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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 15 अप्रैल को करेंगे IAF कमांडर्स कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन

नई दिल्ली। वायु सेना मुख्यालय में वर्ष 2021 के पहले द्वि-वार्षिक वायुसेना कमांडर सम्मेलन का 15 अप्रैल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उद्घाटन करेंगे। इस सम्मेलन में आने वाले समय में भारतीय वायुसेना की सामरिक क्षमताओं सहित विभिन्न रणनीतियों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

वायुसेना के शीर्ष स्तर के नेतृत्व के इस सम्मेलन का उद्देश्य आने वाले समय में भारतीय वायुसेना की सामरिक क्षमताओं से संबंधित मुद्दों का समाधान करना है।

सम्मेलन के दौरान तीन दिन की अवधि तक भारतीय वायुसेना की क्षमताओं से संबंधित नीतियों एवं रणनीतियों से जुड़े मुद्दों के समाधान हेतु अनेक प्रकार के विमर्श की श्रृंखला का आयोजन किया जाएगा जिनसे भारतीय वायु सेना अपने प्रतिद्वंद्वियों के विरुद्ध बढ़त बना सके । मानव संसाधन और प्रशासनिक दक्षता में सुधार के लिए विभिन्न कल्याणकारी और मानव संसाधन उपायों पर भी चर्चा की जाएगी ।

वायुसेना कमांडरों का सम्मेलन वायु सेना मुख्यालय के सुब्रतोहॉल में आयोजित किया जाने वाला द्विवार्षिक सम्मेलन है। यह सम्मेलन भारतीय वायु सेना के वरिष्ठ नेतृत्व को संचालन, रखरखाव और प्रशासन से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। इस सम्मेलन में भारतीय वायुसेना की सभी कमानों के एयर ऑफिसर्स कमांडिंग-इन-चीफ, सभी प्रिंसिपल स्टाफ ऑफिसर्स और वायुसेना के मुख्यालय में तैनात सभी महानिदेशक भाग ले रहे हैं।

 

LAC पर चीन से चल रहे तनातनी के बीच अमेरिकी रक्षा सचिव का भारत दौरा, रक्षा मसौदे को लेकर हो सकती है खास बातचीत

नई दिल्ली। एलएसी पर चीन से चल रही तनातनी के बीच अमेरिका के रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन आज तीन दिनों के भारत दौरे पर पहुंच रहे हैं। बाइडन प्रशासन के किसी मंत्री का ये पहला भारत का दौरा है। इस दौरे के दौरान लॉयड ऑस्टिन भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और एनएसए से मुलाकात कर दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग मजबूत करने पर विचार करेंगे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके अमेरिकी समकक्ष लॉयड जे. ऑस्टिन के बीच शनिवार को होने वाली बातचीत में, भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूती प्रदान करने के तरीके, चीन के आक्रामक तेवरों के मद्देनजर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देना और अफगानिस्तान में शांति प्रकिया जैसे मुद्दे शामिल हो सकते हैं। यह जानकारी गुरुवार को मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने दी।अपनी पहली विदेश यात्रा पर जापान और दक्षिण कोरिया का दौरा कर चुके ऑस्टिन शुक्रवार को भारत पहुंचेंगे।

अमेरिका के रक्षा मंत्री राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात कर सकते हैं। राष्ट्रपति जो बाइडन मंत्रिमंडल के अहम सदस्य ऑस्टिन के आगामी भारत दौरे से कुछ दिन पहले भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष नेताओं ने क्वाड सम्मेलन के दौरान हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की थी।मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के अनुसार, दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच होने वाली बातचीत में क्वाड की रूपरेखा के अंतर्गत द्विपक्षीय सहयोग पर विमर्श हो सकता है।

शनिवार का कार्यक्रम

अमेरिका के रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन शनिवार की सुबह सबसे पहले नेशनल वॉर मेमोरियल पर वीर सैनिकों को श्रृद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद वे सीधे साऊथ ब्लॉक पहुंचेंगे, जहां उन्हें ट्राई-सर्विस यानि थलसेना, वायुसेना और नौसेना का साझा गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। इसके बाद अमेरिकी रक्षा सचिव, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ द्विपक्षीय सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस दौरान दोनों देशों के सैन्य और रक्षा प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे। मीटिंग के बाद दोनों देश साझा-बयान भी जारी करेंगे

