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पंजाब में काटन का मिल रहा MSP से ज्यादा भाव, छह हजार तक पहुंची कीमत

लुधियान। कोविड महामारी से निपटने के लिए कोरोना वैक्सीन आने से बाजार के भाव बढ़ गए हैं। इसके साथ ही अर्थव्यवस्था भी पटरी पर लौट रही है। ऐसे में बाजार में काटन (नरमे) की मांग लगातार बढ़ती जा रही है।

इससे कीमतों में मजबूती का सिलसिला जारी है। नतीजतन, किसानों को काटन की सरकार की ओर से तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक कीमत मिल रही है।सरकार ने काटन का एमएसपी 5625 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था। अभी बाजार में कीमत 5700 रुपये से लेकर छह हजार रुपये प्रति क्विंटल तक चल रही है।

बावजूद इसके विश्व बाजार में भारतीय काटन सस्ती पड़ रही है। विश्व के प्रमुख निर्यातक देश अमेरिका में फसल कम होने से काटन की किल्लत है। ऐसे में विश्व बाजार में भी भारतीय काटन की काफी मांग है।

अभी तक 170 रुपये किलो प्रति गांठ की दर से 32 लाख गांठ का निर्यात हो चुका है। काटन वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक यह निर्यात का आंकड़ा साठ लाख गांठ के आंकड़े को पार कर जाएगा। माहिरों का दावा है कि आने वाले दिनों में भी कीमतों में मजबूती का दौर बना रहेगा।

दिल्ली के सिंघु, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर आज रात 12 बजे तक बंद रहेगी इंटरनेट सेवा

नई दिल्ली। हरियाणा, पंजाब समेत देश के कई राज्यों में किसान संगठनों द्वारा तीन घंटे का चक्का जाम किया गया। इसी बीच, गृह मंत्रालय ने दिल्ली के सिंघु, गांजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर इंटरनेट सेवाओं को एक बार फिर निलंबित करने का आदेश दे दिया है। यह इंटरनेट रात 12 बजे तक बंद रहेगा।

इन इलाकों में किसान कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। शनिवार को किसान संगठनों द्वारा किए गए चक्का जाम दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक बुलाया गया था और अब इसका समय खत्म हो चुका है। हालांकि, किसानों द्वारा किए गए चक्का जाम का असर कुछ खास नहीं रहा।

दिल्ली एनसीआर में चक्का जाम को लेकर दिल्ली पुलिस पूरी तरह से अलर्ट रही। दिल्ली पुलिस के पीआरओ ने बताया कि जहां से भी हमारे पास इनपुट आया कि कुछ समूह या लोग चक्का जाम के दौरान कुछ छिटपुट घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं, तो उसके लिए पहले से ही उन जगहों पर खास इंतजाम किए गए थे। कुछ लोग शहीदी पार्क पहुंचे हुए थे। वहां मौजूद उन लोगों को सड़क हटा दिया गया और ट्रैफिक को फिर से सुचारू रूप से चालू कर दिया गया।

बता दें कि चक्का जाम के दौरान दिल्ली के 12 मेट्रो स्टेशनों को किया गया था और कुछ मेट्रो स्टेशनों को ऐहतियातन बंद कर दिया गया था। निगरानी के लिए ड्रोन भी उड़ाए गए थे।

वहीं, आज गाजीपुर में प्रदर्शनकारी किसानो को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि वे कृषि कानूनों के निरस्त होने तक घर वापस नहीं लौटेंगे और सरकार को उनकी मांगे माननी ही पड़ेंगी।

सम्भल में किसानों का चक्का जाम,  पुलिस प्रशासन रहा अलर्ट

सम्भल। कृषि कानूनों के विरोध में विभिन्न किसान संगठनों ने आज अनूपशहर सम्भल रोड जाम कर दिया। मौके पर किसानों की पुलिस से नोकझोंक भी हुई। शनिवार को भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक असली के कार्यकर्ता ग्राम नारंगपुर पहुंचे। जहां, उन्होंने एक बैठक कर किसानों से कहा कि भाजपा सरकार किसान विरोधी है। सरकार को तीनों कृषि कानून वापस लेने पड़ेंगे। साथ ही कहा कि जब तक ये काले कानून वापस नहीं लिए जाएंगे तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा।

बैठक के बाद किसानों ने सम्भल अनूपशहर मार्ग को जाम कर दिया। लगभग एक घंटा जाम लगे रहने से मार्ग के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। अलग-अलग टाइम पर आई एंबुलेंस को किसानों ने खुद रास्ता देकर उन्हें निकलवाया।

इस दौरान बैठक में भी एक ऐसा ही नजारा देखने को मिला के एक महिला किसान कार्यकर्ता अपने तीन साल के बच्चे को गोदी में लेकर आंदोलन में शामिल रही। जाम के दौरान एसडीएम दीपेंद्र यादव व क्षेत्रअधिकारी अरुण कुमार मौके पर पुलिस बल के साथ पहुंचे। उन्होंने किसानों को समझाकर जाम खुलवाने की कोशिश की, मगर किसान कार्यकर्ता नहीं माने। किसानों ने एक घंटे तक रोड को जोम किए रखा।

