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अमेठी : शादी से पहले मतदान केंद्र पहुंची दुल्हन, किया मतदान  

अमेठी। उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में पंचायत चुनाव को लेकर तीसरे चरण की वोटिंग हो रही है। इसी बीच शादी से चंद घंटों पहले अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए दुल्हन मतदान केंद्र पहुंची और अपना वोट डाला।

बता दैं कि अमेठी में शाम को दुल्हन बनकर जय माल की स्टेज पर पहुंचने वाली आकांक्षा जब उसी लिबास में बूथ पर पहुंची तो लोग भी आश्चर्यचकित हो गए। आकांक्षा ने कहा कि गांव की सरकार चुनने के लिए और गांव के विकास के लिए उन्होंने मतदान किया है।

संग्रामपुर ब्लाक के सरैया बड़ा गांव की रहने वाली आंकाक्षा मिश्रा पुत्री राजेश मिश्रा की आज शादी है। शाम को उनकी शहनाई बजेगी और फिर उसकी डोली सजेगी। इससे ठीक पहले आकांक्षा अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करते हुए माता-पिता के साथ पोलिंग बूथ पहुंची। गांव की सरकार चुनने के लिए हो रही वोटिंग में उन्होंने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

आकांक्षा ने कहा कि मैंने अपनी शादी से पहले मतदान के लिए इसलिए सोचा कि हमारे गांव का विकास हो। अच्छी सुविधा प्राप्त हो। एक अच्छा प्रधान हम चाहते हैं जो हर समस्या को समझे और अच्छी सुविधा दे।

 

 

वनटांगिया पहली बार चुनेंगे गांव की सरकार, मुख्यमंत्री ने दिलाया टांगिया गांव को राजस्व ग्राम का दर्जा

गोरखपुर। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम घोषित कर उन्हें आजाद देश में मिलने वाली सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराकर विकास की Uमुख्यधारा से जोड़ा है। योगी सरकार में राजस्व ग्राम घोषित होने के बाद गोरखपुर वनटांगिया गांव पहली बार पंचायत चुनाव में सक्रिय भागीदारी निभाकर गांव की सरकार चुनने जा रहे हैं। यानी पहली बार ग्राम प्रधान का चुनाव इस गांव में होने जा रहा है और पहली बार वोट डालने का अधिकार भी उनके हाथों में है।

4 साल पहले की बात करें तो वनटांगिया गांव राजस्व ग्राम के रूप में अभिलेखों में दर्ज नहीं किया गया था, जिसके कारण से सरकार की योजनाओं का भी उनसे कोई वास्ता नहीं था। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सरकार बनते ही एक पहल शुरू किया और राजस्व गांव बनाया, और सभी योजनाएं अब इन गांवों में दिखने लगी। गोरखपुर में पांच वनटांगिया गांव हैं, राजस्व ग्राम के निवासी के रूप में इन गांवों के वनटांगिया पहली बार पंचायत चुनाव में अपने गांव की सरकार सुनने जा रहे हैं। पिछले चुनाव में इन्हें वोट डालने को भले ही मौका मिला हो, लेकिन खुद का गांव राजस्व ग्राम न होने से गांव की सरकार से इनको कोई फायदा नहीं मिल पा रहा था। जिसका लाभ अब वह अपने गांव की सरकार बना कर उठा पाएंगे।

बता दें कि यूपी के सीएम योगी ने सरकार बनते ही बदली वनटांगिया गांवों की दशा और दिशा, पहले ही साल इन गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा दिलाने के बाद उन्हें विकास की समस्त योजनाओं का लाभ मिलना शुरू हो गया। राजस्व ग्राम घोषित होते ही ये सभी ग्रामीण हर उस सुविधा के हकदार हो गए, जो सामान्य नागरिक को मिलती है। सीएम योगी के कार्यकाल में वनटांगिया गांव के लोगों को आंगनबाड़ी, बिजली, सड़क, आवास, पानी, स्कूल, केंद्र और आरओ वाटर मशीन जैसी सुविधाओं से आज पूरा गांव लाभ उठा रहा है। वनटांगिया गांवों में आज सभी के पास पक्का आवास, कृषि, राशनकार्ड, भूमि, रसोई गैस सभी कुछ उपलब्ध है। सभी वन टांगिया गांव के बच्चे स्कूलों में पढ़ रहे हैं, ग्रामीणों को उनके पात्रता के हिसाब से दिव्यांग,वृद्धा, विधवा, आदि सभी पेंशन योजनाओं का लाभ मिल रहा है।

रिपोर्ट- सचिन यादव

गोरखपुर : जिला पंचायत चुनाव, आम आदमी पार्टी ने अपने 29 प्रत्याशियों के नाम का किया ऐलान