कंबाइंड कमांडर्स सम्मेलन को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया संबोधित,  कही ये बात

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज यानी शुक्रवार को केवड़िया में कंबाइंड कमांडर्स कॉन्‍फ्रेंस में हिस्सा लिया। कॉन्फ्रेंस में उद्घाटन भाषण देते हुए रक्षा मंत्री ने देश की रक्षा और सुरक्षा को प्रभावित करने वाले कई मुद्दों पर चर्चा की।

उन्होंने उभरते सैन्य खतरों, इन खतरों से निपटने में सशस्त्र सेनाओं की महत्वपूर्ण भूमिका और भविष्य में संघर्षों की बदलती प्रकृति पर विस्तार से चर्चा की। रक्षा मंत्री ने पीएलए के साथ पूर्वी लद्दाख में उत्पन्न गतिरोध के दौरान सैनिकों द्वारा प्रदर्शित निस्वार्थ सेवा और साहस की प्रशंसा की। इस अवसर पर रक्षा विभाग, रक्षा उत्पादन विभाग तथा अनुसंधान और विकास विभाग के सचिवों और रक्षा सेवाओं के वित्तीय सलाहकार ने भी विभिन्न संबद्ध विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए।

बता दें कि रक्षामंत्री की मौजूदगी में आज दिनभर में दो विवेचना सत्र आयोजित किए गए, जिनमें विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श किया गया और उनमें से कुछ सत्र बंद कमरों में भी हुए। इन सत्रों में सशस्त्र सेनाओं के आधुनिकीकरण खासतौर से समन्वित थिएटर कमांड स्थापित करने और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को शामिल करने के संबंध में चर्चा हुई। सशस्त्र सेनाओं का मनोबल बढ़ाने और उन्हें प्रेरित करने तथा नवाचार को प्रोत्साहित करने जैसे विषयों पर बहुत उत्साहवर्द्धक भागीदारी देखने को मिली। तीनों सेनाओं के सैनिकों और युवा अधिकारियों की ओर से इस संबंध में बेहद उपयोगी फीडबैक और सुझाव भी सामने आए।

 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया 26वें हुनर ​​हाट का उद्घाटन

नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 26वें हुनर ​​हाट का उद्घाटन किया। अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय वोकल फॉर लोकल विषय पर इस वर्ष 20 फरवरी से पहली मार्च तक हुनर ​​हाट का आयोजन कर रहा है। इस बार  देश के 31 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 600 से अधिक दस्तकार, शिल्पकार और कारीगर अपने स्वदेशी उत्पादों के साथ शामिल हो रहे हैं।

इस दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे दस्तकारों, शिल्पकारों और कारीगरों ने “आपदा में अवसर” की भावना को सही मायनों में समझते हुए कोरोना वायरस के चलते देशव्यापी लॉकडाउन में मिले समय का सदुपयोग कर अगले “हुनर हाट” की उम्मीद में बड़ी तादाद में हस्तनिर्मित सामग्री को तैयार किया जो आज यहाँ प्रदर्शित हो रहे हैं। हुनर हाट हमारे कारीगरों की कला और शिल्प की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ब्रांडिंग में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं जिससे उन्हें उनके उत्पादों का उचित मूल्य मिलता हैं।

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज बताया कि हुनर ​​हाट में इक्‍तीस से अधिक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के छह सौ से अधिक कारीगर और शिल्पकार भाग ले रहे हैं। आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, मध्य प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड, ओडिशा, पुदुचेरी, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल के कारीगर और शिल्पकार अपने उत्तम स्वदेशी हस्तनिर्मित उत्पादों के प्रदर्शन और बिक्री के लिए जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में हुनर ​​हाट में भाग लेंगे। मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि हुनर ​​हाट में समूचे देश से स्वदेशी हस्तनिर्मित उत्पाद एक ही जगह पर उपलब्ध होंगे।