उत्तराखंड : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 25 हजार किसानों को बांटे 3-3 लाख के ब्याज मुक्त ऋण

उत्तराखंड। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज उत्तराखंड में 25000 किसानों को 3-3लाख का ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार हमेशा किसानों के हित में काम कर रही है और जो ये किसान बिल लाया गया है ये किसानों के हित में है। जो लोग इस बिल का विरोध कर रहे हैं उनसे पूछिए कि इस बिल किसानों को कैसे नुकसान होगा।

वहीं, लाभार्थी भी इस ऋण को पाकर काफी खुश नजर आए और अपने खेती और व्यापार को आगे बढ़ाने की बात कही।

मौके पर उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत, गणेश जोशी, हरबंस कपूर, सहदेव सिंह पुंडीर, मुन्ना सिंह चौहान समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

रिपोर्ट- अवनीश गुप्ता

किसान आंदोलन  : सोशल मीडिया पर पुलिस की पैनी नजर

नई दिल्ली।  26 जनवरी को दिल्ली में पैदा हुईं अराजक परिस्थितियों के बाद दिल्ली पुलिस अब किसी तरह की गुंजाइश बाकि नहीं रखना चाहती। दिल्ली की सीमाओं पर पुख़्ता तैयारियों के बाद अब सोशल मीडिया पर भी कड़ी नज़र रखी जा रही है ताकि कोई अफवाह न फैले। वहीं, कल यानी शनिवार को कुछ किसान संगठनों की ओर से प्रस्तावित चक्का-जाम को लेकर भी सुरक्षा के पूरे इंतज़ाम किए गए हैं।

किसान आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया पर भड़काऊ ट्वीट के मामले में दिल्ली पुलिस बेहद सतर्कता बरत रही है। टूल-किट डॉक्युमेंट्स के विदेशी लिंक सामने आने के बाद, पुलिस सोशल मीडिया की विशेष निगरानी बरत रही है। दिल्ली पुलिस के अनुसार सोशल मीडिया पर अफवाह न फैलाई जाए, इसे लेकर भी प्रशासन अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है।

किसान आंदोलन की आड़ में शांतिभंग करने की अंतर्राष्ट्रीय साजिश के संकेत मिलने के बाद,  भारत सरकार हर स्तर पर चौकस दिख रही है। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने साफ कहा कि हम मिलकर देश के ख़िलाफ हर साज़िश को मात देंगे।

वहीं, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने मौजूदा परिस्थितियों के लिए विपक्षी पार्टियों को ज़िम्मेदार ठहराया और कहा कि वही इस आंदोलन को हवा दे रहे हैं। दिल्‍ली पुलिस की साइबर सेल ने स्‍वीडिश ऐक्टिविट ग्रेटा थनबर्ग की ओर से ट्वीट किए डॉक्‍युमेंट की जांच शुरू कर दी है। गुरुवार को दर्ज एफआईआर के बाद पुलिस अब इस बात की जांच में जुटी है कि आरोपी टूल-किट के पीछे कौन-कौन लोग या संस्थाएं हैं। उधर, शनिवार यानी 6 फरवरी को किसान संगठनों ने देशभर में चक्का जाम करने की घोषणा की है। किसान संगठनों का कहना है कि देशभर भर में 3 घंटे का सांकेतिक चक्का जाम किया जाएगा। हालांकि, कई किसान संगठनों का कहना है कि दिल्ली में चक्का जाम नहीं होगा, लेकिन 26 जनवरी की हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस अपनी तरफ से तैयारियां पूरी रखनी चाहती है। दिल्ली पुलिस ने किसी भी तरह के हंगामे से निपटने के लिए पूरी व्यवस्था की है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि दिल्ली की सीमाओं पर ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि कोई भी प्रदर्शनकारी कल शहर में घुस ना पाए। इसके लिए पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ भी दिल्ली पुलिस लगातार संपर्क बनाए हुए है।

फिलहाल 26 जनवरी की घटना के बाद दिल्ली , यूपी हरियाणा समेत तमाम राज्यों की सरकारें सतर्क हैं और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार भी।

 

राकेश टिकैत का ऐलान,  दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड को छोड़कर पूरे देश में कल चक्का जाम करेंगे किसान

नई दिल्ली।  कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का हल्ला बोल पिछले 72 दिनों से जारी है। सरकार और किसानों के बीच कृषि कानून पर कई दौर की वार्ता हुई, लेकिन सब की सब बेनतीजा रही। ऐसे में अब किसानों ने कल यानी 6 फरवरी को चक्का जाम का ऐलान किया है। देशभर में किसान हाईवे को जाम कर अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस बीच किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं होगा।

 

