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सीने में दर्द की शिकायत के बाद आर्मी अस्पताल में भर्ती हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, हालत स्थिर   

नई दिल्ली। आज सुबह अचानक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की तबीयत बिगड़ गई। सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें दिल्ली के सेना के आर्मी अस्पताल ले जाया गया है। जहां डॉक्टरों की निगरानी में उनका रूटीन चेकअप चल रहा है। अस्पताल का कहना है कि फिलहाल कोई चिंता की बात नहीं है, राष्ट्रपति की हालत स्थिर है।

75 वर्षीय राष्ट्रपति ने सुबह सीने में दर्द की शिकायत की और इसके बाद उन्हें सैन्य अस्पताल ले जाया गया।

अस्पताल ने एक मेडिकल बुलेटिन में कहा कि भारत के राष्ट्रपति आज सुबह सीने में तकलीफ के बाद आर्मी अस्पताल आए। उनकी नियमित स्वास्थ्य जांच की जा रही है और वह निगरानी में हैं। उनकी हालत स्थिर है। वहीं,  सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रपति तब तक अस्पताल में रहेंगे, जब तक उनकी पूरी जांच नहीं हो जाती। अस्पताल अधिकारियों ने कहा कि डॉक्टर सभी चीजों का ध्यान रख रहे हैं।

अन्ना विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति ने कहा- परिवर्तन का मुख्य स्रोत शिक्षा है

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बृहस्पतिवार को चेन्नई के अन्ना विश्वविद्यालय के 41वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा परिवर्तन का मुख्य स्रोत हैं और युवा सामाजिक परिवर्तन के सर्वाधिक सशक्त प्रतिनिधि हैं, ऐसे में अगर शिक्षित युवाओं को सही दिशा मिले तब इतिहासचक्र में क्रांतिकारी बदलाव लाए जा सकते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि नई शिक्षा नीति का मकसद अनुसंधान और कौशल के आधार पर आधुनिक शिक्षा प्रणाली को लागू करना है। इसमें भविष्य के दृष्टिकोण के साथ हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत भी शामिल है।

राष्ट्रपति ने कहा कि अन्ना विश्वविद्यालय समाज की वर्तमान और संभावित आवश्यकताओं के अनुसार इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी, आर्किटेक्चर तथा एप्लाइड साइंस में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम चलाने वाला विश्व के सबसे बड़े टेक्नोलॉजिकल विश्वविद्यालयों में एक है। यह विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में शानदार योगदान दे रहा है। इसीलिए क्यूएस वर्ल्ड तथा एऩआईआरएफ रैंकिंग में शीर्ष संस्थानों में इसकी गिनती है।

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि अन्ना विश्वविद्यालय ने युवा विद्यार्थियों के लिए सीखने की सही मनोवृत्ति विकसित करने में टेक्नोलॉजिकल प्रयासों को प्रोत्साहित करने के लिए अनुकूल माहौल बनाया है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में विकसित वैज्ञानिक भाव इस विश्वविद्यालय की परियोजनाओं और उपलब्धियों में अच्छी तरह अभिव्यक्त किया गया है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि अन्ना विश्वविद्यालय इसरो के सहयोग से एक सेटेलाइट की डिजायन, विकास और संचालन करने वाला पहला भारतीय विश्वविद्यालय है। उन्होंने कहा कि एएनयूसैट सेटेलाइट केवल उपलब्धि ही नहीं बल्कि विश्व के युवा मस्तिष्क के लिए प्रेरणा भी है।