यहां आने वाले लोग बावर्चीखाना खंड में देश के हर क्षेत्र से पारंपरिक व्यंजनों का भी स्‍वाद ले सकेंगे। हुनर ​​हाट में देश के सुप्रसिद्ध कलाकार विभिन्न सांस्कृतिक और संगीत कार्यक्रम प्रस्‍तुत करेंगे। यहां आने वाले लोगों को हुनर ​​हाट में देश की विविधता में एकता की ताकत का अनुभव होगा। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री को अनुसार हुनर ​​हाट कारीगरों और शिल्पकारों के स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्‍साहन देने के लिए आदर्श मंच है। इसने अभी तक 5 लाख से अधिक कारीगरों, शिल्पकारों और कलाकारों को रोजगार और रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं।

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय देश की स्‍वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर 75 हुनर ​​हाट के माध्यम से 7 लाख 50 हजार कारीगरों और शिल्पकारों को रोजगार और रोजगार के अवसर प्रदान करेगा। उन्‍होंने कहा कि हुनर ​​हाट वर्चुअल और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म http://hunarhaat.org तथा  GeM पोर्टल पर भी पर उपलब्ध है। इससे देश और विदेश के लोग स्वदेशी कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पाद ऑनलाइन खरीद सकेंगे। हुनर हाट को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और जैम से कारीगरों और शिल्पकारों को बड़े पैमाने पर अपने उत्पादों के लिए ऑनलाइन ऑर्डर मिल रहे हैं।

 

राजनाथ सिंह ने कहा-पूर्वी लद्दाख में अप्रैल 2020 से लेकर अब तक जो भी निर्माण किए गये हैं उसे तोड़ा जाएगा  

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बृहस्पतिवार को राज्यसभा में चीन सीमा विवाद और पूर्वी लद्दाख की मौजूदा स्थिति पर जानकारी दी। रक्षामंत्री ने कहा भारत और चीन अग्रिम मोर्चे पर तैनाती को चरणबद्ध तरीके हटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि एलएसी पर तैनाती के कुछ मुद्दों पर अभी समाधान बाकी है। भारत और चीन की सेना पैंगोग लेक के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से पीछे हटने को सहमत है। भारत अपनी सेनाओं को स्थाई आधार फिंगर 3 पर रखने को तैयार है।

चीन जहां उत्‍तरी तट पर फिंगर 8 के पूर्व में जाएगा, वहीं भारतीय फिंगर 3 के पास स्थित मेजर धान सिंह थापा पोस्‍ट (परमानेंट बेस) पर रहेगी। राजनाथ सिंह ने कहा कि पैंगोंग झील में डिसइंगेजमेंट पूरा होने के बाद दोनों सेनाओं के बीच फिर बात होगी। राज्‍यसभा में उन्होंने जानकारी दी कि पैंगोंग झील के उत्‍तरी और दक्षिणी तट पर डिसइंगेजमेंट का समझौता हो गया है।

चीन इस बात पर भी सहमत हुआ है कि पूर्ण डिसइंगेजमेंट के 48 घंटों के भीतर सीनियर कमांडर लेवल की बातचीत हो और आगे की कार्यवाही पर चर्चा हो। रक्षा मंत्रीन ने बताया कि पैंगोंग झील को लेकर हुए समझौते के मुताबिक चीन अपनी सेना को फिंगर 8 से पूर्व की ओर रखेगा। इसी तरह भारत भी अपनी सेना की टुकड़ियों को फिंगर 3 के पास अपने परमानेंट बेस पर रखेगा।