मोदी सरकार के कृषि कानूनों का अमेरिका ने किया समर्थन, कहा- कृषि क्षेत्र में होगा सुधार  

नई दिल्ली।  संयुक्त राज्य अमेरिका ने मोदी सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि कानूनों को अपना समर्थन दिया है। बुधवार को जारी एक बयान में  बायडेन प्रशासन ने कहा कि वो उन कदमों का स्वागत करता है, जो भारत के बाजारों की कुशलता में सुधार करेंगे और निजी क्षेत्र में अधिक निवेश को बढ़ावा देंगे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक यूएस स्टेट डिपार्टमेंट द्वारा जारी बयान में संकेत दिया गया है कि नया बायडेन प्रशासन भारत सरकार के कृषि क्षेत्र में सुधार के कदम का समर्थन करता है जो कि निजी निवेश और किसानों के लिए बड़े बाजार को आकर्षित करेगा।

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि हमें लगता है कि शांतिपूर्ण तरीके से जारी प्रदर्शन लोकतंत्र का हिस्सा है। भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने भी इसी बात को कहा है। अगर दोनों पक्षों में मतभेद है तो उसे बातचीत के जरिए हल करना चाहिए।

विदेशी हस्तियों को अमित शाह का करारा जवाब, कहा- देश की एकता को कम नहीं कर सकता है कोई प्रोपगेंडा

नई दिल्ली।  किसान आंदोलन पर विदेशी हस्तियों के ट्वीट का गृह मंत्री अमित शाह ने करारा जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव के बयान को कोट करते हुए गृह मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि कोई भी प्रोपगेंडा देश की एकता को कम नहीं कर सकता है। और ना ही कोई प्रोपेगेंडा देश को ऊंचाइयों पर जाने से रोक सकता है, भारत की प्रगति के लिए सभी एकजुट हैं।

 

किसान आंदोलन पर टिप्पणियां करने वाली विदेशी हस्तियों को अनुपम खेर का जवाब, कहा- तुझको परायी क्या पड़ी अपनी नबेड तू

नई दिल्ली। अभिनेता अनुपम खेर ने ट्वीट कर किसान आंदोलन पर टिप्पणियां करने वाली विदेशी हस्तियों पर हमला बोला है। अनुपम खेर ने हैशटैग इंडिया टुगेदर और हैशटैग इंडिया अंगेस्ट प्रोपेगेंडा के साथ एक शेर लिखकर रिहाना, मिया खलीफा और ग्रेटा थनबर्ग जैसी हस्तियों पर हमला बोला।

अनुपम खेर ने तंज कसते लिए लिखा है, ‘हमारे देश के अंदरूनी मामलों में दख़ल देने वाले कुछ विदेशियों के लिए यह शेर अर्ज़ है…। रिंदे ख़राब हाल को ज़ाहिद ना छेड़ तू , तुझको परायी क्या पड़ी अपनी नबेड तू…।’

इसके अलावा अक्षय कुमार ने भी विदेशी हस्तियों को जवाब देते हुए ट्वीट किया है। अक्षय कुमार ने विदेश मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान को शेयर करते हुए विदेशी हस्तियों को जवाब दिया। अक्षय कुमार ने लिखा, ‘किसान हमारे देश का बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उनकी समस्याओं के समाधान के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। इसलिए सभी मिलकर एक समाधान के लिए समर्थन करें। किसी भी तरह का विभाजन पैदा करने वालों पर ध्यान देने की बजाय समाधान पर फोकस करें।

 

विदेशी सेलेब्रिटीज को विदेश मंत्रालय की नसीहत, कहा- बिना जानकारी के बयानबाजी करना गलत

नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय ने किसान आंदोलन पर बयान बाजी करने वाले विदेशी सेलिब्रेटिज को कड़ी नसीहत दी है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि बिना जानकारी के अनावश्यक बयानबाजी न करें। संसद में पर्याप्त चर्चा के बाद किसान बिल पारित किए गए हैं।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि इन तीनों कृषि कानूनों पर देश के छोटे हिस्से के किसानों को कुछ शंकाएं है, जिसे लेकर सरकार किसानों के प्रतिनिधियों से ग्यारह बार बात कर चुकी है। साथ ही कहा कि किसानों के प्रदर्शन पर कुछ स्वार्थी समूह भारत के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय समर्थन को एकजुट कर रहे हैं। भारतीय पुलिस बल ने विरोध प्रदर्शन के दौरान संयम बरता और कई पुलिसकर्मी घायल भी हुए।

इसके अलावा विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस आंदोलन को भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों के संदर्भ में देखना चाहिए और इस मुद्दे को सुलझाने के लिए सरकार के प्रयास जारी है। मंत्रालय ने कहा कि सोशल मीडिया पर सनसनीखेज तरीके को सेलेब्रिटी और अन्य के द्वारा अपनाना उनके गैर जिम्मेदाराना रवैयेको दिखाता है।