन से ढाई हजार लोग भारत आये हैं। इस संबंध में जनपदवार आगंतुकों की सूची तैयार कर जिलाधिकारियों को दी गई है। सभी का परीक्षण कराया जा रहा है।
इसके अलावा सीएम योगी ने प्रदेश में जारी यूपी-नीट की प्रवेश प्रक्रिया की ताजा स्थिति की समीक्षा की। सीएम ने हॉस्टल फीस, मिसलेनियस शुल्क आदि के नाम पर मनमाना शुल्क निर्धारण करने की सूचनाओं का संज्ञान लेते हुए ऐसे कॉलेजों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

25 दिसंबर को देश के किसानों से संवाद करेंगे पीएम मोदी, 9 करोड़ किसानों को देंगे क्रिसमस का तोहफा

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन के मौके पर 25 दिसंबर को 6 राज्यों के किसानों से संवाद करेंगे। बीजेपी के मुताबिक, इस संवाद में उत्तर प्रदेश के करीब 2500 इलाकों से किसान हिस्सा लेंगे। पार्टी ने इस कार्यक्रम के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं।
 इस दिन प्रधानमंत्री देश के करीब 9 करोड़ किसानों को क्रिसमस का तोहफा भी देंगे25 दिसंबर को 6 राज्यों के किसानों से संवाद । इस दिन प्रधानमंत्री खुद किसानों के बैंक खाते में पीएम-किसान सम्मान निधि की किस्त के रूप में 2000-2000 रुपये ट्रांसफर करेंगे। इस दिन 9 करोड़ किसानों के बैंक खाते में 18,000 करोड़ से भी ज्यादा रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, क्रिसमस के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों से सीधा संवाद भी करेंगे। वे 6 राज्यों के किसानों से बात करेंगे। बातचीत के दौरान किसान PM-KISAN योजना से जुड़े अपने अनुभव साझा करेंगे। कार्यक्रम में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद रहेंगे।