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उत्तराखंड : अस्पताल की लापरवाही से गई महिला की जान, अस्पताल में हंगामा  

कालाढूंगी। उत्तराखंड के कालाढूंगी समुदायक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को सही उपचार और डॉक्टर के गलत व्यवहार को लेकर नगर व ग्रामीण क्षेत्र के लोगों व भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ता ने बुधवार को अस्पताल में जमकर हंगामा किया।

बता दें कि ग्रामीण व मृतक की दोनों बेटियों ने बताया कि एक सप्ताह पूर्व बह अपनी मां को उपचार के लिए कालाढूंगी अस्पताल लाई थी। जानकारी के अनुसार देवलचोड़ निवासी पुष्पा देवी का स्वास्थ्य खराब हुआ तो उनको कालाढूंगी समुदाय स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था ।

जिसमे उनकी ऑक्सीजन की कमी हुई तो डॉक्टर अमित मिश्रा ने कोरोना की जांच रिपोर्ट के बाद ही एडमिट करने की बात कही जिनमे उनका ऑक्सीजन लेवल कम होता चला गया। जिसके बाद परिजनों द्वारा बताया गया कि उनका स्वास्थ्य और बिगड़ता चला गया।

तब भी डॉक्टर ने उन्हें ऑक्सीजन नहीं दिया और ना ही कहीं रेफर किया गया। किसी तरह उनको हलद्वानी के सुशीला तिवाड़ी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहां उनकी उपचार के दौरान मौत हो गई। परिजनों का आरोप है ,कि अगर उनको कालाढूंगी अस्पताल में ऑक्सीजन मिल जाती तो शायद उनकी जान बच जाती।

रिपोर्ट – मुकेश छिमवाल

 

 

दुर्गापुर से 12 घंटे में गोरखपुर पहुंची पहली ऑक्‍सीजन एक्‍सप्रेस,  40 मीट्रिक टन ऑक्‍सीजन को बनाया गया ग्रीन कॉरिडोर

गोरखपुर। पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर से शुक्रवार देर रात चली पहली ऑक्‍सीजन एक्‍सप्रेस शनिवार दोपहर 12 बजे गोरखपुर क्षेत्र के नकहा रेलवे स्‍टेशन पहुंच गई। दो कंटेनर में 40 मीट्रिक टन ऑक्‍सीजन को लाने के लिए ग्रीन कॉरीडोर बनाया गया था। ऑक्‍सीजन को गोरखपुर लाने में 12 घंटे का समय लगा। इससे यहां पर आक्‍सीजन की उपलब्‍धता को सुनिश्चित किया जा सकेगा। इसके साथ ही कोविड-19 के जिन मरीजों को ऑक्‍सीजन की दिक्‍कत हो रही है, उसे भी पूरा किया जा सकेगा।

बता दें कि गोरखपुर में वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर कहर बरपा रही है। ऐसे में आक्‍सीजन की कमी ने भी कई सवाल खड़े किए हैं। दर्जनों ऐसे मरीज रहे हैं, जिन्‍हें ऑक्‍सीजन की कमी के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। ऑक्‍सीजन को लेकर शहर से लेकर गांव तक हाहाकार मचा रहा है। कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप के पूरे एक माह बाद यानी आज 15 मई को पहली आक्‍सीजन एक्‍सप्रेस गोरखपुर पहुंची है। इससे यहां पर कोरोना के बढ़ते प्रकोप की वजह से आक्‍सीजन की कमी को पूरा किया जा सकेगा।

गोरखपुर के लोगों को ऑक्‍सीजन की किल्‍लत के कारण काफी परेशानी उठानी पड़ी है। आम इंसान से लेकर अस्‍पताल और घरों में अपने परिजनों को ऑक्‍सीजन पर रखने वाले लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। ऑक्‍सीजन की कमी की के कारण कई लोगों ने अपनों को खो दिया है। यही वजह है कि पहली ऑक्‍सीजन एक्‍सप्रेस का लोगों को बेसब्री से इंतजार था। पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर से ऑक्‍सीजन एक्‍सप्रेस आक्‍सीजन लेकर 11.52 पर रवाना हुई और 15 मई यानी शनिवार को दोपहर 12 बजे गोरखपुर पहुंच गई।

गोरखपुर के जिलाधिकारी के.विजयेन्‍द्र पांडियन ने बताया कि 12 घंटे में ऑक्‍सीजन पहुंच गई। काशीपुर और बोकारो से आक्‍सीजन मिल‍ता था। अब 2000 सिलिंडर से 8000 सिलिंडर की क्षमता हो गई है। हम ऑक्‍सीजन के सरप्‍लस में हैं। गोरखपुर के साथ 15 जिलों को आक्‍सीजन की सुविधा दी जा रही है। तीन ऑक्‍सीजन प्‍लांट चल रहे हैं।