वहीं, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की चर्चा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि ज्ञान वह आधार स्तंभ है, जिसके आधार पर प्रत्येक व्यक्ति का चरित्र बनता है। उन्होंने कहा कि शिक्षित युवा सही निर्देश मिलने पर इतिहासचक्र में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकते हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 यही हासिल करना चाहती है। नई नीति का उद्देश्य अनुसंधान, कौशल और वर्तमान आवश्यकताओं की प्रासंगिक कुशाग्रता पर आधारित आधुनिक शिक्षा प्रणाली को लागू करना है। साथ-साथ यह नीति अपने दायरे में हमारी संपन्न सांस्कृतिक विरासत को भविष्य के परिदृश्य के साथ शामिल करेगी। नीति का फोकस नैतिक मूल्य अपनाना और भारतीय संस्कृति की समझ को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस नीति के लागू होने से आधुनिक लर्निंग और शिक्षा के युग का सूत्रपात होगा। इससे अनुसंधानकर्ताओं और पेशेवर लोगों का ब्रिगेड तैयार होगा, जो हमारी राष्ट्रीय आकांक्षाओँ के अनुरूप देश को विकास की महान ऊंचाई पर ले जाएंगे।

 

नरेंद्र मोदी स्टेडियमः दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम की जानिए खूबियां, आप भी हो जायेंगे हैरान

नई दिल्ली। दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम का उद्धाटन बुधवार को देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया। इस स्टेडियम का नाम अभी तक सरदार पटेल क्रिकेट स्टेडियम था, लेकिन जैसे ही राष्ट्रपति कोविंद ने रोमेट का बटन दबाकर डिजिटली इस स्टेडियम का उद्घाटन हुआ तो सभी हैरान रह गए, क्योंकि इस स्टेडियम का नाम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर रखा गया है।

अभी तक सरदार पटेल स्टेडियम के नाम से जाने-जाने वाले इस स्टेडियम का नाम उद्घाटन से ठीक पहले बदल दिया गया है। अब दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम को नरेंद्र मोदी स्टेडियम के नाम से जाना जाएगा। दरअसल, सरदार पटेल के नाम पर अहमदाबाद के मोटेरा में सरदार वल्लभभाई पटेल स्पोर्ट्स एन्क्लेव होगा।

इसी के तहत नरेंद्र मोदी स्टेडियम है। इस स्टेडियम की दर्शक क्षमता एक लाख 10 हजार है। इतनी दर्शक क्षमता दुनिया के किसी भी क्रिकेट स्टेडियम की नहीं है।

ये हैं नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम की खूबियां

  • इस स्टेडियम में दुनिया के किसी भी क्रिकेट स्टेडियम से ज्यादा दर्शकों के बैठने की व्यवस्था है।
  • इस क्रिकेट स्टेडियम में 4 ड्रेसिंग रूम हैं। इतने ड्रेसिंग रूम किसी भी स्टेडियम में नहीं हैं।
  • इस क्रिकेट स्टेडियम के परिसर में विशाल जिम है। इतना बड़ा जिम किसी भी क्रिकेट स्टेडियम में नहीं है
  • स्टेडियम के परिसर में ओलंपिक साइज का स्विमिंग पूल है, जो किसी भी क्रिकेट स्टेडियम में नहीं है।
  • स्टेडियम में दिन में भी किसी भी कोने में कोई परछाई देखने को नहीं मिलेगी। ऐसी सुविधा कही भी नहीं है।
  • 800 करोड़ रुपये में दोबारा बनकर तैयार हुआ है मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम।
  • 76 कॉर्पोरेट बॉक्स स्टेडियम में है, जिसमें 25-25 लोगों के बैठने की क्षमता है।
  • 3 हजार कार और 10 हजार दोपहिया वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा है।
  • इंडोर पिच, क्रिकेट एकेडमी, फुटबॉल और हॉकी ग्राउंड भी इसी परिसर में हैं।
  • 55 रूम का क्लब हाउस इसी स्टेडियम परिसर में है। इस तरह ये दुनिया का विशाल क्रिकेट स्टेडियम है।

देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नरेंद्र मोदी स्टेडियम का उद्घाटन किया। इस दौरान देश के गृहमंत्री अमित शाह, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, खेल मंत्री किरण रिजिजू, गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआइ के सचिव जय शाह भी मौजूद थे।