गोरखपुर। आम आदमी पार्टी गोरखपुर ने जिला पंचायत चुनाव के मद्देनजर  आज अपने 29 प्रत्याशियों के नामों के ऐलान किया। दिल्ली मॉडल टाउन के विधायक विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी ने यह जानकारी दी है।

आप विधायक ने कहा कि हमने जिला पंचायत चुनाव में साफ-सुथरी छवि के ईमानदार प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। हमारे प्रत्याशी ईमानदारी से काम करेंगे और जिला पंचायत के अंतर्गत आने वाली सुविधाओं सड़क, पानी, चिकित्सा इत्यादि पर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान राजनीति से आम जनता अब पूरी तरह ऊब चुकी है, जनता को अब यह लग रहा है कि इस व्यवस्था में बदलाव होना चाहिए और इस बार पंचायत चुनाव से इस बदलाव की शुरुआत होगी।

कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का यह गोरखपुर जिला जो कि स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का गृह जनपद है। जहां पर पिछले 6 दिनों के अंदर तमाम हत्याएं हो हुई हैं।

 

BJP ने पंचायत चुनाव की तैयारी की तेज, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के ग्राम चौपाल कार्यक्रम की बनाई रूपरेखा

सुलतानपुर। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की 16 मार्च को इसौली विधानसभा के कुड़वार गांव में होने वाली ग्राम चौपाल को लेकर पार्टी के जिला कार्यालय पर शनिवार को बैठक की गई।

बैठक की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष डॉ. आर.ए वर्मा ने की। बैठक में पंचायत चुनाव को लेकर गांवों में चौपाल लगाने की रूपरेखा तय की गई।

पार्टी के प्रदेश मंत्री व जिला प्रभारी शंकर गिरी की मौजूदगी में पार्टी पदाधिकारियों को चौपाल कार्यक्रम की जिम्मेदारी बांटी गई। बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश मंत्री शंकर गिरी ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर बूथ स्तरीय बैठकों के बाद अब पार्टी 18 मार्च तक ग्राम चौपाल आयोजित कर आम जनमानस से सीधे रुबरू होगी और केंद्र व प्रदेश सरकार की उपलब्धियों से लोगों को अवगत करायेगी।

बड़ी खबर : हाईकोर्ट ने यूपी पंचायत चुनाव की आरक्षण प्रक्रिया पर लगाई रोक

उत्तर प्रदेश में होने जा रहे पंचायत चुनावों में आरक्षण प्रक्रिया पर हाईकोर्ट ने शुक्रवार को रोक लगा दी है। साथ ही आवंटन की कार्रवाई को भी रोक दिया गया है। अब मामले की अगली सुनवाई 15  मार्च को होगी। वहीं,  मामले में सरकार सोमवार को कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करेगी।

बता दें कि अजय कुमार नाम के सामाजिक कार्यकर्ता ने कोर्ट में जनहित याचिका लगाकर सरकार की ओर से जारी आरक्षण के आदेश को चुनौती दी थी। जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आज सुनवाई की।

 

 

बिहार ग्राम संसद में उठेंगे गांव से जुड़े बुनियादी सवाल, देशभर से चुनिंदा 100 मुखिया होंगे शामिल

पटना। अर्बन पॉलिटिक्स संस्था के फाउंडर बृजेश शर्मा ने आज राजधानी पटना के मौर्या होटल में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि आगामी 13 मार्च को मौर्या होटल में बिहार ग्राम संसद का आयोजन किया गया है। जिसमें बिहार समेत पूरे देश से चुनिंदा 100 मुखिया शामिल हो रहे हैं। इस कार्यक्रम में कई केंद्रीय मंत्री व बिहार सरकार के मंत्री शामिल होंगे कार्यक्रम के संयोजक भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सह विधान पार्षद संजय प्रकाश मयूख जी हैं। इस कार्यक्रम में पंचायती राज व्यवस्था को सुदृढ़ करने की बात होगी चिंतन होगा। साथ ही साथ गांव ग्राम स्वराज की अवधारणा को मजबूत करने वाले प्रतिनिधियों को सम्मानित भी किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि बिहार में पंचायती राज व्यवस्था का चुनाव होना है। इस चुनाव को लेकर लोगों में कुछ ज्यादा ही उत्साह है। उनकी पूरी टीम ग्रास रूट लेवल तक पंचायत प्रतिनिधियों को जागरूक करना चाहती हैं। उन्हें बताना चाहती है कि उनका अधिकार क्या है और वह गांव के विकास के लिए क्या कुछ कर सकते हैं? जो लोग बेहतर काम कर रहे हैं उन्हें रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए विधान पार्षद संजय प्रकाश मयूख ने कहा कि यह एक अनूठी पहल है। इस पहल को गांव-गांव तक लेकर जाना है। ग्राम स्वराज की अवधारणा को मजबूत करना है। पंचायत प्रतिनिधियों को जागरुक करना है। केंद्र व राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं को भी गांव-गांव तक पहुंचाना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।

