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दुर्गापुर से 12 घंटे में गोरखपुर पहुंची पहली ऑक्‍सीजन एक्‍सप्रेस,  40 मीट्रिक टन ऑक्‍सीजन को बनाया गया ग्रीन कॉरिडोर

पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर से शुक्रवार देर रात चली थी ऑक्सीजन एक्सप्रेस

गोरखपुर। पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर से शुक्रवार देर रात चली पहली ऑक्‍सीजन एक्‍सप्रेस शनिवार दोपहर 12 बजे गोरखपुर क्षेत्र के नकहा रेलवे स्‍टेशन पहुंच गई। दो कंटेनर में 40 मीट्रिक टन ऑक्‍सीजन को लाने के लिए ग्रीन कॉरीडोर बनाया गया था। ऑक्‍सीजन को गोरखपुर लाने में 12 घंटे का समय लगा। इससे यहां पर आक्‍सीजन की उपलब्‍धता को सुनिश्चित किया जा सकेगा। इसके साथ ही कोविड-19 के जिन मरीजों को ऑक्‍सीजन की दिक्‍कत हो रही है, उसे भी पूरा किया जा सकेगा।

बता दें कि गोरखपुर में वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर कहर बरपा रही है। ऐसे में आक्‍सीजन की कमी ने भी कई सवाल खड़े किए हैं। दर्जनों ऐसे मरीज रहे हैं, जिन्‍हें ऑक्‍सीजन की कमी के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। ऑक्‍सीजन को लेकर शहर से लेकर गांव तक हाहाकार मचा रहा है। कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप के पूरे एक माह बाद यानी आज 15 मई को पहली आक्‍सीजन एक्‍सप्रेस गोरखपुर पहुंची है। इससे यहां पर कोरोना के बढ़ते प्रकोप की वजह से आक्‍सीजन की कमी को पूरा किया जा सकेगा।

गोरखपुर के लोगों को ऑक्‍सीजन की किल्‍लत के कारण काफी परेशानी उठानी पड़ी है। आम इंसान से लेकर अस्‍पताल और घरों में अपने परिजनों को ऑक्‍सीजन पर रखने वाले लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। ऑक्‍सीजन की कमी की के कारण कई लोगों ने अपनों को खो दिया है। यही वजह है कि पहली ऑक्‍सीजन एक्‍सप्रेस का लोगों को बेसब्री से इंतजार था। पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर से ऑक्‍सीजन एक्‍सप्रेस आक्‍सीजन लेकर 11.52 पर रवाना हुई और 15 मई यानी शनिवार को दोपहर 12 बजे गोरखपुर पहुंच गई।

गोरखपुर के जिलाधिकारी के.विजयेन्‍द्र पांडियन ने बताया कि 12 घंटे में ऑक्‍सीजन पहुंच गई। काशीपुर और बोकारो से आक्‍सीजन मिल‍ता था। अब 2000 सिलिंडर से 8000 सिलिंडर की क्षमता हो गई है। हम ऑक्‍सीजन के सरप्‍लस में हैं। गोरखपुर के साथ 15 जिलों को आक्‍सीजन की सुविधा दी जा रही है। तीन ऑक्‍सीजन प्‍लांट चल रहे हैं।

 

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