आपको ये बात जानकर हैरानी होगी कि इस स्टेडियम की नींव खुद नरेंद्र मोदी ने रखी थी। उस दौरान नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। हालांकि, अब वे देश के प्रधानमंत्री हैं और वे इस स्टेडियम में आ भी चुके हैं।

पीएम मोदी पिछले साल फरवरी में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यक्रम में पहुंचे थे। उस दौरान स्टेडियम का उद्घाटन होना था, लेकिन ये स्टेडियम उस समय तक पूरा नहीं बना था। ऐसे में उद्घाटन कार्यक्रम को टाल दिया गया था।

दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम का राष्ट्रपति ने किया उद्घाटन, नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेली जायेगी IND V/S AUS सीरीज

नई दिल्ली। दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम का उद्घाटन अहमदाबाद में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ऐलान किया कि इस स्टेडियम का नाम ‘नरेंद्र मोदी स्टेडियम’ होगा।

अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच की शुरुआत होगी। पिंक बॉल से होने वाला ये टेस्ट मैच दोनों ही टीमों के लिए अहम है। चार टेस्ट मैचों की ये सीरीज 1-1 से बराबर है। बता दें,  इशांत शर्मा आज अपने टेस्ट करियर का 100वां मुकाबला खेलने जा रहे हैं। इशांत शर्मा भारत की ओर से 100 टेस्ट खेलने वाले दूसरे तेज गेंदबाज बनेंगे। इससे पहले सिर्फ कपिल देव ही बतौर तेज गेंदबाज भारत की तरफ से 100 टेस्ट खेल पाएं हैं।

वहीं, भारत में यह दूसरा डे नाइट मुकाबला है। इससे पहले नवंबर 2019 में टीम इंडिया ने बांग्लादेश के खिलाफ अपना पहला पिंक बॉल टेस्ट खेला था। पिंक बॉल टेस्ट होने की वजह से दोनों टीमों में बदलाव देखने को मिलेंगे। टीम इंडिया में जसप्रीत बुमराह की वापसी होगी। इसके अलावा उमेश यादव को भी पिंक बॉल टेस्ट में मौका मिलना तय है। पिछले टेस्ट का हिस्सा रहे कुलदीप यादव और मोहम्मद सिराज को बाहर बैठना पड़ सकता है।

राष्ट्रपति ने संसद के दोनों सदनों को किया संबोधित, कहा-तिरंगे का अपमान दुर्भाग्यपूर्ण

नई दिल्ली।  राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शुक्रवार को बजट सत्र शुरु होने के साथ संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित किया। इस दौरान राष्ट्रपति ने पिछले दिनों हुए तिरंगे और गणतंत्र दिवस के अपमान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। साथ ही लोगों से गंभीरता से कानून का पालन करने को कहा।

राष्ट्रपति ने कहा कि कोरोना महामारी के समय सरकार के सटीक फैसलों से लाखों लोगों की जान बची। राष्ट्रपति ने भारत द्वारा दुनिया के सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाने पर गर्व जताया। साथ ही कहा कि भारत ने मानवता के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए अनेक देशों को कोरोना टीकों की लाखों खुराकें उपलब्ध करवाई।

राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले 6 साल में सरकार ने कृषि को आधुनिक बनाने के लिए काफी प्रयास किए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को लागत से डेढ़ गुना MSP देने का फैसला भी किया। राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने व्यापक विचार विमर्श के बाद तीन कृषि कानूनों को पारित किया है, जिसका लाभ किसानों को मिल रहा है। कृषि सुधारों को अनेक दलों ने समय-समय पर अपना समर्थन भी दिया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने व्यापक विचार विमर्श के बाद  कृषि कानूनों को पारित किया है जिसका किसानों को लाभ मिल रहा है। इसके अलावा राष्ट्रपति ने तिरंगे के अपमान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सभी से कानून को गंभीरती से पालन करन को कहा।

सेना प्रमुख समेत इन दिग्गजों ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि, सेना प्रमुख ने चीन और पाक को दी कड़ी चेतावनी