कार्यक्रम के कंवेनर राय केशव शर्मा ने कहा कि उनकी टीम बिहार के प्रत्येक पंचायत तक नेटवर्क बना चुकी है। वहां के पंचायत प्रतिनिधियों को जागरूक किया जा रहा है। उन्हें उनके अधिकारों के बारे में बताया जा रहा है कि गांव का एक मुखिया गांव के विकास के लिए क्या कुछ कर सकता है। साथ ही जो नए लोग पंचायत चुनाव में चुनाव लड़ना चाहते हैं उन्हें भी जागरूक किया जा रहा है। ग्रास रूट लेवल पर विकास की अवधारणा कैसे मजबूत हो इसी को ध्यान में रखकर 13 मार्च को मौर्या होटल में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जिसमें केंद्र व राज्य सरकार के कई सम्मानित मंत्री वरीय पदाधिकारी शामिल होंगे। आयोजित प्रेस वार्ता में कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी अरनव मीडिया के प्रमुख अनूप नारायण सिंह भी उपस्थित थे।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की आरक्षण सूची का इंतजार हुआ खत्म, जिला चुनाव अधिकारी ने जारी की लिस्ट

नई दिल्ली। गोरखपुर जिले के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के आरक्षण की अंतिम सूची आज गोरखपुर जिला चुनाव अधिकारी/सीडीओ इंद्रजीत सिंह ने जारी की। ग्राम पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य(बीडीसी) व ब्लाक प्रमुख के 4 पदों के लिए आरक्षण सूची आज देर शाम 7 बजे जारी की गई। घंटों इंतजार के बाद आज जब लिस्ट चस्पा किया गया तो लोग एक दूसरे पर चढ़कर सूची का फोटो खींचने लगे।

हालांकि आंशिक परिसीमन के कारण जिला पंचायत ने इस बार सीटें कम कर दी हैं। इस नई लिस्ट के अनुसार 33% महिलाओं को विशेष वरीयता दी गई है।

जिला पंचायत अधिकारी/सीडीओ इंद्रजीत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि आरक्षण लिस्ट में जैसे-जैसे जिओ की गाइडलाइन दी गई थी हम लोगों ने उसमें होमवर्क कर हर गाइडलाइन को फॉलो किया और हर टाइम लाइन को फॉलो किया। उसकी पूरी स्टडी करके उन लोगों ने सूची तैयार की। इस संबंध के सभी अधिकारियों को हमें बुलाकर क्रॉस चेक किया और कंप्यूटर पर डाल करके उसको चेक किया। हमें 2 दिनों का समय मिला था परंतु हमने आज ही जिओ को प्रकाशित कर दिया। इसमें आपत्ती के लिए 4 तारीख से 8 तारीख तक का समय है। आपत्ती हमारे विकास भवन, डिवीजन ऑफिस में भी दे सकते हैं और ब्लॉक ऑफिस में भी दे सकते हैं। आपत्ती को लेकर जो हमारी कमेटी गठित की गई है वह सुनेगी उसका निस्तारण भी करेगी और फाइनल कम्युनिकेशन 15 मार्च को कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि हमने जिओ के गाइडलाइन को फॉलो किया गया है। इस तरह से महिलाओं के लिए जो आरक्षित सीटें थी उन नियमों को ध्यान में रखते हुए जिओ लागू किया गया है। जिओ में जिस तरह से एससी, एसटी, ओबीसी, सामान्य की आरक्षित सीटें थी। हमने उन सभी नियमों को पालन करते हुए यह सूची जारी की है।

यूपी पंचायत चुनाव 2021: जिला पंचायत अध्यक्ष की आरक्षण सूची जारी, जानिए सामान्य सीटों की संख्या

लखनऊ। यूपी में होने जा रहे पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरो पर हैं। इसी को लेकर जिलेवार जिला पंचायत अध्यक्ष पदों की आरक्षण सूची पर मुहर लग चुकी है। ऐसे में जिला पंचायत अध्यक्ष की 27 सीटें ओबीसी, 16 सीटें एससी और 12 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं। इसके अलावा इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष के 27 पद अनारक्षित यानी सामान्य रहेंगें।

कानपुर नगर, औरैया, चित्रकूट, महोबा, झांसी, जालौन, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, मिर्जापुर जिला पंचायत अध्यक्ष पद हेतु अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।