 

2 घंटे में मरीज के घर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पहुंचाया जाएगा और लगाया जाएगा : अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को डिजिटल माध्यम से प्रेस कांफ्रेंस की।

इस दौरान उन्होंने बताया कि दिल्ली में कोरोना की स्थिति कुछ नियंत्रित दिखाई दे रही है। सीएम के अनुसार दिल्ली में कोरोना के मामलों में गिरावट देखी जा रही है, पिछले 24 घंटों में करीब 6500 नए मामले सामने आए हैं, जबकि एक दिन पहले यह 8500 थे। साथ ही संक्रमण की दर में भी कमी देखने को मिल रही है। मौजूदा समय में यह 12 फीसदी से गिरकर 11 प्रतिशत पर पहुंच गई है।

दिल्ली में मौजूदा स्वास्थ्य व्यवस्था पर चर्चा करते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में और 500 आईसीयू बेड बनकर और तैयार हो गए, अभी कुछ दिन पहले 500 आईसीयू बेड पहले ही तैयार हुए थे। बकौल सीएम, 15 दिनों में आईसीयू के 1000 बेड्स तैयार हो गए इसका सारा श्रेय डॉक्टर और इंजीनियर को जाता है।

इसके साथ ही केजरीवाल ने ऐलान किया हम आज से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बैंक शुरू कर रहे हैं। हमने दिल्ली के हर जिले में 200-200 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का बैंक बनाया है। ऐसे मरीज जो होम आइसोलेशन में हैं अगर उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है तो हमारी टीम दो घंटे में उनके घर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पहुंचा देगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को कोरोना है, लेकिन वो किसी वजह से हमारे होम आइसोलेशन का हिस्सा नहीं है तो वो 1031 पर फोन कर होम आइसोलेशन का हिस्सा बन सकते हैं और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की मांग कर सकते हैं। हमारे डॉक्टर की टीम ये सुनिश्चित करेगी कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की जरूरत है या नहीं।

 

ऑक्सीजन एक्सप्रेस के जरिए 20 दिन में राज्‍यों को 7,900 टन तरल चिकित्‍सा ऑक्‍सीजन की आपूर्ति

नई दिल्ली। रेलवे ने पिछले 20 दिन में विभिन्‍न राज्‍यों को सात हजार 900 टन तरल चिकित्‍सा ऑक्‍सीजन की आपूर्ति की है। रेल मंत्रालय ने बताया कि ऑक्‍सीजन एक्‍सप्रेस रेलगाड़ियां प्रत्‍येक दिन देश के विभिन्‍न भागों में लगभग 800 टन तरल ऑक्‍सीजन पहुंचा रही हैं। अब तक 130 ऑक्‍सीजन रेलगाडियों ने अपनी यात्रा पूरी की है और विभिन्‍न राज्‍यों को राहत पहुंचाई है।

रेलवे अब तक महाराष्‍ट्र को 462 टन तरल चिकित्‍सा ऑक्‍सीजन, उत्‍तर प्रदेश को दो हजार 210 टन, मध्‍य प्रदेश को 408 टन, दिल्‍ली को दो हजार 934 टन, हरियाणा को एक हजार 228 टन, तेलंगाना को 308 टन, राजस्‍थान को 72 टन, कर्नाटक को 120 टन तथा उत्‍तराखंड और तमिलनाडु को 80-80 टन तरल ऑक्‍सीजन पहुंचा चुका है।

 

RSS ने मेरठ में बनाया 59 बेड का आइसोलेशन सेंटर

मेरठ। कोरोना के चलते देश भर के कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी हो रही है तो अस्पतालों में मरीजों को बेड नहीं मिल रहे हैं। देश पर आई इस विपदा को देखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने उत्तर प्रदेश के मेरठ सहित कई जिलों में आइसोलेशन सेंटर बना दिए हैं ताकि मरीजों को इलाज के लिए भटकना ना पड़े।

मेरठ के माधव कुंज में भी 50 बेड का आइसोलेशन सेंटर बनाया गया हैं। शताब्दी नगर स्थित माधव कुंज के इस भवन में भूतल पर 50 बेड का आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है, जिसमें 25 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी लगाए गए ताकि मरीजों को ऑक्सीजन के लिए परेशानी ना हो तो वहीं भाप देने के लिए स्टीम मशीन के साथ-साथ जरूरत की तमाम दवाइयां भी स्टॉक में रखी गई हैं ताकि मरीज को आवश्यकता पड़ने पर तुरंत दी जा सके ।