नई दिल्ली। भारतीय सेना का आज 73वां स्थापना दिवस है। इस मौके पर सेना प्रमुख जनरल एसएस नरवाने ने संबोधित करते हुए चीन और पाकिस्तान पर निशाना साधा। उन्होने कहा कि हम चर्चा और राजनीतिक प्रयासों के माध्यम से अपने विवादों का समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध हैं। किसी को भी हमारे धैर्य की परीक्षा लेने की गलती नहीं करनी चाहिए।

इस दौरान उन्होने ये भी कहा कि आप सभी उत्तरी सीमाओं पर चीन के साथ चल रहे तनाव से अवगत हैं। सीमाओं पर एकतरफा स्थिति बदलने की साजिश को लेकर जोरदार जवाब दिया गया। उन्होंने देश को आश्वस्त किया कि गलवान के बहादुर वीरों का बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा।

सेना प्रमुख जनरल नरवाने यह भी कहा कि पिछले साल, एलओसी के पास और आतंकवाद-रोधी अभियानों में सेना ने 200 से अधिक आतंकवादियों का सफाया किया। लगभग 300-400 आतंकवादी भारतीय सीमा में घुसपैठ करने के लिए सीमा के पास प्रशिक्षण शिविरों में बैठे हैं। पिछले वर्ष संघर्ष विराम उल्लंघन की संख्या में 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो पाकिस्तान के नापाक इरादों को दर्शाता है।

सेना प्रमुख जनरल नरवाने ने अपने संबोधन में कहा कि सेना अपने आधुनिकीकरण की दिशा में ठोस कदम उठा रही है।आपातकालीन और फास्ट-ट्रैक योजनाओं के तहत, सेना ने लगभग 5,000 करोड़ रुपये के उपकरण खरीदे और पिछले साल पूंजीगत खरीद के तहत 13,000 करोड़ रुपये के अनुबंध किए।

इससे पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने, भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, और नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान सेना प्रमुख ने करियप्पा ग्राउंड में परेड का निरीक्षण किया।

5 शहीद जवानों को सेना पदक का सम्मान

सेना दिवस परेड 2021 के दौरान सेना के पांच जवानों ने विभिन्न ऑपरेशन में वीरता दिखाने के लिए मरणोपरांत सेना पदक से सम्मानित किया गया। 10 पैरा स्पेशल फोर्सेस यूनिट के नाइक संदीप को जम्मू – कश्मीर में दो आतंकवादियों को मारने और अपने स्क्वाड कमांडर की जान बचाने के लिए मरणोपरांत सेना पदक से सम्मानित किया गया।

राष्ट्रपति कोविंद, पीएम मोदी और सीडीएस रावत ने दी वीर जवानों को श्रद्धांजलि

इससे पहले आर्मी डे पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने वीर जवानों के नाम अपना संदेश दिया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया, ‘सेना दिवस पर, भारतीय सेना के बहादुर पुरुषों और महिलाओं को बधाई। हम उन बहादुरों को याद करते हैं जिन्होंने राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान दिया। भारत साहसी और प्रतिबद्ध सैनिकों और उनके परिवारों के लिए हमेशा आभारी रहेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘मां भारती की रक्षा में पल-पल मुस्तैद देश के पराक्रमी सैनिकों और उनके परिजनों को सेना दिवस की हार्दिक बधाई। हमारी सेना सशक्त, साहसी और संकल्पबद्ध है, जिसने हमेशा देश का सिर गर्व से ऊंचा किया है। समस्त देशवासियों की ओर से भारतीय सेना को मेरा नमन।’

सीडीएस रावत ने ट्वीट किया, ‘ हम उन वीर जवानों को श्रद्धांजलि देते हैं और उनका आभार व्यक्त करते हैं, जिनकी कर्तव्य के प्रति वीरता और सर्वोच्च बलिदान हमें नए सिरे से दृढ्ता के साथ खुद को समर्पित करने के लिए प्रेरित करता है।