संभल, हापुड़, एटा, बरेली, कुशीनगर, वाराणसी, बदायूं जिला पंचायत अध्यक्ष पद हेतु अन्य पिछड़ा वर्ग स्त्री के लिए आरक्षित है।

आजमगढ़, बलिया, इटावा, फर्रुखाबाद, बांदा, ललितपुर, अंबेडकर नगर, पीलीभीत, बस्ती, संतकबीरनगर, चंदौली, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर जिला पंचायत अध्यक्ष पद हेतु अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित है।

कासगंज, फिरोजाबाद, मैनपुरी, मऊ, प्रतापगढ़, कन्नौज, हमीरपुर, बहराइच, अमेठी, गाजीपुर, जौनपुर, सोनभद्र जिला पंचायत अध्यक्ष पद हेतु स्त्रियों के लिए आरक्षित है।

अलीगढ़, हाथरस, आगरा, मथुरा, प्रयागराज, फतेहपुर, कानपुर देहात, गोरखपुर, देवरिया, महाराजगंज, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, अयोध्या, सुल्तानपुर, शाहजहांपुर, सिद्धार्थनगर, मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा, मेरठ, बुलंदशहर, गाजियाबाद ,गौतमबुद्धनगर, उन्नाव, भदोही जिला पंचायत अध्यक्ष पद हेतु अनारक्षित यानी सामान्य रहेगा।

 

योगी कैबिनेट ने सपा सरकार का फैसला पलटा, नए सिरे से तय होगा आरक्षण

उत्तरप्रदेश। इस बार होने जा रहे त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में सीटों के आरक्षण को तय करने के लिए प्रदेश की भाजपा सरकार ने 2015 के पंचायत चुनाव में तत्कालीन सपा सरकार के फैसले को पलट दिया है। इस बारे में पंचायतीराज विभाग की ओर से लाये गये प्रस्ताव को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दी गई।

2015 के पंचायत चुनाव में तत्कालीन सपा सरकार ने उत्तर प्रदेश पंचायतीराज (स्थानों और पदों का आरक्षण और आवंटन) नियमावली 1994  में संशोधन कर ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत सदस्य के पदों के पूर्व में हुए आरक्षण को शून्य कर दिया था। उस चुनाव में 71 जिलों में ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन हो गया था मगर चार जिलों गोण्डा, सम्भल, मुरादाबाद और गौतमबुद्धनगर में यह पुर्नगठन कानूनी अड़चनों की वजह से नहीं हो पाया था।

नियमावली के यह प्रावधान अभी तक लागू थे, जिनकी वजह से इन चार जिलों में फिर से आरक्षण शून्य कर नया आरक्षण करना पड़ता और बाकी के 71 जिलों में 2015 के चुनाव में हुए चक्रानुक्रम आरक्षण के अगले क्रम का आरक्षण होता।

इस तरह से अगर यह प्रावधान लागू रहते तो इस बार के पंचायत चुनाव में दो तरह के आरक्षण लागू होते, जिससे अराजकता की स्थिति पैदा होती। इसीलिए इन सभी प्रावधानों को नियमावली से हटाने का फैसला मंगलवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिये किया गया। अब आरक्षण का जो नया फार्मूला लागू होगा वह सभी 75 जिलों में एक समान होगा।

यूपी पंचायत चुनाव के लिए बसपा बना रही रणनीति, मोबाइल से गांव-गांव तक संदेश पहुंचाएंगे कार्यकर्ता

उत्तरप्रदेश। पंचायत चुनाव को लेकर बसपा ने हाईटेक प्रचार की रणनीति बना ली है। कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया जा रहा है कि वे अपने खर्चों में कटौती कर एंड्रायड मोबाइल खरीदें। इससे वे बसपा की नीतियों के साथ मायावती की बातों को जन-जन तक पहुंचाएं। बसपा कार्यकर्ताओं को इस संबंध में जोनल कोआर्डिनेटरों द्वारा निर्देश दिया जा रहा है।

यूपी में पंचायत चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव की तैयारियां सभी पार्टियों ने शुरू कर दी है। बसपा सुप्रीमो मायावती इन दिनों दिल्ली में हैं। वह वहीं से ही पार्टी कार्यकर्ताओं को दिशा-निर्देश जारी करती रहती हैं। संगठन को मजबूत करने का काम इन दिनों तेजी से चल रहा है।

प्रयागराज मंडल में पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया गया है कि वे अपने खर्चों में कटौती कर एंड्रायड मोबाइल खरीदें। इसके माध्यम से वे पार्टियों की नीतियों के साथ ही पार्टी प्रमुख मायावती की बातों को लोगों तक पहुंचाने का काम करें।