राजनाथ सिंह ने कहा कि सामरिक दृष्टि से महत्‍वपूर्ण कई क्षेत्रों को चिन्हित कर हमारी सेनाएं वहां मौजूद हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में चीन के ऊपर भारत का ‘एज’ बना हुआ है। रक्षा मंत्री ने कहा कि मिलिट्री और डिप्‍लोमेटिक लेवल पर हमारी बातचीत हुई है। हमने तीन सिद्धांतों पर जोर दिया है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने चीन से हमेशा कहा है कि द्विपक्षीय संबंध दोनों तरफ से कोशिश करने पर ही विकसित हो सकते हैं, साथ ही सीमा विवाद भी ऐसे ही सुलझाया जा सकता है।” सिंह ने कहा कि सीमा पर चीन ने जो कदम उठाए हैं, उससे भारत-चीन के संबंधों पर भी असर पड़ा है।

 

रक्षा मंत्री का बड़ा बयान,खत्म हुआ भारत-चीन सीमा तनाव

नई दिल्ली। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज संसद में भारत और चीन के बीच तनाव को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बताया कि महीनों से जारी भारत चीन सीमा तनाव अब खत्म हो गया है। राजनाथ सिंह ने आज राज्यसभा में बताया है कि भारत-चीन के बीच LAC के पास पैंगोंग लेक विवाद पर समझौता हो गया है और अब यहां से  दोनों ही देश की सेनाएं अपने सैनिकों को पीछे हटाएंगी।

भारत-चीन सीमा विवाद पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बयान दिया। राज्यसभा में राजनाथ सिंह ने कड़े शब्दों में कहा कि चीन ने भारत की जमीन पर कब्जा जमा रखा है लेकिन हम अपनी एक इंच भी जमीन नहीं छोड़ेंगे। रक्षा मंत्री ने बताया कि चीन से आग्रह किया गया है कि ‘एलएसी’ को माना जाए। ‘एलएसी’ पर मौजूदा परिस्थिति को बदलने का प्रयास ना हो। दोनों पक्ष आपसी सहमति का पालन करें।

राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में कहा कि सितंबर 2020 से ही भारत और चीन की सेनाओं और राजनैतिक स्तर पर बातचीत हो रही है। उन्होंने बताया कि पैंगोंग झील से दक्षिण और उत्तर में समझौता हो गया है। उन्होनें बताया कि दोनों पक्ष अपनी सेनाएं हटाएंगे। चीन फिंगर 8 पर रहेगा और भारत फिंगर 3 पर।

हिंद महासागर क्षेत्र के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में बोले राजनाथ सिंह, रक्षा उपकरणों की आपूर्ति के लिए तैयार है भारत

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को एयरो इंडिया में इंडियन ओशन रीजन के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन की मेजबानी की। इस कॉन्क्लेव के लिए 25 देशों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन का व्यापक विषय ‘हिंद महासागर में शांति, सुरक्षा और सहयोग में वृद्धि’ है।

इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस क्षेत्र के कुछ देशों के पास वैश्विक स्तर की रक्षा प्रणाली है, जिसका फायदा पूरे क्षेत्र को हो सकता है। राजनाथ सिंह ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत सबसे बड़ा देश है और भारत की 7,500 किलोमीटर की विशाल तट रेखा है। हिंद महासागर क्षेत्र के सभी देशों के शांतिपूर्ण और समृद्ध सह-अस्तित्व के लिए भारत को सक्रिय भूमिका निभानी है। सम्मेलन में IndianOcean रीजन के देशों ने आपसी सहयोग चर्चा की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा की भारत अपने पड़ोसी मित्र देशों को स्वदेश में निर्मित रक्षा साजों सामान मुहैया कराने के लिए तैयार है।

इसके अलावा रक्षा मंत्री कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के विकास को बढ़ावा देने के लिए बातचीत एक पहल है। Indian Ocean region  से सटे देशों में दुनिया की करीब चालीस फीसदी आबादी रहती है और इस लिहाज से ये क्षेत्र ना केवल व्यापार बल्कि सुरक्षा के लिहाज से अहम हो जाता है।

 

एयरो इंडिया शो में भारतीय वायुसेना ने भरी हुंकार, सुखोई ने त्रिशूल फॉर्मेशन कर सबको किया चकित

कर्नाटक। बेंगलुरु में एयरो इंडिया-2021 के दौरान भारतीय सेना ने आसमान में आपनी ताकत से दुनिया को एहसास कराया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की मौजूदगी में लड़ाकू विमानों ने हवा में हुंकार भरी।