सैनिकों के अदम्य साहस और बलिदान को नमन करता हूं: गृहमंत्री

गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, ‘भारतीय सेना शौर्य और पराक्रम की प्रतीक है। देश के बहादुर सैनिकों के अदम्य साहस और बलिदान को नमन करता हूं। राष्ट्र के प्रति उनकी नि:स्वार्थ सेवा और समर्पण पर सभी देशवासियों को गर्व है। हमारे वीर जवानों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को ‘थल सेना दिवस’ की हार्दिक शुभकामनाएं।’

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, ‘सेना दिवस के अवसर पर भारतीय सेना के जवानों और उनके परिवारों को बधाई। देश भारतीय सेना के अदम्य साहस, पराक्रम और बलिदान को सलाम करता है। भारत को राष्ट्र के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा पर गर्व है।’

सेना दिवस क्यों मनाया जाता है?

बता दें कि आज ही के दिन 1949 में भारतीय सेना के पहले कमांडर इन चीफ का पद केएम करियप्पा ने संभाला था। उन्हें फील्ड मार्शल की फाइव स्टार रैंक से सम्मानित किया गया। 20 साल की उम्र में ब्रिटिश इंडियन आर्मी में नौकरी शुरू की थी। स्वतंत्र भारत के पहले चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ की याद में 15 जनवरी को सेना दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

राम मंदिर निधि समर्पण अभियान की हुई शुरुआत, देश प्रथम नागरिक ने शुभकामनाओं सहित 5 लाख रूपये की धनराशि की दान

नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर निधि समर्पण अभियान की शुरुआत देश के प्रथम नागरिक के दान से हो चुका है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरिजी महाराज को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुभकामनाओं के साथ 5 लाख 1 हजार रूपये की धनराशि दान में दी है।

दरअसल, आज से अयोध्या में बनने वाले भव्य राम मंदिर के लिए ‘निधि समर्पण अभियान’ की शुरुआत की गई और इसमें सबसे पहले राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की ओर से समर्पण निधि दी गई। आज श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, विश्व हिंदू परिषद व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से मुलाकात की। इस क्रम में दक्षिण भारतीय अभिनेत्री प्रणिता सुभाष ने ट्वीट कर लोगों से दान करने का निवेदन किया है।

बता दें कि राम मंदिर निर्माण के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद चंदा देने वाले पहले सहयोगी हैं और इस पर देश की निगाहें होंगी की राष्ट्रपति की ओर से दान की गई राशि कितनी होगी। विहिप के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रपति ने दान में 5 लाख 1 हजार रूपये की राशि राम मंदिर निधि समर्पण अभियान में दान की है।

उन्होंने बताया कि इस अभियान के लिए शुभकामना लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी समय मांगा गया है। राम मंदिर निर्माण के लिए देशभर के 5 लाख से अधिक गांवों में रहने वाले 12 करोड़ से भी ज्यादा परिवारों के साथ विहिप कार्यकर्ता संपर्क करेंगे और चंदा मांगेंगे।

भूमिपूजन के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया, ‘ राम-मंदिर निर्माण के शुभारंभ पर सभी को बधाई! मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम के मंदिर का निर्माण न्याय प्रक्रिया के अनुरूप तथा जनसाधारण के उत्साह व सामाजिक सौहार्द के संबल से हो रहा है।’ उन्होंने कहा,’मुझे विश्वास है कि मंदिर परिसर, रामराज्य के आदर्शों पर आधारित आधुनिक भारत का प्रतीक बनेगा।’

बता दें कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी 1 लाख रूपये का दान दिया है।

गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के घोषणापत्र में राम मंदिर का निर्माण शामिल रहा है। साथ ही राजनीति के केंद्र में भी यह मुद्दा पिछले तीन दशकों से है। सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में इस दशकों पुराने विवाद का समाधान करते हुए अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया। इस मंदिर निर्माण के लिए पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन किया जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और RSS प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद थे।