फिलहाल आज पहले दिन ही यहां 3 मरीजों को एडमिट किया गया, जिनमें से एक मरीज खुर्जा का दूसरा सरधना का तो तीसरा मरीज बिजनौर का निवासी है।

यहां मौजूद चिकित्सक समय-समय पर इन मरीजों की जांचकर उनका इलाज तो कर ही रहे हैं साथ ही यहां मौजूद संघ के स्वयंसेवक भी इन मरीजों की सेवा कर उनका हौसला बढ़ा रहे हैं।

राष्ट्र संघ सेवक संघ के मेरठ महानगर संघचालक विनोद भारतीय की माने तो अभी यह आइसोलेशन सेंटर 50 बेड का बनाया है लेकिन अगर भविष्य में जरूरत पड़ती है तो उसके हिसाब से बेड की संख्या और बढ़ा दी जाएगी। साथ ही उनका कहना है कि इस आइसोलेशन सेंटर को एल वन श्रेणी में रखा गया है, जिससे जिसका ऑक्सीजन लेवल 90 के आसपास है वह यहां पर आकर आइसोलेट हो सकता है जबकि 90 से नीचे ऑक्सीजन लेवल वालों के लिए हॉस्पिटल में व्यवस्था कराई जाएगी जिसके लिए बाकायदा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता लोगों की मदद कर रहे हैं।

एक बात तो साफ है कि अगर देश पर कोई विपदा आती है तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उस विपदा से आगे बढ़कर लड़ता है और आज भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वही काम कर रहा है।

रिपोर्ट -शाहिद मंसूरी

 

ऑक्सीजन न मिलने से मरीज की मौत, वीडियो वायरल

मेरठ। मेरठ में लगातार कोरोना का इलाज कर रहे अस्पतालो में ऑक्सीजन का संकट गहरा गया है। आये दिन कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। इसी क्रम में आज एक और वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक महिला ऑक्सीजन न मिलने के चलते दम तोड़ देती है। वीडियो में उसके परिजन मदद के लिए चिल्ला रहे हैं, ऑक्सीजन मांग रहे हैं लेकिन जब तक डॉ. वहां पहुंचे तब महिला की मौत ही चुकी होती थी।

उधर, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ऑक्सीजन खत्म होने की बात से इनकार कर रहे है, लेकिन वीडियो में आप खुद देख सकते है कि ये वीडियो मेडिकल अस्पताल का है, जहां किस तरह से अफरा तफरी का माहौल है।  कभी मरीज के परिजन ऑक्सीजन की लगी बोतल को देख रहे तो कभी मरीज को सीपीआर देकर ऑक्सीजन लेवल खुद ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं।

इस पूरे मामले पर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल का कहना है कि उनके अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी नहीं है। जिस महिला की मौत हुई है उस की तबियत पहले से ही ख़राब चल रही थी और उसकी मौत पूर्व में ही हो चुकी थी।

रिपोर्ट-शाहिद मंसूरी

 

अपनी बीमार मौसी के लिए सुरेश रैना ने मांगी मदद तो सोनू सूद ने बिना देर किए बढ़ाया हाथ

नई दिल्ली। भारत के मशहूर क्रिकेटर सुरेश रैना ने हाल ही में ट्विटर पर मदद की गुहार लगाई।  दरअसल सुरेश रैना ने अपने एक ट्वीट के माध्यम से मेरठ में रहने वाली अपनी मौसी के लिए ऑक्सीजन सिलिंडर मांगा। रैना ने लिखा कि 65 साल की उनकी मौसी अस्पताल में फेफड़ों के इन्फेक्शन से जूझ रही हैं और उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत है।

सुरेश रैना के इस ट्वीट पर सोनू सूद ने जवाब देते हुए लिखा कि वह 10 मिनट में ऑक्सीजन सिलिंडर भेज रहे हैं। बता दें कि सोनू सूद लगातार लोगों की मदद करने में लगे हुए हैं। हाल ही में सोनू खुद कोरोना वायरस की चपेट में आ गए थे। हालांकि तब भी वह जरूरतमंदों की मदद कर रहे थे। अपने कोरोना संक्रमित होने का ऐलान करते हुए सोनू ने कहा था कि वह मदद के लिए अभी भी तैयार हैं। अपनी रिपोर्ट के निगेटिव आने के बाद सोनू तेजी से मदद करने में लगे हैं।