इस दौरान जब सुखोई Su-30MKI के लड़ाके हवा में त्रिशूल बना रहे थो तो वहां मौजूद भीड़ ने जमकर तालियां बजाई। इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा,”भारत डिफेंस में और एयरोस्पेस में असीमित क्षमता प्रदान करता है। इन क्षेत्रों में सहयोग के लिए एयरो इंडिया एक अद्भुत मंच है।”

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल के एयर-लॉन्च संस्करण से लैस भारतीय वायु सेना Su-30MKI फाइटर जेट, बेंगलुरु में एयरो इंडिया शो में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। वायु सेना का एक समर्पित स्क्वाड्रन इन मिसाइलों से लैस है जो 400 किमी से अधिक दूरी पर लक्ष्य को मार सकता है।

83 तेजस लड़ाकू विमानों से और बढ़ेगी भारतीय वायुसेना की ताकत, 48000 करोड़ के सौदे पर आज लगेगी मुहर

दिल्ली । केंद्र सरकार वायुसेना के लिए सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटिड से 83 तेजस हल्के लड़ाकू विमान खरीदने का सौदा आज करेगी। यह सौदा 48000 करोड़ रुपये का होगा।

अधिकारियों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वायुसेना के शीर्ष अधिकारी और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटिड के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में बेंगलुरु के एयरो इंडिया एयर शो के दौरान अनुबंध पर हस्ताक्षर होंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों पर मंत्रिमंडल की समिति (सीसीएस) ने घरेलू रक्षा खरीद के तहत करीब 48,000 करोड़ रुपये की लागत से 83 तेजस विमान खरीदने को 13 जनवरी को मंजूरी प्रदान की थी। इसके तहत 73 हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस एमके-1ए विमान और 10 तेजस एमके-1 प्रशिक्षण विमान शामिल हैं।

तेजस एमके-1ए विमान में खास तरह के एईएसए रडार, मिसाइल, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध तकनीक (ईडब्ल्यू) और हवा में ईंधन भरने की क्षमता (एएआर) से लैस है। एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर. माधवन ने पिछले महीने कहा था कि वायुसेना को तेजस हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) की आपूर्ति मार्च 2024 से शुरू हो जाएगी और कुल 83 विमानों की आपूर्ति होने तक हर वर्ष करीब 16 विमानों की आपूर्ति की जाएगी।

नई दिल्ली : एनसीसी के गणतंत्र दिवस शिविर का रक्षा मंत्री ने किया दौरा, कैडेट्स के प्रदर्शन को सराहा

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज एनसीसी के गणतंत्र दिवस शिविर का दौरा किया। इस मौके पर एनसीसी के तीनों स्कंधों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इस मौके पर रक्षा मंत्री ने अपने एनसीसी मे बिताए दिनों को भी याद करते हुए एनसीसी कैडेट्स के प्रदर्शन की तारीफ की। इसके अलावा उन्होंने कहा कि एनसीसी में अब पहले की अपेक्षा छात्राएं ज्यादा आ रही हैं। यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एनसीसी में विस्तार के निर्णय का परिणाम है।

इस मौके पर रक्षा मंत्री ने तीन एनसीसी कैडेट्स और दो एसोसिएट एनसीसी अधिकारियों को पुरस्कृत भी किया। बिहार और झारखंड निदेशालय के एसयूओ प्रशांत कुमार तिवारी और उत्तर प्रदेश निदेशालय के लेफ्टिनेंट कमांडर जितेन्द्र पाल सिंह को रक्षा मंत्री ने पदक देकर सम्मानित किया। साथ ही कर्नाटक और गोवा निदेशालय की एसयूओ श्रीष्मा हेगडे,  जम्मू-कश्मीर निदेशालय की कैप्टन शिवानी शर्मा, पश्चिम बंगाल और सिक्किम निदेशालय के सैयद शाजिद और दिल्ली निदेशालय की सीनियर जीसीआई नीवा सिंह को रक्षा मंत्री ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।