देश के प्रथम नागरिक से चंदा लेकर शुरू होगा राम मंदिर निधि समर्पण महाभियान, 44 दिनों तक घर-घर जायेंगे विहिप कार्यकर्ता

नई दिल्ली। अयोध्या में बन रहे भव्य राममंदिर के लिए बनाई गई निधि समर्पण अभियान की शुरुआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की शुभकामनाओं और उनके द्वारा दिए गए समर्पण निधि के साथ पूरे देश में शुक्रवार से किया जायेगा। शुक्रवार को सुबह 11 बजे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, विश्व हिंदू परिषद व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने जायेगा।

विश्व हिंदू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि अभियान के लिए शुभकामना लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी समय मांगा गया है। जब समय मिल जाएगा तो उनसे भी प्रतिनिधिमंडल मिलने जाएंगा। साथ ही दूसरे प्रमुख लोगों से भी मिलने की योजना है।

बता दें कि राष्ट्रपति से मिलने जाने वालों में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि, विहिप के कार्याध्यक्ष एडवोकेट आलोक कुमार, भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा और दिल्ली प्रांत के आरएसएस के संघचालक कुलभूषण आहुजा शामिल हैं।

13 करोड़ परिवारों तक पहुंचने की बनी योजना

आलोक कुमार ने कहा कि देश के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति व दूसरे नागरिक उपराष्ट्रपति से शुभकामना लेकर अभियान की शुरुआत होगी। अभियान को सफल बनाने के लिए देश के सभी जिलों में प्रमुख लोगों की समिति बनी है। साथ ही नगर से लेकर गांवों तक टोली गठित की गई है। इस अभियान के तहत पूरे देश में 13 करोड़ परिवार के 65 करोड़ रामभक्तों से अभियान में लगे लोग मिलेंगे। विहिप के नेतृत्व में होने वाले इस अभियान में 40 लाख से अधिक हिंदू समाज के लोग लगेंगे। इसमें आरएसएस एवं अनुषांगिक संगठनों से जुड़े लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

5.25 लाख गांवों में टोलियों का गठन

आलोक कुमार ने कहा कि पूरे देश के 5.25 लाख गांवों में टोलियों का गठन किया गया है। सभी टोली में पांच से सात लोगों को रखा गया है। प्रत्येक पांच पंचायतों पर एक निधि जमाकर्त्ता बनाए गए हैं, जो प्रत्येक दिन संग्रह की गई राशि को बैंक में जमा कर देंगे। इसके लिए अयोध्या में एसबीआइ, पीएनबी और बैंक ऑफ बड़ौदा की नया घाट शाखा में खाता खोले गए हैं। प्रखंड, जिला व प्रांत स्तर पर एक-एक हिसाब प्रमुख होंगे, जो प्रत्येक दिन लेखा-जोखा को पूर्ण कर “श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र” को बताएंगे।

सभी कार्यकर्ताओं का प्रयास रहेगा कि वे सामान्य से सामान्य एवं उच्च से उच्च वर्ग के लोगों तक संपर्क कर भगवान श्रीराम के प्रति आस्था अर्पण भाव को प्रकट कराते हुए 10 रुपये, 100 रुपये व 1000 रुपये का समर्पण राशि वाला कूपन देकर राशि संग्रह करेंगे। 2000 रुपये से ज्यादा राशि देने वालों को रसीद दिया जाएगा। लोग राशि ऑनलाइन भी बैंक में भेज सकते हैं।

44 दिनों तक चलेगा अभियान

अभियान को लेकर रामभक्तों में काफी उत्साह है। यह अभियान 44 दिनों तक निरंतर चलता रहेगा। 27 फरवरी, 2021 को अभियान का समापन होगा। अभियान के तहत संग्रह की गई राशि का हिसाब-किताब दैनिक होगा। सभी कार्यक्रम श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के दिशानिर्देश पर ही चलेंगे। इस अभियान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सभी अनुषांगिक संगठन भाग लेंगे। पूरे कार्यक्रम का नेतृत्व विश्व हिंदू परिषद करेगी।