इतना ही नहीं बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद को साल 2020 में प्रवासी मजदूरों की मदद करने पर मसीहा का नाम दिया गया था। तब से लेकर अभी तक सोनू सूद ने मजदूरों संग देश के कई वासियों की मदद की है।

मेरठ : ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीज की मौत, गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में की तोड़फोड़

मेरठ। न्यूट्रिमा हॉस्पिटल में देर रात मरीज की मौत से बौखलाए परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा और तोड़फोड़ की। घंटों तक परिजनों का हंगामा चलता रहा। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस-प्रशासन की टीम ने किसी तरह परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया। मृतक मरीजों के तीमारदारों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

परिजनों का कहना है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीजों की मौत हुई है। वहीं, ऑक्सीजन की कमी की सूचना पर जिला प्रशासन और सीएमओ की टीम भी मौके पर पहुंची थी। जहां पर सीएमओ ने ऑक्सीजन लेवल की जांच की। आप तस्वीरों में देख सकते हैं कि किस तरह से देर रात अस्पताल में हंगामा चलता रहा।

वहीं, सीएमओ अखिलेश मोहन की माने तो परिजनों की शिकायत पर टीम वहां पहुंची थी। जिसके बाद जांच भी की गई। सभी 5 मरीजों की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हुई है। वहीं तीमारदारों के आरोप पर जांच की जा रही है। विस्तृत जांच करके रिपोर्ट कल सौंप दी जाएगी।

रिपोर्ट-शाहिद मंसूरी

हल्द्वानी : छापेमारी कर 50 से ज्यादा ऑक्सीजन सिलेंडर किए बरामद

हल्द्वानी ऑक्सीजन सिलिंडर के स्टॉक को लेकर प्रशासन ने आज बड़ी कार्रवाई की है। सिटी मजिस्ट्रेट ने ड्रग विभाग के साथ मिलकर हल्द्वानी के रेलवे बाजार और ट्रांसपोर्ट नगर समेत अनेक इलाकों में ताबड़तोड़ छापेमारी की। इस दौरान टीम ने 50 से ज्यादा ऑक्सीजन सिलेंडर बरामद किए हैं।

प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि इस समय ऑक्सीजन सिलेंडर को घर में स्टॉक ना करें, क्योंकि कोविड मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर की बहुत आवश्यकता है और यदि किसी ने अपने घर में ऑक्सीजन सिलेंडर को स्टॉक किया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

शिकायत मिलने के बाद जब प्रशासन ने अपनी कार्रवाई को अंजाम दिया तो कई जगह से सिलिंडर बरामद हुये, जिनका उपयोग अन्य कामों के लिये किया जा रहा था। प्रशासन ने सभी सिलेंडरों को कब्जे में लेकर स्वास्थ्य विभाग को देने की कार्रावई सुनिश्चित की है।  साथ ही लोगों से बेवजह ऑक्सीजन सिलेंडर स्टॉक न करने की भी अपील की है।

रिपोर्ट-भूपेंदर सिंह पन्नू

 

उत्तराखंड : ऑक्सीजन डीलर के पास नहीं मिला स्टॉक रजिस्टर

उधमसिंह नगर। अमरिया पीलीभीत रोड पर ऑक्सीजन सिलेंडरो की जांच करने गई राजस्व विभाग की टीम को दुकान में कोई स्टॉक रजिस्टर नहीं मिला। दुकान स्वामी कासिफ मलिक ने जांच टीम को बताया कि वह अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति करते हैं। उनके पास 130 सिलेंडरो का स्टॉक रहता है जो अस्पतालों को दे दिया गया है। उनके स्टॉक में कोई खाली सिलेंडर नहीं है।

दुकान स्वामी ने जांच टीम को बताया कि कोविड-सेन्टर की मांग के अनुसार उन्हें सिलेंडर नहीं मिल पा रहे हैं। नानकमत्ता के नायब तहसीलदार यशपाल कानूनगो फूल सिंह राजस्व उप निरीक्षक शेखर आर्य ने मलिक इंटरप्राइजेज में ऑक्सीजन सिलेंडरो की जांच की मौके पर टीम को कोई ऑक्सीजन से भरा सिलेंडर नहीं मिला। कुछ खराब सिलेंडर मिले दुकान स्वामी ने जांच टीम को बताया कि मैं सितारगंज के दो निजी अस्पताल तथा बहेड़ी के एक निजी अस्पताल को ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति करते हैं। नायब तहसीलदार ने बताया कि मौके पर स्टॉक रजिस्टर नहीं मिला। जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी।

रिपोर्ट- दीपक भारद्वाज